थायरॉयड एक तितली के आकार की ग्रंथि होती है जो गर्दन के कॉलरबोन के ऊपर स्थित होती है। यह हार्मोन बनाता है जो चयापचय से जुड़े सभी कार्यों को नियंत्रित करता है। थायराइडेक्टॉमी एक प्रकार की सर्जरी होती है, जिसमें शरीर के थायरॉयड ग्रंथि के सभी या कुछ हिस्सों को हटा दिया जाता है। Pristyn Care में करवाएं आधुनिक थायराइडेक्टॉमी सर्जरी और पाएं लंबे समय तक राहत।
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थायराइडेक्टॉमी, गले में थायराइड की गांठ का इलाज की प्रक्रिया है, जिसमें गले में स्थित थायराइड ग्रंथि के पूरे संक्रमित हिस्से या कुछ हिस्सों को हटा दिया जाता है। जो गर्दन के ऊपर गले में स्थित होती है। थायराइड ग्रंथि हार्मोन बनाती है और मेटाबॉलिज्म से जुड़े सभी कार्यों को नियंत्रित करता है। थायराइड कैंसर, थायराइड में बढ़ोतरी (गण्डमाला), अतिसक्रिय थायराइड ग्रंथि, थायराइड नोड्यूल्स, आदि जैसे अलग-अलग प्रकार के थायराइड रोग के लिए थायरॉइडेक्टॉमी सुरक्षित सर्जिकल उपचार है।
जबकि थायराइड के इलाज के दौरान दवाइयाँ का सेवन भी किया जाता है, लेकिन जब दवाइयों के सेवन से मरीज को आराम नहीं मिलता तो ऐसी स्थिति में थायरॉइडेक्टॉमी सर्जरी करवाना आवश्यक हो जाता है। अगर थायराइड ग्रंथि पर गांठें या कैंसर की बढ़ोतरी होती है और मरीज को दवाइयों से राहत नहीं मिल रही है, तो ऐसे में थायराइडेक्टॉमी सर्जरी करवानी चाहिए|
• बीमारी का नाम
थाइरॉइडाइटिस
• सर्जरी का नाम
थायराइडेक्टोमी
• अवधि
1 - 2 घंटे
• सर्जन
ENT विशेषज्ञ
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थायराइडेक्टॉमी से पहले की जाने वाली नैदानिक प्रक्रियाएं हैं:
सर्जरी के बाद मरीज की गर्दन में नाली बन जाएगी। यह नाली आमतौर पर सर्जरी के बाद सुबह हटा दी जाती है। सर्जरी के 1-2 दिनों के भीतर मरीजों को छुट्टी दे दी जाती है। मरीजों को नर्व में खराश होने के कारण सर्जरी के बाद अस्थायी रूप से कर्कश / कमजोर आवाज के साथ गर्दन में अकड़न हो सकती है, लेकिन यह परेशानी आमतौर पर कुछ दिनों के अंदर अपने आप ठीक हो जाती है।
आप 5 से 6 दिनों के अंदर-अंदर काम पर वापस जा सकते हैं लेकिन किसी भी आक्रामक गतिविधि को करने से पहले आपको कम से कम 10-14 दिन इंतजार करना चाहिए। एंडोस्कोपिक और पारंपरिक सर्जरी के मामले में, गर्दन पर एक छोटा सर्जिकल निशान होगा जिसे मिटने में कम से कम 8-10 महीने लग सकते हैं।
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एंडोस्कोपिक थायरॉयडेक्टॉमी का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह मिनिमल इनवेसिव सर्जरी है और इसलिए, थायरॉयड ग्रंथि के आसपास के टिशू को बहुत कम नुक्सान पहुंचता है। यह एक सुरक्षित और सटीक सर्जरी है जिसमें केवल थायरॉयड ग्रंथि के प्रभावित हिस्से को हटा दिया जाता है और बाकी को आसानी से सुरक्षित रखा जा सकता है। चूंकि इस सर्जरी में बहुत कम सर्जिकल दिक्कतें होती है इसलिए रिकवरी जल्द होती है, मरीज बहुत तेजी से ठीक हो जाते हैं, और सर्जरी के बाद की जटिलताओं की संभावना बहुत कम होती है।
एंडोस्कोपिक थायराइडेक्टॉमी का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह न्यूनतम इनवेसिव है और इसलिए, थायराइड ग्रंथि के आसपास के टिशू को बहुत कम नुक्सान पहुंचता है। यह एक सुरक्षित और सटीक सर्जरी है जिसमें केवल थायराइड ग्रंथि के प्रभावित हिस्से को हटा दिया जाता है और बाकी को आसानी से सुरक्षित रखा जा सकता है। चूंकि इस सर्जरी में बहुत कम सर्जिकल दिक्कतें होती है इसलिए रिकवरी जल्द होती है, और सर्जरी के बाद की जटिलताओं की संभावना बहुत कम होती है।
थायराइडेक्टॉमी के बाद थकान या कमजोरी महसूस करने पर आराम करें। सर्जरी की रिवकरी जल्द से जल्द हो इसके लिए जरूरी है की आप अच्छी नींद लें। बेड पर लेटने के दौरान दो से तीन तकिए को गर्दन के नीचे रखें, ताकि आपकी गर्दन आपके शरीर से ऊपर की तरफ रहे।
हर दिन थोड़ा चलने का प्रयास करें। हर दिन थोड़ी-थोड़ी दूर तक चलें। दूरी हर दिन थोड़ी-थोड़ी बढ़ाते रहें। चलने से आपके ब्लड फ्लो के स्तर में सुधार आएगा और यह आपको निमोनिया और कब्ज से भी सुरक्षित रखेगा।
सर्जरी के बाद या जब तक आपके डॉक्टर निर्देश ना दें या कम से कम तीन हफ्ते तक भारी शारीरिक गतिविधियों और भारी वस्तुओं को ना उठाएं।
सर्जरी के बाद कम से कम दो हफ्ते तक अपनी गर्दन को ज़्यादा इधर-उधर घुमाएं नहीं।
ड्राइविंग करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
नहाने के दौरान इसका ख्याल रखें की आपकी गर्दन सूखी ही रहे। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर की सलाह लें।
अगर खाना निगलने में तकलीफ हो रही हो, तो लिक्विड, आइस पॉप और आइसक्रीम खा सकते हैं। इसके अलावा, नरम पदार्थ जैसे हलवा, दही, पके हुए फल और मैश किए हुए आलू को खाने में शामिल कर सकते हैं। कुरकरी या कठोर खाद्य पदार्थ खाने से बचें। इसके अलावा, संतरे या टमाटर के रस जैसे खट्टी चीज़ें भी ना खाएं। इससे आपके गले को नुकसान पहुंच सकता है।
अगर पानी पीने के बाद खांसी आती है, तो अधिक से अधिक तरल पदार्थ पीने की कोशिश करें।
आपको अपनी दवाएं कब-कब लेनी चाहिए इसके बारे में आपने डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।
अगर आप खून को पतला करने वाली दवाएं जैसे, वार्फरिन (कौमेडिन), क्लोपिडोग्रेल (प्लाविक्स) या एस्परिन लेते हैं तो इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। क्योंकि, यह आपके स्वास्थ्य को बिगाड़ सकते हैं।
थायराइडेक्टॉमी कई प्रकार की होती हैं, जिनके बारे में हम आगे बात करेंगे:
– इस प्रक्रिया में, सर्जन गर्दन के बीच में छोटा-सा चीरा लगता है।
– इस प्रक्रिया से थायरॉइड ग्रंथि तक सीधे पहुंचा जा सकता है।
– इसके बाद जरूरत के हिसाब से ग्रंथि का पूरा या कुछ हिस्सा निकाल दिया जाता है। सर्जन कोशिश करता है कि पैराथायरायड को नुकसान ना पहुंचे क्योंकि यह थायराइड ग्रंथि से जुड़ा होता है।
– थायराइड कैंसर के इलाज में लिम्फ ग्रंथियों को भी हटा दिया जाता है।
– थायराइड ग्रंथि को हटाने के बाद, सर्जन टांके का इस्तेमाल करके चीरा बंद कर देता है।
– इस प्रक्रिया में गर्दन में छोटे चीरे लगाए जाते हैं।
– इन चीरों के माध्यम से कुछ सर्जिकल उपकरण और एक छोर पर एक कैमरा के साथ एक एंडोस्कोप डाला जाएगा।
– कैमरा थायराइड ग्रंथि को हटाने के दौरान सर्जन को रास्ता दिखायेगा।
– सर्जरी के बाद, टांके का इस्तेमाल करके सभी चीरों को बंद कर दिया जाता है।
– इस प्रक्रिया में, बगल की जगह में एक चीरा लगाया जाता है।
– सर्जरी एक कंसोल की मदद से की जाती है जिसमें एक कैमरा और विशेष उपकरण होते हैं।
– थायराइड ग्रंथि का एक हिस्सा या फिर पूरी ग्रंथि को हटा दीया जाता है।
– इसके बाद टांके की मदद से चीरा बंद कर दिया जाता है।
– यह प्रक्रिया सर्जन द्वारा लैप्रोस्कोपी के द्वारा की जाती है।
– इस विधि में, होंठ के निचले हिस्से में तीन या चार चीरों के माध्यम से एक कैमरा और सर्जिकल उपकरण डाला जाएगा।
– कैमरे की मदद से बिना कोई सर्जिकल निशान छोड़े थायराइड को हटा दिया जाएगा।
– इस थायराइडेक्टॉमी प्रक्रिया को पूरा होने में आमतौर पर 3 से 4 घंटे लगते हैं।
थायरॉयड स्टॉर्म आमतौर पर अनुचित तरीके से प्रबंधित थायरोटॉक्सिकोसिस के कारण होता है। यह कुल थायरॉयडेक्टॉमी के बाद शायद ही कभी होता है और एंटीथायरॉयड दवाओं (एटीडी) के साथ पहले से ही उपचार द्वारा आसानी से रोका जा सकता है।
नहीं, सामान्य रूप से, यहां तक कि कुल थायरॉयडेक्टॉमी में, मरीज में स्थायी हाइपोपैराथायरायडिज्म और हाइपोकैल्सीमिया को रोकने के लिए कम से कम एक पैराथायरायड ग्रंथि को रखा जाता है।
एक थायरॉयडेक्टॉमी में लगभग 45 मिनट से 3 घंटे लग सकते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि क्या एक या दोनों लोब को हटाया जाना है। यह स्थिति की गंभीरता और प्रकार पर भी निर्भर करता है, उदाहरण के लिए, सौम्य नोड्यूल्स को आसानी से हटाया जा सकता है लेकिन कैंसर के विकास के लिए, थायरॉयड से जुड़े लिम्फ नोड्स को भी हटाना होगा।
थायराइडेक्टॉमी एनेस्थीसिया के तहत किया जाता है और यह बिल्कुल भी दर्दनाक नहीं होती है। चीरे पर दर्द कम से कम होता है और मरीजों को आमतौर पर सर्जरी के बाद असुविधा को मैनेज करने के लिए केवल हल्के दर्द निवारक की दवा की ज़रूरत होती है।
थायराइड की समस्याओं के कई कारण हैं, जैसे कि ऑटोइम्यून थायराइड प्रॉब्लम्स या लो टी3 सिंड्रोम और जब आपका शरीर निष्क्रिय टी4 हार्मोन को सक्रिय, प्रयोग करने योग्य T3 रूप में परिवर्तित नहीं कर रहा है। तनाव हर तरह से आपके साथ खिलवाड़ कर सकता है और थायराइड फंक्शन बिगड़ने के सबसे बड़े कारणों में से एक है।
थायराइड का सामान्य स्तर 0.4 – 4.0 mIU/L के बीच होती है। यदि आपका TSH का स्तर 2.0 से ज्यादा है, तो अंडरएक्टिव थायरॉइड यानी हाइपोथायरॉडिज्म बढ़ने का खतरा है। इसमें आपको वजन बढ़ने, थकान, अवसाद और नाखूनों के टूटने जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है। जबकि TSH का कम स्तर ओवरएक्टिव थायरॉइड की निशानी है।
हाइपर थायरॉइड से पीड़ित हैं तो थायरॉइड हार्मोंस बढ़ाने वाले फूड्स को बिल्कुल ना खाएं। दूध, डेयरी प्रोडक्ट, पनीर, आयोडीन युक्त नमक को नहीं खाना चाहिए। साथ ही साथ मछली और अंडे की जर्दी से भी परहेज करना चाहिए। जिससे कि थायरॉइड बढ़ने पर खानपान के जरिए उसे कंट्रोल किया जा सके।
थायराइड हार्मोन की कमी के कारण महिला और पुरुषों दोनों की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है. थायराइड हार्मोन में कमी के कारण व्यक्ति में चिड़चिड़ापन, थकान, वजन कम या ज्यादा होने लगता है. इससे कई तरह की बीमारियां होती है| थायराइड में गड़बड़ियों की वजह से गले में सूजन या गला मोटा होने लगता है|
गले में थायरॉइड की समस्या होने पर गर्दन में सूजन या गांठ आने जैसे लक्षण दिख सकते हैं. थायरॉइड की समस्या होने पर ये लक्षण भी दिख सकते हैं:
पारंपरिक थायरॉयडेक्टॉमी
- इस प्रक्रिया में, सर्जन गर्दन के बीच में एक चीरा बनाता है। - इस प्रक्रिया से थायरॉइड ग्रंथि तक सीधे पहुंचा जा सकता है। - इसके बाद जरूरत के हिसाब से ग्रंथि का पूरा या कुछ हिस्सा निकाल दिया जाता है। सर्जन कोशिश करता है कि पैराथायरायड को नुकसान ना पहुंचे क्योंकि यह थायरॉयड ग्रंथि से जुड़ा होता है। - थायराइड कैंसर के इलाज में लिम्फ ग्रंथियों को भी हटा दिया जाता है। - थायरॉयड ग्रंथि को हटाने के बाद, सर्जन टांके का इस्तेमाल करके चीरा बंद कर देता है।
एंडोस्कोपिक थायरॉयडेक्टॉमी
- इस प्रक्रिया में गर्दन में छोटे चीरे लगाए जाते हैं। - इन चीरों के माध्यम से कुछ सर्जिकल उपकरण और एक छोर पर एक कैमरा के साथ एक एंडोस्कोप डाला जाएगा। - कैमरा थायरॉयड ग्रंथि को हटाने के दौरान सर्जन को रास्ता दिखायेगा। - सर्जरी के बाद, टांके का इस्तेमाल करके सभी चीरों को बंद कर दिया जाता है।
रोबोटिक सर्जरी
- इस प्रक्रिया में, बगल की जगह में एक चीरा लगाया जाता है। - सर्जरी एक कंसोल की मदद से की जाती है जिसमें एक कैमरा और विशेष उपकरण होते हैं। - थायरॉयड ग्रंथि का एक हिस्सा या फिर पूरी ग्रंथि को हटा दीया जाता है। - इसके बाद टांके की मदद से चीरा बंद कर दिया जाता है।
स्कारलेस थायरॉयडेक्टॉमी
- यह प्रक्रिया सर्जन द्वारा लैप्रोस्कोपी के द्वारा की जाती है। - इस विधि में, होंठ के निचले हिस्से में तीन या चार चीरों के माध्यम से एक कैमरा और सर्जिकल उपकरण डाला जाएगा। - कैमरे की मदद से बिना कोई सर्जिकल निशान छोड़े थायरॉयड को हटा दिया जाएगा। - इस थायरॉयडेक्टॉमी प्रक्रिया को पूरा होने में आमतौर पर 3 से 4 घंटे लगते हैं।
Gaurav Khanna
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