आईवीएफ गर्भधारण के लक्षण - IVF garbhavastha ke lakshan

आईवीएफ ट्रीटमेंट के बाद गर्भवस्था की पुष्टि करने के लिए प्रजनन डॉक्टर 14 दिनों का समय लेता है। गर्भवस्था की जांच के लिए इतना समय उपयुक्त होता है।

स्थानांतरण के बाद भ्रूण खुद को गर्भाशय के अस्तर से जोड़ता है। जुड़ जाने के बाद यहीं भ्रूण का विकास होता है और धीरे-धीरे यह एक गर्भस्थ शिशु के रूप में परिवर्तितित हो जाता है। भ्रूण को अस्तर से जुड़ने में 10 दिनों से अधिक समय लगता है। यही कारण है कि IVF के लगभग 12-14 दिनों बाद प्रेगनेंसी टेस्ट किया जाता है।

लेकिन महिला को भ्रूण स्थानांतरण के बाद 14 दिनों का इंतजार एक युग की तरह लगता है। वह चाहती है कि परिणाम जो भी हो तुरंत उसके सामने आ जाए।

महिला IVF गर्भवस्था के लक्षणों को देखकर अंदाजा लगा सकती है कि वह गर्भवती हुई है या नहीं। ये लक्षण एक सफल गर्भावस्था का संकेत दे सकते हैं, लेकिन कभी-कभी झूठे भी हो सकते हैं क्योंकि आरोपण से पहले और बाद में आपके द्वारा ली जाने वाली प्रजनन दवाइयां इन लक्षणों का कारण बन सकती हैं।

आईवीएफ गर्भावस्था के लक्षण

आईवीएफ उपचार के बाद अगर महिला गर्भवती होती है तो यह लक्षण नजर आ सकते हैं:

ऐंठन

यह गर्भवस्था का पहला संकेत है। महिला के श्रोणि क्षेत्र में अगर ऐंठन होता है तो इसका मतलब IVF उपचार सफल रहा।

हालांकि, कुछ महिलाओं में IVF की प्रक्रिया के कारण भी ऐंठन हो सकती है। ट्रीटमेंट के बाद महिला को प्रोजेस्टेरोन दवाइयों का सेवन करना पड़ता है, जो ऐंठन उत्पन्न कर सकता है।

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ब्लीडिंग

IVF ट्रीटमेंट के बाद योनि से हल्की ब्लीडिंग या स्पॉटिंग गर्भवस्था की ओर संकेत करती है। ट्रीटमेंट के लगभग 7-8 दिन बाद अगर महिला अंडरवियर में खून के धब्बे पाती है तो इसका मतलब भ्रूण यूटेरिन लाइनिंग में इम्प्लांट हो चुका है।

हल्की स्पॉटिंग होना सामान्य है। इस पर चिंता जाहिर नहीं करनी चाहिए। या तो यह गर्भवस्था के कारण हो सकता है या लगातार प्रोजेस्टेरोन के सेवन के कारण। फिर भी अगर महिला को यह असामान्य लगता है तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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जी मिचलाना

जी मिचलाना भी IVF की सफलता को दर्शाता है। हालांकि, यह लक्षण बहुत दुर्लभ है। आमतौर पर गर्भवस्था के दूसरे या तीसरे महीने में जी मिचलाना और मोर्निंग सिकनेस जैसे लक्षण नजर आते हैं। अगर IVF के तुरंत बाद यह नजर आते हैं तो अच्छा भी हो सकता है और बुरा भी।

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अगर बार-बार जी मिचलाने की समस्या होती है तो अपने डॉक्टर को इसकी जानकारी दें।

स्तन में दर्द

महिला जब गर्भवती हो रही होती हैं तो स्तन में हल्का दर्द शुरू हो जाता है। स्तन कोमल हो गए हैं, आकार बढ़ गया है, हल्का सूजन आ गया है, छूने से दर्द देता है, ये लक्षण बताते हैं कि महिला गर्भवती हो गई है। स्तन की कोमलता गर्भवस्था के दौरान उत्पन्न होने वाले हारमोंस के कारण होती हैं।

हालांकि, इंजेक्शन या मौखिक रूप से ली जा रही प्रोजेस्टेरोन भी स्तन के कोमलता और दर्द का कारण बन सकती है।

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थकान या कमजोरी

गर्भवती होने के बाद से लेकर डिलीवरी तक महिला को थकान और कमजोरी महसूस होती है।

उचित खान-पान और हल्की-फुल्की एक्सरसाइज के बावजूद अगर महिला को थकान महसूस होती है तो महिला के गर्भवती होने की संभावना अधिक है। थकान के साथ महिला को नींद भी ज्यादा आती है।

यह डॉक्टर द्वारा दी जा रही प्रजनन दवाइयों का साइड इफेक्ट भी हो सकता है। जब शरीर में प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ता है तो थकान महसूस होती है और नींद भी अधिक आती है।

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पेशाब करने की आवश्यकता बढ़ जाना

पहले से अधिक पेशाब लगना प्रारंभिक गर्भवस्था की सफलता को दर्शाता है। खासकर रात में पेशाब करने की आवश्यकता बढ़ जाती है।

HCG एक गर्भवस्था हार्मोन है जिसकी मात्रा बढ़ने पर अधिक पेशाब आती है। जब गर्भाशय के भीतर भ्रूण विकसित होने लगता है तो शरीर में रक्त बढ़ने लगता है। इस वजह से भी पेशाब ज्यादा लगती है।

कुछ दुर्लभ स्थितियों में यह मूत्र पथ के संक्रमण के कारण भी होता है। निम्न लक्षण नजर आते हैं तो यह संक्रमण हो सकता है:

  • पेशाब करने में दर्द
  • बुखार
  • ब्लीडिंग
  • मतली और उलटी आना
  • बहुत तीव्र पेशाब आना

अगर यह लक्षण नजर आते हैं तो डॉक्टर से बातचीत करें।

सूजन

अगर महिला गर्भवती है तो पेट में सूजन आ सकता है।

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सूजन फर्टिलिटी ड्रग्स के कारण भी आ सकता है। जब अधिक मात्रा में प्रजनन दवाइयां ली जाती हैं तो पाचन धीमा हो जाता है। इससे पेट के आस-पास हल्का सूजन आना स्वाभाविक है। इस स्थिति में पेट फूला हुआ महसूस होता है।

डिस्चार्ज में बदलाव

अगर महिला गर्भवती हो गई है तो योनि से एक सफ़ेद, पतला तरल डिस्चार्ज देख सकती है। यह हल्का स्मेल भी करता है।

IVF के बाद डॉक्टर वजाइनल टेबलेट्स या जेल दे सकते हैं। यह भी वजाइनल डिस्चार्ज के लक्षण उत्पन्न कर सकता है।

पीरियड मिस होना

अगर आपके पीरियड हर महीने समय पर आते हैं लेकिन IVF उपचार के बाद मिस हो गए हैं, तो यह गर्भवस्था का संकेत हो सकता है।

आईवीएफ उपचार के बाद घर में प्रेगनेंसी टेस्ट कब करें?

यह स्वाभाविक है कि आप आईवीएफ के बाद गर्भावस्था परीक्षण करने के लिए उत्साहित हैं और परीक्षण किट में दो गहरी रेखाएं देखने के लिए हद से ज्यादा उत्साहित हैं। लेकिन आपको थोड़ा संयम बरतना चाहिए। बहुत जल्दी परीक्षण करना और एक नकारात्मक परिणाम आपकी खुशी को प्रभावित कर सकता है।

सटीक परिणाम प्राप्त करने के लिए तब टेस्ट करना है जब आपके पीरियड्स मिस हो जाएं। इतना दिन इंतजार नहीं होता तो IVF ट्रीटमेंट के 10 दिन बाद टेस्ट कर सकते हैं।

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डॉक्टर आपको क्लीनिक या हॉस्पिटल में खून की जांच कराने का आदेश दे सकता है। महिला जब गर्भवती हो जाती है तो उसके खून में एचसीजी (HCG) हार्मोन, जिसे प्रेगनेंसी हार्मोन भी कहते हैं, उपस्थित हो जाता है। रक्त परीक्षण गर्भवस्था की सटीक जानकारी देता है।

निष्कर्ष

तो ये कुछ लक्षण थे जो IVF गर्भवस्था के दौरान नजर आते हैं। अगर महिला को कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि महिला गर्भवती नहीं है।

ऊपर बताए गए लक्षण प्रजनन दवाइयों के परिणाम भी हो सकते हैं। इसलिए रक्त परीक्षण गर्भवस्था की पुष्टि करने का अंतिम और सही तरीका है।

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|