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Aesthetics and Plastic Surgeon
कार्पल टनल सिंड्रोम को माध्यिका तंत्रिका संपीड़न के नाम से भी जाना जाता है। यह हाथ को प्रभावित करने वाली एक बीमारी है। इससे पीड़ित होने पर मरीज को हाथ या कलाई में झुनझुनी, सुन्नता या कमजोरी होती है। माध्यिका तंत्रिका आपके हाथ की हथेली में स्थित होता है जिसे कार्पल टनल के रूप में भी जाना जाता है। माध्यिका तंत्रिका अँगूठे, तर्जनी और रिंग फिंगर के कुछ हिस्सों को संवेदना प्रदान करने काम करता है। कार्पल टनल सिंड्रोम आपके किसी भी हाथों में हो सकता है। कार्पल टनल एक पतली नली है जो हड्डियों और कलाई की कोशिकाओं से बनी होती है। कार्पल टनल सिंड्रोम कोई गंभीर बीमारी नहीं है, लेकिन समय पर इसका उचित जांच और इलाज आवश्यक है।
किसी भी बीमारी का इलाज करने से पहले उसका निदान किया जाता है तथा उसकी गंभीरता को देखा जाता है। कार्पल टनल सिंड्रोम के साथ भी यही प्रक्रिया लागू होती है। इस समस्या का निदान करने के लिए डॉक्टर ढ़ेरों तरीकों का इस्तेमाल करते हैं जिसके बारे में नीचे बताया गया है।
कार्पल टनल सिंड्रोम उपचार करने के ढेरों तरीके मौजूद हैं जिनकी मदद से आप अपनी बीमारी से बहुत ही आसानी से छुटकारा पा सकते हैं।
नॉनस्टेरॉयड एंटी-इंफलेमेटेरी ड्रग्स- कार्पल टनल सिंड्रोम का इलाज करने के लिए ढेरों दवाएं medicine for carpal tunnel relief मौजूद हैं। इबूप्रोफेन की मदद से इस बीमारी को बहुत ही आसानी से दूर किया जा सकता है।
कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स – कार्पल टनल सिंड्रोम के कारण उत्पन्न दर्द को कम करने के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स जैसे कोर्टीसोन को कार्पल टनल में इंजेक्ट किया जाता है। यह उस सूजन को भी कम करने में मदद करता है जो मीडियन नर्व पर दबाव से राहत देने में मदद करता है। सर्जरी के बिना कार्पल टनल उपचार संभव है।
ओपन सर्जरी के दौरान डॉक्टर कार्पल टनल के ऊपर आपकी हथेली पर एक कट लगाते हैं और नर्व को मुक्त यानी फ्री करने के लिए लिगामेंट को काट देते हैं। इस सर्जिकल प्रक्रिया के दौरान लोकल अनेस्थिसिया का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक दिन की सर्जिकल प्रक्रिया है, सर्जरी खत्म होने के कुछ घंटों के बाद आपको हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है।
एंडोस्कोपिक सर्जरी के दौरान डॉक्टर आपकी हथेली और कलाई पर एक छोटा सा कट लगाते हैं और फिर उस कट के जरिए एक पतली ट्यूब को कलाई के अंदर डालते हैं जिसकी एक छोर पर एक कैमरा लगा होता है। कैमरे की मदद से डॉक्टर आपके लिगामेंट और टेंडम का निरीक्षण करते हैं। मरीज की उम्र, लक्षणों की अवधि और चोट की गंभीरता जैसे कारण सर्जरी की सफलता या विफलता को काफी हद तक निर्धारित करते हैं।
ओपन सर्जरी की तुलना में एंडोस्कोपिक सर्जरी को बेहतर माध्यम माना जाता है। अगर दवा का इस्तेमाल करने के बाद भी आपके हाथों का दर्द ठीक नहीं हुआ है तो डॉक्टर से परामर्श करने के बाद आप एंडोस्कोपिक सर्जरी का चुनाव कर सकते हैं।
अगर आप अपने शहर के टॉप रेटेड क्लिनिक में कार्पल टनल सिंड्रोम का बेहतर इलाज पाना चाहते हैं तो प्रिस्टीन केयर से संपर्क कर सकते हैं। हमारे क्लिनिक में आर्थ्रोस्कोपी तकनीक से कार्पल टनल सिंड्रोम का इलाज किया जाता है। यह एक मॉडर्न और एडवांस सर्जिकल प्रक्रिया है जिससे आपकी बीमारी को बहुत ही आसानी से ठीक किया जा सकता है।
हमारे क्लिनिक में कार्पल टनल सिंड्रोम की आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी को एक अनुभवी, कुशल और विश्वसनीय हड्डी रोग विशेषज्ञ के द्वारा पूरा किया जाता है। हम कार्पल टनल की कॉस्ट इफेक्टिव सर्जरी करने के साथ-साथ मरीजों को ढेरों सुविधाएं भी प्रदान करते हैं।
हमारी सुविधाओं में सर्जरी वाले दिन फ्री कैब फैसिलिटी (सर्जरी से पहले मरीज को घर से क्लिनिक लाना और सर्जरी खत्म होने के बाद क्लिनिक से वापस घर छोड़ना), सभी जांचों पर 30% तक की छूट और सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक डॉक्टर के साथ फ्री फॉलो-अप्स मीटिंग आदि शामिल हैं।
इतना ही नहीं, हमारे क्लिनिक में सभी इंश्योरेंस को कवर किया जाता है। आप 100% इंश्योरेंस भी क्लेम कर सकते हैं। अगर आप बिना किसी परेशानी का सामना किए कम से कम समय और खर्च में कार्पल टनल सिंड्रोम का बेस्ट इलाज पाना चाहते हैं तो हमसे अभी संपर्क कर सकते हैं।
जो लोग एक हाथ से लगातार लंबे समय तक काम करते हैं उन्हें कार्पल टनल सिंड्रोम हो सकती है। आमतौर पर यह बीमारी उन लोगों में सबसे अधिक पाई जाती है जिनके पेशे में कलाई को मोड़ने के साथ साथ पिचिंग या ग्रिपिंग करने की आवश्यकता होती है। विशेषज्ञ का कहना है की पुरुषों की तुलना में महिलाओं को इस बीमारी का खतरा तिगुना ज्यादा होता है। महिलाओं में कार्पल टनल सिंड्रोम की समस्या प्रेगनेंसी, मेनोपॉज और वजन बढ़ने यानी की मोटापा के कारण होती है।
इस बीमारी से प्रभावित होने का खतरा सबसे अधिक कंप्यूटर पर काम करने वाले, कारपेंटर, मजदूर, संगीतकार, मैकेनिक, बागवानी में काम करने वाले, सिलाई करने वाले, सुई का इस्तेमाल करते हुए कई घंटों तक काम करने वाले, गोल्फ खेलने और नाव चलाने वालों को होता है। कार्पल टनल सिंड्रोम कुछ बीमारियों से संबंधित होता है जिसमें थायरॉइड, डायबिटीज और आर्थराइटिस आदि शामिल हैं।
दूसरी बीमारियों की तरह कार्पल टनल सिंड्रोम के भी कुछ लक्षण होते हैं जिनकी मदद से आपको इस बात का अंदाजा लग सकता है कि आप इस बीमारी से पीड़ित हैं। यह बीमारी सबसे पहले तर्जनी (इंडेक्स) या मध्यम (मिडिल) फिंगर को प्रभावित करती है, जिसके कारण आपको इन उंगलियों में जलन महसूस हो सकती है। धीरे-धीरे यह जलन से दर्द में बदलने लगता है और फिर यह दर्द उंगलियों से कलाई और कंधों तक पहुंच जाता है।
दिन की तुलना में यह समस्या रात में आपको अधिक परेशान करती है जिसके कारण आपकी नींद बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है। किसी भी सामान को उठाते समय आपको परेशानी हो सकती है। साथ ही, हाथों में कमजोरी, झनझनाहट, सुन्नता और दर्द भी महसूस कर सकते हैं। अगर आप ऊपर बताए गए लक्षणों में से किसी भी लक्षण को खुद में अनुभव करते हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर इसका उचित जांच और इलाज कराना चाहिए।
कार्पल टनल का इलाज कई तरह से किया जा सकता है, लेकिन एंडोस्कोपिक सर्जरी को इसका बेस्ट इलाज माना जाता है। एंडोस्कोपिक सर्जरी एक संक्षिप्त, सुरक्षित, बहुत ही आसान और सफल प्रक्रिया है। इस सर्जरी के दौरान ऑर्थोपेडिक सर्जन मरीज की हथेली के उस लिगामेंट को काट देते हैं जिससे कार्पल टनल पर दबाव पड़ रहा था।
लिगामेंट को काटने के बाद कार्पल टनल पर पड़ रहा दबाव खत्म हो जाता है। इस सर्जरी के दौरान मरीज को जरा भी दर्द या दूसरी किसी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। अगर आप कार्पल टनल सिंड्रोम से परेशान हैं और इसका बेस्ट इलाज चाहते हैं तो एक अनुभवी और कुशल ऑर्थोपेडिक सर्जन से परामर्श करने के बाद एंडोस्कोपिक सर्जरी का चुनाव करें।