मोतियाबिंद-के-ऑपरेशन-के-बाद-क्या-करें-और-क्या-न-करें

सभी आंख के ऑपरेशन में मोतियाबिंद का ऑपरेशन सबसे सामान्य ऑपरेशन है। ऑपरेशन खत्म होने के बाद उसकी देखभाल करना एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। ऑपरेशन के बाद आपको कुछ चीजों का खास ख्याल रखना होगा कि आपको ऐसा क्या करना चाहिए या क्या नहीं करना चाहिए जिससे आप जल्द से जल्द रिकवर होने लगे। 

मोतियाबिंद किन कारणों से होता है?

मोतियाबिंद कोई रोग नहीं है। यह एक स्वास्थ्य स्थिति है जो अक्सर बढ़ती उम्र के साथ आ जाती है। सामान्य शब्दों में उम्र के साथ आपके आंखों के लेंस में बदलाव आने को मोतियाबिंद कहते हैं। आंख में प्राकृतिक लेंस होता है, जो आपको हर चीज स्पष्टता से देखने में मदद करता है। समय के साथ उम्र बढ़ने के कारण यह धुंधला होता जाता है। जैसे-जैसे लेंस अधिक से अधिक अपारदर्शी होता जाता है, रोगी की दृष्टि कमजोर होती जाती है।

  • परमाणु मोतियाबिंद एक सामान्य मोतियाबिंद है। यह आंखों के लेंस के केंद्र में बनता है, जिसके कारण व्यक्ति की दृष्टि धीरे-धीरे कम होती जाती है। 
  • कॉर्टिकल मोतियाबिंद आमतौर पर तीली के जैसे अपारदर्शिता होते हैं जो लेंस के किनारे से शुरू होते हैं और इसके केंद्र की ओर बढ़ते हैं। 
  • जन्मजात मोतियाबिंद आंख का एक जन्मजात विकार है। जन्मजात मोतियाबिंद में शिशु को साफ देखने में परेशानी होती है।
  • चोट से उत्पन्न मोतियाबिंद लेंस पर कहीं भी बन सकता है और अक्सर फूल की पंखुड़ी या “रोजेट” के आकार में विकसित होता है।
  • पॉस्टीरियर सबकैप्स्यूलर मोतियाबिंद लेंस के पीछे की केंद्रीय सतह पर विकसित होते हैं। इस प्रकार के मोतियाबिंद दूसरों की तुलना में अधिक तेजी से विकसित होते हैं। 

मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद की सावधानियां

दवाएं

मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद आई ड्रॉप एक अहम भूमिका निभाता है। मुख्य रूप से तीन तरह की आई ड्रॉप नेत्र रोग विशेषज्ञ अपने मरीजों को देते हैं। इन आई ड्रॉप्स को इस बात का ध्यान रखते हुए आंखों में डालना चाहिए कि बोतल की नोक किसी चीज को न छुए। बोतलें बिल्कुल नई होनी चाहिए और पुरानी बोतलों का प्रयोग कभी नहीं करना चाहिए।

  • आंख की सामान्य दवाएं: मोतियाबिंद ऑपरेशन एक सामान्य ऑपरेशन ही है जिसमें शरीर में हल्के कट लगते हैं। इसलिए ऑपरेशन के बाद शरीर को पूर्ण रूप से रिकवर होने में समय लगता है। कुछ दवाएं होती हैं जो ऑपरेशन के बाद रिकवरी में एक अहम भूमिका निभाती है। 
  • एंटीबायोटिक दवाएं – मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद संक्रमण का खतरा लगातार बना रहता है। इससे बचने के लिए विशेषज्ञ एंटीबायोटिक दवाओं का सुझाव दे सकते हैं। दो सप्ताह के लिए एंटीबायोटिक आई ड्रॉप डालने का सुझाव दिया जा सकता है। 
  • ग्लूकोमा आई ड्रॉप – ग्लूकोमा एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आंखों का दबाव बढ़ जाता है। कई बार मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद आंख के अंदर दबाव बढ़ सकता है। इस दबाव के बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं जैसे – सूजन, आंख में अवशिष्ट विस्कोएलास्टिक। कई बार आंख में प्रयोग होने वाली दवाओं से ग्लूकोमा होने का खतरा भी लगातार बना रहता है। 

मोतियाबिंद सर्जरी के बाद स्वच्छता बनाए रखें

  • ऑपरेशन के दस दिनों तक नहाने से दूरी बनाएं। यदि आप नहाना चाहते हैं तो अपने सर को घीला न होनें दें। 
  • आंखों को छूने, खुजली करने या रगड़ने से परहेज करें।
  • आंख में दवा डालने के बाद आंख या उसके आस पास जो अतिरिक्त दवा गिरती है, उसे साफ कर लेना चाहिए। इसके लिए साफ कपड़े का प्रयोग करें। 
  • ऑपरेशन के कुछ दिनों तक घर से बाहर निकलने की सलाह नहीं दी जाती है। धूल और सूक्ष्म कणों के कारण आपके आंखों में समस्या उत्पन्न हो सकती है। यदि आप बाहर जाते भी हैं तो ऑपरेशन वाले क्षेत्र को कवर कर लें। 

मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद धुंधला क्यों दिखता है?

मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद रोगी उसी शाम ठीक से देख पाने में सक्षम हो पाता है। कभी कभी वह अगले दिन ठीक से देख पाता है। हालांकि, मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद कुछ स्थितियों में धुंधली दृष्टि हो सकती है।

मोतियाबिंद जितना जटिल होगा, ऑपरेशन के बाद उतनी ही अधिक सूजन रहेगी और रोगी अन्य नेत्र संबंधित समस्या का सामना करेगा। यह सूजन धुंधली दृष्टि का कारण बन सकता है। कभी-कभी इस सूजन को ठीक होने में कुछ दिन लग सकते हैं। कई बार, इस सूजन को पूरी तरह से ठीक होने में 3-4 सप्ताह तक का समय लग सकता है।

रेटिनल एडिमा मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद धुंधली दृष्टि का मुख्य कारण हो सकता है। मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद आंख के पर्दे में भी सूजन हो सकती है, जिसके कारण रोगी को धुंधला नजर आ सकता है। इसका इलाज अन्य दवाओं से संभव है। 

आँखों में संक्रमण: यह मोतियाबिंद के ऑपरेशन की सबसे खतरनाक जटिलता है। यदि आप अपनी दृष्टि में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना करते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद सबसे ज्यादा डर संक्रमण का होता है। आंख बहुत ही नाजुक एवं छोटा अंग है। यदि किसी भी कारणवश आंख का पर्दा फट गया तो यह फिर से ठीक नहीं हो पाएगा। नेत्रों के संक्रमण का इलाज संभव है, लेकिन पूर्ण इलाज होना भी संभव नहीं है। कुछ मामलों में आंख की रोशनी खोने का जोखिम भी लगातार बना रहता है। कई बार संक्रमण फैल जाए तो आंख की पुतली भी निकालनी पड़ सकती है। इस संक्रमण को एंडोफ्थेलमिटिस के रूप में भी जाना जाता है।

मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद क्या करें?

कुछ दिनों के लिए ही सही लेकिन आपको निम्नलिखित चीजों को अपनाना चाहिए – 

  • टीवी और मोबाइल का प्रयोग कम से कम करें
  • सामान्य तौर पर कोई आहार प्रतिबंध नहीं होता है, लेकिन ऐसे पदार्थ खाएं जिसे चबाना मुश्लिक न हो। 
  • लोगों से मिलें और उनसे बात करें
  • अपने सिर को घुमाते समय थोड़ा सावधान रहें

मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद क्या न करें?

इन आदतों से दूरी बनाने से आपको बहुत लाभ होगा – 

  • झुकना नहीं चाहिए
  • तनाव से दूरी बनाएं
  • भारी वजन न उठाएं
  • आंखों को न छुएं और न ही रगड़ें
  • ऑपरेशन के 8 दिन बाद तक आंख में पानी नहीं जाना चाहिए
  • कोई भारी व्यायाम न उठाएं
  • ऑपरेशन के बाद 8 दिनों तक सिर से न नहाएं