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बवासीर का इलाज - Piles Treatment in Hindi

क्या आप भी बवासीर यानी पाइल्स (Piles) की बीमारी से परेशान हो चुके हैं और दवाई खाने के बाद भी मलाशय और गुदा हिस्से में गंभीर समस्या है? तो ऐसे में बवासीर (bawaseer) की बीमारी को ठीक करने के लिए लेजर सर्जरी आपके लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। बवासीर के इलाज (bawaseer ke ilaj) के लिए सर्वश्रेष्ठ गुदा रोग (प्रॉक्टोलॉजिस्ट) विशेषज्ञ से निःशुल्क परामर्श बुक करने के लिए हमें कॉल करें।

क्या आप भी बवासीर यानी पाइल्स (Piles) की बीमारी से परेशान हो चुके हैं और दवाई खाने के बाद भी मलाशय और गुदा ... और पढ़ें

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Bawasir Kya Hai? - What is Piles in Hindi

बवासीर (bavasir) यानि पाइल्स। बवासीर एक ऐसी बीमारी है जिसमें रोगी को उठने-बैठने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस बीमारी में गुदा- ऐनस (मल त्याग का भाग) के अंदरूनी और बाहरी हिस्से और मलाशय (रेक्टम) के निचले हिस्से की शिराओं में सूजन पैदा हो जाती है। इसकी वजह से ऐनस के अंदर और बाहर किसी एक जगह पर मस्से जैसी स्थिति बन जाती है, जो अंदर बाहर दोनों तरह होती है। इसे मेडिकल की भाषा में हेमरॉइड्स (बवासीर) कहा जाता है।

बवासीर एक ऐसी बीमारी है, जिसका दर्द सहना किसी भी उम्र के इंसान के लिए बेहद मुश्किल होता है। बवासीर के कारण किसी भी इंसान को शौच करने और बैठने में असहनीय दर्द से गुजरना पड़ता है। गुदा की जगह पर मलाशय के आसपास की नसों में सूजन होने के कारण बवासीर जैसी गंभीर बीमारी विकसित होती है। इसे इंग्लिश में पाइल्स (piles) कहा जाता है। आइए बवासीर- पाइल्स (piles) के बारे में जानते हैं और यह समझते हैं कि क्या है  बवासीर (पाइल्स) का इलाज और कैसे बवासीर की बीमारी को लेजर ऑपरेशन से हमेशा के लिए छुटकारा पाया जा सकता है?आयुर्वेद की मदद से भी बवासीर का इलाज किया जा सकता है। बवासीर की कुल चार ग्रेड हैं जिनमें से पहले और दूसरे ग्रेड को आयुर्वेदिक तरीके से ठीक किया जा सकता है। ग्रेड चार की बवासीर गंभीर होती है। यही कारण है कि ग्रेड चार के बवासीर का इलाज सर्जिकल तरीके से ही किया जाता है।

• बीमारी का नाम

बवासीर (पाइल्स)

• सर्जरी का नाम

लेज़र हेमोराहाइडेक्टोमी

• अवधि

15 से 20 मिनट

• सर्जन

जनरल सर्जन

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पाइल्स (बवासीर) के इलाज के दौरान होने वाली जांच - पाइल्स का इलाज हिंदी

पाइल्स का इलाज (bavasir ka ilaaj) शुरू करने की प्रक्रिया में सबसे पहले डॉक्टर शारीरिक जांच करवाने की सलाह देते हैं। लेकिन गुदा के आंतरिक हिस्से में बवासीर का संक्रमण ज्यादा फैलने की स्थिति में, प्रोक्टोलॉजिस्ट (proctologists) एनस मलाशय की  डिजिटल रेक्टल परीक्षण (जांच) करवाने को प्राथमिकता देते हैं|

इसके अलावा, आंतरिक बवासीर का इलाज करने के लिए, सर्जन निचले मलाशय यानी रेक्टम की जांच के लिए प्रॉक्टोस्कोप, एनोस्कोप या सिग्मोइडोस्कोपी का इस्तेमाल कर सकता है।

बवासीर (Bavasir) की जांच की प्रक्रिया – bawaseer ka ilaj

बाहरी बवासीर की जांच केवल गुदा क्षेत्र को देखकर और कुछ शारीरिक परीक्षण द्वारा की जा सकती है। आंतरिक बवासीर का निदान करने के लिए इमेजिंग प्रक्रियाओं का सहारा लेना पड़ सकता है।

एंडोस्कोपी (Endoscopy): यह मलाशय के निचले हिस्से और गुदा लाइनिंग को देखने की प्रक्रिया है। इसमें एंडोस्कोप नामक उपकरण गुदा के भीतर डाला जाता है। इस प्रक्रिया के लिए अधिकांश रोगियों को एनेस्थीसिया की आवश्यकता नहीं होती है।

रिजिड प्रोक्टो सिग्मोइडोस्कोपी (Rigid proctosigmoidoscopy): यह प्रक्रिया बिल्कुल एनोस्कोपी की तरह है, बस इसमें डॉक्टर आंत के निचले हिस्से और मलाशय को देखने के लिए प्रॉक्टोस्कोप नामक उपकरण का उपयोग करता है। इस प्रक्रिया के दौरान भी अधिकांश लोगों को एनेस्थीसिया की आवश्यकता नहीं होती है।

कोलोनोस्कोपी या फ्लेक्सिबल सिग्मोइडोस्कोपी (Colonoscopy or flexible sigmoidoscopy): यदि पाइल्स के लक्षण किसी अन्य पाचन तंत्र की बीमारी का संकेत दे रहे हैं, तो डॉक्टर कोलोनोस्कोपी या फ्लेक्सिबल सिग्मोइडोस्कोपी की सलाह दे सकते हैं। गुदा कैंसर और बवासीर के लक्षण काफी मिलते-जुलते हैं, इसलिए यह परीक्षण आवश्यक हो जाते हैं।

मेडिकल इतिहास – Medical history

डॉक्टर आपसे आपका मेडिकल डाटा देने को कह सकता है। आप क्या खाते हैं? कितनी बार शौचालय जाते हैं? रेचक का उपयोग करते हैं या नहीं? और इन दिनों आप कौन सी दवाइयां ले रहे हैं? समेत अन्‍य सवाल पूछ सकते हैं। इसके बाद डॉक्टर पाइल्स के लक्षणों को विस्तार से बताने को कहेंगे, जैसे:

  • ब्लीडिंग होती है या नहीं?
  • मल त्याग के दौरान दर्द होता है या नहीं?
  • मल त्याग के दौरान मस्से गुदा के बाहर निकलते हैं या हमेशा बाहर निकले रहते हैं?
  • उठते-बैठते दर्द होता है या नहीं?
  • मल कठोर रहता है या मुलायम?

इस तरह के प्रश्नों से रोगी के लक्षणों की गंभीरता को समझा जा सकता है और बवासीर का ग्रेड पता लगाने में आसानी होती है।

बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय क्या है?

बवासीर में गुदा क्षेत्र की नसों में सूजन के कारण मस्सों का निर्माण हो जाता है। ये मस्से सूजे हुए प्रतीत होते हैं, जिनमें रक्त अथवा पस भरा होता है। समय के साथ मस्सों का आकार बढ़ता है या यूं कहें कि बवासीर के ग्रेड में निरंतर वृद्धि होती रहती है। बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय में गर्म पानी से स्नान, बर्फ से मस्सों की सिकाई, मस्सों पर नरियल के तेल का लेप लगाना, विच हेजल का इस्तेमाल और डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाईयां शामिल हैं। हालांकि यह उपाय बवासीर के लक्षणों की गंभीरता और मरीज की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करती है।

कई लोग बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने के लिए घरेलू उपचार आजमाते हैं, उनमें से कुछ लोगों में (ग्रेड 1 या उससे निचले स्तर का बवासीर होने पर) बवासीर के लक्षणों में कमी दिखाई देती है। लेकिन कुछ लोगों को घरेलू उपायों से बिल्कुल भी लाभ नहीं होता है। कारण स्पष्ट है, घरेलू नुस्खे मस्से को हमेशा के लिए खत्म नहीं कर सकते हैं। बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने के लिए सर्जिकल ट्रीटमेंट सबसे उत्तम विकल्प है।

बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने के उपाय

बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने के उपाय नीचे दिए जा रहे हैं:

  • सिट्ज बाथ: बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने में सिट्ज बाथ बेहद कारगर है। इसके लिए एक बाथ टब में हल्का गर्म पानी भरकर उसके अंदर बैठना होता है। इस प्रक्रिया को हफ्ते में दो-तीन उपयोग करने से बवासीर के मस्से सूखने लगते हैं।
  • ठंडी सेक या बर्फ से सिकाई: बवासीर के मस्से को सुखाने के लिए बर्फ का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए मरीज को बर्फ की थैली को बवासीर के मस्सों पर रखकर सिकाई करने की आवश्यकता होती है। इससे बवासीर के मस्से सूखने लगते हैं और मरीज को दर्द से राहत मिलती है।
  • नारियल का तेल: बवासीर के मस्सों पर नारियल का तेल लगाने से राहत मिलती है। नारियल एक प्राकृतिक मॉइस्चराइजर है। इसे बवासीर के मस्सों पर लगाने से जलन और सूजन कम हो सकती है।
  • एलोवेरा: एलोवेरा में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो बवासीर के मस्सों के कारण होने वाली सूजन से राहत मिलती है। एलोवेरा को लगातार गुदा क्षेत्र में लगाने से सूजन और जलन से राहत मिलती है।

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बवासीर (पाइल्स) का इलाज - Bawaseer ka Ilaj

बवासीर (Bawaseer) लाइलाज नहीं है। बवासीर (Piles) का इलाज संभव है। बस जरूरत होती है सही समय पर इसकी पहचान कर डॉक्टर से सलाह लेने की। बवासीर के कुछ मामले बिगड़ जाने पर यानी बवासीर को अधिक समय हो जाने पर डॉक्टर इसका आपरेशन करने की सलाह देते हैं। इसलिए बवासीर के लक्षण को पहचान कर जितना जल्दी बवासीर का इलाज (bavasir ka ilaaj) करा लिया जाए उतना ही बेहतर होता है।

  • दवा के जरिए भी बवासीर का इलाज (bawaseer ka ilaj) किया जा सकता है, लेकिन तभी तक जब तक बवासीर प्रथम चरण या दूसरे चरण में हो। बवासीर के दूसरे स्टेज तक होने पर ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ती। अगर मस्से थोड़े बड़े है तो उनको रबर बैंड लीगेशन का प्रयोग करते हुए जड़ पर एक या दो रबर बैंड बांध दिया जाता है। इससे खून बहना रुक जाता है और एक या दो सप्ताह बाद बवासीर का मस्सा सूख कर समाप्त हो जाता है। (इस विधि का प्रयोग हमेशा डॉक्टर के सलाह से ही करना चाहिए)
  • मस्सा अगर बड़ा हो गया है और बाकी सभी piles treatment के उपाय असफल हो चुके हैं तो डॉक्टर हेमरॉयडेक्टमी का तरीका अपनाते हैं। यह प्रक्रिया ऑपरेशन कहलाती है। इसमें अंदर या बाहर के मस्से को काटकर बाहर निकाल दिया जाता है।

नीचे कुछ सर्जरी के बारे में बताया गया है, जिन्हे अक्सर खूनी बवासीर के इलाज के तौर पर देखा जाता है। 

ओपन हेमरॉयडेक्टमी

यह बवासीर ऑपरेशन करने की सबसे पुरानी प्रक्रिया है। इसमें रोगी को जनरल एनेस्थीसिया का डोज दिया जाता है और बवासीर के मस्सों को काटकर अलग किया जाता है। कट करने के लिए डॉक्टर सर्जिकल कैंची का प्रयोग करते हैं। उपचार के बाद डॉक्टर बवासीर के स्थिति के अनुसार जख्म को बंद कर देते हैं या खुला छोड़ देते हैं। 

लेजर सर्जरी

इसे लेजर हेमरॉयडेक्टमी भी कहते हैं। मस्सों को नष्ट करने के लिए लेजर किरण का उपयोग होता है। रोगी को एनेस्थीसिया के प्रभाव में रहना पड़ता है, इसी दौरान डॉक्टर एक निश्चित फ्रीक्वेंसी की लेजर बीम को बवासीर के मस्सों पर छोड़ते हैं और आधे घंटा के भीतर बवासीर से छुटकारा मिल जाता है। यह कम समय में होने वाली एक दर्द रहित और एडवांस प्रक्रिया है, जिसमें कोई रक्तस्त्राव नहीं होता है और गुदा क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निशान नहीं बनते हैं। 

रबर बैंड लिगेशन

यह उपचार बवासीर के रक्तस्राव को रोकने और रक्त प्रवाह को रोककर बवासीर के मस्सों को खत्म करने के लिए किया जाता है। इसमें बवासीर के बेस में रबर बैंड बांध दिया जाता है, जिससे मस्सों तक रक्त परिसंचरण नहीं होने के कारण वह सूख जाते हैं और गुदा से अलग हो जाते हैं। यह आंतरिक बवासीर के लिए अति उपयोगी होते हैं, लेकिन इस इलाज का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव यह है कि बवासीर फिर से आपको परेशान कर सकता है। 

कोएगुलेशन थेरेपी

इन्फ्रारेड फोटोकोआगुलेशन (जिसे कोएगुलेशन थेरेपी भी कहा जाता है) एक चिकित्सा प्रक्रिया है, जिसका उपयोग छोटे और मध्यम आकार के बवासीर के इलाज के लिए किया जाता है। यह उपचार केवल आंतरिक बवासीर के लिए है। प्रक्रिया के दौरान सर्जन एक उपकरण का प्रयोग करते हैं, इससे इन्फ्रारेड लाइट की एक तेज किरण निकलती है। इन्फ्रारेड लाइट से स्कार टिश्यू का निर्माण हो जाता है और बवासीर तक होने वाले खून की सप्लाई बंद हो जाती है। बवासीर खत्म हो जाता है, लेकिन इस प्रक्रिया के बाद गुदा नली के पास में एक दाग बन जाता है।

स्क्लेरोथेरेपी

बवासीर के उपचार के इस प्रक्रिया में डॉक्टर इंजेक्शन की मदद से एक केमिकल को आंतरिक बवासीर के मस्सों पर लगाते हैं। इंजेक्शन लगाने के बाद मस्से सूखने लगते हैं और पूरी तरह से सूख जाते हैं। हालांकि, यह सिर्फ आंतरिक बवासीर के लिए अधिक प्रभावी होता है और रोग के दोबारा होने की संभावना बहुत अधिक होती है।

स्टेप्लिंग हेमरॉयडेक्टमी

इसमें एक स्टेप्लिंग उपकरण का उपयोग करके बवासीर के मस्से को स्टेपल कर दिया जाता है, यह बवासीर के ओपन सर्जरी की तुलना में कम दर्दनाक और सुरक्षित होता है। स्टेपल करने के बाद मस्सों तक खून की सप्लाई बंद हो जाने के कारण उनका आकार धीरे-धीरे कम हो जाता है और पाइल्स से राहत मिल जाती है।

हालांकि, इसके बाद भी बवासीर होने के संभावना बनी रहती है। यह आमतौर पर आंतरिक बवासीर को ठीक करने के लिए की जाती है।

पाइल्स लेजर सर्जरी क्यों है बेहतर उपचार? - Piles Laser Surgery in Hindi

लेजर हेमरॉयडेक्टमी बवासीर का इलाज करने की एक नई तकनीक है। यह तकनीक बवासीर का उपचार करने वाली अन्य तकनीक की तुलना में बहुत एडवांस है, आइये जानते हैं कि बवासीर के लिए लेजर हेमरॉयडेक्टमी क्यों एक बेहतर उपचार है-

  • पाइल्स की लेजर सर्जरी में रिकवरी बहुत जल्दी होती है। 
  • लेजर सर्जरी में सिर्फ 10 मिनट से आधा घंटा का समय लगता है और मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ती है। 
  • लेजर सर्जरी की खासियत है कि इसमें कम दर्द होता है। 
  • लेजर सर्जरी के बाद अगले दिन से ही सामान्य काम (चलना-फिरना, चाय बनाना, ऑफिस जाना आदि) करने की इजाजत होती है। 
  • बवासीर की लेजर सर्जरी में कोई दाग नहीं बनता है, यह सर्जरी दाग रहित होती है। 
  • लेजर सर्जरी करवाने से पाइल्स दोबारा नहीं होता है।

लेकिन समय पर इसका इलाज न होने पर कुछ जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे – Complication of Bleeding Hemorrhoids in Hindi

  • इंफेक्शन हो सकता है।
  • अधिक रक्तस्राव के कारण एनीमिया हो सकता है।
  • रक्त के थक्के बन सकते हैं।
  • रोगी के शरीर में कमजोरी आ जाती है।

बवासीर की लेजर सर्जरी कैसे की जाती है? – How did Piles laser surgery performed?

बवासीर की लेजर सर्जरी करने की कई विधियां हैं, ग्रेड के अनुसार किसी एक विधि का चयन किया जाता है।  इसका उपचार करने के लिए पारंपरिक सर्जरी भी उपलब्ध है, जिसमें बवासीर के मस्से को काटकर अलग कर दिया जाता है। लेकिन उपचार के दौरान बहुत अधिक खून बहता है और रोगी को दर्द का सामना करना पड़ता है। पारंपरिक तरीके से की जाने वाली सर्जरी के बाद रूटीन लाइफ में आने में बहुत वक्त लगता है और बहुत चीजों से परहेज भी करना पड़ता है।

ऐसी होती है बवासीर की सर्जरी की प्रक्रिया – पाइल्स का इलाज हिंदी

बवासीर से प्रभावित टिश्यू पर लेजर बीम डाली जाती है, जिससे टिश्यू सिकुड़ जाती है और बवासीर से छुटकारा मिल जाता है। इसमें कोई रक्तस्त्राव नहीं होता है। जख्म बड़ा न होने की वजह से रोगी दो दिन बाद ही अपने काम पर जा सकता है और एक से दो सप्ताह के अंदर पूरी तरह से रिकवर हो जाता है।

बवासीर की लेजर सर्जरी करने में दस मिनट से आधा घंटा तक का समय लगता है। बवासीर के ग्रेड 4 में भी लेजर सर्जरी की जाती है, इसमें सर्जरी लेजर मशीन को कटिंग मोड़ में रखकर की जाती है। इसमें किसी तरह के टांके लगाए नहीं जाते हैं, जिससे किसी तरह टिश्यू के फटने और अस्पताल में ज्यादा समय भर्ती रहने जैसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। 

Piles laser surgery करने के लिए पहले कुछ जांच की जाती है, जिसमें ब्लड और यूरिन टेस्ट आम तौर पर किया जाता है। सर्जरी करने से पहले मरीज को एनेस्थीसिया देकर गुदा के आस-पास के क्षेत्र को सुन्न किया जाता है।

बवासीर की लेजर ऑपरेशन और ओपन सर्जरी में अंतर

ओपन हेमरॉयडेक्टमी लेजर हेमरॉयडेक्टमी
बवासीर के इलाज की पुरानी सर्जिकल प्रक्रिया बवासीर के इलाज की नवीनतम सर्जिकल प्रक्रिया
इलाज के दौरान बड़ा चीरा लगाया जाता है इलाज के दौरान चीरा नहीं लगाया जाता है
ऑपरेशन के दौरान खून बहता है कोई रक्तस्त्राव नहीं
रिकवरी में असहजता और दर्द रिकवरी आसानी से हो जाती है और दर्द भी कम होता है
कई घंटे की प्रक्रिया आधा घंटा की प्रक्रिया
ऑपरेशन के दौरान जनरल एनेस्थीसिया का उपयोग लोकल एनेस्थीसिया का प्रयोग
ऑपरेशन के बाद इन्फेक्शन का खतरा अधिक इन्फेक्शन की संभावना बहुत कम

 

सर्जरी के बाद प्रिस्टीन केयर द्वारा दी जाने वाली निःशुल्क सेवाएँ

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बवासीर लेजर ऑपरेशन के बाद ठीक होने में कितना समय लगता है?

बवासीर के ऑपरेशन के बाद ठीक होने की प्रक्रिया अलग-अलग व्यक्तियों के लिए अलग-अलग होती है। बवासीर लेजर ऑपरेशन के बाद  पूरी तरह ठीक होने में 30 से 45 दिन लग सकते हैं।

नीचे बताई गई चीज़ों का ध्यान रखना ज़रूरी है अगर आप बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करना चाहते है:

  • सबसे पहले, ध्यान रहे कि आप ऑपरेशन की जगह को साफ रखें ताकि आप संक्रमण से बच सकें।
  • हल्के गर्म पानी से स्नान करें। इससे आपको राहत महसूस होगी।
  • भारी वजन उठाने से बचें क्योंकि इससे ऑपरेशन वाली जगह पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
  • ऐसा भोजन करें जो पौष्टिक हो और जो फाइबर से भरपूर हो। तेल और तीखा खाना खाने से परहेज करें।
  • यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप हाइड्रेटेड हैं, हर दिन कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पिएं।
  • अपने मल त्याग के दौरान ज़ोर ना लगाएं।

अगर आपको मल त्याग करने में कठिनाई आ रही है, तो मल सॉफ्टनर का इस्तेमाल करें लेकिन सिर्फ डॉक्टर से परामर्श करने के बाद।

बड़ी बवासीर का इलाज - Badi Bawaseer ka Ilaj

बड़ी बवासीर (badi bawaseer) –  इस स्थिति में बवासीर का आकार बढ़ जाता है। बवासीर के इस ग्रेड में ऑपरेशन ही एकमात्र इलाज होता है। इलाज से पहले इस स्थिति का निदान एक बेहद ही आवश्यक स्थिति होती है। बड़ी बवासीर के लक्षण बहुत ज्यादा कष्टदायक होते हैं और जैसे ही इसका निदान होता है, डॉक्टर इस स्थिति का इलाज जल्द से जल्द करने को कहते हैं। बड़ी बवासीर के लक्षण इस प्रकार है – 

  • मलाशय से खून बहना बडी बवासीर का एक सामान्य लक्षण है
  • अप्रिय बेचैनी के साथ खुजली, चोट या बैठते समय दर्द महसूस होना
  • बवासीर का गुदा क्षेत्र से बाहर आना

यदि आप बड़ी बवासीर का इलाज (badi bawaseer ka ilaj) कराना चाहते हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से अपने लक्षणों के बारे में बात करें और उनके सुझावों का पालन करें। 

बवासीर ऑपरेशन के लिए खुद को कैसे करें तैयार? - bawaseer ka ilaj

बवासीर के ऑपरेशन की तैयारी करते समय आपके डॉक्टर द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का पालन करना ज़रूरी है ताकि यह तय हो पाए की आपके ठीक होने की प्रक्रिया सही दिशा में है।

  • अगर आपको किसी दवा से एलर्जी है तो अपने डॉक्टर को पहले से बता दें।
  • ऑपरेशन से एक रात पहले ज़्यादा भोजन करने से बचें।
  • ऑपरेशन से एक हफ्ते पहले शराब पीने और धूम्रपान करने से बचें।
  • ऑपरेशन के दिन हल्का भोजन करें। भारी खानपान से बचें जो फैट और कार्ब्स में ज़्यादा होते हैं।
  • इस बात का विशेष ध्यान रखें कि ऑपरेशन के बाद घर वापस जाते समय आपके साथ आपके परिवार का कोई एक सदस्य जरूर हो क्योंकि ऑपरेशन के दौरान दी गई एनेस्थेसिया का प्रभाव ऑपरेशन के बाद कुछ घंटों तक रह सकता हैं और इससे आपको चक्कर आने या गिरने का भी खतरा रहता|

पाइल्स (बवासीर) के प्रकार और उसके उपचार - पाइल्स का इलाज हिंदी

पाइल्स (बवासीर) के प्रकार और उसके उपचार:-

अंदरूनी बवासीर (Internal Hemorrhoids)

इस तरह के बवासीर गुदा यानि एनल के अंदरूनी हिस्‍से में होते है। यह मलाशय के अंदर विकसित होता है। कभी-कभी ये दिखाई नहीं देते क्‍योंकि ये गुदा में काफी अंदर पाए जाते हैं। इस प्रकार के बवासीर कोई गंभीर समस्‍या नहीं है और खानपान में बदलाव करने और स्टूल सॉफ्टनर लगाने से ये बवासीर समय के साथ धीरे-धीरे ठीक हो जाते हैं। 

बाहरी बवासीर (External Hemorrhoids)

बाहरी बवासीर में मस्से गुदा की बाहरी जगह पर होते है। यह ठीक उसी सहत पर होते हैं जहां से मलत्‍याग किया जाता हैं। कभी-कभी ये देरी से दिखाई देते हैं लेकिन कई बार यह गुदा की सहत पर गांठ के रूप में देखें जा सकते हैं। शुरूआती समय में इसमें ज्‍यादा तकलीफ नहीं होती, लेकिन यही गांठ बढ़ने के साथ समस्‍या भी बढ़ जाती है। 

प्रोलेप्‍सड बवासीर (Prolapsed Hemorrhoids)

जब अंदरूनी बवासीर में सूजन आ जाती है और वह गुदा के बाहर की तरफ निकलने लगता है तो इस स्थिति को प्रोलेप्‍सड बवासीर कहा जाता है। इसमें एक गांठ, जिसमें सूजन होती है वह बाहर निकली हुई गांठ की तरह दिखाई देती है। ये बहुत गंभीर स्तिथि है और इसमें दर्द भी काफी ज़्यादा होता है। इसके इलाज के लिए सर्जरी करवाना और दवाइयां लेना ज़रूरी है।

खूनी बवासीर (Bleeding Hemorrhoids)

खूनी बवासीर की समस्या बवासीर के सभी प्रकारों में से सबसे ज़्यादा गंभीर समस्या है। क्‍योंकि बवासीर में से खून निकलने के चलते व्‍यक्ति कमजोर हो जाता है। इस स्थिति में बहुत दर्द और सूजन होने लगती हैं जो आपकी जीवनशैली को प्रभावित करती हैं। मलत्‍याग के दौरान अगर खून निकल रहा है तो इसका उपचार करवाना ज़रूरी है और इस तरह के बवासीर के लिए ऑपरेशन ही एक मात्र इलाज है।  

बाहरी बवासीर का इलाज, आंतरिक बवासीर के जैसा ही होता है। उपचार के लिए ये तरीके अपनाएं:

  • आहार में बदलाव करें 
  • घरेलू उपचार अपनाएं 
  • दवाएं लें 
  • ऑपरेशन करवाएं 

बवासीर के लक्षण, कारण और मस्से सुखाने के उपाय - Symptoms & Causes of Piles in Hindi

पाइल्स (Bawaseer) के लक्षण – Symptoms of Piles in Hindi

यदि आपको नीचे बताए गए पाइल्स के लक्षण दिखते हैं, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है। 

  • गुदा में खुजली या जलन का होना।
  • गुदा में दर्द शुरू हो जाना।
  • एनस के आसपास गांठ जैसा महसूस होना।
  • मल असंयम, रोगी का मल किसी भी वक्त लीक हो जाता है क्योंकि उसका उस पर कोई नियंत्रण नहीं होता।
  • मल त्याग करने में दर्द होना और एनस (गुदा) से खून आना।

पाइल्स (Bavasir) के कारण – Causes of Piles in Hindi

  • पेट में लम्बे समय तक कब्ज बने रहना।
  • नियमित रूप से शौच न जाना।
  • एक ही पोजीशन में लंबे समय तक बैठे रहना।
  • लंबे समय तक खड़े रहना।
  • पेट ठीक तरीके से साफ न होना।
  • शौच करते समय अत्यधिक जोर लगाना।
  • टॉयलेट पर काफी समय तक बैठे रहना।
  • परिवार में किसी को पाइल्स है तो आपको भी हो सकता है। 
  • डायरिया की समस्या से पीड़ित होना।
  • भोजन में पोषक तत्वों की कमी होना।
  • अधिकतर मसालेदार भोजन खाना।
  • अधिक दवा खाने से भी बवासीर संभव है।
  • अधिक वजन होना।
  • महिलाओं में प्रसव के समय बवासीर होने का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि इससे ऐनस एरिया में अधिक दबाव पड़ता है।

बवासीर का इलाज के ज्यादातर पूछे जाने वाले प्रश्न

बवासीर की लेजर ऑपरेशन और ओपन ऑपरेशन का खर्च?

बवासीर की लेजर सर्जरी का खर्च 55,000 से 65,000 के बीच आता है। हालांकि ये खर्चा ओपन सर्जरी से ज़्यादा होता है क्योंकि ये एक आधुनिक सर्जरी है जिसकी वजह से मरीज को दर्द नहीं होता और बवासीर के वापस आने की संभावनाएं बहुत कम हो जाती हैं।

क्या बवासीर का 100% इलाज संभव है?

हां, बवासीर का शत-प्रतिशत इलाज किया जा सकता है। बवासीर के इलाज की कई एडवांस तकनीक है जो बवासीर के लक्षणों और रोगी की गंभीरता निर्भर करती है। इनकी मदद से पाइल्स का सफल इलाज किया जा सकता है। लेकिन रोगी को बवासीर का 100% इलाज प्राप्त करने के लिए सर्जिकल ट्रीटमेंट के साथ डॉक्टर द्वारा व्यवस्थित जीवनशैली से संबंधित दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना भी बेहद जरूरी होता है। इसमें उचित परहेज, नियमित व सुरक्षित खानपान की आदतें, नशीले पदार्थों से दूरी और सर्जरी के बाद डॉक्टर से फॉलोअप अपॉइंटमेंट प्राप्त करना शामिल है।

पाइल्स की लेजर सर्जरी कौन करवा सकता है और कौन नहीं?

सबसे पहले मरीज को पाइल्स है या नहीं, इसकी जांच की जाती है। डॉक्टर मरीज से पाइल्स के लक्षण जानने के बाद एनस में gloved और lubricated उंगली डाल कर गुदा की जांच करते हैं। अगर डॉक्टर को गुदा की स्थिति असामान्य लगती है, तो वह sigmoidoscopy टेस्ट करने का सुझाव दे सकते हैं। अगर इन टेस्ट में पाइल्स होने की पुष्टि होती है तो डॉक्टर पाइल्स की स्टेज के अनुसार सर्जरी करने का सुझाव देते हैं। कई लोगों को किसी दूसरे कारणों से भी स्टूल पास करते समय खून आता है, अगर यह पाइल्स न हो तो डॉक्टर दूसरा इलाज बताते हैं।

बवासीर की लेजर सर्जरी में रिकवरी टाइम?

पाइल्स की लेजर सर्जरी (Piles laser surgery) के बाद रिकवर होने में बहुत कम समय लगता है। पाइल्स की लेजर सर्जरी में रिकवरी बहुत जल्दी होती है। अलेजर सर्जरी में सिर्फ 10 मिनट से आधा घंटा का समय लगता है और मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ती है। लेजर सर्जरी की खासियत है कि इसमें कम दर्द होता है। लेजर सर्जरी के बाद अगले दिन से ही सामान्य काम (चलना-फिरना, चाय बनाना, ऑफिस जाना आदि) करने की इजाजत होती है। बवासीर की लेजर सर्जरी में कोई दाग नहीं बनता है, ये सर्जरी दाग रहित होती है। लेजर सर्जरी करवाने से पाइल्स दोबारा नहीं होता है।

खूनी बवासीर का रामबाण इलाज?

सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि खूनी बवासीर का रामबाण इलाज सिर्फ लेजर ऑपरेशन है। लेकिन कुछ एहतियात बरतने के लिए कुछ नियमों का पालन करना चाहिए जैसे – 

  • मिर्च नहीं खाना चाहिए, इससे जख्म फिर से सक्रिय हो जाता है। 
  • किसी भी तरह का धूम्रपान न करें। 
  • फ़ास्ट फूड से रहे दूर
  • बाहर का खाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि बाहर के खाने में नमक, मिर्च और साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है जबकि घरों में खाना सफाई से बनाया जाता है।
  • घी और तेल से करना चाहिए परहेज
  • राजमा और दूसरी दालें जैसे मसूर आदि खाने से परहेज करना चाहिए।

बवासीर के मस्से सुखाने का देसी इलाज

दवा के जरिए भी बवासीर (पाइल्स) का इलाज किया जा सकता है, लेकिन तभी तक जब तक बवासीर प्रथम चरण या दूसरे चरण में हो। अगर मस्से थोड़े बड़े हो जाए तो इलाज के लिए सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है। 

बवासीर की पुष्टि हो जाने के बाद आपको कुछ सावधानियां बरतनी होती है, जैसे – 

  1. सिट्ज बाथ – गरम पानी से किया गया सिट्ज़ बाथ बवासीर के दर्द, जलन और सूजन को कम करता है, यह इन्फेक्शन कम करने में भी मदद करेगा। 
  2. विच हेजल –  विच हेजल को सीधा बाहरी बवासीर पर लगाकर मस्सों को सिकोड़ने में मदद मिल सकती है। 
  3. नारियल का तेल – नारियल का तेल मस्सों के जलन, दर्द और सूजन को कम करेगा और प्रभावित क्षेत्र के खुजली को भी कम करेगा, इससे मस्से धीरे-धीरे सूखने लगेंगे।
  4. एलोवेरा – एलोवेरा में सूजनरोधी गुण हैं जो बवासीर का उपचार करने में एक अहम भूमिका निभाते हैं। आप इसे दो तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं।
  5. आइस पैक – बवासीर के मस्सों पर आइस पैक लगाने से दर्द, जलन, और सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है। 
  6. पानी पीना – पानी की मात्रा में कमी होने पर शरीर में कई तरह के बदलाव देखे जा सकते हैं। कम पानी पीना कब्ज जैसे कष्टदायक बीमारी को जन्म दे सकता है। 
  7. फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ – फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से पाचन क्रिया अच्छी होती है और कब्ज नहीं होता है। 
  8. ढीले कपड़े पहने – ढीले कपड़े पहनने से गुदा क्षेत्र में दबाव कम होगा और मस्सों को हील होने में कोई अड़चन नहीं होगी। 

क्या बवासीर के देसी इलाज हमेशा उपयोगी होते हैं?

घरेलू नुस्खे और देसी उपचार सदियों से ही प्रचलन में रहे हैं, लेकिन कई बार ये बवासीर को ठीक कर पाने में सक्षम नहीं होते हैं। जब बवासीर का ग्रेड तीन या तीन से अधिक होता है, तो इसे घरेलू नुस्खे से ठीक कर पाना मुश्किल होता है और ऐसी परिस्थिति में ऑपरेशन एक आखरी जरिया होता है

अगर पाइल्स (बवासीर) का समय पर इलाज नहीं किया जाए तो क्या होगा?

  • बवासीर और गंभीर हो सकता है: बवासीर की समस्या कितनी बड़ी या छोटी है इसे ग्रेड्स में बांट कर समझा जा सकता है। अगर आपकी समस्या पहले ग्रेड और दूसरे ग्रेड की है और इसे आप अभी तक नज़र अंदाज करते जा रहे हैं तो यह तीसरे ग्रेड या चौथे ग्रेड तक पहुंच सकती है। तीसरे और चौथे ग्रेड में बवासीर में खून का सप्लाई रुक जाता है जिससे बवासीर में खून जमा हो जाता है। इसे थ्रोंबोसिस कहते हैं। इस स्थिति में तेज़ दर्द होता है और यह आगे जाकर गैंग्रीन जैसी समस्या का कारण बन सकता है। अगर यह ग्रेड तीन या चार तक पहुंच जाएगा तो आपको बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
  • त्वचा में समस्या हो सकती है: एक थ्रोम्बोस्ड बवासीर में थक्का चले जाने के बाद, आपकी त्वचा थोड़ी ढीली हो सकती है, जिसे एनल टैग्स भी कहते हैं। यह असहज हो सकता है। नियमित मल त्याग और उस जगह को पोंछने से त्वचा पर जलन और दर्द हो सकता है।
  • खून की कमी हो सकती है: अगर बवासीर में से खून निकलता है, तो आपकी लाल रक्त कणिकाओं(सेल) की संख्या कम हो सकती है। अगर आपके गुदा से कोई खून बह रहा है, तो आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। यह बवासीर के अलावा कैंसर का संकेत भी हो सकता है।
  • एनीमिया होने का खतरा बढ़ेगा: अगर आप बवासीर का इलाज नहीं कराते हैं तो समस्या बढ़ने पर मल के साथ काफी खून निकल जाएगा जिससे शरीर में खून की कमी हो सकती है, जिसे एनीमिया कहते हैं। इसके चलते बाद में मरीजों को खून चढ़वाना पड़ता है।

पाइल्स(बवासीर) के इलाज के लिए डॉक्टर से जांच कराना कब ज़रूरी होता है?

अगर आपको नीचे दिए गए लक्षणों में से कोई भी पाइल्स के लक्षण दिखाई दें तो अपने डॉक्टर से जांच करवाएं:

  • मल त्याग करने के पहले, दौरान और बाद में अगर खून निकलता है।
  • अगर आपको दर्द या परेशानी हो रही है। 
  • दवाइयां और क्रीम असर नहीं कर रहे है।

पाइल्स(बवासीर) का सबसे अच्छा इलाज क्या है?

पाइल्स(बवासीर) का सबसे सुरक्षित और प्रभावी ढंग से इलाज करने के लिए लेजर  सर्जरी एक बेहतरीन इलाज हैं। यह प्रक्रिया चीरा और कट रहित प्रक्रिया है जो मरीजों को सर्जरी के बाद जल्द से जल्द ठीक होने में मदद करती है।

प्रेगनेंसी के दौरान बवासीर का इलाज क्या है?

प्रेगनेंसी में बवासीर का इलाज आपके बवासीर की गंभीरता पर निर्भर करता है। प्रोलैप्स्ड पाइल्स को हटाने के लिए सर्जिकल इलाज की ज़रूरत हो सकती है। इन्हें गर्भावस्था के किसी भी तिमाही के दौरान सुरक्षित रूप से हटाया जा सकता है। 

बवासीर होने के क्या-क्या कारण होते हैं?

  • कब्ज भी बवासीर का एक प्रमुख कारण है। कब्ज में मल सूखा एवं कठोर होता है, जिसकी वजह से व्यक्ति को मलत्याग करने में समस्या होती है। इस वजह से वहां की रक्त वाहिनियों पर जोर पड़ता है, और वह फूलकर लटक जाती है, जिन्हें मस्सा कहा जाता है।
  • अधिक तला एवं मिर्च-मसालेदार भोजन करना।
  • शौच ठीक से ना होना।
  • फाइबर से भरपूर भोजन का सेवन ना करना।
  • महिलाओं में प्रसव के दौरान गुदे की जगह पर दबाव पड़ने से बवासीर होने का खतरा रहता है।
  • शारीरिक गतिविधि कम करना।
  • धूम्रपान और शराब का सेवन।
  • डिप्रेशन से भी बवासीर हो सकता है।

क्या बवासीर अपने आप ठीक हो सकता है?

छोटे बवासीर घरेलू उपचार और दवाओं से अपने आप ठीक हो सकते है। हालांकि, बड़े बाहरी बवासीर के इलाज के लिए सर्जरी करवाना ज़रूरी होता है वे अपने आपसे ठीक नहीं होते हैं। 

बवासीर के लिए सर्जरी के अलावा क्या उपचार कर सकते हैं?

  • आहार में बदलाव करें: अपने आहार को सुधारकर आप बवासीर को ठीक कर सकते हैं। जैसे फाइबर वाले फल और सब्जियां खाना, भरपूर मात्रा में पानी पीना, जूस पीना। 
  • दवाईयां लें सकते हैं: डॉक्टर द्वारा बताई गई कुछ दवाइयों का इस्तेमाल करके आप अपनी इस समस्या को ठीक कर सकते हैं।
  • मल्हम और क्रीम लगाना: आपके डॉक्टर आपको बवासीर की जगह पर लगाने के लिए मल्हम और क्रीम देते हैं, जिससे आपको इस समस्या से आराम मिल सकता है।

आपका डॉक्टर ये तरीके भी अपना सकता है: 

  • रबर बैंड लिगेशन: आपके बवासीर को गिराने के लिए बवासीर के चारों ओर एक बैंड लगाया जाता है|
  • स्क्लेरोथेरेपी: आपके बवासीर को सिकोड़ने के लिए एक तरल इंजेक्ट किया जाता है।
  • इन्फ्रारेड लाइट: एक इन्फ्रारेड लाइट का इस्तेमाल आपके बवासीर में खून की आपूर्ति को कम करने के लिए किया जाता है ताकि बवासीर सिकुड़ सकें l

क्या बवासीर जड़ से खत्म हो सकता है?

बवासीर एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज लंबा चलता है। इसके मरीज को इलाज के दौरान अपने आहार और जीवनशैली में बदलाव करना पड़ता है। ऐसे में इसके जड़ से खत्म होने के बारे में कुछ भी कहा नहीं जा सकता है। हालांकि डॉक्टरों का मानना है कि यदि बवासीर का इलाज इसकी शुरुआती स्टेज में ही कर दिया जाए तो इसके दोबारा होने की संभावना कम हो जाती है। लेकिन डॉक्टर यह भी आशंका जताते हैं कि गंभीर जटिल स्थिति वाला बवासीर इलाज के बाद भी दोबारा हो सकता है। डॉक्टरों की मानें तो यह पूरी तरह से रोगी की जीवनशैली पर निर्भर करता है।

खूनी बवासीर का इलाज क्या है?

खूनी बवासीर का इलाज किया जा सकता है। हालांकि खूनी बवासीर इस रोग की सबसे गंभीर स्थिति है। खूनी बवासीर के रोगियों के गुदा क्षेत्र की नसें सूज जाती हैं जिससे मल त्यागते समय उन्हें ब्लीडिंग होती है। कई बार ब्लीडिंग इतनी ज्यादा हो जाती है कि मरीज एनीमिया जैसी बीमारी का शिकार हो जाता है। यही कारण है कि खूनी बवासीर के मरीजों को इलाज की तुरंत आवश्यकता होती है। खूनी बवासीर का इलाज करने के लिए डॉक्टर आमतौर पर सर्जिकल प्रक्रिया को ही चुनते हैं।

बवासीर जड़ से खत्म कैसे होता है?

बवासीर के जड़ से खत्म होने के कोई साक्ष्य अभी तक नहीं मिले हैं। लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि यदि मरीज बवासीर के इलाज के बाद एक बेहतर जीवन शैली अपनाए तो, बवासीर को एक लंबे समय तक दोबारा होने से रोका जा सकता है। बवासीर के मरीज को डॉक्टर आमतौर पर हाई फाइबर युक्त आहार करने की सलाह देते हैं। साथ ही हरी सब्जियों और फलों के साथ अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करने की सलाह भी दी जाती है।

बवासीर में मस्से क्यों होते हैं?

आमतौर पर बवासीर की समस्या कब्ज के कारण होती है। कब्ज की समस्या के कारण एनल एरिया में बवासीर के मस्से बनने लगते हैं। शुरुआती स्टेज में इन मस्सों में दर्द नहीं होता है लेकिन जब यह कब्ज की समस्या लगातार बनी रहती है तो इसके कारण मरीज को अधिक दर्द का सामना करना पड़ता है।

बवासीर के मस्सों को जड़ से खत्म कैसे करें?

बवासीर के मस्सों को दवाओं, घरेलू उपाय और सर्जिकल ट्रीटमेंट की मदद से जड़ से खत्म किया जा सकता है। हालांकि इसके इलाज की प्रक्रिया बवासीर के लक्षण, मरीज की स्थिति और मस्सों से प्रभावित गुदा क्षेत्र पर निर्भर करता है।

बवासीर ठीक करने का सबसे तेज तरीका क्या है?

बवासीर को तेजी से ठीक करने का तरीका लेजर सर्जरी है। पाइल्स के लेजर ट्रीटमेंट के दौरान मरीज को किसी भी प्रकार के कोई चारे या कट लगाने की आवश्कता नहीं होती है। पाइल्स की लेजर सर्जरी के बाद मरीज काफी तेजी से रिकवरी करता है और एक दो दिन के अंदर ही अपने दैनिक कार्यों में लौट आता है।

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Dr. Milind Joshi
25 Years Experience Overall
Last Updated : October 16, 2024

हमारे मरीजों की प्रतिक्रिया

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