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भारत में प्रॉस्टेटेक्टोमी ऑपरेशन

प्रोस्टेट कैंसर के मामले में प्रोस्टेट ग्लैंड को हटाने के लिए प्रॉस्टेटेक्टोमी ऑपरेशन किया जाता है। हालांकि, डॉक्टर इस प्रक्रिया का सुझाव अन्य स्वास्थ्य स्थिति के इलाज के लिए भी दे सकते हैं। प्रिस्टीन केयर में संपर्क करें और प्रोस्टेट बढ़ने के कारण और उपचार के संबंध में परामर्श प्राप्त करें।

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प्रॉस्टेटेक्टोमी क्या है?

यह प्रक्रिया प्रोस्टेट ग्लैंड को निकालने का ऑपरेशन है। कुछ मामलों में, सर्जन पूरे ग्लैंड को निकालने के लिए प्रोस्टेट के ऑपरेशन का सुझाव देते हैं। हालांकि, अन्य मामलों में, प्रोस्टेट ग्लैंड के कुछ भाग को ही निकाला जाता है। स्थिति के आधार पर डॉक्टर ऑपरेशन के प्रकार का निर्णय लेते हैं। इस रोग को ठीक करने के लिए तीन प्रकार के ऑपरेशन का सुझाव दिया जाता है; ओपन सर्जरी, दूरबीन से ऑपरेशन और रोबोट से ऑपरेशन। प्रोस्टेट ग्लैंड पुरुष श्रोणि में, मूत्राशय के ठीक नीचे स्थित होता है। यह ग्लैंड मूत्रमार्ग को घेरती है, और इसका मुख्य कार्य एक तरल पदार्थ का उत्पादन करना है, जो वीर्य को पोषण देता है और उसकी देखरेख करता है। आमतौर पर, प्रोस्टेट कैंसर और प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया या बीपीएच (BHP) जैसी स्थितियों का इलाज इस प्रक्रिया से किया जाता है। किफायती दरों पर एडवांस प्रॉस्टेटेक्टोमी सर्जरी कराने के लिए प्रिस्टीन केयर के मूत्र रोग विशेषज्ञों से संपर्क करें।

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USFDA Approved Procedures

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No Cuts. No Wounds. Painless*.

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Insurance Paperwork Support

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1 Day Procedure

Best Clinics For Prostatectomy

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    Pristyn Care Clinic, Hauz Khas
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प्रिस्टीन केयर - प्रॉस्टेटेक्टोमी के लिए सर्वश्रेष्ठ अस्पताल?

प्रिस्टीन केयर ने देश के सर्वश्रेष्ठ प्रॉस्टेटेक्टोमी अस्पतालों के साथ साझेदारी की है, जो रोगियों को एक संपूर्ण सर्जिकल अनुभव प्राप्त करने में सहायता करते हैं। हमारे अस्पतालों में हर प्रकार के अत्याधुनिक तकनीक और सभी सुविधाएं हैं, जो उन्हें एक विश्व स्तरीय अस्पताल की सूची में रखते हैं। प्रिस्टीन केयर की समर्पित टीम के अलावा उन अस्पतालों में अन्य गैर-चिकित्सकीय कर्मचारी है, जिनकी प्राथमिकता रोगियों को हर प्रकार की सुख सुविधा प्रदान करना है। 

प्रिस्टीन केयर के मूत्र रोग विशेषज्ञ एडवांस प्रॉस्टेटेक्टोमी प्रक्रियाओं को करने में अत्यधिक प्रशिक्षित हैं, जिससे रोगी को कम से कम चीरा लगाया जाता है और वह जल्द रिकवर भी हो जाते हैं। वह लगातार अपने इलाज के स्तर को बेहतर कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त वह रोगी के प्रति पूरी तरह से समर्पित होते हैं और उनका विशेष ख्याल रखते हैं। आज ही हमारे यूरोलॉजिस्ट के साथ अपॉइंटमेंट बुक करें और सर्वश्रेष्ठ प्रोस्टेट का इलाज प्राप्त करें।

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प्रिस्टीन केयर - प्रॉस्टेटेक्टोमी के लिए सर्वश्रेष्ठ अस्पताल?

प्रिस्टीन केयर ने देश के सर्वश्रेष्ठ प्रॉस्टेटेक्टोमी अस्पतालों के साथ साझेदारी की है, जो रोगियों को एक संपूर्ण सर्जिकल अनुभव प्राप्त करने में सहायता करते हैं। हमारे अस्पतालों में हर प्रकार के अत्याधुनिक तकनीक और सभी सुविधाएं हैं, जो उन्हें एक विश्व स्तरीय अस्पताल की सूची में रखते हैं। प्रिस्टीन केयर की समर्पित टीम के अलावा उन अस्पतालों में अन्य गैर-चिकित्सकीय कर्मचारी है, जिनकी प्राथमिकता रोगियों को हर प्रकार की सुख सुविधा प्रदान करना है। 

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प्रॉस्टेटेक्टोमी के विभिन्न प्रकार क्या हैं?

प्रॉस्टेटेक्टोमी को आम तौर पर दो भाग में विभाजित किया जाता है:

रेडिकल प्रॉस्टेटेक्टोमी

इस प्रक्रिया में आस-पास के ऊतकों और लिम्फ नोड्स के अलावा पूरे प्रोस्टेट ग्लैंड को निकाल लिया जाता है। डॉक्टर आमतौर पर इस प्रक्रिया को प्रोस्टेट कैंसर के रोगियों के लिए सुझाया जाता है, और यदि इसका समय पर इलाज नहीं होता है, तो मेटास्टेसिस का खतरा भी मौजूद रहता है।

सरल प्रॉस्टेटेक्टोमी

इस प्रक्रिया में प्रोस्टेट के प्रभावित हिस्से को निकाला जाता है, जो मूत्र मार्ग को बाधित कर सकता है। बीपीएच के मामले में इस प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जाती है। ओपन प्रॉस्टेटेक्टोमी से जुड़ी जटिलताओं का जोखिम बहुत अधिक होता है, और इसमें रिकवरी का समय भी ज्यादा लगता है। यही कारण है कि डॉक्टर इस प्रक्रिया का सुझाव अकसर नहीं देते हैं। 

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प्रॉस्टेटेक्टोमी के विभिन्न प्रकार क्या हैं?

प्रॉस्टेटेक्टोमी को आम तौर पर दो भाग में विभाजित किया जाता है:

रेडिकल प्रॉस्टेटेक्टोमी

इस प्रक्रिया में आस-पास के ऊतकों और लिम्फ नोड्स के अलावा पूरे प्रोस्टेट ग्लैंड को निकाल लिया जाता है। डॉक्टर आमतौर पर इस प्रक्रिया को प्रोस्टेट कैंसर के रोगियों के लिए सुझाया जाता है, और यदि इसका समय पर इलाज नहीं होता है, तो मेटास्टेसिस का खतरा भी मौजूद रहता है।

सरल प्रॉस्टेटेक्टोमी

इस प्रक्रिया में प्रोस्टेट के प्रभावित हिस्से को निकाला जाता है, जो मूत्र मार्ग को बाधित कर सकता है। बीपीएच के मामले में इस प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जाती है। ओपन प्रॉस्टेटेक्टोमी से जुड़ी जटिलताओं का जोखिम बहुत अधिक होता है, और इसमें रिकवरी का समय भी ज्यादा लगता है। यही कारण है कि डॉक्टर इस प्रक्रिया का सुझाव अकसर नहीं देते हैं। 

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ऑपरेशन में क्या होता है?

​​परीक्षण:

प्रॉस्टेटेक्टोमी ऑपरेशन से पहले डॉक्टर निम्नलिखित परीक्षणों का सुझाव दे सकते जिससे वह प्रोस्टेट बढ़ने के कारण का पता लगा सकते हैं:

  • डिजिटल रेक्टल परीक्षण (DRE)

इस परीक्षण में, सर्जन किसी भी असामान्य वृद्धि और प्रोस्टेट ग्लैंड के आकार, और बनावट को देखने के लिए मलाशय में लुब्रिकेटेड उंगली डालते हैं। इससे सर्जन को स्थिति का सटीक अनुमान लग सकता है। 

  • प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन टेस्ट (पीएसए) 

यह प्रोस्टेट में किसी भी समस्या का पता लगाने के लिए सबसे सटीक और विश्वसनीय परीक्षणों में से एक है। जब प्रोस्टेट का आकार बड़ा हो जाता है, तो शरीर में पीएसए (प्रोस्टेट ग्लैंड द्वारा बनाया गया एक प्रोटीन) की मात्रा बढ़ जाती है। इसकी मात्रा स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करती है। ज्यादा मात्रा का अर्थ है स्थिति थोड़ी खराब है। 

  • सिस्टोस्कोपी 

इस परीक्षण में, प्रोस्टेट ग्लैंड के आकार का पता लगाने के लिए के लिए डॉक्टर मूत्रमार्ग और मूत्राशय में एक दूरबीन डालते हैं। यह आमतौर पर सर्जरी से पहले किया जाता है।

  • अल्ट्रासाउंड

प्रॉस्टेटेक्टोमी के लिए मलाशय का अल्ट्रासाउंड एक अहम टेस्ट साबित होता है। इस टेस्ट के जरिए डॉक्टर को प्रोस्टेट ग्लैंड के सटीक आकार और स्थिति का पता चल सकता है।

  • एमआरआई

एमआरआई स्कैन प्रोस्टेट ग्लैंड के बारे में अधिक विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। आमतौर पर इस परीक्षण का सुझाव तब दिया जाता है, जब डॉक्टर को प्रोस्टेट कैंसर के अगले चरण का अंदेशा हो जाए। 

  • प्रोस्टेट बायोप्सी

प्रोस्टेट कैंसर की पुष्टि करने के लिए यह सबसे सटीक परीक्षण है। इस परीक्षण में, डॉक्टर प्रोस्टेट का कुछ भाग निकाल लेते हैं औ र उसको माइक्रोस्कोप के नीचे जांचते हैं। ऐसा करने से प्रोस्टेट कैंसर की पुष्टि हो सकती है। 

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ऑपरेशन में क्या होता है?

​​परीक्षण:

प्रॉस्टेटेक्टोमी ऑपरेशन से पहले डॉक्टर निम्नलिखित परीक्षणों का सुझाव दे सकते जिससे वह प्रोस्टेट बढ़ने के कारण का पता लगा सकते हैं:

  • डिजिटल रेक्टल परीक्षण (DRE)

इस परीक्षण में, सर्जन किसी भी असामान्य वृद्धि और प्रोस्टेट ग्लैंड के आकार, और बनावट को देखने के लिए मलाशय में लुब्रिकेटेड उंगली डालते हैं। इससे सर्जन को स्थिति का सटीक अनुमान लग सकता है। 

  • प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन टेस्ट (पीएसए) 

यह प्रोस्टेट में किसी भी समस्या का पता लगाने के लिए सबसे सटीक और विश्वसनीय परीक्षणों में से एक है। जब प्रोस्टेट का आकार बड़ा हो जाता है, तो शरीर में पीएसए (प्रोस्टेट ग्लैंड द्वारा बनाया गया एक प्रोटीन) की मात्रा बढ़ जाती है। इसकी मात्रा स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करती है। ज्यादा मात्रा का अर्थ है स्थिति थोड़ी खराब है। 

  • सिस्टोस्कोपी 

इस परीक्षण में, प्रोस्टेट ग्लैंड के आकार का पता लगाने के लिए के लिए डॉक्टर मूत्रमार्ग और मूत्राशय में एक दूरबीन डालते हैं। यह आमतौर पर सर्जरी से पहले किया जाता है।

  • अल्ट्रासाउंड

प्रॉस्टेटेक्टोमी के लिए मलाशय का अल्ट्रासाउंड एक अहम टेस्ट साबित होता है। इस टेस्ट के जरिए डॉक्टर को प्रोस्टेट ग्लैंड के सटीक आकार और स्थिति का पता चल सकता है।

  • एमआरआई

एमआरआई स्कैन प्रोस्टेट ग्लैंड के बारे में अधिक विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। आमतौर पर इस परीक्षण का सुझाव तब दिया जाता है, जब डॉक्टर को प्रोस्टेट कैंसर के अगले चरण का अंदेशा हो जाए। 

  • प्रोस्टेट बायोप्सी

प्रोस्टेट कैंसर की पुष्टि करने के लिए यह सबसे सटीक परीक्षण है। इस परीक्षण में, डॉक्टर प्रोस्टेट का कुछ भाग निकाल लेते हैं औ र उसको माइक्रोस्कोप के नीचे जांचते हैं। ऐसा करने से प्रोस्टेट कैंसर की पुष्टि हो सकती है। 

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ऑपरेशन से पहले तैयारी कैसे करें

यदि आप प्रॉस्टेटेक्टोमी ऑपरेशन से पहले खुद को तैयार कर लेते हैं, तो आपके लिए संपूर्ण प्रक्रिया आसान हो जाएगी। इसके साथ साथ ऑपरेशन के दौरान और बाद में उत्पन्न होने वाले जोखिम और जटिलताओं का भी खतरा कम रहता है। प्रॉस्टेटेक्टोमी से पहले आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए:

  • प्रोस्टेट के ऑपरेशन से पहले अपनी आंत को साफ और खाली रखें।
  • हमेशा ऑपरेशन से पहले अपने आहार संबंधी आदतों का विशेष ध्यान रखें और डॉक्टर के निर्देशानुसार अपना भोजन करें। डॉक्टर आपको अपने आहार में बदलाव करने के लिए भी कह सकते हैं। 
  • डॉक्टर आपको मल त्याग करने के लिए कह सकते हैं। इसके लिए वह पेट साफ करने की दवा भी दे सकते हैं। ऐसा करने से पेट साफ हो जाएगा। 
  • यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो सर्जरी से लगभग 2 सप्ताह पहले इसे बंद कर दें। धूम्रपान से इलाज और जल्द रिकवरी में समस्या उत्पन्न हो सकती है। डॉक्टर आपको धूम्रपान छोड़ने के तरीकों का भी सुझाव दे सकते हैं।
  • आप जिन दवाएं का सेवन कर रहे हैं, उनके बारे में अपने डॉक्टर से बात करें, क्योंकि कुछ दवाएं ऑपरेशन की प्रभावशीलता को प्रभावित कर सकती हैं। डॉक्टर ऑपरेशन से कुछ दिन पहले से कुछ दवाओं को बंद करने का सुझाव दे सकते हैं।
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ऑपरेशन से पहले तैयारी कैसे करें

यदि आप प्रॉस्टेटेक्टोमी ऑपरेशन से पहले खुद को तैयार कर लेते हैं, तो आपके लिए संपूर्ण प्रक्रिया आसान हो जाएगी। इसके साथ साथ ऑपरेशन के दौरान और बाद में उत्पन्न होने वाले जोखिम और जटिलताओं का भी खतरा कम रहता है। प्रॉस्टेटेक्टोमी से पहले आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए:

  • प्रोस्टेट के ऑपरेशन से पहले अपनी आंत को साफ और खाली रखें।
  • हमेशा ऑपरेशन से पहले अपने आहार संबंधी आदतों का विशेष ध्यान रखें और डॉक्टर के निर्देशानुसार अपना भोजन करें। डॉक्टर आपको अपने आहार में बदलाव करने के लिए भी कह सकते हैं। 
  • डॉक्टर आपको मल त्याग करने के लिए कह सकते हैं। इसके लिए वह पेट साफ करने की दवा भी दे सकते हैं। ऐसा करने से पेट साफ हो जाएगा। 
  • यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो सर्जरी से लगभग 2 सप्ताह पहले इसे बंद कर दें। धूम्रपान से इलाज और जल्द रिकवरी में समस्या उत्पन्न हो सकती है। डॉक्टर आपको धूम्रपान छोड़ने के तरीकों का भी सुझाव दे सकते हैं।
  • आप जिन दवाएं का सेवन कर रहे हैं, उनके बारे में अपने डॉक्टर से बात करें, क्योंकि कुछ दवाएं ऑपरेशन की प्रभावशीलता को प्रभावित कर सकती हैं। डॉक्टर ऑपरेशन से कुछ दिन पहले से कुछ दवाओं को बंद करने का सुझाव दे सकते हैं।
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प्रक्रिया

प्रॉस्टेटेक्टोमी प्रक्रिया उपयोग की जा रही तकनीक के प्रकार के आधार पर अलग अलग होती है, जैसे – 

  • लेजर प्रॉस्टेटेक्टोमी – लेजर प्रॉस्टेटेक्टोमी अन्य तकनीकों की तुलना में ज्यादा फायदेमंद प्रक्रिया है। उदाहरण के तौर पर देखें तो इस प्रक्रिया में खून कम बहता है और ऑपरेशन के लिए अस्पताल में कम समय के लिए रहना पड़ता है। इसके साथ साथ आप जल्द से जल्द ठीक भी हो सकते हैं। ऐसे बहुत सारे फायदे हैं, जो लेजर प्रक्रिया को सुरक्षित और एडवांस प्रक्रिया बनाते हैं। इस प्रक्रिया में लेजर का उपयोग होता है, जिसके द्वारा बढ़े हुए प्रोस्टेट को शरीर से निकाला जाता है या उसके आकार को कम किया जाता है। 
  • रोबोट-असिस्टेड रेडिकल प्रॉस्टेटेक्टोमी – यह सबसे एडवांस प्रॉस्टेटेक्टोमी तकनीक है, जिसका उपयोग अब सर्जन करने लगे हैं। इस प्रक्रिया में, सर्जन ऑपरेशन की टेबल से कुछ दूरी पर स्थित रिमोट-कंट्रोल कंसोल पर बैठते हैं। यह पूरा ऑपरेशन रोबोट की सहायता से होता है और इसे एक मानव के द्वारा संचालित किया जाता है। डॉक्टर को ऑपरेशन किए जाने वाले क्षेत्र का एक बड़ा और 3-डी दृश्य दिखता है, जो उन्हें अधिक सटीकता के साथ इस प्रक्रिया को करने में सहायता करता है। सर्जन छोटे और अधिक सटीक चीरे लगा सकते हैं, जो अन्य तरीकों की तुलना में जल्दी ठीक होने में सहायक सिद्ध होते हैं। इस तकनीक के माध्यम से रोगी के यौन क्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। 
  • ओपन रेडिकल प्रॉस्टेटेक्टोमी –  इस तकनीक में, सर्जन आपके पेट के निचले हिस्से में, पेल्विक हड्डी के ठीक ऊपर चीरा लगाते हैं। प्रोस्टेट ग्लैंड तक पहुँचने पर, सर्जन सावधानीपूर्वक इसे आसपास की नसों और रक्त वाहिकाओं से अलग कर देते हैं। अंत में, ग्लैंड को उसके आस पास के ऊतकों के साथ अलग कर दिया जाता है, और चीरे को टांके से बंद कर दिया जाता है।
  • ओपन सिंपल प्रॉस्टेटेक्टोमी – इस प्रक्रिया के पहले चरण में मूत्राशय और प्रोस्टेट क्षेत्र में मूत्रमार्ग के माध्यम से एक दूरबीन डाला जाता है। फिर, डॉक्टर लिंग के माध्यम से फोली कैथेटर नामक एक ट्यूब डालते हैं, जो मूत्राशय तक पहुंचकर उसमें मौजूद सभी मूत्र को बाहर निकाल देते हैं। इसके पश्चात, सर्जन नाभि के ठीक नीचे और श्रोणि की हड्डी के ऊपर प्रोस्टेट ग्लैंड के समस्याग्रस्त हिस्सों को निकालने के लिए एक बड़ा चीरा लगाते हैं। अंतिम चरण में सर्जरी वाले क्षेत्र में कुछ अस्थायी नली को डालते हैं। छुट्टी से पहले इन ट्यूब को निकाल लिया जाता है।
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प्रक्रिया

प्रॉस्टेटेक्टोमी प्रक्रिया उपयोग की जा रही तकनीक के प्रकार के आधार पर अलग अलग होती है, जैसे – 

  • लेजर प्रॉस्टेटेक्टोमी – लेजर प्रॉस्टेटेक्टोमी अन्य तकनीकों की तुलना में ज्यादा फायदेमंद प्रक्रिया है। उदाहरण के तौर पर देखें तो इस प्रक्रिया में खून कम बहता है और ऑपरेशन के लिए अस्पताल में कम समय के लिए रहना पड़ता है। इसके साथ साथ आप जल्द से जल्द ठीक भी हो सकते हैं। ऐसे बहुत सारे फायदे हैं, जो लेजर प्रक्रिया को सुरक्षित और एडवांस प्रक्रिया बनाते हैं। इस प्रक्रिया में लेजर का उपयोग होता है, जिसके द्वारा बढ़े हुए प्रोस्टेट को शरीर से निकाला जाता है या उसके आकार को कम किया जाता है। 
  • रोबोट-असिस्टेड रेडिकल प्रॉस्टेटेक्टोमी – यह सबसे एडवांस प्रॉस्टेटेक्टोमी तकनीक है, जिसका उपयोग अब सर्जन करने लगे हैं। इस प्रक्रिया में, सर्जन ऑपरेशन की टेबल से कुछ दूरी पर स्थित रिमोट-कंट्रोल कंसोल पर बैठते हैं। यह पूरा ऑपरेशन रोबोट की सहायता से होता है और इसे एक मानव के द्वारा संचालित किया जाता है। डॉक्टर को ऑपरेशन किए जाने वाले क्षेत्र का एक बड़ा और 3-डी दृश्य दिखता है, जो उन्हें अधिक सटीकता के साथ इस प्रक्रिया को करने में सहायता करता है। सर्जन छोटे और अधिक सटीक चीरे लगा सकते हैं, जो अन्य तरीकों की तुलना में जल्दी ठीक होने में सहायक सिद्ध होते हैं। इस तकनीक के माध्यम से रोगी के यौन क्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। 
  • ओपन रेडिकल प्रॉस्टेटेक्टोमी –  इस तकनीक में, सर्जन आपके पेट के निचले हिस्से में, पेल्विक हड्डी के ठीक ऊपर चीरा लगाते हैं। प्रोस्टेट ग्लैंड तक पहुँचने पर, सर्जन सावधानीपूर्वक इसे आसपास की नसों और रक्त वाहिकाओं से अलग कर देते हैं। अंत में, ग्लैंड को उसके आस पास के ऊतकों के साथ अलग कर दिया जाता है, और चीरे को टांके से बंद कर दिया जाता है।
  • ओपन सिंपल प्रॉस्टेटेक्टोमी – इस प्रक्रिया के पहले चरण में मूत्राशय और प्रोस्टेट क्षेत्र में मूत्रमार्ग के माध्यम से एक दूरबीन डाला जाता है। फिर, डॉक्टर लिंग के माध्यम से फोली कैथेटर नामक एक ट्यूब डालते हैं, जो मूत्राशय तक पहुंचकर उसमें मौजूद सभी मूत्र को बाहर निकाल देते हैं। इसके पश्चात, सर्जन नाभि के ठीक नीचे और श्रोणि की हड्डी के ऊपर प्रोस्टेट ग्लैंड के समस्याग्रस्त हिस्सों को निकालने के लिए एक बड़ा चीरा लगाते हैं। अंतिम चरण में सर्जरी वाले क्षेत्र में कुछ अस्थायी नली को डालते हैं। छुट्टी से पहले इन ट्यूब को निकाल लिया जाता है।
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रिकवरी और ऑपरेशन के बाद की देखभाल

  • प्रक्रिया के पश्चात, डॉक्टर आईवी को निकालने के बाद आपको दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए कुछ दवाएं दे सकते हैं।
  • इसके पश्चात डॉक्टर आपको कुछ व्यायाम करने का भी सुझाव दे सकते हैं और ऑपरेशन वाले दिन ही चलने की सलाह देते हैं। 
  • यदि डॉक्टर को लगता है कि आप घर वापस जाने के लिए एकदम ठीक हैं, तो वह पेल्विक ड्रेन को बाहर निकाल लेंगे और आपको उसी दिन अस्पताल से छुट्टी दे देंगे। हालांकि, आपको टांके को कटवाने के लिए वापस अस्पताल आना पड़ सकता है।
  • आप उसी दिन मूत्र में नली के साथ घर वापस आ जाएंगे। अधिकांश पुरुषों को ऑपरेशन के बाद सात से 10 दिनों तक इस नली की आवश्यकता होती है। ऑपरेशन के पश्चात मूत्र नियंत्रण की पूर्ण पुनर्प्राप्ति में एक वर्ष तक का समय लग सकता है।

प्रोस्टेट के ऑपरेशन के बाद कुछ सावधानियां बरतने से आपके ठीक होने की रफ्तार बढ़ सकती हैं। वह सावधानियां कुछ इस प्रकार है – 

  • अपने रोजाना के गतिविधि को धीरे-धीरे फिर से शुरू करें। आप ऑपरेशन के एक या दो सप्ताह के भीतर अपनी दिनचर्या में वापस आ जाएं।
  • ऑपरेशन के बाद किसी भी जटिलता को दूर करने के लिए अपने चिकित्सक से नियमित रूप से परामर्श प्राप्त करें। हमारा सुझाव है कि ऑपरेशन के कम से कम एक साल तक हर तीन महीने में एक बार अपने डॉक्टर से मिलें और अपनी स्थिति के बारे में उनसे बात करें।
  • प्रक्रिया के बाद कम से कम एक सप्ताह तक गाड़ी चलाने से बचें। अपने मूत्र रोग विशेषज्ञ की मंजूरी के बाद ही ड्राइविंग शुरू करें।
  • कीगल नाम के व्यायाम को अपनी दिनचर्या में जोड़ें।
  • सर्जरी से ठीक होने के बाद ही यौन क्रिया को फिर से शुरू करें। एक साधारण प्रॉस्टेटेक्टोमी के बाद, आप बहुत कम या बिना वीर्य के यौन सुख का आनंद ले पाएंगे। रेडिकल प्रॉस्टेटेक्टोमी के पश्चात यौन क्रियाओं का सुख प्राप्त करने में 18 महीने या उससे अधिक का समय लग सकता है।
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रिकवरी और ऑपरेशन के बाद की देखभाल

  • प्रक्रिया के पश्चात, डॉक्टर आईवी को निकालने के बाद आपको दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए कुछ दवाएं दे सकते हैं।
  • इसके पश्चात डॉक्टर आपको कुछ व्यायाम करने का भी सुझाव दे सकते हैं और ऑपरेशन वाले दिन ही चलने की सलाह देते हैं। 
  • यदि डॉक्टर को लगता है कि आप घर वापस जाने के लिए एकदम ठीक हैं, तो वह पेल्विक ड्रेन को बाहर निकाल लेंगे और आपको उसी दिन अस्पताल से छुट्टी दे देंगे। हालांकि, आपको टांके को कटवाने के लिए वापस अस्पताल आना पड़ सकता है।
  • आप उसी दिन मूत्र में नली के साथ घर वापस आ जाएंगे। अधिकांश पुरुषों को ऑपरेशन के बाद सात से 10 दिनों तक इस नली की आवश्यकता होती है। ऑपरेशन के पश्चात मूत्र नियंत्रण की पूर्ण पुनर्प्राप्ति में एक वर्ष तक का समय लग सकता है।

प्रोस्टेट के ऑपरेशन के बाद कुछ सावधानियां बरतने से आपके ठीक होने की रफ्तार बढ़ सकती हैं। वह सावधानियां कुछ इस प्रकार है – 

  • अपने रोजाना के गतिविधि को धीरे-धीरे फिर से शुरू करें। आप ऑपरेशन के एक या दो सप्ताह के भीतर अपनी दिनचर्या में वापस आ जाएं।
  • ऑपरेशन के बाद किसी भी जटिलता को दूर करने के लिए अपने चिकित्सक से नियमित रूप से परामर्श प्राप्त करें। हमारा सुझाव है कि ऑपरेशन के कम से कम एक साल तक हर तीन महीने में एक बार अपने डॉक्टर से मिलें और अपनी स्थिति के बारे में उनसे बात करें।
  • प्रक्रिया के बाद कम से कम एक सप्ताह तक गाड़ी चलाने से बचें। अपने मूत्र रोग विशेषज्ञ की मंजूरी के बाद ही ड्राइविंग शुरू करें।
  • कीगल नाम के व्यायाम को अपनी दिनचर्या में जोड़ें।
  • सर्जरी से ठीक होने के बाद ही यौन क्रिया को फिर से शुरू करें। एक साधारण प्रॉस्टेटेक्टोमी के बाद, आप बहुत कम या बिना वीर्य के यौन सुख का आनंद ले पाएंगे। रेडिकल प्रॉस्टेटेक्टोमी के पश्चात यौन क्रियाओं का सुख प्राप्त करने में 18 महीने या उससे अधिक का समय लग सकता है।
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प्रॉस्टेटेक्टोमी ऑपरेशन के जोखिम क्या है?

किसी भी अन्य ऑपरेशन की तरह, प्रॉस्टेटेक्टोमी ऑपरेशन के भी जोखिम है। प्रॉस्टेटेक्टोमी से जुड़े कुछ जोखिमों की सूची नीचे दी गई है:

  • खून बहना
  • मूत्र में समस्या
  • मूत्र पथ पर संक्रमण (यूटीआई)
  • नपुंसकता
  • मूत्रमार्ग में समस्या
  • लिम्फो सेल का विकास (लिम्फ युक्त छाले)
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प्रॉस्टेटेक्टोमी ऑपरेशन के जोखिम क्या है?

किसी भी अन्य ऑपरेशन की तरह, प्रॉस्टेटेक्टोमी ऑपरेशन के भी जोखिम है। प्रॉस्टेटेक्टोमी से जुड़े कुछ जोखिमों की सूची नीचे दी गई है:

  • खून बहना
  • मूत्र में समस्या
  • मूत्र पथ पर संक्रमण (यूटीआई)
  • नपुंसकता
  • मूत्रमार्ग में समस्या
  • लिम्फो सेल का विकास (लिम्फ युक्त छाले)
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प्रॉस्टेटेक्टोमी ऑपरेशन के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रॉस्टेटेक्टोमी कितनी दर्दनाक प्रक्रिया है?

इस सवाल का जवाब चयनित प्रक्रिया पर निर्भर करता है। आम तौर पर, प्रॉस्टेटेक्टोमी प्रक्रिया दर्दनाक प्रक्रिया नहीं है, क्योंकि इस प्रक्रिया में एनेस्थीसिया का उपयोग होता है। हालांकि, प्रक्रिया के बाद रोगी हल्की असुविधा का अनुभव कर सकते हैं। इस असुविधा का इलाज दवाओं के माध्यम से संभव है।

प्रॉस्टेटेक्टोमी की जरूरत किसे है?

प्रॉस्टेटेक्टोमी आमतौर पर प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है। हालांकि, इस प्रक्रिया को अन्य प्रोस्टेट की समस्या जैसे बीपीएच, आदि से पीड़ित रोगियों के लिए भी सुझाया जाता है।

क्या प्रॉस्टेटेक्टोमी बीमा के अंतर्गत आता है?

प्रॉस्टेटेक्टोमी प्रक्रिया कैंसर और अन्य स्थितियों के मामलों में आवश्यक हो जाती है, जो आम जीवन में समस्या उत्पन्न कर सकती है। इसलिए ज्यादातर बीमा कंपनी इस ऑपरेशन को अपने पॉलिसी में कवर करती है। इस समस्या का समय पर निवारण न कर पाने के कारण खतरनाक जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। लेकिन इस ऑपरेशन से पहले आपको सुझाव दिया जाता है कि आप अपने बीमा प्रदाता से इस संबंध में एक बार परामर्श अवश्य करें। 

सबसे अच्छी प्रॉस्टेटेक्टोमी तकनीक कौन सी है?

इसका कोई निश्चित उत्तर नहीं है। प्रॉस्टेटेक्टोमी करने के लिए प्रयोग की जाने वाली तकनीक विभिन्न कारकों और प्रत्येक मामले की आवश्यकताओं पर निर्भर करती है। कुछ मामलों में, लेजर ऑपरेशन सर्वोत्तम परिणाम दे सकती है। हालांकि, ऐसा भी देखा गया है कि कुछ मामलों में ओपन सर्जरी सबसे उत्तम साबित होती है। 

भारत में प्रॉस्टेटेक्टोमी का कितना खर्च आ सकता है?

इस ऑपरेशन का खर्च कई मानकों पर निर्भर करता है। औसतन इस इलाज का खर्च 60,000 रुपए से 1,50,000 रुपए तक हो सकता है। इस इलाज के खर्च के सटीक अनुमान के लिए प्रिस्टीन केयर से संपर्क करें। 

 

प्रॉस्टेटेक्टोमी ऑपरेशन के लिए प्रिस्टीन केयर क्यों बेहतर विकल्प है?

प्रिस्टीन केयर ऑपरेशन की सेवाएं प्रदान करने के लिए जाना जाता है। हमारे पास प्रॉस्टेटेक्टोमी ऑपरेशन को सटीकता से करने के लिए अनुभवी डॉक्टरों की एक टीम है, जिनकी प्राथमिकता उत्तम इलाज के साथ साथ उत्तम देखभाल प्रदान करना है। 

प्रॉस्टेटेक्टोमी ऑपरेशन के बाद ठीक होने में कितना समय लग सकता है?

प्रोस्टेट के इलाज के पश्चात ठीक होने में आपको चार से सात सप्ताह का समय लग सकता है। जल्द से जल्द रिकवरी के लिए आपको अपने डॉक्टर के सलाह का सटीकता से पालन करना चाहिए। 

क्या प्रॉस्टेटेक्टोमी ऑपरेशन एक दर्दनाक प्रक्रिया है?

सभी प्रॉस्टेटेक्टोमी ऑपरेशन में बेहोशी की दवा का प्रयोग होता है, इसलिए ऑपरेशन के दौरान किसी भी प्रकार के दर्द का अनुभव नहीं होता है। लेकिन प्रक्रिया होने के पश्चात रोगी हल्के दर्द और कुछ समस्या का अनुभव कर सकते हैं, जिसे दवाओं से ठीक किया जा सकता है।

प्रॉस्टेटेक्टोमी ऑपरेशन के क्या लाभ हैं?

प्रोस्टेट के ऑपरेशन के निम्नलिखित फायदे हैं:

  1. इस प्रक्रिया के द्वारा शरीर से कैंसर की कोशिकाओं को स्थायी रूप से हटा दिया जाता है, क्योंकि इस प्रक्रिया में प्रोस्टेट ग्लैंड को पूरी तरह से निकाल दिया जाता है।
  2. यह प्रक्रिया से रोगी को बीपीएच के विभिन्न मूत्र संबंधी लक्षणों से राहत मिल सकती है, जैसे:
  • बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना, विशेष तौर पर रात में
  • मूत्र प्रवाह को बनाए रखने में कठिनाई
  • बार-बार मूत्र पथ पर संक्रमण होना
  • मूत्राशय में परिपूर्णता का एहसास।

प्रिस्टीन केयर के मूत्र रोग विशेषज्ञ यह सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत सटीकता के साथ प्रॉस्टेटेक्टोमी प्रक्रियाएं करते हैं कि प्रोस्टेट के ऑपरेशन के दौरान या बाद में कोई जटिलता उत्पन्न न हो। वह एडवांस प्रॉस्टेटेक्टोमी प्रक्रिया करने के लिए प्रशिक्षित हैं और उन्हे इसका व्यापक अनुभव है। जटिलताओं के जोखिम को कम से कम रखने के लिए सभी सुरक्षा उपाय किए जाते हैं।

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प्रॉस्टेटेक्टोमी ऑपरेशन के क्या लाभ हैं?

प्रोस्टेट के ऑपरेशन के निम्नलिखित फायदे हैं:

  1. इस प्रक्रिया के द्वारा शरीर से कैंसर की कोशिकाओं को स्थायी रूप से हटा दिया जाता है, क्योंकि इस प्रक्रिया में प्रोस्टेट ग्लैंड को पूरी तरह से निकाल दिया जाता है।
  2. यह प्रक्रिया से रोगी को बीपीएच के विभिन्न मूत्र संबंधी लक्षणों से राहत मिल सकती है, जैसे:
  • बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना, विशेष तौर पर रात में
  • मूत्र प्रवाह को बनाए रखने में कठिनाई
  • बार-बार मूत्र पथ पर संक्रमण होना
  • मूत्राशय में परिपूर्णता का एहसास।

प्रिस्टीन केयर के मूत्र रोग विशेषज्ञ यह सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत सटीकता के साथ प्रॉस्टेटेक्टोमी प्रक्रियाएं करते हैं कि प्रोस्टेट के ऑपरेशन के दौरान या बाद में कोई जटिलता उत्पन्न न हो। वह एडवांस प्रॉस्टेटेक्टोमी प्रक्रिया करने के लिए प्रशिक्षित हैं और उन्हे इसका व्यापक अनुभव है। जटिलताओं के जोखिम को कम से कम रखने के लिए सभी सुरक्षा उपाय किए जाते हैं।

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Our Patient Love Us

  • Upendra

    Treatment: Prostatectomy

    5/5

    Hassle free...amazing team...took care of everything from hospitalization to discharge...even insurance formalities was done by them...very very helpful...sent to a best surgeon....so professional and polite...well done team...I will recommend to everyone as no need to worry for anything....

    City: Gurgaon
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