एडेनोइड्स और टॉन्सिल में क्या अंतर है?

शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को हम एक बड़ा जाल कह सकते है जिसके लिए शरीर के कई अंग एक साथ कार्य करते हैं। टॉन्सिल और एडेनोइड भी उनमे से हैं। हम अपने इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए क्या-क्या नहीं करते हैं। भरपूर मात्रा में पानी पीते हैं, विटामिन-सी से भरे खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं और अच्छी नींद भी लेते हैं। लेकिन, क्या आपको पता है कि हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली किस तरह कार्य करती है? जो भी खाद्य पदार्थ हम खाते हैं उनमें मौजूद बैक्टीरिया और जर्म हमें बीमार बना सकते हैं। टॉन्सिल और एडेनोइड हमारे लिम्फैटिक सिस्टम के दो अलग-अलग हिस्से हैं जो हमारे भोजन में मौजूद जर्म को ट्रैप कर लेते हैं। आपको स्वस्थ रखने में इनका बहुत बड़ा रोल होता है।

टॉन्सिल्स: कार्य और स्थान – Tonsil functions and location in hindi

टॉन्सिल्स को लिम्फ नोड्स भी कहा जाता है। टॉन्सिल्स दो गोलाकार गांठ हैं जो गले के पीछे मौजूद होते हैं। यह शरीर के इम्यून सिस्टम का हिस्सा हैं। आप इन्हें सीसे के सामने मुंह खोलकर देख भी सकते हैं।

जब मुंह के माध्यम से बैक्टीरिया शरीर के भीतर घुसने का प्रयास करते हैं तो टॉन्सिल्स उन्हें रोक लेते हैं। यह संक्रमित हो सकते हैं और सूजन की वजह से इनका आकार सामान्य से अधिक हो सकता है।

एडेनोइड्स: कार्य और स्थान – Adenoid functions and location in hindi

एडेनोइड्स गले के ऊपरी भाग में नाक और पैलेट (पैलेट मुंह का छत है जो नाक और मुंह की कैविटी को अलग करता है) के पीछे स्थित होते हैं। एडेनोइड्स को आप नहीं देख सकते हैं। इसे देखने के लिए डॉक्टर एक स्पेशल मिरर या कैमरे का इस्तेमाल करते हैं।

यह भी गले से गुजरने वाले बैक्टीरिया को रोक कर उन्हें ट्रैप कर लेते है। संक्रमण से लड़ते-लड़ते यह संक्रमित हो सकते हैं जिससे इनके रंग और आकार में बदलाव आ सकता है।

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टॉन्सिलाइटिस क्या है? – Tonsillitis in hindi

टॉन्सिलाइटिस टॉन्सिल्स का संक्रमण है जिसका मुख्य कारण वायरस है। हालांकि, यह कुछ बैक्टीरिया की वजह से भी हो सकता है। टॉन्सिलाइटिस की समस्या बच्चों में बहुत देखी जाती है। वयस्कों में यह समस्या बहुत कम है क्योंकि, उम्र बढ़ने के साथ टॉन्सिल्स की उपयोगिता कम होती जाती है।

टांसिलाइटिस की समस्या होने पर निम्न लक्षण नजर आ सकते हैं-

  • गले में दर्द और सूजन
  • मुंह से बदबू आना
  • सिरदर्द और बुखार
  • निगलने में परेशानी
  • टॉन्सिल्स में सूजन और रंग में बदलाव
  • खराश

टॉन्सिलाइटिस की समस्या सामान्य है और कुछ दिनों बाद लक्षण दिखना खुद ही बंद हो जाते हैं। लेकिन, अगर बार-बार यह समस्या होती है तो टॉन्सिल्लेक्टोमी करा लेनी चाहिए। इस सर्जरी के माध्यम से टॉन्सिल्स को निकाल दिया जाता है। सर्जरी के दौरान जनरल एनेस्थीसिया का प्रयोग होता है और लगभग आधा घंटा में सर्जरी कम्पलीट हो जाती है।

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बढ़े हुए एडेनोइड्स क्या हैं? Enlarged adenoids in hindi

जब एडेनोइड्स इन्फेक्शन से लड़ते हुए खुद ही संक्रमित हो जाता है तो इसमें सूजन आ जाता है और आकार सामान्य से अधिक हो जाता है। बढ़े हुए एडेनोइड्स की समस्या कुछ दिनों बाद खुद ही दूर हो जाती है। अगर क्रोनिक एडेनोइड्स से जूझ रहे हैं तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह दे सकता है। बढ़े हुए एडेनोइड्स में निम्न लक्षण नजर आते हैं-

  • साँस लेने में दिक्कत
  • मुँह से साँस लेना
  • सोते हुए खर्राटे आना
  • साँस लेते वक्त आवाज निकलना 
  • बंद नाक
  • सिरदर्द और बुखार
  • साँस की बदबू
  • कान में इन्फेक्शन या सुनने की क्षमता में कमी आना

छोटे शिशुओं में संक्रमण से लड़ने के लिए एडेनोइड्स का होना बहुत जरूरी हैं। लेकिन, जैसे जैसे उम्र बढ़ती जाती है शरीर संक्रमण से रक्षा के अन्य उपाय विकसित करने लगता है और एडेनोइड्स का महत्व कम हो जाता है। पांच वर्ष के बाद एडेनोइड्स सिकुड़ने लगता है और अधिक उम्र बढ़ने के साथ यह व्यवहारिक रूप से गायब हो सकता है।

अगर बार-बार एडेनोइड्स के संक्रमण की स्थिति बनती है तो एडेनोक्टोमी के जरिए इसे निकाल देना चाहिए।

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एडेनोक्टोमी के प्रक्रिया ENT डॉक्टर जनरल एनेस्थीसिया की मदद से पूरा करते हैं। यह लगभग आधा घंटा की प्रक्रिया होती है। सर्जरी के कुछ दुष्प्रभाव नजर आ सकते हैं जैसे- कान दर्द, गले में दर्द और खराश, सांस की बदबू आदि।

निष्कर्ष- Conclusion

अब आप एडेनोइड्स और टॉन्सिल्स के बीच का अंतर समझ ही गए होंगे। दोनों शरीर के रोग प्रतिरोधक प्रणाली का हिस्सा हैं और छोटे बच्चों में संक्रमण से लड़ने के लिए ये अहम किरदार निभाते हैं। उम्र बढ़ने के साथ इनकी उपयोगिता खत्म होने लगती है। अगर ये बार-बार संक्रमित होते हैं तो डॉक्टर की सलाह लेकर सर्जरी करवा लेनी चाहिए। सर्जरी के कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं लेकिन, अनुभवी ENT डॉक्टर और एडवांस तरीके से इलाज करवाने पर दुष्प्रभाव कम नजर आते हैं। आप Pristyn Care से टॉन्सिल्लेक्टोमी या एडेनोक्टोमी करा सकते हैं क्योंकि, हमारे पास अनुभवी सर्जन की टीम है जो नवीनतम उपकरणों की मदद से सर्जरी करती है। हम रोगी को कई सुविधाएं फ्री में देते हैं।

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|