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प्रेगनेंसी नौ महीने की एक प्रक्रिया है जो आपके जीवन का एक बहुत ही खूबसूरत पल होता है। प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में अपने अंदर कुछ लक्षणों को देखने के बाद डॉक्टर की मदद से आपको इस बात की पुष्टि होती है की आपने गर्भ धारण (Conceive) कर लिया है। गर्भ धारण करते ही आपके शरीर में कई तरह के बदलाव शुरू हो जाते हैं। लेकिन सबसे बुनियादी बदलाव प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में होता है और यही कारण है की यह आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

आमतौर पर प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में आपके शरीर में बाहरी तौर पर उतने बदलाव नहीं होते हैं जिनके बेसिस पर कोई इस बात का अंदाजा लगा सके की आप प्रेगनेंट हैं। इस दौरान आप कैलेंडर की मदद से अपने दिनों का हिसाब रखती हैं और साथ ही अपने खान पान और शरीर के अंदर हो रहे बदलाव को महसूस करती हैं। प्रेगनेंसी के तीसरे महीने (3 Month Pregnancy in Hindi) में आपके गर्भ में मौजूद डिंब एक भ्रूण के रूप में बदल जाता है। 

इस दौरान भ्रूण की वृद्धि होनी भी शुरू हो जाती है जिसके कारण गर्भपात या दूसरी अन्य समस्याओं का खतरा कम हो जाता है। प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में आपको काफी सतर्क होने की जरूरत होती है। आप अपने 3rd Month Pregnancy Symptoms in Hindi प्रेगनेंसी के लक्षण, शरीर में हो रहे बदलाव, भ्रूण में हो रहे विकास, आपके डाइट और इन सबसे जुड़ी कुछ सावधानियों को भी ध्यान में रखना आवश्यक होता है। नीचे हम उन सभी चीजों के बारे में बात कर रहे हैं जिनकी मदद से आप खुद के साथ साथ अपने शिशु को स्वस्थ और सभी खतरों से दूर रख सकती हैं। 

प्रेगनेंसी के तीसरे महीने के लक्षण:- 

कब्ज और पेट में दर्द 

प्रेगनेंसी की स्थिति में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कारण पाचन क्रिया धीमी हो जाती है और आपके सामने कब्ज की समस्या होती है। साथ ही हार्मोन में बदलाव और गर्भाशय के बढ़ने के कारण स्नायुबंधन (Ligaments) पर प्रेशर पड़ता है। स्नायुबंधन में खिचाव एवं तनाव आने की वजह से आपके पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है। ये दोनों प्रेगनेंसी के तीसरे महीने के लक्षणों में एक हैं जिनसे आपको घबराने की जरूरत नहीं है। कुछ समय के बाद ये अपने आप ही दूर चले जाते हैं। पेट में ज्यादा या लगातार दर्द होने पर आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए।  

कमजोरी, थकान और मॉर्निंग सिकनेस 

तीन महीने की प्रेगनेंसी 3 Mahine Ki Pregnancy के दौरान आपके गर्भ में पल रहे भ्रूण को पोषक तत्वों की जरूरत होती है। पूर्ति करने के लिए शरीर को ज्यादा खून ज्यादा मात्रा में खून का उत्पादन करने लगता है जिसके कारण ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर प्रभावित होते हैं और आपको कमजोरी तथा थकान महसूस होती है। प्रेगनेंसी की इस अवस्था में मॉर्निंग सिकनेस की समस्या काफी ज्यादा होती है जो 12th week of pregnancy in hindi प्रेगनेंसी का 12वां सप्ताह खत्म होते ही इसके लक्षण दूर हो जाते हैं।  

सीने में जलन और नसों में सूजन 

इस दौरान 3 Month Pregnancy Symptoms in Hindi आपके गर्भ में पल रहे शिशु का आकार धीरे धीरे बढ़ना शुरू हो जाता है। आपके गर्भाशय का आकर भी बढ़ता है जिसके कारण पेट पर प्रेशर पड़ता है और आपकी पाचन क्रिया धीमे काम करने लगती है। पाचन क्रिया के धीमे होने से अम्ल ऊपर की तरफ जाने लगते हैं जिससे आपके सीने में जलन होती है। 3rd Week Pregnancy Symptoms in Hindi गर्भाशय बढ़ने की वजह से ब्लड वेसेल्स सिकुड़ जाते हैं और ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है जिसके कारण आपके पैरों में सूजन की समस्या होती है। 

बार बार पिशाब लगना और योनि स्राव 

प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में हार्मोन एच.सी.जी उत्पन्न करता है। जिसके कारण खून का उत्पादन ज्यादा होता है और यूरिनरी ट्रैक्ट पर प्रेशर पड़ता है। इसलिए आपको बार बार पेशाब लगती है। प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में एस्ट्रोजन लेवल बढ़ने और योनि की दीवार फैलने के कारण उसमें से सफेद रंग के गाढ़ा पानी का स्राव होता है जो संक्रमण को गर्भाशय में जाने से रोकता है। ये सब pregnancy 3rd month in hindi प्रेगनेंसी के तीसरे महीने के कॉमन लक्षण हैं। ज्यादा परेशानी होने पर आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए।     

प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में शिशु का विकास 

प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में  आपके गर्भ में पल रहे शिशु में विकास की प्रक्रिया शुरू हो जाती है जिसे आप बहुत आसानी से महसूस कर सकती हैं। नीचे हम आपको यह बताने वाले हैं की प्रेगनेंसी के तीसरे महीने के दौरान गर्भ में शिशु का कितना विकास होता है। 

  • शिशु लगभग 2.5 इंच लंबा होता है।
  • शिशु का वजन लगभग 25-30 ग्राम होता है।
  • दिल काम करना शुरू कर देता है। 
  • उँगलियों के निशान बनने शुरू हो जाते हैं।
  • जबान और जबड़ा बनना शुरू हो जाता है। 
  • आंखें, जननांग और किडनी का विकास शुरू हो जाता है।    
  • मांसपेशियों और हड्डियों का ढांचा बनना शुरू हो जाता है।  
  • शिशु की स्किन पारदर्शी होती है जिसके आर पार नसें दिखाई देती हैं। 

 

 

प्रेगनेंसी के तीसरे महीने का आहार:- 

पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं 

प्रेगनेंसी के तीसरे महीने (12 Week of Pregnancy in Hindi) में आपको ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। आपके शरीर में कभी भी पानी की कमी महसूस नहीं होनी चाहिए। ऐसा करने से आप कब्ज से दूर और हमेशा हाइड्रेट रहती हैं। साथ ही प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले अधिक मोटापे से बचती हैं। पानी के अलावा आप किसी भी ऐसे फल या सब्जी का सेवन कर सकती हैं जिसमें पानी की मात्रा ज्यादा होती है।

फाइबर का सेवन करें

प्रेगनेंसी के तीसरे महीने pregnancy 3rd month in hindi के दौरान आपको फल, सब्जी और फाइबर से भरपूर पदार्थों का सेवन करना चाहिए क्योंकि ये आपके यूटेरस की वॉल्स को मजबूत बनाने और शिशु के विकास के लिए फायदेमंद होते हैं। फाइबर की मात्रा को बढ़ाने के लिए आप अपनी डाइट में अनार, अनानास, संतरे, सेब और दूसरे फलों को शामिल कर सकती हैं।  

कैल्शियम को डाइट में शामिल करें

प्रेगनेंसी के 12th Week Pregnancy in Hindi 12वें सप्ताह में आपके गर्भ में पल रहे शिशु की हड्डियां विकसित होनी शुरू हो जाती हैं। इसलिए 3 Mahine Ki Pregnancy प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में आपको अपनी डाइट में कैल्शिअयम से भरपूर चीजों को शामिल करना चाहिए। क्योंकि ये आपके शिशु की हड्डियों को मजबूत बनाने में बहुत सहायक होते हैं। दूध और इससे बने दूसरे प्रोडक्ट और केले में कैल्शिअयम काफी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। इनका सेवन करने के अलावा आप अपने डॉक्टर से कैल्शियम के टैबलेट भी ले सकती हैं। 

फल, सब्जियां और अनाज का सेवन करें

आमतौर पर प्रेगनेंसी के दौरान आपके डॉक्टर कुछ ऐसे सप्लीमेंट का सुझाव देते हैं जिनमें आयरन और विटामिन शामिल होते हैं। लेकिन इसके बाद भी अगर आप चाहें तो अपने डाइट में दूसरी उन चीजों को शामिल कर सकती हैं जो प्रेगनेंसी के तीसरे महीने यानि की 8 से 12 सप्ताह के 12th Week of Pregnancy in Hindi दौरान काफी फायदेमंद होती हैं। आप सेब, संतरा, ब्रोकली, आलू, बिन्स, अनाज, पीनट बटर, बादाम आदि का सेवन कर सकती हैं। इन सब में काफी मात्रा में आयरन और विटामिन पाए जाते हैं जो आपको स्वस्थ रखने का काम करते हैं। (और पढ़े : प्रेगनेंसी में क्या खाएं और किस से करें परहेज )

मीट का सेवन 

आप प्रेगनेंसी के 12th Week of Pregnancy in Hindi 12वें सप्ताह तक मीट का सेवन कर सकती हैं लेकिन आपके लिए सबसे ज्यादा बेहतर वाइट लीन मीट यानी यानी की वो मीट जिसमें कम फैट होता है। आप चिकन और मछली का अच्छी मात्रा में सेवन कर सकती हैं क्योंकि इनसे भरपूर मात्रा में प्रोटीन मिलती है। लेकिन प्रेगनेंसी की इस स्टेज में आपको समुद्र से मिलने वाले खाना और सूअर (Pork) से पूरी तरह से परहेज करना चाहिए। क्योंकि ये आपके शिशु के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। मीट को अच्छी तरह से पका कर खाएं। इनका कच्चा सेवन आपके लिए नुकसान पहुंचा सकता है। 

इन सबके अलावा आप दूसरी भी कई चीजों को अपने डाइट में शामिल कर सकती हैं जो 11 Week Pregnancy in Hindi प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में आपके और आपके शिशु के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं। इसमें फल, ज्यूस, हरी और पत्तेदार सब्जियां, दाल, डेयरी प्रोडक्ट, ड्राई फ्रूट्स शामिल हैं। इसके आलावा आप योग और व्यायाम भी कर सकती हैं। लेकिन किसी भी चीज का सेवन करने या अपनी डेली लाइफ में लागू करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर मिलें और उनकी सलाह लें। कई बार 3 month pregnancy in hindi प्रेगनेंसी की इस अवस्था में कुछ चीजें आपके लिए एलर्जिक हो सकती हैं इसलिए डॉक्टर से मिलना जरूरी है।

प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में रखें ये सावधानियां 

जैसा की हम पहले ही बात कर चुके हैं की प्रेगनेंसी का यह तीसरा महीना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान आपके शरीर और आपके शिशु में कई तरह के बदलाव आते हैं। इस दौरान आपकी लाइफ स्टाइल कैसी होनी चाहिए और आपको किन किन चीजों का सेवन करना चाहिए, इन सब के साथ साथ आपको यह भी पता होना बहुत जरूरी है की आपको किन चीजों से दूर रहना है, कौन से काम करने हैं और किससे बचना है। प्रेगनेंसी के इस तीसरे सप्ताह में आपको कुछ चीजों को लेकर सावधान होना चाहिए। नीचे हम उन्ही के बारे में बता रहे हैं।

  • डाइटिंग से बचें।
  • ढीले कपड़े पहनें। 
  • पेट पर प्रेशर देने से बचें।
  • ज्यादा से ज्यादा आराम करें।
  • टाइड कपड़ा पहनने से बचें।
  • लंबे समय तक झुकने से बचें।
  • सिगरेट और शराब से दूर रहें।
  • ऊंची हिल वाली सैंडल न पहने।
  • रोजाना कम से कम नौ से दस घंटे सोएं।
  • रोज सुबह थोड़ा बहुत प्लेन जमीन पर टहलें।
  • एक साथ ढेर सारी दवाओं का सेवन न करें।
  • अपने डाइट में हेल्दी चीजों को शामिल करें।
  • जंक फूड्स और कोल्ड ड्रिंक्स से परहेज करें।
  • समय समय पर अपने डॉक्टर से मिलती रहें।
  • एक जगह लंबे समय तक बैठने या खड़े होने से बचें।
  • तेल में तली हुई और मसालेदार चीजों के सेवन को बंद करें।
  • दवाओं के सेवन से बचें। दवाओं का सेवन करने से पहले डॉक्टर को बताएं।
  • नींद पूरी नहीं होने से आपके और शिशु दोनों के सेहत पर बुरा असर पड़ता है।

किसी भी तरह की कोई परेशानी होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें और उन्हें अपनी परेशानी के बारे में बताएं। किसी भी चीज का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से बचें। खुश रहें और इस खूबसूरत समय का आनंद लें। 

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|