tonsillitis home remedies

जब इंफेक्शन से बचाने वाले हमारे गले के पीछे सॉफ्ट टिश्यू (टॉन्सिल्स) संक्रमित हो जाते हैं तो इनमें सूजन आ जाती है तब इस समस्या को टांसिलाइटिस (Tonsillitis) कहा जाता है। आमतौर पर टॉन्सिल्स का काम शरीर को इंफेक्शन से बचाना है लेकिन कई दफा यह खुद ही संक्रमित हो जाते हैं। अगर टॉन्सिल्स की समस्या बढ़ गई है तब रोगी को खाने पीने में असहजता होती है। इससे रोगी के गले में दर्द भी हो सकता है।

अगर टांसिलाइटिस (Tonsillitis) के घरेलू इलाज इस्तेमाल करने के बाद भी आराम नहीं मिलता है और समस्या बढ़ती ही चली जाती है तब रोगी को इसे सर्जरी से बाहर निकलवा लेना चाहिए। कई बार यह सामान्य दवाइयों से भी ठीक हो जाता है।

आइये जानते हैं, किन घरेलू उपाय की मदद से आप टांसिलाइटिस का इलाज आसानी से कर सकते हैं।

टांसिलाइटिस के लक्षण (Tonsillitis Symptoms in Hindi)

  • संक्रमित और सूजे हुए टॉन्सिल
  • टॉन्सिल पर सफेद या पीले धब्बे
  • गले में खराश
  • निगलते समय कठिनाई
  • कर्कश आवाज
  • सांसों की बदबू
  • ठंड लगना
  • बुखार
  • सिरदर्द और पेट दर्द
  • गर्दन में अकड़न
  • कम भूख
  • छोटे बच्चों में चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है

टांसिलाइटिस के घरेलू इलाज (Home Remedies for Tonsillitis in Hindi)

  • मेथी के बीज से करें गरारे

दो चम्मच मेथी के बीज को एक गिलास पानी में मिलाकर उबालें और जब पानी का रंग हल्का भूरा हो जाए तब उस पानी से गरारे करें। ऐसा आप दिन में दो-तीन बार करें।

जैसा कि हम जानते हैं, टॉन्सिलिटिस का कारण बैक्टीरिया और वायरस भी होता है। मेथी के बीज में एंटीमाइक्रोबियल (Antimicrobial) और एंटीवायरल (Antiviral) गुण मौजूद होते हैं जो टॉन्सिलिटिस से निजात दिलाने में एक अहम रोल निभाते हैं।

  • प्याज

प्याज में एंटीबैक्टीरियल (Antibacterial) गुण पाए जाते हैं जो उन बैक्टीरिया को मार देते है जो टॉन्सिलिटिस का कारण बनते हैं। साथ ही प्याज में एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-nflammatory) गुण भी पाया जाता है जो टॉन्सिल्स में होने वाले सूजन को भी कम करता है।

एक मीडियम आकार की प्याज के पेस्ट को आधा गिलास पानी में मिलाकर पानी छान लें। अब पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पानी को दिन में तीन से चार बार थोड़ा-थोड़ा करके पी लें। ऐसा दो से तीन दिनों तक करने से ही आपका गला दुरुस्त होने लगेगा।

  • अदरक की चाय

पुराने समय से ही अदरक का इस्तेमाल गले से जुड़ी कई समस्याओं के लिए किया जा रहा है। अदरक की चाय बनाने के लिए एक इंच अदरक को कूट लें और एक कप पानी में कूटे हुए अदरक को डालकर पानी को दो से तीन मिनट तक उबालें। जब अर्क तैयार हो जाए तब इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर रोगी को दिन में तीन से चार बार पिलाएं। 

इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण टॉन्सिलिटिस की समस्या का इलाज करता है और सूजन को कम करता है।

  • दूध और हल्दी का काढ़ा

एक गिलास दूध में 2 ग्राम काली मिर्च का पाउडर और आधा चम्मच हल्दी मिलाकर दूध को अच्छी तरह से उबाले। अब इसके गुनगुना होने का इंतजार करें। जब दूध गुनगुना हो जाए तब काढ़े को पी लें। इस काढ़े को दिन में तीन बार पियें। 

टॉन्सिलिटिस सहित कई संक्रमण के खिलाफ लड़ने के लिए दूध एक बेहतर उपाय है। इसके साथ काली मिर्च और हल्दी का मिश्रण इस घरेलू दवा को और भी कारगर बना देता है। हल्दी और काली मिर्च में एनाल्जेसिक (Analgesic) गुण, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण और एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं जो टॉन्सिलिटिस के कारणों को खत्म कर टॉन्सिलिटिस को खत्म करते हैं। 

  • फिटकरी

एक चौथाई चम्मच फिटकरी पाउडर को एक गिलास गुनगुने पानी में अच्छी तरह से मिलाएं और उस पानी से दिन में तीन बार गरारे करें। इसके अलावा पानी और फिटकरी से तैयार किये गए पेस्ट को भी आप अपने गले के ऊपर लगा सकते हैं। इससे भी टॉन्सिल्स की सूजन कम होगी।

फिटकरी ‘Aluminium Potassium sulphate’ के नाम से भी जानी जाती  है। इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो टॉन्सिलिटिस के साथ दर्द और इंफेक्शन को भी कम करने में मदद कर सकते हैं।

  • नमक-पानी से करें कुल्ला

नमक-पानी का गरारा टांसिलाइटिस से राहत दिलाने का बढ़िया विकल्प हो सकता है। टांसिलाइटिस होने का कारण कफ भी हो सकता है। जब कफ टॉन्सिल्स के बीच में आ जाता है तब टांसिलाइटिस पैदा हो सकता है। नमक में एंटी-सेप्टिक (Antiseptic) गुण मौजूद होता है जो कफ में मौजूद उन माइक्रोब्स (Microbes) से लड़ता है जो टांसिलाइटिस का कारण बनते हैं।

एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच नमक मिलाकर गरारे करें। इससे टांसिलाइटिस से कुछ ही दिनों में राहत मिल जाएगी। इससे कुल्ला करने से गले में मौजूद म्यूकस (Mucus) साफ़ हो जाता है जिससे सांस लेने में भी आसानी होती है।

  • एप्पल साइडर विनेगर

एप्पल साइडर विनेगर (Apple cider vinegar) में एंटीबैक्टीरियल (anti-bacterial) और एंटीवायरल (Anti-viral) गुण होते हैं जो टॉन्सिलिटिस पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारने में मदद करते हैं। इसमें इंफ्लेमेटरी गुण भी पाया जाता है जो सूजन को कम करती है।

एक गिलास गुनगुना पानी में एक चम्मच एप्पल साइडर विनेगर और एक चम्मच शहद मिलाकर इस मिश्रण को पी लें या फिर इससे कुल्ला करें। आप इस्तेमाल दिन में दो से तीन बार कर सकते हैं।

  • कैमोमाइल चाय – Chamomlie tea

एक चम्मच कैमोमाइल चाय को एक गिलास गरम पानी में भिगोकर पांच मिनट के लिए रख दें। अब चाय को छानकर उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पी लें। कैमोमाइल चाय में एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory) गुण होता है जो टॉन्सिलिटिस के सूजन और दर्द को कम करता है। इसमें एंटीबायोटिक गुण भी पाया जाता है जो टॉन्सिल्स को दुरुस्त रखने में एक अहम रोल निभाता है। 

यह कुछ ही दिनों में टॉन्सिलिटिस के चलते होने वाले दर्द और सूजन को कम कर देता है।

  • पुदीना की चाय

कई बार टॉन्सिलिटिस होने का कारण मुंह में इंफेक्शन हो सकता है। ऐसे में पुदीना की चाय आपके लिए काफी फायदेमंद रहेगी। दरअसल पुदीना की चाय में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण मौजूद होते हैं जो इस समस्या से निजात दिलाने में एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं।

एक मुट्ठी पुदीने के पत्ते को एक कप पानी में पांच मिनट तक उबालें और एक चम्मच शहद मिलाकर चाय का सेवन करें। इस चाय को दिन में तीन से चार बार पीयें।

  • सेंधा नमक

एक चम्मच सेंधा नमक को एक गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर दिन में तीन से चार बार गरारे करें। इससे टॉन्सिलिटिस की समस्या कम होगी और सूजन और दर्द भी कम होगा।

सेंधा नमक में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण उन बैक्टीरिया को खत्म कर देता है जिनसे टॉन्सिलिटिस होता है और इस तरह ये इस दर्दनाक अवस्था से राहत दिलाने में आपकी मदद करता है।

  • जौ

एक कप जौ को एक लीटर पानी में अच्छी तरह से उबालने के बाद पानी को छान कर रख लें। जब यह ठंडा हो जाए तब एक गिलास पानी पी लें। इस पानी को दिन में दो से तीन बार पिएं। इसके अलावा आप जौ का पेस्ट बनाकर अपने गले के ऊपरी हिस्से में लगा सकते हैं। इससे भी टॉन्सिलिटिस के सूजन और दर्द से छुटकारा मिलेगा।

जौ में कई तरह के एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं जो उन बैक्टीरिया को खत्म कर देते हैं जो टॉन्सिलिटिस का कारण बनते हैं।

  • नारियल का तेल

नारियल में पाया जाने वाला एंटी बैक्टीरियल गुण टॉन्सिलिटिस से राहत दिलाने में काफी मददगार होता है। नारियल के तेल से दो मिनट के लिए गरारे करें। दिन में दो से तीन बार गरारे कर सकते हैं। इससे आपको जल्दी लाभ होगा। 

  • दही

दही बैक्टीरियल इंफेक्शन को दूर करने के लिए पुराने समय से ही इस्तेमाल की जा रही है। दही से टॉन्सिलिटिस का इलाज करना बहुत आसान है। दही को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं या फिर दही की लस्सी बनाकर दिन में तीन से चार बार लस्सी पी सकते हैं।

  • अनानास का रस 

एक कप पानी में एक चौथाई कप पिसा हुआ अनानास मिलाएं। इस घोल को अच्छी तरह मिलाएं और फिर इसका सेवन करें। इसे दिन में रोजाना दो बार पिएं। एक रिसर्च में यह पाया गया है कि अनानास में एंटीबैक्टीरियल गुण पाया जाता है। टांसिलाइटिस का कारण इंफेक्शन हो सकता है और इंफेक्शन (Infection) बैक्टीरिया के कारण होता है। ऐसे में अनानास का जूस पीने से जरूर फायदा मिलेगा। 

  • ओरिगैनो- (Oregano)

टांसिलाइटिस से निजात पाने के लिए ओरिगैनो का उपयोग कर सकते हैं। एक कप पानी में एक चम्मच ओरिगैनो मिलाएं और इसे गरम करें। उबल जाने के बाद इसे ठंडा होने के लिए रख दें और फिर एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें। टांसिलाइटिस अगर बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण हुआ है तो ओरिगैनो की मदद से इंफेक्शन को ठीक किया जा सकता है।

  • सरसों पाउडर 

एक गिलास पानी में दो चम्मच सरसों पाउडर मिलाएं और उबालें। अच्छी तरह से उबल जाने के बाद इससे गरारे करें। गले में इंफेक्शन, खराश आदि समस्या होने पर यह उपाय फायदेमंद होगा। एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होने के कारण सरसों का पाउडर इन्फेक्शन से लड़ता है।

  • अंजीर

दो से तीन अंजीर को पानी में उबालकर उसका पेस्ट तैयार कर लें, अब इस पेस्ट को गले के ऊपरी सतह में 10 मिनट के लिए लगाकर छोड़ दें। दस मिनट बाद इस पेस्ट को गुनगुने पानी से साफ कर लें। ऐसा दिन में तीन से चार बार करें। कुछ ही दिनों में आपको आराम नजर आ जाएगा। दरअसल अंजीर में फैनोलिक कंपाउंड (Phenolic compound) होता है जो एक प्रकार का एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण है। साथ ही अंजीर में एंटीबैक्टीरियल गुण भी होता हैं। इन विशेषताओं से भरपूर अंजीर टॉन्सिलिटिस के सूजन और दर्द को कम करने के लिए एक बेहतरीन घरेलू नुस्खा है।

  • नींबू और शहद

एक चम्मच नींबू के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर चाटने से टॉन्सिलिटिस का इलाज किया जा सकता है। नींबू और शहद का मिश्रण उन बैक्टीरिया को खत्म करता है जो टॉन्सिलिटिस की वजह बनते हैं। अगर आप इस नुस्खे का अच्छी तरह से लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको इस नुस्खे को दिन में तीन से चार बार जरूर उपयोग करना चाहिए। अगर आप इसके साथ गुनगुने पानी का गरारा करते हैं तो और भी फायदेमंद रहेगा। लेकिन ध्यान रखें कि गरारा नुस्खा आजमाने के 1 घंटे बाद ही करें। 

  • बेकिंग सोडा

बेकिंग सोडा को गुनगुने पानी में मिलाकर सुबह, दोपहर और शाम को गरारा करने से टॉन्सिलिटिस में लाभ मिलता है।

  • दालचीनी

दालचीनी के एक चम्मच पाउडर को एक चम्मच शहद में मिलाकर चाटने से टॉन्सिलिटिस के सूजन और दर्द से छुटकारा मिलता है और धीरे-धीरे टॉन्सिलिटिस के लक्षण कम होने लगते हैं। इस मिश्रण को आप दिन में दो से तीन बार जरूर चाटें।

  • गाजर

गाजर में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। इसलिए टॉन्सिलिटिस में इसका सेवन करना अच्छा रहेगा। इसके लिए दिन में दो बार एक गिलास गाजर के जूस का सेवन करें।

टॉन्सिलिटिस से बचाव:

किसी भी बीमारी का इलाज करने से बेहतर यह होता है कि आप उस बीमारी के संपर्क में ही न आएं। हालांकि कई मामलों में कितना भी परहेज क्यों न कर लिया जाए, टॉन्सिल्स संक्रमित हो ही जाते हैं। चलिए जानते हैं कि आप किस तरह खुद को टॉन्सिलिटिस की समस्या से बचा सकते हैं।

  • साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें
  • सर्दी, सांस संबंधी समस्याओं से और खराश से पीड़ित लोगों के संपर्क में आने से बचें।
  • नशीले पदार्थों का सेवन न करें।
  • धूम्रपान से टॉन्सिलिटिस का खतरा बढ़ जाता है इसलिए, धूम्रपान बिलकुल भी न करें
  • रोगी का कपड़ा आदि साफ रखें।

 

अगर ऊपर बताए गए उपायों को आज़माने के बाद भी टॉन्सिलिटिस ठीक नहीं हो पा रहा है तो तुरंत ही किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है। हो सकता है आपको tonsillectomy की आवश्यकता हो। 

‘Pristyn Care’ में Experienced Doctor की टीम है जो टॉन्सिलिटिस का इलाज बड़ी ही सतर्कता के साथ करते हैं। साथ ही हम आपको फ्री फॉलो अप की भी सुविधा प्रदान करते हैं। हमारी इंश्योरेंस टीम की मदद से आप अपना इलाज 100% क्लैम पर करा सकते हैं तो देरी क्यों अभी ही अपॉइंटमेंट बुक करें।

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|