टॉन्सिलाइटिस में क्‍या न खाएं

क्या आपके गले में दर्द और सूजन है, खुजली होती है, क्या गले में खराश होता है, क्या टॉन्सिल्स लाल रहता है और टॉन्सिल्स में सूजन होता है? तो आपको टॉन्सिलाइटिस हो गया है। इस दौरान खान-पान पर विशेष ध्यान रखना होता है। खान-पान में की गई बर्बरता टॉन्सिलाइटिस के खतरे को और ज्यादा कर देती है। आइये जानते हैं उन 10 खाद्य पदार्थों के बारे में जिनका सेवन आपको टॉन्सिलाइटिस के दौरान भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

टॉन्सिल्स क्या है? What is tonsils in Hindi

टॉन्सिल्स गले के पीछे उपस्थिति दो लिम्फ नोड्स (lymph nodes) हैं। बच्चों में यह संक्रमण से लड़ने में अहम भूमिका निभाता है। लेकिन, कई बार संक्रमण से रक्षा करते करते  हुए खुद ही संक्रमित हो जाता है। उस स्थिति को हम टॉन्सिलाइटिस कहते हैं। टॉन्सिलाइटिस ज्यादातर बच्चों में देखा जाता है लेकिन, कई बार कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया के संपर्क में आने के कारण बुजुर्ग भी इस समस्या से पीड़ित हो सकते हैं। टॉन्सिल्स में इन्फेक्शन होने का सबसे बड़ा कारण स्ट्रेप्टोकोकल बैक्टीरिया (streptocal bacteria) है। यह सामान्य कोल्ड वायरस, इन्फ्लूएंजा वायरस और खसरा वायरस के कारण भी होता है। यदि इसका इलाज न किया जाए तो यह क्रोनिक टॉन्सिलिटिस में बदल सकता है।

टॉन्सिलाइटिस में कभी न खाएं ये 10 आहार – 10 Foods To Avoid During Tonsilitis in Hindi

टॉन्सिलाइटिस के दौरान नीचे दिए गए 10 खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल न करें।

1. अल्कोहल 

अल्कोहल पीने से गले में जलन हो सकती है जो टॉन्सिलाइटिस के खतरे को और बढ़ा सकता है। इसके अलावा शराब पीने से डिहाइड्रेशन हो सकता है जिससे गले में सूखापन महसूस हो सकता है जबकि, गले में हमेशा नमी बनी रहनी चाहिए। इससे टॉन्सिलाइटिस और भी बदतर हो जाता है।

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2. टमाटर और सॉस 

टमाटर में oxalic एसिड भरपूर मात्रा में पाई जाती है जिससे गले में जलन हो सकती है। इसके अलावा सॉस में भी कई तरह के मसाले होते हैं जिससे टॉन्सिलाइटिस के समय गले में जलन हो सकती है। इसलिए इसके सेवन से परहेज करना चाहिए।

3. अचार

अचार में पर्याप्त मात्रा में विनेगर और नामक होता है जिससे टॉन्सिल्स में सूजन बढ़ सकता है। इसके अलावा आचार से एसिड रिफ्लक्स हो सकता है जिससे टॉन्सिलाइटिस को बढ़ने के लिए एक सहारा मिल जाता है। इसलिए टॉन्सिलाइटिस से पीड़ित व्यक्ति को अचार नहीं खाना चाहिए।

4. तम्बाकू

तम्बाकू न सिर्फ टॉन्सिलाइटिस के लिए खतरनाक है बल्कि, इसका दुष्प्रभाव पूरे शरीर में देखा जा सकता है। स्मोकिंग, करने या तम्बाकू खाने से टॉन्सिल का इन्फेक्शन बढ़ सकता है इसलिए, इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

5. कड़ा आहार

कड़ा आहार टॉन्सिलाइटिस के दर्द को बढ़ा सकता है। इसलिए, कच्‍ची सब्जियां, नट्स, चिप्स आदि कई कड़े खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। अगर आप हल्के और मुलायम आहार का सेवन करेंगे तो गले का दर्द कम होगा और खाने में आसानी भी होगी। इसलिए, क्रंची फूड के सेवन से बचें।

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6. चिपचिपा खाना

पैटी, फ्राइड चिकन, समोसे जैसे तले हुए और चिपचिपे आहार का सेवन न करें। इससे लिम्फ नोड्स के सूजन में इजाफा हो सकता है।

7. साइट्रस फ्रूट्स और जूस

टमाटर की तरह, संतरा, अनानास और आम जैसे खट्टे फलों में काफी मात्रा में एसिड होता है। इससे एसिड रिफ्लक्स हो सकता है जिससे टॉन्सिलाइटिस की समस्या और भी बदतर हो जाती है। इसलिए, इन्हें नहीं खाना चाहिए। कुछ फल जैसे- केला, आड़ू और तरबूज आदि का सेवन कर सकते हैं।

8. मसालेदार भोजन

लहसुन, मिर्च आदि का इस्तेमाल बहुत कम करें। इससे खाँसी हो सकती है जिससे टॉन्सिल्स में सूजन और दर्द तेज हो सकता है। इसके साथ आप अपने खाने में कम से कम मसाले डालें।

9. टोस्ट

टोस्ट के सेवन से गले की नमी कम हो जाती है। टॉन्सिलाइटिस के समय गले को पर्याप्त नमी मिलनी चाहिए। इसलिए, इस दौरान आपको टोस्ट नहीं खाना चाहिए। विकल्प में आप ब्रेड को दूध में फुलाकर ब्रेड का सेवन कर सकते हैं।

10. प्रिजर्व्ड आहार (preserved food)

कोई भी ऐसे आहार का सेवन न करें जिसे लम्बे समय तक प्रिजर्वेटिव की मदद से सही सलामत रखा गया हो। इससे टॉन्सिलाइटिस का खतरा ज्यादा हो जाता है साथ ही इसके सेवन से पूरे स्वास्थ्य की क्षति होती है। 

टॉन्सिलाइटिस संक्रमण से बचाव कैसे करें?

  • नियमित व्यायाम
  • शराब पीने से बचे
  • धूम्रपान छोड़ने
  • तनाव कम से कम करें
  • स्वस्थ वजन बनाए रखें
  • ठीक से आराम करें
  • हाथ धोएं और मुंह कि स्वच्छता का ध्यान रखें

निष्कर्ष

टॉन्सिलाइटिस से बचने के लिए आप स्वच्छता का पालन करें। समय-समय पर हाथ धोते रहें और इसके बचाव पर अमल करें। इसके साथ आप टॉन्सिलाइटिस के घरेलू इलाज भी आजमा सकते हैं। अगर यह सब करने के बाद भी आपको आराम नहीं मिलता है तो टॉन्सिलेक्‍टोमी ही एक अंतिम विकल्प बचता है। टॉन्सिलेक्‍टोमी एक प्रकार की सर्जरी है जिसमें टॉन्सिल्स को अलग कर दिया जाता है। इसके बारे में ज्यादा जान्ने के लिए पढ़ें- टॉन्सिलेक्‍टोमी क्या है?

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|