एपेंडिसाइटिस के विभिन्न ग्रेड
ग्रेड 1
अपेंडिसाइटिस के शुरुआती चरण
इस चरण में आपको नाभि के आस पास के क्षेत्र में दर्द होगा और कभी कभी पेट में मरोड़ जैसा भी महसूस हो सकता है। इस स्थिति में आप दर्द होने वाली जगह को बता पाने में असमर्थ होंगे। इसे आप आमतौर पर अपेंडिक्स में संभावित सूजन का पहला संकेत मान सकते हैं। भूख न लगना, मतली और उल्टी जैसे अन्य लक्षणों से भी आपका सामना हो सकता है।
ग्रेड 2
सुप्पराटिव अपेंडिसाइटिस
यह वह चरण है जहां अपेंडिक्स के लुमेन में जमा बैक्टीरिया और ज्वलनशील तरल पदार्थ अपेंडिक्स की मांसपेशियों की दीवार में प्रवेश करते हैं।, जब ज्वलनशील ऊतक पेरिटोनियम के खिलाफ रगड़ती है तो यह बाद में तेज दर्द का कारण बनते हैं। इस ग्रेड में आप देखते हैं कि दर्द नाभि से हटकर अब उस क्षेत्र से नीचे एवं दाहिने क्षेत्र में उत्पन्न होता है।
ग्रेड 3
गैंग्रीनस एपेंडिसाइटिस
इस ग्रेड में अपेंडिक्स की रुकावट से सूजन और दबाव बढ़ जाता है, जिसके कारण अंग में रक्त का प्रवाह रुक जाता है। ऐसी स्थिति को स्वास्थ्य आपातकालीन स्थिति माना जाता है। यदि रोगी को समय पर उचित उपचार नहीं मिलता है, तो इसका परिणाम अपेंडिक्स के टूटने या फटने के रूप में देखा जा सकता है, जिससे गंभीर जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।
ग्रेड 4
छिद्रित / टूटा हुआ अपेंडिक्स
कभी कभी संक्रमण के कारण अपेंडिक्स में एक छेद हो जाता है, जिसके कारण संक्रमण पेट के अन्य भाग में भी फैल जाता है। इस स्थिति में जो मल अपेंडिक्स में होता है, उसके पेट में फैल जाने की अधिक संभावना होती है। इसके कारण शरीर में जलन होती है और पेट में फोड़े हो जाते हैं। सूजन के कारण, आंतों में समस्या उत्पन्न होती है, जिसे सर्जरी से निकालना मुश्किल होता है। यह पेट के अंदर छाले या फोड़े लंबे समय तक बुखार और दर्द का कारण बन सकते हैं और इसके परिणामस्वरूप लोग थोड़े धीमी रफ्तार से ठीक होते हैं।
ग्रेड 5
फलेगमोनस अपेंडिसाइटिस या फोडा
ऐसी अपेंडिक्स जिसमें सूजन और छेद हो तो वह कभी कभी ओमेंटम (फैटी ऊतक की एक डबल-परत जो निचले पेट में अंगों और आंतों को कवर और समर्थन करती है) से अलग हो जाए या छोटी आंत पूर्ण रूप से बाधित हो जाए तो ग्रेड 5 का अपेंडिसाइटिस की संभावना होती है। इसके कारण अपेंडिक्स में सूजन और लालिमा देखने को मिलती है। इसके कारण अपेंडिक्स में समस्या उत्पन्न होती है और इस ग्रेड में जल्द से जल्द अपेंडिक्स में सूजन के उपचार का सुझाव दिया जाता है।