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प्रेगनेंसी नौ महीने या फिर यूँ कहें की 40 सप्ताह की एक खूबसूरत प्रक्रिया है जो यह एक महिला को मां बनने का सुख प्रदान करती है। इस नौ महीने के दौरान गर्भवती महिला के अंदर ढेरों बदलाव आते हैं। जैसे जैसे समय आगे बढ़ता है वह गर्भ में पल रहे शिशु से उतना ही ज्यादा जुड़ाव महसूस करती हैं और अपने शिशु को लेकर कई तरह के सपने संजोती हैं। इसी दौरान उनके मन में एक प्रश्न भी आता है की Pregnancy Calculator in Hindi इनकी डिलीवरी डेट क्या है या फिर इनका शिशु कौन से महीने में कब जन्म लेने वाला है। 

प्रेगनेंसी होने के बाद हर महिला के मन में यह प्रश्न कहीं न कहीं आता ही है की उनका नन्हा मेहमान इस दुनिया में कब आने वाला है। Pregnancy Calculator Hindi मतलब उनके प्रसव की संभावित तारीख या डिलीवरी डेट क्या है। डिलीवरी डेट का पता लगाना काफी आसान है और इसके लिए आपको ज्यादा परेशान होने की जरूरत भी नहीं है। आमतौर पर प्रसव की संभावित तारीख निकालने के लिए आपके पिछले मासिक धर्म के पहले दिन में 280 दिन या 40 सप्ताह जोड़ दिए जाते हैं। 

यहां आपको इस बात का ध्यान रखना है की आपके पीरियड्स और ओव्यूलेशन को प्रेगनेंसी के पहले दो सप्ताह के तौर पर गिना जाता है। इसलिए Pregnancy Calculator in Hindi अगर आपके शिशु का जन्म 40वें सप्ताह में बताई हुई तारीख पर होता है तो वह 40 सप्ताह का नहीं बल्कि 38 सप्ताह का होगा।    

डिलीवरी डेट क्या है 

जिस डेट पर आपके शिशु के जन्म की संभावना की जाता है उसे डिलीवरी डेट यानी की प्रसव की नियत तारीख कहा जाता है। Pregnancy Due Date Calculator in Hindi यह आपके गर्भधारण के पहले दिन से बिलकुल 38 सप्ताह के बाद की होती है। लेकिन कई बार आपकी शारीरिक परिस्थिति, शिशु के विकास या दूसरे कारणों की वजह से डॉक्टर आपकी डिलीवरी डेट में बदलाव भी कर सकते हैं। 

आपकी डिलीवरी डेट की मदद से डॉक्टर को काफी चीजों का फैसला करने में मदद मिलती है। इसमें डिलीवरी से पहले परीक्षण का समय तय करना, भ्रूण का अनुमान लगाना और सबसे खास, डिलीवरी की डेट निकल जाने पर क्या एक्शन लेना या नहीं लेना है आदि तय करना शामिल है। (और पढ़ें: नॉर्मल डिलीवरी के लिए क्या करें)

यहां इस बात का भी ध्यान रखना आवश्यक है की डिलीवरी डेट मात्र एक संभावित तारीख होती है। ऐसा जरूरी नहीं है की आपके शिशु का जन्म इसी तारीख को होगा। Pregnancy Calculator Hindi शिशु का जन्म डिलीवरी डेट से पहले या बाद में भी हो सकता है क्योंकि हर महिला की प्रेगनेंसी अलग अलग होती है और इसपर कोई नियम लागू नहीं होता है। 

कई बार शिशु का विकास डिलीवरी डेट को तय करता है। Pregnancy Due Date Calculator in Hindi शिशु के स्वस्थ और वजनदार होने की स्थिति में आपकी डिलीवरी डेट कुछ दिन पहले भी सकती है। खैर, जैसे जैसे आपकी प्रेगनेंसी का समय आगे बढ़ता है, डॉक्टर शिशु के विकास को अल्ट्रासाउंड के जरिए देखते रहते हैं ताकि आप या आपके शिशु को किसी तरह की कोई परेशानी होने से  पहले ही उसे रोका जा सके।          

डिलीवरी डेट कैसे पता करते हैं 

डिलीवरी डेट का अनुमान लगाने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। हर डॉक्टर अलग अलग विधियों के इस्तेमाल से इसका पता लगाते हैं। लेकिन कुछ विधियां कॉमन हैं जिनके बारे में हम नीचे बात कर रहे हैं। 

नैजेल का नियम

डिलीवरी डेट का पता लगाने के लिए नैजेल के नियम को काफी प्रभावशाली माना जाता है। यह नियम जर्मन की प्रसूति विशेषज्ञ फ्रांज कार्ल नैजेल के नाम पर रखा गया है। इस नियम के अनुसार, एक मासिक धर्म 28 दिनों के लिए होता है और प्रेगनेंसी 280 दिनों की होती है। Pregnancy Calculator in Hindi इसका मतलब यह हुआ की आपकी आखिरी मासिक धर्म के पहले दिन में 280 दिन यानी की नौ महीने और 7 दिन जोड़कर आपकी डिलीवरी डेट का अनुमान काफी आसानी से लगाया जा सकता है। 

लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है की अगर आपका मासिक धर्म छोटा है। जैसे की 27 दिन का तो आपको एक दिन कम जोड़ना होगा, यानी की 9 महीने और 6 दिन और अगर आपका मासिक चक्र लंबा है तो फिर आपको एक्स्ट्रा दिन जोड़ना पड़ेगा। इस विधि का इस्तेमाल करने समय अगर आपको किसी तरह की कोई दिक्कत आती है तो आप डॉक्टर से मिलकर उनकी मदद ले सकती हैं।  

प्रेगनेंसी व्हील 

प्रेगनेंसी व्हील को Pregnancy Due Date Calculator in Hindi एक गर्भ कैलकुलेटर के के रूप में भी जाना जाता है। यह डिलीवरी डेट का अनुमान लगाने का बेहतरीन तरीका है। ज्यादातर डॉक्टर इस विधि का इस्तेमाल करते हैं। अगर आपको अपनी प्रेगनेंसी व्हील के बारे में पता है तो आप इसकी मदद से बहुत ही आसानी से अपनी डिलीवरी डेट का पता लगा सकती हैं। प्रेगनेंसी व्हील एक छोटा सा कैलेंडर हैं जो आपके आखिरी मासिक धर्म (एलएमपी) की मदद से आपकी डिलीवरी डेट निर्धारित करने में मदद करता है। (और पढ़ें: प्रेगनेंट होने के आसान उपाय)

प्रेगनेंसी व्हील पर सबसे पहले आप अपनी आखिरी मासिक चक्र की तारीख का पता लगाती हैं। फिर जब आप उस स्थिति को इंडिकेटर से जोड़ती हैं तो व्हील आपकी डिलीवरी डेट को दिखाता है। लेकिन याद रखें की आपकी डिलीवरी डेट मात्र एक अनुमान है जो इस बात की ओर इशारा करती है की आपका शिशु इस तारीख को जन्म लेगा। यह निश्चित नहीं है की आप उसी दिन अपने शिशु को जन्म देंगी। क्योंकि ऐसा होने की संभावना वास्तव में काफी कम होती है।  

गर्भधारण की तारीख 

इस विधि को आखिरी मासिक धर्म विधि (एलएमपी) के नाम से भी जाना जाता है। इस प्रक्रिया की मदद से आपकी डिलीवरी डेट का अनुमान लगाने के लिए आपके गर्भधारण की तारीख का पता लगाया जाता है। इस विधि के अनुसार ज्यादातर महिलाओं का मासिक धर्म 28 दिनों का होता है और ओव्यूलेशन के प्रक्रिया 14वें दिन या फिर उसके आस पास होती है। 

डिलीवरी डेट का अनुमान लगाने के लिए इस विधि का इस्तेमाल करते समय उस तारीख में 40 सप्ताह जोड़े जाते हैं जिस तारीख को आपका आखिरी मासिक धर्म हुआ था। अब इस तारीख से आप डिलीवरी डेट की तारीख प्राप्त करने में दो सप्ताह का समय कम कर दें। क्योंकि यह ओव्यूलेशन का समय है जो आपकी आखिरी मासिक धर्म के बाद शुरुआती दो सप्ताह के अंदर है। (और पढ़ें: प्रेगनेंसी टेस्ट कब और कैसे करें?)

निष्कर्ष 

डिलीवरी डेट एक अनुमान है जिसके सच होने की संभावना 5% से भी कम होती है। लेकिन Pregnancy Calculator in Hindi इतना जरूर है की अनुमानित तारीख के आगे पीछे आप अपने शिशु को जन्म देती हैं। अपनी डिलीवरी डेट पर पूरी तरह से निर्भर होकर अपने या अपने शिशु के लिए प्लानिंग करने से बचना चाहिए। कई बार आपकी सेहत, शिशु के विकास या दूसरे कई कारणों की वजह से डॉक्टर आपकी डिलीवरी डेट को आवश्यकता के अनुसार घटाते या बढ़ाते हैं। (और पढ़ें: प्रेगनेंसी में अपन ख्याल कैसे रखें)

खैर, डिलीवरी डेट जब भी हो, प्रेगनेंसी के दौरान आपको खुद के साथ साथ अपने शिशु का ख्याल रखना चाहिए। डॉक्टर द्वारा बताई गई चीजों का पालन करना चाहिए। आपके शिशु की सेहत आपके सेहत पर निर्भर करती है इसलिए खुद को फ्रेश, एक्टिव और सेहतमंद रखने की कोशिश करें। रोजाना सुबह हल्का व्यायाम और योग करें, अपने डाइट में ड्राई फ्रूट्स, फल और हरी सब्जियों के साथ साथ दूसरी भी उन सभी चीजों को शामिल करें जो प्रेगनेंसी में फायदेमंद होती हैं। किसी तरह की कोई भी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें।   

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|