जोड़ों में दर्द क्यों होता है? जानिए कैसे पायें जोड़ों के दर्द से आराम

आपने अपने आसपास या फिर अपने घर के बुजुर्गों को जोड़ों के दर्द से कहराते हुए देखा होगा | आप सोचते भी  होंगे कि आखिर इतनी दवाईयां खाने के बाद भी उनके जोड़ों का दर्द ठीक क्यों नहीं होता? अधिकतर लोगों को इस बात की सही जानकारी ही नहीं होती कि आखिर उनके जोड़ों में दर्द क्यों हो रहा है? सामान्यत: जोड़ों के दर्द के शुरुआती चरण में हड्डी रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए, ताकि घुटनों में दर्द होने के सही कारणों का सही समय पर पता चल सके और समय रहते घुटनों के दर्द का कारगर इलाज हो सके|

जोड़ो के दर्द का इलाज करवाने से पहले यह जानना भी जरूरी है कि आखिर जोड़ों में दर्द किन कारणों से होता है? 

जोड़ो का दर्द क्या है?

शरीर के वो हिस्से जहाँ दो या दो से अधिक हड्डियां मिलकर हमारे शरीर की गतिविधयों को बनाए रखने में सहायक होती हैं, उसी को हम जॉइंट्स या जोड़ कहते है।

एक उम्र के बाद मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं और शरीर में कैल्शियम की कमी के कारण जोड़ों की हड्डियों में दर्द होना शुरू हो जाता है| ये समस्या हड्डियों के जोड़ों में यूरिक एसिड जाम होने की वजह से होता हैं| ऐसी स्थिति में जोड़ों की हड्डियों में सूजन और जोड़ों के टिश्यू नष्ट होने लगते हैं, जिससे जोड़ों में अकड़न और दर्द होने लगता है|

एक इंसान के शरीर में कई जॉइंट्स होते है और जब इन जोड़ो में दर्द या बेचैनी होने लगती है, तो उसे ही हम जोड़ों का दर्द या जॉइंट्स पेन कहते है। कई बार ये दर्द कुछ ही समय में ठीक हो जाता है। पर कभी-कभी यह दर्द असहनीय हो सकता है।

जोड़ो के दर्द के प्रकार हैं ?

जोड़ो का दर्द मुख्यता आर्थराइटिस के कारण  होता हैं, और आर्थराइटिस को हम गठिया भी कहते हैं। यानि की गठिया या जोड़ो का दर्द दो तरीके के होते हैं, पहला ऑस्टियोआर्थराइटिस और दूसरा रुमेटाइड स्थिराइटिस

जोड़ो के दर्द के कारण क्या हैं ?

जोड़ो के दर्द के कई कारण हैं, जिनमे से कुछ कारणों को हम निम्नलिखित में प्रस्तुत कर रहें हैं:

  • मोच या खिंचाव।
  • ऑस्टिओआर्थरिटिस या गठिया की समस्या जो उम्र के साथ लोगों को काफी प्रभावित करती है।
  • काफी बार पुरानी दुर्घटनाओं में लगी चोट भी समस्या का कारण बन सकती है।
  • कमज़ोर हड्डियां भी कारण होती हैं।
  • जोड़ो में इन्फेक्शन का होना।

जोड़ो के दर्द के कारणों को जानने के बाद यदि आप दर्द से हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं। तो रोबोटिक घुटना बदलना की सर्जरी या ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी का चयन किसी बेहतरीन हॉस्पिटल से करें।

जोड़ो के दर्द से बचने के उपाए क्या हैं ?

जोड़ो के दर्द से बचने के कई उपाए को हम निम्न में प्रस्तुत कर रहे हैं:

जोड़ों के दर्द से बचने के लिए अपने वजन को नियंत्रित करना अत्यंत आवश्यक है, क्यूंकि जब हमारा वज़न अधिक होता है तब हमारे जोड़ों पर ज़रुरत से ज़्यादा दबाव पड़ता है जिस वजह से जॉइंट्स समय से पहले खराब होने लग जाते हैं।

जोड़ों को स्वस्थ रखने के लिए हमे अपने खान-पान में पौष्टिक आहार को अत्यधिक महत्व देना चाहिए। दूध, विटामिन इ, और ओमेगा-3 युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना हमारी हड्डियों और जोड़ों के लिए काफी लाभदायक है।

खाने का तो हमे खास ध्यान रखना ही हैं पर उसके साथ ही नियमित व्यायाम को भी अपनी जीवन शैली में शामिल करना चाहिए। जिससे की जोड़ो के दर्द से हमें आराम मिल सके।

दर्द से निदान के लिए आप गरम या ठंडी सिकाई का उपयोग भी कर सकते है। क्युकि गरम सिकाई करने से खून संचार बेहतर होता है जबकि ठंडी सिकाई से सूजन और चुभन से हम आराम महसूस करते हैं।

रोबोटिक या रोबोट की सर्जरी क्या है ?

रोबोटिक सर्जरी से तात्पर्य ऐसी सर्जरी से है, जिसे रोबोट आर्म या मैन्यवल तरीके से किया जाता है। तो वहीं इसकी प्रक्रिया काफी हद तक लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की तरह ही होती है, लेकिन इसमें केवल यह अंतर होता है कि इस सर्जरी में कंप्यूटर की सहायता ली जाती है।

रोबोटिक घुटने की सर्जरी पूरे पैर के सीटी स्कैन पर आधारित होती है, जिससे कि प्रत्येक घुटने के लिए एक अनुकूलित योजना तैयार करने में सहायता मिलती है।

रोबोटिक सर्जरी की वजह से घुटने के अधिकांश भाग को बिल्कुल समान बनाए रखने में सहायता मिलती हैं। तो दूसरी और बहुत कम समय में डॉक्टरों के द्वारा रोबोटिक पेटेलोफेमोरल ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी को मुकम्ल किया जाता हैं।

घुटने के सर्जरी की जरूरत क्यों पड़ती है?

घुटना बदलने वाली सर्जरी की जरूरत उन लोगों को पड़ती है, जिन्हें गंभीर गठिया या घुटने की गंभीर चोट है। इस प्रक्रिया को आर्थ्रोप्लास्टी या टोटल नी रिप्लेसमेंट भी कहा जाता है। यह गठिया या चोट से डैमेज हुए घुटने को बदलकर सही करने में मेडिकल की सहायक सर्जरी में से एक है।

तो वहीं अत्यधिक घुटने के दर्द से राहत पाने के लिए भी इस सर्जरी की आवश्यकता हमे पड़ सकती हैं।

घुटने की सर्जरी करवाने से पहले किन बातों का रखें ध्यान:

  •   यदि आपके घुटने में स्थिर दर्द और लगातार सूजन रहती है, तो यह सर्जरी आपके लिए सहायक होगी।
  • आप जिनसे भी अपने घुटने की सर्जरी करवाने की सोच रहे है उनके बारे में जानकारी एकत्र करना।
  • अच्छे हॉस्पिटल का चुनाव।
  •  सर्जरी के दौरान 1 से 2 घंटे तक आपको स्थिर इस सर्जरी को करवाना पड़ता हैं।

यदि आप घुटने के दर्द से ज्यादा परेशान है तो रोबोटिक घुटना बदलने की सर्जरी का चुनाव कर सकते हैं।

घुटने का ऑपरेशन करने में कितना खर्चा आता है?

इस सर्जरी की लागत इसके उपचार और हॉस्पिटल पर निर्भर करती हैं।

तो वही अगर भारत में इस सर्जरी के खर्चे की बात करें तो औसत खर्च 1,80,000 से लेकर 4,50,000 रूपये तक हो सकता है जिसमें अस्पताल में भर्ती और पोस्टऑपरेटिव प्रबंधन की राशि भी शामिल होती है।

इसके साथ ही घुटने के दर्द से राहत पाने के लिए आप कम लागत में पीएफओ विधि का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

रोबोटिक घुटने की सर्जरी का उपचार डॉक्टर कैसे करते हैं ?

सबसे पहले इस ऑपरेशन के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम बनाई जाती हैं। इसके बाद रोबोट की सहायता से सर्जरी की शुरुआत होती हैं।

घुटनों या अन्य जोड़ों का अगर दर्द होता है तो डॉक्टर्स हल्दी के दूध का सेवन करने को बोलता है। तो वही इस दूध का सेवन रात को सोने से पहले करना होता हैं। इस ऑपरेशन की प्रक्रिया के दौरान, सर्जन हड्डी और रोगग्रस्त हिस्सों को हटा देता है। इसमें डॉक्टर या सर्जन केवल घुटने के प्रभावित हिस्से को ही बदलता।

यदि आप जोड़ों के गंभीर दर्द से पीड़ित है जिसकी वजह से आपका चलना मुश्किल हो रहा है। तो आपको रोबोटिक घुटने की सर्जरी के लिए अच्छे सर्जन और हॉस्पिटल का चुनाव करना चाहिए। या फिर आप हुंजन हॉस्पिटल में आकर भी इसका इलाज करवा सकते है। क्युकि यहाँ पर घुटने की सर्जरी से जुड़े जिन भी ट्रीटमेंट का इस्तेमाल किया जाता हैं वो यहाँ पहले से ही मौजूद है। और साथ ही इस सर्जरी को करने का अनुभव भी काफी सालों का है, यहाँ के डॉक्टर्स में।