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जब शरीर के दो अंगों के बीच असामान्य जोड़ आ जाता है तो ऐसी स्थिति फिस्टुला कहलाती है। फिस्टुला ज्यादातर गुदा क्षेत्र में होता है, इसे एनल फिस्टुला या भगंदर कहते हैं।
परीक्षण-
गुदा क्षेत्र को देखकर भगंदर का पता लगाया जाएगा। अगर डॉक्टर अपनी आँखों से देखकर भगंदर का परीक्षण नहीं कर पाते हैं तो वे एनोस्कोपी कर सकते हैं। इसके अलावा विस्तृत जानकारी के लिए एमआरआई या सीटी स्कैन कराया जा सकता है।
प्रक्रिया
वैसे तो भगंदर का इलाज करने की कई तरीके हैं। लेकिन, Pristyn Care में भगंदर का दर्द रहित इलाज किया जाता है। इसलिए, हम लेजर की मदद से भगंदर की सर्जरी करते हैं। इस प्रक्रिया में लेजर किरणों की मदद से भगन्दर को नष्ट कर दिया जाता है। प्रक्रिया के बाद त्वचा में कोई निशान नहीं बनता है। ओपन सर्जरी के मुकाबले लेजर की मदद से भगंदर का इलाज करने के कई फायदे होते हैं-
गलत खान-पान के कारण भारत की अधिकतर जनसंख्या एनल फिस्टुला जैसी दर्दनाक स्थिति से जूझ रही है। भगंदर के कारणों में पुरानी कब्ज का सबसे बड़ा हाथ है।
वैसे तो एनल फिस्टुला का इलाज के लिए कई तरह के घरेलू नुस्खे बताए जाते हैं, लेकिन, इनकी मदद से सिर्फ भगंदर के दर्द और जख्म को कम किया जा सकता है। भगंदर से हमेशा के लिए राहत पाना चाहते हैं तो सर्जरी ही एक अंतिम विकल्प बचता है।
फिस्टुलोटोमी (Fistulotomy) – भगंदर की इस सर्जरी में भगन्दर वाले ट्यूब को काट दिया जाता है। इससे ट्यूब सूख जाती है। इस प्रक्रिया से इलाज करवाने से स्फिंकटर मसल्स को नुकसान पहुँच सकता है, जिससे मल त्याग के दौरान मल पर नियंत्रण खत्म हो जाता है।
फिस्ट्युलेक्टमी (Fistulectomy) – भगंदर का इलाज करने की इस प्रक्रिया में पूरे भगंदर को ही शरीर से अलग कर दिया जाता है। लेकिन, इस प्रक्रिया से इलाज कराने पर रोगी को ठीक होने में 6 हफ्ते तक का समय लग सकता है। इसके अलावा मल में कोई नियंत्रण नहीं रहता है।
लेजर सर्जरी (Laser Surgery) – फिस्टुला का सबसे सफल और उत्तम इलाज लेजर ट्रीटमेंट ही है। इसके जरिए इलाज करने में आधा घंटा से भी कम समय लगता है और रोगी 24 घंटे के भीतर अपनी सामान्य जीवनशैली में वापिस आ जाता है।
यदि अव्यवस्थित खानपान पर लगाम लगा दिया जाए तो शरीर में होने वाले कई तरह के रोगों की संख्या बहुत कम हो जाएगी। भगंदर से बचाव करने के कई तरीके हैं।
भगंदर के जख्म को भरने के लिए या दर्द को कम करने के लिए घरेलू नुस्खे इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन, भगंदर की दर्दनाक स्थिति से हमेशा के लिए उबरने के लिए लेजर सर्जरी एक अच्छा आप्शन है।
अगर फिस्टुला का स्टेज 1 से अधिक नहीं है तो उसे डाइट में सुधार करके ठीक किया जा सकता है। लेकिन, अधिक स्टेज का फिस्टुला होने पर सर्जरी के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
फिस्टुला की लेजर सर्जरी में आधा घंटा से भी कम का समय लगता है वहीं, लेजर सर्जरी के बाद रिकवर होने में बहुत कम समय लगता है। ओपन सर्जरी के बाद पूरी तरह स्वस्थ होने में महीने भर का वक्त लग जाता है।
फिस्टुला का इलाज नहीं कराने पर या घरेलू नुस्खों की मदद से ठीक करने की कोशिश से, इसके दोबारा होने की संभावना बहुत अधिक होती है।
फिस्टुला की लेजर सर्जरी के बाद रोगी को 17-18 घंटे के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। छुट्टी मिलने के बाद रोगी अपनी सामान्य जीवनशैली में लौट आता है। लेकिन, एक ही जगह पर लगातार बैठने से बचे।