मिथक – भारत में गर्भपात अवैध है।
तथ्य – नहीं, भारत में गर्भपात अवैध नहीं है। 4 दशक पहले तक गर्भपात को अपराध की श्रेणी में रखा जाता था। MTP Act, 1971 के तहत अब 20 सप्ताह तक के गर्भ का समापन संभव है।
मिथक – भारत में गर्भपात सिर्फ शादीशुदा महिलाओं के लिए वैध है।
तथ्य – MTP Act, 1971 में 2021 में संशोधन हुआ है, जिसके तहत वैवाहिक एवं गैर-वैवाहिक दोनों महिलाएं गर्भपात करवा सकती हैं।
मिथक – गर्भपात के लिए पति की सहमति की आवश्यकता होती है।
तथ्य – नहीं, जिसका गर्भपात होना है, सिर्फ उसकी सहमति से अबॉर्शन हो सकता है। पहले 20 सप्ताह तक आप गर्भपात अपनी मर्जी से करवा सकती हैं। आपके पति की सहमति किसी भी स्थिति में मायने नहीं रखती है। लेकिन आपकी उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
मिथक – भारत में सिर्फ 20 सप्ताह तक के गर्भ का समापन होता है।
तथ्य – सामान्य तौर पर यह मिथक नहीं है। कुछ मामलों में यह समय अवधि बढ़ जाती है। कानून के अनुसार, यदि महिलाएं किसी दुष्कर्म या यौन शोषण जैसे बालात्कार के कारण गर्भ धारण करती हैं, तो महिलाएं 24 सप्ताह तक के गर्भ का समापन करवा सकती हैं।
मिथक – अबॉर्शन सुरक्षित नहीं है।
तथ्य – यह पूर्ण रूप से मिथक है। यदि सुरक्षित एवं लाइसेंस प्राप्त क्लीनिकों में लाइसेंस प्राप्त विशेषज्ञ से गर्भपात की प्रक्रिया करवाई जाती है, तो यह एक सुरक्षित प्रक्रिया बन जाती है। अबॉर्शन सुरक्षित तब नहीं होता है, जब इस प्रक्रिया को घर में या फिर किसी असुरक्षित स्थान पर किया जाता है।
मिथक – गर्भपात की प्रक्रिया एक लंबी प्रक्रिया है।
तथ्य – नहीं, गर्भपात की प्रक्रिया में अधिकतम 60 मिनट लगते हैं। कई मामलों में देखा गया है कि गर्भपात के बाद आप उसी दिन अपने घर जा सकते हैं।
मिथक – अबॉर्शन के कारण निशान बन जाते हैं।
तथ्य – नहीं, गर्भपात के कारण किसी भी प्रकार के निशान नहीं बनते हैं। इस प्रक्रिया में कोई भी चीरा नहीं लगाया जाता है और न ही इसमें कोई निशान रहता है।
मिथक – गर्भपात के बाद भविष्य में गर्भधारण करने में समस्या होती है।
तथ्य – यदि प्रक्रिया को प्रशिक्षित स्त्री रोग विशेषज्ञ करती हैं, तो इससे महिला को अन्य जटिलताएं नहीं होती है। आप अगले ही माह गर्भ धारण करने के लिए तैयार हो सकती हैं।
मिथक – कोई भी स्त्री रोग विशेषज्ञ अबॉर्शन कर सकती है।
तथ्य – नहीं, लाइसेंस प्राप्त ओबी-स्त्री रोग विशेषज्ञ गर्भपात प्रक्रिया को कर सकती हैं।