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प्रेगनेंसी की न्यूज कंफर्म होते ही आपकी जिंदगी खुशियों से भर जाती है। आपके दोस्त और परिवार वाले आपको शुभकामनाएं, दुवाएं और ग्रीटिंग्स देनी शुरू कर देते हैं। हर कोई आपको प्रेगनेंसी से संबंधित चीजों के बारे में बताना शुरू कर देते है। ऐसी स्थिति में कई बार आपको कन्फ्यूजन (Confusion) हो जाती है और आप कोई भी ऐसा कदम उठा सकती हैं जो आपके और आपके गर्भ में पल रहे शिशु के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसा खासकर आपके साथ तब होता है जब आप पहली बार प्रेगनेंट होती हैं क्योंकि उस समय आपको प्रेगनेंसी से संबंधित चीजों के बारे में ज्यादा और सही जानकारी नहीं होती है। इसलिए प्रेगनेंसी की शुरुआत में ही आपको इससे Sign of Pregnancy in Hindi संबंधित चीजों के बारे में सही से मालूम होनी जरूरी है। 

प्रेगनेंसी का पहला महीना (Pregnancy 1 Month Symptoms in Hindi) बहुत ही खास होता है। प्रेगनेंसी के शुरूआती चार सप्ताहों में आपके शरीर के अंदर ढेरों बदलाव आते हैं और (Period Ke Kitne Din Baad Pregnancy Hoti Hai in Hindi) प्रेगनेंसी के लक्षण दिखाई देते हैं। ये सभी लक्षण नार्मल (Normal) होते हैं जिससे आपको डरने या घबराने की जरूरत नहीं हैं। आज इस ब्लॉग में हम प्रेगनेंसी के पहले महीने, इसके दौरान आने वाले लक्षण, आपकी डाइट और कुछ सावधानियों पर चर्चा करेंगे। प्रेगनेंसी का पहला महीना गर्भधारण (Conception) से भी पहले शुरू हो जाता है। यह गर्भधारण करने से पहले के आखिरी पीरियड के पहले दिन से शुरू हो जाता है और अगले महीने की उसी तारीख को खत्म हो जाता है। 

अगर आप प्रेगनेंट हैं और पहली बार मां बनने जा रही हैं तो यह ब्लॉग आपके लिए बिलकुल जरूरी है। इसे पढ़ने के बाद आप प्रेगनेंसी और इससे जुड़ी सभी खास और जरूरी बातों को अच्छे से समझ जाएंगी। (  और पढ़े: प्रेगनेंसी के लक्षण — Pregnancy Ke Lakshan )

प्रेगनेंसी के पहले महीने के लक्षण 

प्रेगनेंसी के पहले महीने की शुरुआत होते ही 1 Month Pregnancy Symptoms in Hindi आप अपने अंदर कई तरह के बदलावों और लक्षणों को महसूस करना शुरू कर देती हैं। कई बार आप इन लक्षणों के कारण को सही से समझ पाती हैं और कई बार आप इनके कारण को समझने में असफल भी हो जाती हैं। अगर आप अपनी प्रेगनेंसी की पुष्टि करने का इंतजार कर रही हैं तो नीचे दिए हुए लक्षणों को खुद में अनुभव करने के बाद आप स्त्री-रोग विशेषज्ञ से मिलकर इसे कंफर्म कर सकती हैं।

पीरियड्स न आना 

आपकी प्रेगनेंसी के सबसे शुरूआती लक्षणों में से एक लक्षण (4 Weeks Pregnancy Symptoms in Hindi) पीरियड्स का न आना। क्योंकि जैसे ही आप गर्भधारण (Conceive) करती हैं आपके शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन शुरू हो जाता है जिसकी वजह से आपके पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं। Pregnancy Sign in Hindi आपके पीरियड्स का नहीं आना आपकी प्रेगनेंसी की तरफ इशारा करता है।

स्तनों का संवेदनशील होना और निप्पल का रंग बदलना 

प्रेगनेंसी के शुरूआती लक्षणों में एक लक्षण आपके निप्पल का रंग बदलना और स्तनों का संवेदनशील होना भी शामिल है। Signs of Pregnancy in Hindi इस दौरान अपने स्तनों को छूने पर आप दर्द या संवेदनशीलता महसूस कर सकती हैं साथ ही आप यह भी देखेंगी की आपके निप्पल का रंग भी गया है। ये लक्षण कॉमन हैं और आपके पीरियड्स के पहले वाले लक्षणों के समान होते हैं। इनसे घबराने की जरूरत नहीं है।  

ऐंठन होना और खून के धब्बे आना 

निषेचन (Fertilization) की प्रक्रिया में डिंब (Egg) अपने आप गर्भाशय (Uterus) के संपर्क में आता है जिसकी वजह से आप अपने शरीर में थोड़ी बहुत ऐंठन और खून के धब्बों को महसूस कर सकती हैं। Pregnancy 1 Month Symptoms in Hindi आमतौर पर आप इन्हे अपने प्राइवेट पार्ट्स को साफ करते समय अनुभव कर सकती हैं। ये लक्षण प्रेगनेंसी के पहले महीने के दौरान सामान्य माने जाते हैं इसलिए आपको इनसे डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। 1 Month Pregnancy Bleeding in Hindi — ज्यादा परेशानी होने पर आप स्त्री-रोग विशेषज्ञ (Gynecologist) से मिलकर बात कर सकती हैं।

सीने में जलन होना 

प्रेगनेंसी की शुरुआत में आपके शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव के कारण एसिड रिफ्लेक्स और आपके सीने में जलन होने की शिकायत होती है। Pregnancy Mein Pet Dard यह लक्षण बहुत ही सामान्य लक्षण जो कुछ समय के बाद अपने आप ही खत्म हो जाते हैं। आपको इसके बारे में ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। लेकिन अपने खान पान पर ध्यान देने की जरूरत है।

सूंघने की क्षमता बढ़ना

प्रेगनेंसी के दौरान आपके सूंघने की क्षमता काफी हद तक बढ़ जाती है। शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होने के कारण इस दौरान आपका नाक बहुत ही सेंसिटिव हो जाता है। सूंघने के बाद चीजें आपको अच्छी लग सकती हैं तो कुछ चीजों से आपको घृणा भी आ सकती है।

मूड बदलना 

प्रेगनेंसी के दौरान 2nd Week Pregnancy Symptoms in Hindi अचानक से मूड का बदलना, चिड़चिड़ापन होना, जरा सी बात खुश होना और जरा सी बात पर दुखी होना आम बात है। आप कभी भी हंस सकती हैं और कभी भी दुखी होकर रोना शुरू कर सकती हैं। ऐसी स्थिति में आपको अपनी भावनाओं पर ध्यान देना चाहिए।

इसके अलावा भी आपको और भी काफी लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इसमें बहुत सारी चीजें शामिल हैं जैसे की:-

  • कब्ज होना
  • उलटी होना
  • जी मिचलाना 
  • चक्कर आना
  • सिर में दर्द होना
  • पेट में सूजन होना
  • बार बार पेशाब लगना
  • मॉर्निंग सिकनेस होना
  • फुंसी और मुहांसे होना
  • थकावट महसूस करना 
  • कमजोरी महसूस करना
  • याददाश्त कमजोर होना 
  • सांस लेने में तकलीफ होना 
  • तेज भूख और प्यास लगना
  • शरीर में दर्द और ऐंठन होना
  • खान पान की आदतों में बदलाव आना 

प्रेगनेंसी के पहले महीने का डाइट  

जैसा की हम पहले ही ऊपर बात कर चुके हैं की प्रेगनेंसी के पहले महीने के दौरान आपके शरीर में हार्मोनल असंतुलन के कारण कई तरह के बदलाव और लक्षण सामने आते हैं। इन स्थिति में आपको कमजोरी, खून की कमी, शरीर में दर्द, आलसपन, तनाव, धुंधलापन और दूसरी भी कितनी ही चीजें सामने आती हैं। इसलिए खुद को अच्छे से मेंटेन रखने और सभी परेशानियों से बचने के लिए प्रेगनेंसी की इस अवस्था में आपको अपने खान पान में खास ध्यान देने की जरूरत होती है। 

आप अपने डाइट में प्रोटीन, विटामिन, फाइबर और दूसरे फायदेमंद तत्वों को शामिल करके इन सभी परेशानियों से बच सकती हैं और खुद के साथ साथ अपने शिशु को सेहतमंद भी रख सकती हैं। नीचे हम उन सभी खास चीजों के बारे में बताने वाले हैं जिन्हे आपको अपने रोजाना के डाइट में शामिल करना है।  

  • अपने डाइट में विटामिन, प्रोटीन, फाइबर और दूसरे उन सभी तत्वों को शामिल करें जो आपके और आपके शिशु के लिए फायदेमंद हैं। आप दूध, दूध से बने दूसरे प्रोडक्ट, दाल, अंकुरित अनाज, अंडा और मांस आदि का सेवन कर सकती हैं।
  • प्रेगनेंसी के दौरान सेहतमंद रहने के लिए आयरन आवश्यक है। इसकी जरूरत को पूरा करने के लिए आप अपने खान पान में हरी पत्तेदार सब्जियां, अनार, लीची, अंजीर, और किशमिश को शामिल कर सकती हैं।  
  • प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज की समस्या अक्सर सामने आती है। इससे बचने के लिए आप फाइबर से भरपूर पदार्थ का सेवन कर सकती हैं। साथ ही साथ दिन भर में ज्यादा से ज्यादा पानी और ज्यूस का सेवन कर सकती हैं। इनसे कब्ज की समस्या दूर हो जाती है और आप हमेशा हाइड्रेट रहती हैं।
  • अपने खान पान में फ्रूट, साबुत अनाज, सलाद, छिलके वाली मुंग दाल और दूसरी चीजों को शामिल करें। इन सब में कार्बोहाइड्रेट काफी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है जो प्रेगनेंसी के दौरान आपके लिए बहुत फायदेमंद होता है।
  • किसी भी चीज से एलर्जी होने की स्थिति में पहले डॉक्टर से बात करें फिर उसका सेवन। 

प्रेगनेंसी के पहले महीने में शिशु का विकास

प्रेगनेंसी के पहले महीने में ही गर्भ में शिशु के विकास की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। अगर आप प्रेगनेंट होना चाहती हैं या इसके शुरुआती लक्षणों को खुद में महसूस कर रही हैं तो आपको शिशु के विकास की प्रक्रिया के बारे में कुछ जानकारियां होना चाहिए। क्योंकि इससे आप एक मां के रूप में अपने शिशु के विकास में अपनी पूरी भागीदारी निभा सकती हैं। प्रेगनेंसी के पहले महीने में शिशु का विकास किस प्रकार और कितना होता है हम आपको इस बारे में नीचे बता रहे हैं।

फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया

शुक्राणुओं और अंडाणुओं के मिलने की प्रक्रिया को निषेचन यानी फर्टिलाइजेशन कहा जाता है। फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया सेक्स करने के 2-3 दिन बाद से शुरू हो सकती है। फर्टिलाइजेशन के शुरुआती स्टेज में जब शुक्राणु और अंडाणु आपस में मिलते हैं तो एक युग्म यानी जाइगोट तैयार होता है।

प्रत्यारोपण की प्रक्रिया

फर्टिलाइजेशन के तुरंत बाद प्रत्यारोपण की प्रक्रिया शुरू होती है जिसके दौरान जाइगोट फैलोपियन ट्यूब से गर्भाशय में जाता है और 4-6 दिनों के अंदर यह ढेरों कोशिकाओं में बंट जाता है। जिसके बाद, ये कोशिकाएं एक जगह जमा होकर एक गेंद का आकार लेती हैं जिसे ब्लास्टोसिस्ट कहा जाता है। अगर 2-3 दिन के बाद यह ब्लास्टोसिस्ट गर्भाशय की दीवार से चिपक जाए तो प्रत्यारोपण की प्रक्रिया सफलतापूर्वक शुरू हो जाती है।

भ्रूण का विकास

जब फर्टिलाइज्ड अंडे विकसित हो जाते हैं तो एक एमनियोटिक सैक का निर्माण होता है। इसी दौरान प्लेसेंटा भी विकसित होने लगता है और शिशु के चेहरे का विकास भी शुरू हो जाता है। साथ ही, शिशु का निचला जबड़ा और गला भी बनने शुरू हो जाते हैं। इसी दौरान, रक्त की कोशिकाएं बनने लगती हैं और रक्त संचार की प्रक्रिया भी शुरू हो जाती है। प्रेगनेंसी के पहले महीने के अंत तक शिशु का दिल एक मिनट में लगभग 65 बार धड़कने लगता है। प्रेगनेंसी के पहले महीने के अंत तक शिशु का आकार लगभग एक चावल के दाने के बराबर होता है।

प्रेगनेंसी के पहले महीने में रखें ये सावधानियां

प्रेगनेंसी के पहले महीने के दौरान खान पान पर जितना ध्यान देना जरूरी है उतना ही जरूरी कुछ सावधानियों पर ध्यान देना भी है। अक्सर कुछ महिलाएं अपनी प्रेगनेंसी को हल्के में ले लेती हैं और खुद ओवर स्मार्ट बनने के चक्कर उन सभी चीजों का सेवन और वे सभी काम करती हैं जिनसे उन्हे  खुद को दूर रखना चाहिए और अंतत रिजल्ट के तौर पर या तो उनका गर्भपात हो जाता है या फिर उनके सामने गंभीर समस्याएं आ जाती हैं। 

ऐसी स्थिति से बचने के लिए आपको प्रेगनेंसी के पहले महीने के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से आप और आपका शिशु दोनों ही हमेशा स्वस्थ और खतरों से कोसों दूर रहते हैं। नीचे हम उन्ही चीजों के बारे में बता रहे हैं जिनसे आपको दूर रहना चाहिए। 

  • रस्सी न कूदें।
  • अच्छा संगीत सुने।
  • अच्छी फिल्में देखें।
  • अच्छी किताबें पढ़ें।
  • भारी वजह न उठाएं।
  • ज्यादा झुकने से बचें।
  • डाइटिंग करने से बचें।
  • ज्यादा ड्राइविंग न करें। 
  • पेट पर ज्यादा प्रेशर न दें।
  • खुद को तनाव से दूर रखें।
  • हॉट/सॉना बाथ से परहेज करें।
  • एक चीज को बार बार न खाएं।  
  • लंबे समय तक बैठे या खड़े न रहें।
  • दो महीनों तक सेक्स करने से बचें।
  • ज्यादा टाइट कपड़ा पहनने से बचें।
  • प्रदूषण वाली जगह पर जाने से बचें।
  • ज्यादा मात्रा में कोई भी चीज न खाएं।
  • ऊंची हिल वाली सैंडल पहनने से बचें।
  • पालतु जानवरों के संपर्क में आने से बचें।
  • जंक फूड्स और कोल्ड ड्रिंक्स से दूर रहें।
  • कोई भी काम करते समय सावधानी बरतें।
  • डॉक्टर के बताए गए योग और व्यायाम करें।
  • अपने ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर का ध्यान रखें।
  • छोटी मोटी समस्या होने पर दवा का सेवन न करें।
  • पाश्चराइज्ड दूध से बनी चीजों का सेवन करने से बचें।
  • ज्यादा तैलीय और मसालेदार चीजों को खाने से बचें।
  • डॉक्टर से बात करने के बाद सही तरीकों से सेक्स करें।
  • सिगरेट, शराब और दूसरी नशीली चीजों से परहेज करें।
  • दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर की राय जरूर लें।
  • कच्चा मांस, कच्चा अंडा और कच्चा पपीता खाने से बचें।
  • ज्यादा देर तक डांस न करें और कुछ समय के बाद बंद कर दें।
  • ज्यादा से ज्यादा आयरन, विटामिन और दूसरे तत्वों का सेवन करें।
  • ज्यादा खाने के बजाय थोड़ा थोड़ा करने समय के अंतराल पर खाएं।
  • लंबी यात्रा पर जाने से बचें क्योंकि इससे गर्भपात होने का खतरा रहता है।
  • पैकेट वाली चीजें और माइक्रोवेव में बनाई गई चीजों से का सेवन करने से बचें। 

प्रेगनेंसी का पहला महीना बहुत ही खास होता है लेकिन इस दौरान आपको काफी सावधानी भी बरतनी पड़ती है। अपने जीवन को खूबसूरत बनाए, परिवार के साथ अच्छा समय बिताऐं, समय पर खाना खाएं, समय पर सोएं और समय पर जगें, रोज सुबह के समय थोड़ा बहुत व्यायाम और योग करें, अपनी सेहत का ध्यान रखें, जो चीजें आपके और आपके गर्भ में पल रहे शिशु के लिए फायदेमंद हैं उनका सही मात्रा में सेवन करें और जो चीजें नुकसानदायक हैं उनसे दूर रहें। समय समय पर अपना चेकअप कराती रहें और किसी भी तरह की कोई समस्या होने पर खुद डॉक्टर बनने के बजाय तुरंत स्त्री-रोग विशेषज्ञ से मिलें और उनसे अपनी परेशानी के बारे में बात करें। 

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|