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    एसीएल इंजरी क्या है?
    जोखिम कारक
    दर्द रहित इलाज क्यों?
    मॉडर्न इलाज में देरी न करें
    प्रिस्टीन केयर क्यों चुनें?
    तुरंत इंश्योरेंस कवर
    ट्रीटमेंट
    ओवरव्यू एसीएल सर्जरी

    एसीएल इंजरी क्या है?

    एसीएल सर्जरी को ‘नी लिगमेंट सर्जरी’ के नाम से भी जाना जाता है। जब आपके लिगमेंट पर किसी प्रकार का चोट लग जाता है तब इस सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है। एसीएल सर्जरी का इस्तेमाल खासकर खेल कूद के दौरान लगे चोटों का इलाज करने के लिए किया जाता है। यही कारण है की इस सर्जिकल प्रक्रिया को खिलाड़ियों के लिए एक वरदान के रूप में देखा जाता है। एसीएल सर्जरी की मदद से खिलाड़ी की चोट को कम से कम समय में ठीक किया जा सकता है। जिसके कारण वे अपने खेल के प्रदर्शन को बिना किसी रुकावट के बनाए रख सकते हैं। विशेषज्ञ का मानना है कि अभी भी लोगों में एसीएल सर्जरी को लेकर जागरूकता कि कमी है और शायद यही कारण है कि लोग इस सर्जरी का फायदा उठाने से वंचित रह जाते हैं।

    एसीएल सर्जरी एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें घुटने के सबसे बड़े लिगमेंट यानी की एंटीरियर क्रूसिएट लिगमेंट का इलाज किया जाता है। इलाज की इस प्रक्रिया के दौरान फटे हुए लिगमेंट को ठीक किया जाता है या फिर ठीक नहीं होने की स्थिति में उसे हटाकर उसकी जगह सही लिगमेंट को लगाया जाता है। यह एक बहुत ही आसान, सरल और सुरक्षित प्रक्रिया है जो मात्र कुछ मिनटों में ही पूरी हो जाती है। इस सर्जरी के खत्म होते ही आपके घुटनों की समस्या दूर हो जाती है।  अगर आपको भी इस सर्जरी के प्रति जागरूकता की कमी है तो यह ब्लॉग बिलकुल आपके लिए है। इस ब्लॉग को पढ़ने के बाद आप इससे संबंधित सभी आवश्यक बातों के बारे में जान विस्तार से जाएंगे और अधिक से अधिक इस सर्जिकल प्रक्रिया का फायदा उठा पाएंगे।

    जोखिम कारक

    • बुढ़ापा
    • फीमेल सेक्स
    • पहले से मौजूद एसीएल इंजरी
    • स्ट्रांग बॉडी मूवमेंट्स वाले खेल
    • ऐसे फुटवियर पहनना जो ठीक से फिट न हों

    दर्द रहित इलाज क्यों?

    • दर्द नहीं होता है
    • 30 मिनट की प्रक्रिया है
    • बहुत ही प्रभावशाली इलाज है
    • उसी दिन इलाज और डिस्चार्ज

    मॉडर्न इलाज में देरी न करें

    • एक दिन की सर्जिकल प्रक्रिया
    • मॉडर्न और एडवांस ट्रीटमेंट
    • रिकवरी जल्दी होती है
    • संक्षिप्त और सुरक्षित प्रक्रिया
    • जटिलताओं की संभावना कम

    प्रिस्टीन केयर क्यों चुनें?

    • विश्वसनीय ऑर्थोपेडिक सर्जन
    • 100% इंश्योरेंस क्लेम
    • डीलक्स रूम की सुविधा
    • सर्जरी के बाद फ्री फॉलो-अप
    • सभी डायग्नोस्टिक टेस्ट पर 30% छूट

    तुरंत इंश्योरेंस कवर

    • कोई एडवांस पेमेंट नहीं
    • सभी बीमा कवर किए जाते हैं
    • बीमा अधिकारियों के पीछे भागने की जरूरत नहीं
    • प्रिस्टीन टीम अस्पताल से जुड़े सभी पेपरवर्क पूरा करती है

    ट्रीटमेंट

    निदान

    शारीरिक परीक्षण के दौरान, डॉक्टर मरीज के घुटने में सूजन की जांच करते हैं। घुटना ठीक से काम कर रहा है या नहीं इस बात को जानने के लिए डॉक्टर मरीज से घुटने की पोजीशन बदलने के लिए बोल सकते हैं। ज्यादातर मामलों में एसीएल इंजरी का निदान केवल शारीरिक परीक्षण के आधार पर भी किया जा सकता है। लेकिन चोट गंभीर होने पर डॉक्टर मरीज को कुछ और परीक्षण करने का सुझाव दे सकते हैं जिसमें एक्स-रे, एमआरआई और अल्ट्रासाउंड आदि शामिल हैं।

    सर्जरी

    एसीएल इंजरी होने पर डॉक्टर क्रीम या दवा का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। कुछ मामलों में प्लास्टर लगाने की भी आवश्यकता पड़ सकती है। लेकिन चोट गंभीर होने की स्थिति में यानी लिगामेंट्स टूट जाने पर डॉक्टर सर्जरी करने का सुझाव देते हैं। सर्जरी से एसीएल इंजरी को बहुत ही कम समय में काफी आसानी ठीक किया जा सकता है। एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसके दौरान घुटने के सबसे बड़े लिगामेंट यानी एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट का इलाज किया जाता है।

    एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी की शुरुआत में डॉक्टर मरीज के घुटने में एनेस्थीसिया देते हैं जिससे सर्जरी के दौरान मरीज को जरा भी दर्द या दूसरी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। एनेस्थीसिया देने के बाद, डॉक्टर फटे हुए लिगामेंट को मरीज के घुटने से बाहर निकाल कर उस जगह को अच्छी तरह से साफ करते हैं और फिर पुराने लिगामेंट की जगह पर एक नया लिगामेंट लगा देते हैं। लिगामेंट को लगाने के बाद कट को बंद कर दिया जाता है। इस सर्जिकल प्रक्रिया को पूरा होने में लगभग आधे घंटे का समय लगता है। यह एक दिन की सर्जिकल प्रक्रिया है, इसलिए सर्जरी के बाद मरीज को हॉस्पिटलाइजेशन की आवश्यकता नहीं पड़ती है। एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी खत्म होने के कुछ ही घंटों के बाद मरीज अपने घर जाने के लिए पूरी तरह से फिट हो जाते हैं। इस मॉडर्न और एडवांस सर्जरी के बाद मरीज की रिकवरी भी बहुत जल्दी होती है।

    ओवरव्यू एसीएल सर्जरी

    एसीएल सर्जरी की सलाह कब दी जाती है?

    एसीएल सर्जरी का इस्तेमाल ढेरों स्थितियों में किया जाता है। लेकिन डॉक्टर मुख्य रूप से नीचे दी गई पांच स्थितियों में इलाज के इस माध्यम का सुझाव देते हैं। 

    • घुटने में चोट लगना- घुटने में चोट लगने की स्थिति में भी कई बार एसीएल सर्जरी किया जाता है। ज्यादातर मामलों में घुटने पर चोट का असर लिगमेंट पर होता है, जिसके कारण वह खराब हो सकता है। लिगमेंट खराब न हो इसलिए डॉक्टर एसीएल सर्जरी का सुझाव देते हैं ताकि जल्द से जल्द चोट का इलाज कर इसके कारण आगे होने वाली दूसरी परेशानियों को रोका जा सके। अगर आपके घुटने में चोट है तो डॉक्टर से परामर्श करने के बाद आप भी एसीएल सर्जरी की मदद से घुटने की समस्या को बहुत ही कम समय में हमेशा के लिए खत्म कर सकते हैं।    
    • घुटने में तेज दर्द होना- घुटने में दर्द होना एक आम समस्या का रूप धारण कर चुका है जिससे ज्यादातर लोग पीड़ित होते हैं। लेकिन इसके इलाज करने के लिए सामान्य तरीकों को अपनाते हैं। कुछ मामलों में यह समस्या कुछ समय के बाद अपने आप ही ठीक हो जाती है। लेकिन अगर यह खुद ही ठीक नहीं हुआ तथा आपके घुटने का दर्द बढ़ता रहा तो फिर आपको डॉक्टर से मिलकर इस बारे में बात करनी चाहिए। क्योंकि हो सकता है आपको लिगमेंट सर्जरी की आवश्यकता पड़े। आमतौर पर घुटने के दर्द में लगातार इजाफा होने की स्थिति में डॉक्टर एसीएल सर्जरी का सुझाव देते हैं। 
    • चलने में परेशानी होना- अगर आपके घुटने में तेज दर्द है जिसके कारण आपको चलने फिरने में परेशानी होती है तो एसीएल सर्जरी की मदद से आपके घुटने का इलाज संभव है। ऐसी स्थिति में खासकर डॉक्टर एसीएल सर्जरी कराने का सुझाव देते हैं। क्योंकि इससे आपको काफी कम समय में आराम मिलता है। अगर आपको चलने फिरने या उठने बैठने में दिक्कतें आती हैं तो आप डॉक्टर से सलाह लेने के बाद एसीएल सर्जरी का चुनाव कर अपनी परेशानियों को दूर कर सकते हैं।      
    • काम करने की क्षमता प्रभावित होना- घुटना आपके शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है जिसकी वजह से आपको चलने फिरने में आसानी होती है। लेकिन घुटना खराब होने पर इसका असर आपके काम करने की क्षमता पर पड़ता है। क्योंकि चलते समय आपके शरीर का सारा भार आपके पैरों पर पड़ता है और घुटना आपके पैर का एक मुख्य अंग है। अगर आपको चलने फिरने, उठने बैठने या अपने दैनिक जीवन के कामों को करने की क्षमता प्रभावित होती है तो आपको अपने घुटनों की जांच करानी चाहिए। एसीएल सर्जरी की मदद से आपके घुटने की परेशानी को बहुत ही आसानी से ठीक किया जा सकता है।        
    • प्रोफेशनल खिलाड़ी होना – मुख्य रूप से एसीएल सर्जरी का इस्तेमाल प्रोफेशनल खिलाड़ियों के लिए किया जाता है। क्योंकि उन्हें खेल के दौरान अक्सर चोटें आती रहती हैं जिसका जल्द से जल्द इलाज कराना आवश्यक होता है। एसीएल सर्जरी की मदद से खिलाड़ियों का जीवन बहुत ही आसान हो जाता है क्योंकि किसी भी चोट को ठीक होने के लिए उन्हें लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ता है।     

    एसीएल सर्जरी से पहले क्या किया जाता है 

    किसी भी सर्जरी से पहले डॉक्टर पर्याप्त तैयारी करते हैं जिसमें मरीज का स्वास्थ्य, उसके बीमारी की स्थिति आदि जांच करना शामिल हैं। एसीएल सर्जरी से पहले भी डॉक्टर कुछ तैयारियां करते हैं जिसमें निम्नलिखित चीजें शामिल हैं। 

    • फिजिकल थैरेपी लेना – एसीएल सर्जरी की प्रक्रिया को शुरू करने से पहले डॉक्टर आपको फिजिकल थैरेपी कराने की सलाह देते हैं। ताकि आपके घुटनों की मांसपेशियां मजबूत हो सकें और साथ ही अगर वहां पर सूजन हो तो वह भी कम हो सके। 
    • दवा देना- कई बार सर्जरी से पहले डॉक्टर आपको कुछ दवाओं का सेवन करने की सलाह देते हैं। क्योंकि इन दवाओं के सेवन से आपके शरीर में आवश्यक ऊर्जा उत्पन्न होता है। जिससे सर्जरी के दौरान आपके साथ साथ आपके डॉक्टर को भी बहुत सहूलियत होती है। 
    • खान पान पर ध्यान देना- एसीएल सर्जरी करने से पहले डॉक्टर आपको एक खास डाइट का सुझाव दे सकते हैं। ऐसा करने से आप सर्जरी के लिर पूरी तरह से तैयार हो जाते हैं। साथ ही सर्जरी के दौरान या बाद में होने वाली जटिलताओं की संभावना भी कम हो जाती है। 
    • अपने साथ किसी व्यक्ति को ले जाना – एसीएल सर्जरी को घुटनों पर किया जाता है। इसलिए सर्जरी के बाद आपको चलने फिरने में परेशानी हो सकती है। यही कारण है की डॉक्टर मरीज को अपने साथ एक व्यक्ति को हॉस्पिटल लाने की सलाह देते हैं ताकि सर्जरी के बाद उन्हें घर जाने में किसी तरह की कोई परेशानी न हो।        
    • घुटने की जांच करना- एसीएल सर्जरी करने से पहले डॉक्टर आपके घुटने की जांच करते हैं ताकि इस बात की पुष्टि की जा सके की आपका घुटना सर्जरी के लिए तैयार है या नहीं। घुटने की जांच करने के बाद बीमारी की गंभीरता का भी पता चलता है जिसके आधार पर डॉक्टर सर्जरी का समय तय करते हैं। 

    एसीएल सर्जरी कैसे की जाता है?

    एसीएल सर्जरी करने से पहले डॉक्टर घुटने में अनेस्थिसिया इंजेक्शन देते हैं ताकि आपको इस पूरी सर्जिकल प्रक्रिया के दौरान दर्द महसूस न हो। अनेस्थिसिया इंजेक्शन देने के बाद डॉक्टर आपके कंधे में इंट्रावेनस लाइन लगाते हैं, जिसके माध्यम से डॉक्टर आपके शरीर में दवा को डालते हैं। इतना करने के बाद वे सर्जरी की शुरुआत करते हैं। सबसे पहले वे आपके घुटने में कट यानी चीरा लगाते हैं जिसके माध्यम से सर्जिकल कैमरे और उपकरण को आपके शरीर में डालते हैं। 

    घुटने में कट लगाने के बाद डॉक्टर फटे हुए लिगमेंट को घुटने से बाहर निकाल कर उस जगह को अच्छी तरह से साफ करते हैं। फिर खराब लिगमेंट की जगह पर एक नए लिगमेंट को लगा दिया जाता है। नए लिगामेंट को लगाने के बाद डॉक्टर चीरा को बंद कर देते हैं जिसके बाद एसीएल सर्जरी की प्रक्रिया खत्म हो जाती है। 

    सर्जिकल प्रक्रिया खत्म होने के बाद आपको सुधार कक्ष यानी की रिकवरी रूम में ले जाया जाता है। रिकवरी रूम में डॉक्टर आपके स्वास्थ्य को मॉनिटर करते हैं ताकि वे इस बात की पुष्टि कर सकें की आपको किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है और आप सर्जरी के बाद बिलकुल ठीक हैं।              

    • एसीएल सर्जरी के संभावित जोखिम – दूसरी किसी भी सर्जिकल प्रक्रियायों की तरह एसीएल सर्जरी के भी कुछ संभावित जोखिम हैं, जो सर्जरी के बाद आप खुद में अनुभव कर सकते हैं। इन जोखिमों के बारे में आपको सही जानकारी होना आवश्यक है। अगर आपने हाल ही में एसीएल सर्जरी कराया है तो आपको नीचे दिए हुए जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है।
    • घुटने में दर्द होना – घुटने के दर्द को दूर करने के लिए एसीएल सर्जरी की जाती है, लेकिन कई बार सर्जरी के बाद आप अपने घुटने में दर्द महसूस कर सकते हैं। सर्जरी के बाद कुछ समय तक हल्का फूलका दर्द होना आम बात है। जो कुछ समय के बाद अपने आप ही खत्म हो जाता है। दर्द तेज या लंबे समय तक होने पर आपको डॉक्टर से मिलकर इस बारे में बात करनी चाहिए। 
    • ग्राफ्ट का सही से फिट नहीं होना- एसीएल सर्जरी के दौरान डॉक्टर आपके घुटने में ग्राफ्ट लगाते हैं। लेकिन कुछ मामलों में ग्राफ्ट सही से फिट नहीं होने के कारण वह सही से काम नहीं करता है, जिसकी वजह से आपको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अधिक परेशानी होने कि स्थिति में अपने डॉक्टर से मिलकर उन्हें इस बारे में बताएं। 
    • घुटने में इंफेक्शन होना- अगर आप ने हाल ही एसीएल सर्जरी कराया है तो आपको अपने घुटने में इंफेक्शन कि शिकायत हो सकती है। ऐसी स्थिति में आपका घुटना खराब भी हो सकता है और आपको फिर से घुटने कि सर्जरी करवाना पड़ सकता है। घुटने में इंफेक्शन होने के कारण आपको काफी तेज दर्द होता है। अगर आपको लगता है कि आपके घुटने में इंफेक्शन है तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर इसकी जांच करानी चाहिए। 
    • ब्लीडिंग होना- एसीएल सर्जरी के दौरान हल्का ब्लीडिंग होना सामान्य है, लेकिन अधिक ब्लीडिंग होना खतरे कि तरफ इशारा करता है। अधिक ब्लीडिंग होने के कारण आपके शरीर में खन कि कमी भी हो सकती है। अगर सर्जरी या उसके बाद आपको अधिक ब्लीडिंग होती है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। ताकि वे जल्द से जल्द ब्लीडिंग को रोक कर दूसरी प्रॉब्लम को जन्म लेने से रोक सकें।                        
    • दूसरी सर्जरी कि जरूरत पड़ना- कुछ मामलों में एसीएल सर्जरी असफल हो जाती है, इस स्थिति में डॉक्टर घुटने कि दूसरी सर्जरी कराने कि सलाह देते हैं। इसलिए आपके लिए यह आवश्यक है कि डॉक्टर या हॉस्पिटल का चुनाव करने से पहले उनकी विश्वसनीयता के बारे में पता लगाएं और अनुभवी और कुशल डॉक्टर के द्वारा ही अपने घुटने कि सर्जरी कराएं।

    प्रिस्टीन केयर के पास देश के सबसे बेहतरीन सर्जन मौजूद हैं जिन्हे घुटनों कि बीमारियों में विशेषज्ञता प्राप्त है और एसीएल सर्जरी कि गहरी समझ हैं। ये सर्जन बहुत ही अनुभवी और कुशल हैं, जो आपके घुटनों कि समस्याओं को मात्र कुछ ही मिनटों में हमेशा के लिए ठीक कर सकते हैं। अगर आप एसीएल सर्जरी के लिए बेस्ट डॉक्टर कि तलाश में है तो प्रिस्टीन केयर आपके लिए सबसे बेहतरीन विकल्प है।    

    घुटने की परेशानियों का बेस्ट इलाज करने के साथ साथ सर्जरी वाले दिन प्रिस्टीन केयर अपने मरीज को कैब फैसिलिटी देते हैं जो मरीज को सर्जरी के दिन घर से हॉस्पिटल और सर्जरी के बाद हॉस्पिटल से घर वापस छोड़ती है। मरीज के हॉस्पिटल पहुंचने से पहले उनके लिए प्रिस्टीन टीम की तरफ से एक केयर बड्डी मौजूद रहता है जो इलाज से जुड़े सभी पेपरवर्क को पूरा करता है। साथ ही इलाज के बाद जब तक मरीज हॉस्पिटल में रूकते हैं, केयर बड्डी उनकी देखरेख और सभी जरूरी चीजों का ख्याल रखता है। अगर आप घुटनों के दर्द से मुक्ति पाना चाहते हैं तो अभी विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें। 

    एसीएल इंजरी का बेस्ट इलाज कराएं

    घुटने में चोट लगने की स्थिति को मेडिकल की भाषा में एसीएल इंजरी कहा जाता है। यह समस्या किसी भी इंसान को कभी भी हो सकती है। एसीएल इंजरी होने पर मरीज को चलने फिरने या उन सभी दैनिक जीवन के कामों को करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिसमें पैरों की अहम भूमिका होती है। अगर आप एसीएल इंजरी से पीड़ित हैं तो आपको जल्द से जल्द ऑर्थोपेडिक डॉक्टर से मिलकर इसका उचित जांच और इलाज कराना चाहिए।

    एसीएल इंजरी के इलाज में देरी आपके लिए परेशानियां खड़ी कर सकता है। एसीएल इंजरी का इलाज कई तरह से किया जाता है और डॉक्टर इसके इलाज के किस माध्यम का चुनाव करेंगे यह पूरी तरह से एसीएल इंजरी की गंभीरता पर निर्भर करता है। अगर एसीएल इंजरी माइल्ड है तो इसका इलाज करने के लिए डॉक्टर कुछ खास तरह की दवाओं या मरहम के इस्तेमाल का सुझाव देते हैं। हालांकि, एसीएल इंजरी गंभीर होने पर डॉक्टर प्लास्टर या सर्जरी का सुझाव भी दे सकते हैं। सर्जरी को गंभीर एसीएल इंजरी का बेस्ट इलाज माना जाता है। अगर आप भी एसीएल इंजरी से परेशान हैं और इसका बेस्ट इलाज पाना चाहते हैं तो तुरंत एक अनुभवी ऑर्थोपेडिक सर्जन से परामर्श करें।

    प्रिस्टीन केयर क्लिनिक में एसीएल का बेस्ट सर्जिकल इलाज पाएं

    अगर आप गंभीर एसीएल इंजरी से पीड़ित हैं और इसका बेस्ट सर्जिकल इलाज पाना चाहते हैं तो आपको प्रिस्टीन केयर से संर्पक करना चाहिए। प्रिस्टीन केयर क्लिनिक में एसीएल इंजरी का इलाज करने के लिए एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी का उपयोग किया जाता है। हमारे क्लिनिक में एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी को बहुत ही अनुभवी और कुशल ऑर्थोपेडिक सर्जन की देखरेख में पूरा किया जाता है। दूसरे क्लिनिक या हॉस्पिटल की तुलना में हमारे क्लिनिक में एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी को काफी कम खर्च में किया जाता है।

    इतना ही नहीं, कम से कम खर्च में एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी करने के साथ-साथ हमारे क्लिनिक में एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी वाले दिन मरीजों को ढेरों सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं जिसमें सर्जरी वाले दिन फ्री पिकअप और ड्रॉप, सभी डायग्नोस्टिक टेस्ट पर 30% छूट और सर्जरी के बाद फ्री फॉलो-अप्स की सुविधा आदि शामिल हैं। हमारे क्लिनिक में एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी कराने के निम्नलिखित फायदे हैं।

    • दर्द नहीं होता है
    • छोटा सा कट लगता है
    • 30 मिनट की प्रक्रिया है
    • सभी बीमा कवर किए जाते हैं
    • बहुत ही प्रभावशाली इलाज है
    • उसी दिन इलाज और डिस्चार्ज
    • मॉडर्न और एडवांस ट्रीटमेंट है
    • संक्षिप्त और सुरक्षित प्रक्रिया है
    • एक दिन की सर्जिकल प्रक्रिया है
    • कोई एडवांस पेमेंट नहीं होता है
    • तुरंत इंश्योरेंस कवर किए जाते हैं
    • डीलक्स रूम की सुविधा उपलब्ध है
    • 100% इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं
    • सर्जरी के बाद रिकवरी जल्दी होती है
    • जटिलताओं की संभावना लगभग शून्य है
    • अनुभवी और विश्वसनीय ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं
    • बीमा अधिकारियों के पीछे भागने की जरूरत नहीं है
    • प्रिस्टीन टीम अस्पताल से जुड़े सभी पेपरवर्क पूरा करती है

    अगर आपको एसीएल इंजरी है और आप कम से कम खर्च में इसका बेस्ट इलाज पाना चाहते हैं तो प्रिस्टीन केयर से संपर्क करें। हमारे विश्वसनीय ऑर्थोपेडिक सर्जन अपने सालों के अनुभव और मॉडर्न मेडिकल टेक्नोलॉजी की मदद से आपकी बीमारी को कम से कम समय में बहुत ही आसानी से ठीक कर सकते हैं।

    Dr. Rahul Sharma (TEJFraQUZY)
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    सर्वाधिक बार पूछे जाने वाले प्रश्न

    एसीएल इंजरी का बेस्ट इलाज क्या है?

    एसीएल इंजरी यानी एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट इंजरी का इलाज कई तरह से किया जाता है जिसमें दवा या क्रीम का इस्तेमाल शामिल है। लेकिन एसीएल इंजरी गंभीर होने पर डॉक्टर प्लास्टर या सर्जरी का सुझाव देते हैं। एसीएल इंजरी की जांच करने के बाद डॉक्टर इसके इलाज के माध्यम का चुनाव करते हैं। एसीएल इंजरी का इलाज इसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। अगर आपको एसीएल इंजरी है और आप इसका बेस्ट इलाज पाना चाहते हैं तो एक अनुभवी और कुशल ऑर्थोपेडिक सर्जन से संपर्क करें।

    एसीएल इंजरी के बेस्ट डॉक्टर कौन हैं?

    अगर आप एसीएल इंजरी से परेशान हैं और इसका इलाज बेस्ट ऑर्थोपेडिक डॉक्टर से कराना चाहते हैं तो आपको प्रिस्टीन केयर से संपर्क करना चाहिए। प्रिस्टीन केयर के पास देश के सबसे अनुभवी और विश्वसनीय ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं जिन्हे एसीएल इंजरी की गहरी समझ और एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी में महारत हासिल है। ये सर्जन अब तक एसीएल इंजरी की हजारों सफल सर्जरी कर चुके हैं। अगर आप भी एसीएल इंजरी का इलाज बेस्ट ऑर्थोपेडिक सर्जन से कराना चाहते हैं तो प्रिस्टीन केयर आपके लिए एक बेहतर विकल्प है।

    एसीएल इंजरी की सर्जरी को पूरा होने में कितना समय लगता है?

    एसीएल रिकंस्ट्रक्शन को एसीएल इंजरी का सबसे बेस्ट सर्जिकल इलाज माना जाता है। इस सर्जरी के दौरान ऑर्थोपेडिक सर्जन खराब लिगामेंट को बाहर निकालकर उसकी जगह एक नया और स्वस्थ लिगामेंट लगा देते हैं। एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी को पूरा होने में मात्र आधे घंटे का समया लगता है। यह एक दिन की सर्जिकल प्रक्रिया है, इसलिए सर्जरी के बाद मरीज को हॉस्पीटलाजेशन की आवश्यकता भी नहीं पड़ती है। अगर आप कम से कम समय में एसीएल इंजरी का बेस्ट सर्जिकल इलाज पान चाहते हैं तो एक अनुभवी और विश्वसनीय ऑर्थोपेडिक सर्जन से परामर्श करने के बाद एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी का चुनाव करें।

    एसीएल इंजरी की सर्जरी में कितना खर्च आता है?

    एसीएल इंजरी यानी एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट इंजरी की सर्जरी का खर्च काफी चीजों पर निर्भर करता है जैसे कि एसीएल इंजरी की गंभीरता, ऑर्थोपेडिक सर्जन का अनुभव और विश्वसनीयता, क्लिनिक या हॉस्पिटल का लोकेशन और एसीएल इंजरी की सर्जरी में उनका ट्रैक रिकॉर्ड, सर्जरी के बाद हॉस्पिटलाइजेशन और फॉलो-अप्स आदि। लेकिन आपको घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि दूसरे क्लिनिक या हॉस्पिटल की तुलना में प्रिस्टीन केयर क्लिनिक में एसीएल इंजरी की सर्जरी को काफी कम खर्च में किया जाता है।