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अंडकोष और स्क्रोटम की सूजी हुई नसों को मेडिकल की भाषा में वैरीकोसेल कहा जाता है। इन सूजी हुई नसों में दर्द की शिकायत होती है। ये नसें पुरुष की प्रजनन क्षमता को बुरी तरह से प्रभावित करती हैं। जिसके कारण कई बार वे पिता का सुख भोगने से महरूम रह जाते हैं। विशेषज्ञ का मानना है की सबसे ज्यादा 15-35 वर्ष के पुरुष इस बीमारी से प्रभावित होते हैं। Varicocele Treatment By Yoga in Hindi वैरिकोज नसों में वॉल्व मौजूद होते हैं जिनका काम ब्लड को अंडकोष और स्क्रोटम से दिल तक ले जाना होता है। 

लेकिन वॉल्व में खराबी आने या फिर इसके ठीक से काम नहीं करने की वजह से ब्लड दिल तक नहीं पहुँच पाता है। जिसके कारण ब्लड एक जगह इकट्ठा होना शुरू हो जाता है। खून के एक जगह जमा होने की वजह से स्क्रोटम और उसके आसपास के क्षेत्र में सूजन होने लगती है। जो आगे जाकर वैरीकोसेल का रूप ले लेती है।        

वैरीकोसेल के कारण — What Are The Causes Of Varicocele in Hindi

हर बीमारी की तरह वैरीकोसेल के भी कुछ खास कारण होते हैं। नसों में वॉल्व मौजूद होता है जिसका काम खून को बड़ी नसों की ओर एक दिशा में ले जाना होता है। लेकिन कुछ समस्या के कारण ये वॉल्ब ठीक तरह से काम करना बंद कर देता है। Varicocele Treatment By Yoga in Hindi इस वजह से खून दूसरी जगह न जाकर एक ही जगह जमा हो जाता है। वैरीकोसेल के वॉल्व में स्पर्मेटिक कॉर्ड्स होता है जिसका काम ब्लड फ्लो को संतुलित बनाए रखना होता है। 

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लेकिन जब यह अपना काम करना बंद कर देता है तो वैरीकोसेल की समस्या शुरू हो जाती है। ये समस्याएं खासकर खड़े होकर पानी पीने, स्क्रोटम में चोट लगने या घाव बनने, शुक्राणु कॉर्ड में रुकावट होने, बिना प्रोटेक्टिव गियर के व्यायाम करने तथा एपिडिडीमाइटिस जैसे संक्रमण से पीड़ित होने के कारण होता है।

वैरीकोसेल के लक्षण — What Are The Symptoms Of Varicocele in Hindi

शुरुआत में वैरीकोसेल के लक्षणों का पता नहीं लग पाता है। क्योंकि लोग इसके लक्षण को छोटी मोटी समस्या समझकर छोड़ देते हैं। डॉक्टर का मानना है की वैरीकोसेल होने पर स्क्रोटम का आकार बढ़ जाता है। Varicocele Treatment By Yoga in Hindi आमतौर पर इसमें दर्द नहीं होता है लेकिन कभी कभी हल्का दर्द हो भी सकता है। अगर इसके लक्षण का शुरुआत में ही पता चल जाए तो कुछ दवाओं, योग, व्यायाम या घरेलू नुस्खों की मदद से बहुत कम समय में इसे परमानेंटली दूर किया जा सकता है। 

नीचे हम आपको वैरीकोसेल के कुछ खास लक्षणों के बारे में बता रहे हैं जिनकी मदद से आप या आपके डॉक्टर को यह समझने में मदद मिलेगी की आप इस बीमारी से पीड़ित हैं। फिर डॉक्टर स्क्ट्रोम की जांच के बात इस बात की पुष्टि कर देते हैं। 

  • स्क्रोटम में दर्द होना 
  • स्क्रोटम में सूजन होना      
  • गर्मी में दर्द का बढ़ जाना 
  • गांठ की वजह से दर्द नहीं होना 
  • अंडकोष की एक तरफ गांठ होना 
  • स्क्रोटम का आकर सामान्य से बड़ा होना 
  • स्क्रोटम की नसों का मुड़ना या एक जगह जमा होना
  • स्क्रोटम की मुड़ी हुई नसों का बाहर साफ दिखाई देना 

वैरीकोसेल का योग से इलाज — Yoga For Varicocele in Hindi — Treatment Of Varicocele With Yoga In Hindi

वैरीकोसेल कोई बहुत गंभीर समस्या नहीं है। अगर इस समस्या की शुरुआत में ही इसपर ध्यान दिया जाए तो बहुत कम समय में इसे जड़ से खत्म किया जा सकता है। इसका इलाज करने के लिए ढेरों माध्यम मौजूद हैं। Varicocele Treatment By Yoga in Hindi योग की मदद से भी इस परेशानी को दूर किया जा सकता है। योग करने के फायदे तो हजारों हैं लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स लगभग न के बराबर हैं। यही कारण है की आजकल लोगों को कोई समस्या होती है तो वे योग में उसके इलाज को ढूंढते हैं। 

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आज हम आपको उन योगसनों के बारे में बताएंगे जिनकी मदद से आप घर बैठे अपनी इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। योग या योग को करने की विधि को लेकर अगर आपके मन किसी तरह की कोई मंशा हो तो आप डॉक्टर या खासकर आयुर्वेद के डॉक्टर से मिलकर इस बारे में बात कर सकते हैं। यूट्यूब पर भी इसके ढेरों वीडियो मौजूद हैं, आप उनकी भी मदद ले सकते हैं। 

धनुरासन — Dhanurasana For Treating Varicocele in Hindi 

यह आसन एक धनुष (Bow) की तरह दिखाई देता है। इसे उर्ध्वा चक्र आसन के नाम भी जाना जाता है। यह वैरीकोसेल के लक्षणों को कम करता है और नसों में खून के फंक्शन को बेहतर बनाता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप पेट के बल लेट जाएं। Varicocele Treatment By Yoga in Hindi पैर को अलग करते हुए हाथों को अपने शरीर के बगल में रखें। पहले सांस लें फिर सांस छोड़ते हुए अपने घुटनों को मोड़ें और एड़ियों को अपने हाथों से पकड़ लें। (आगे पढ़ें: हाइड्रोसील ठीक करने के लिए योगासन

अब सांस लेते हुए अपने चेस्ट को ऊपर करें और फिर अपने पैरों को ऊपर की तरफ बिलकुल सीधा रखें। सामने देखते हुए अपने शरीर को स्ट्रेच करें और इस बात का ध्यान रखें की अब केवल आपका पेट जमीन से सटा हुआ है। Varicocele Treatment By Yoga in Hindi इस पोजीशन में 15-20 सेकेंड तक ब्रीदिंग करें। फिर सांस छोड़ते हुए धीरे धीरे इस पोजीशन से बाहर निकल जाएं। 

अर्ध मासयेन्द्र आसन — Ardha Matsyendra Asana For Varicocele Treatment in Hindi

यह आसन उन लोगों के लिए सबसे बेस्ट है जिन्हें मोटापा और यूरिनरी डिसऑर्डर की समस्या भी है। साथ ही यह वैरीकोसेल के लिए बेस्ट योगासनों में से एक माना जाता है। यह आसन पेट, पैंक्रियास, लिवर और किडनी के फंक्शन को भी बेहतर करता है। इस आसन को करने के लिए आप सीधा बैठने के बाद अपने पैरों को सामने की तरफ स्ट्रेच करें। अपने बाएं घुटने को मोड़ें और अपनी एड़ी को दाहिने जांघ  के नीचे रखें।  

फिर अपने दाहिने पैर को बाएं घुटने के ऊपर रखें और बाएं हाथ को दाहिने घुटने के ऊपर रखें। Varicocele Treatment By Yoga in Hindi दाहिने हाथ को अपने पीछे जमीन पर रखें। अपनी कमर को दाहिनी तरफ मोड़ें और अपनी नजर को दाहिने कंधे के ऊपर रखें। अपनी पीठ को सीधा रखें और 15-20 सेकेंड के लिए इस पोजीशन में रहें। अपनी आंखें बंद रखें और फिर सांस छोड़ते हुए धीरे धीरे इस पोजीशन से बाहर आ जाएं। इस आसान को फिर दूसरी तरफ करें।   

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पादहस्तासन — Padahastasana To Cure Varicocele in Hindi 

वैरीकोसेल के लिए योग में पादहस्तासन एक सामान्य योग की मुद्रा है। इसमें सिर को आगे की तरफ झुका कर पैरों से सटाया जाता है। Varicocele Treatment By Yoga in Hindi इस योग को करने से शरीर में लचीलापन आता है। योगाभ्यास शुरू करने वालों के लिए यह बेहतरीन अभ्यास है। जिसे करने से वैरीकोसेल की समस्या खत्म होने के साथ साथ पीठ और पेट दर्द से भी राहत मिलती है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर सीधे खड़े होकर अपने हाथों को लटकाते हुए पैरों के पंजे तक ले जाएं। 

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अपनी उंगलियों को पंजों के पास ले जाकर उन्हें अपने पैर के पंजों के नीचे दबाने की कोशिश करें। घुटनों को बिना मोड़े अपनी ठुड्डी को घुटने से टिकाने की कोशिश करें। Varicocele Treatment By Yoga in Hindi शुरुआत में कम से कम 5 सेकेंड से 20 सेकेंड तक इसी मुद्रा में बने रहने का प्रयास करें। इस स्थिति में आपको तेज सांस लेने की जरूरत नहीं है। इस मुद्रा को खाली पेट या भोजन करने के 4 से 5 घंटों के बाद करना चाहिए।

वज्रासन — Vajrasana For Varicocele Treatment in Hindi 

वज्रासन करने से वैरीकोसेल की समस्या में आराम मिलता है। वैरीकोसेल के मरीज को 10 से 20 मिनट तक वज्रासन की स्थिति में बैठे रहना है। ऊपर बताए गए सभी योग के मुकाबले वज्रासन सबसे सरल योग है जिसके अन्य फायदे भी हैं। Varicocele Treatment By Yoga in Hindi वैसिकोसेल को दूर करने के लिए सबसे पहले एक साफ जगह में चटाई बिछा कर अपने दाएं और बाएं पैर को पीछे की तरफ मोड़ कर प्राणायाम की स्थिति में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को पालथी में और कमर को सीधा रखें। आपके पैर के टखने एक दूसरे से जुड़े होने चाहिए। इस स्थिति में लगातार पांच मिनट तक बैठे रहें। इस आसन को तीन बार दोहराएं। इससे एसिडिटी और कब्ज की समस्या से राहत मिलती है।

वैरीकोसेल का बेस्ट इलाज क्या है?

वैरीकोसेल एक गंभीर बीमारी है जिसका समय पर उचित इलाज आवश्यक है। लंबे समय तक वैरीकोसेल के लक्षणों को नज़रअंदाज़ करना या इसके इलाज में देरी करना आपके लिए परेशानियां खड़ी कर सकता है। वैरीकोसेल एक समय के बाद पुरुष में बांझपन का कारण भी बन सकता है। अगर वैरीकोसेल अपनी शुरूआती स्टेज में है तो योग की मदद से इसका इलाज किया जा सकता है, लेकिन इसमें काफी लंबा समय लग सकता है और कुछ मामलों में यह प्रभावशाली साबित भी नहीं होता है। जब योग या इलाज के दूसरे किसी माध्यम से कोई फायदा नहीं होता है और वैरीकोसेल गंभीर रूप ले लेता है तथा बांझपन का खतरा बढ़ जाता है तो डॉक्टर सर्जरी का सुझाव देते हैं।

सर्जरी को वैरीकोसेल का बेस्ट इलाज माना जाता है। सर्जरी की मदद से वैरीकोसेल का इलाज आसानी से किया जा सकता है। वैरीकोसेल की सर्जरी को कई तरह से किया जाता है, लेकिन लेप्रोस्कोपिक सर्जरी को इसका बेस्ट इलाज माना जाता है। लेप्रोस्कोपिक एक मॉडर्न और एडवांस सर्जिकल प्रक्रिया है जिससे किसी भी प्रकार के वैरीकोसेल का बेस्ट इलाज कम से कम समय में बहुत ही आसानी से किया जा सकता है। वैरीकोसेल की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी को एक अनुभवी और कुशल यूरोलॉजिस्ट की देखरेख में पूरा किया जाता है। इस सर्जरी को पूरा करने से पहले सर्जन मरीज को लोकल या जनरल एनेस्थीसिया देते हैं जिससे सर्जरी के दौरान होने वाले दर्द का खतरा खत्म हो जाता है।

एनेस्थीसिया देने के बाद, सर्जन मरीज के पेट या ऊपरी जांघ में एक छोटा सा कट लगाकर एक सर्जिकल उपकरण की मदद से खराब नसों से खून के प्रवाह को बंद करके दूसरी स्वस्थ नसों से जोड़ देते हैं। फिर कट वाली जगह पर ड्रेसिंग कर देते हैं। वैरीकोसेल की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी को पूरा होने में मात्र आधे घंटे का समय लगता है। इस सर्जरी के दौरान एक बहुत ही छोटा सा कट लगता है और टांके नहीं आते हैं तथा ब्लीडिंग या दर्द भी नहीं होता है। इस सर्जरी के दौरान इंफेक्शन या साइड इफेक्ट्स का खतरा भी लगभग शून्य होता है। वैरीकोसेल की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी एक दिन की प्रक्रिया है, इसलिए सर्जरी के बाद मरीज को हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत भी नहीं पड़ती है।

वैरीकोसेल की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी खत्म होने के कुछ ही घंटों के बाद मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है। इस सर्जरी के दौरान छोटा कट लगने, टांके नहीं आने और ब्लीडिंग नहीं होने के कारण मरीज की रिकवरी बहुत तेजी से होती है। वैरीकोसेल की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के मात्र दो दिन बाद से मरीज अपने दैनिक जीवन के कामों को फिर से शुरू कर सकते हैं। वैरीकोसेल की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी एक संक्षिप्त, सुरक्षित, बहुत ही आसान और सफल प्रक्रिया है। अगर आप वैरीकोसेल की समस्या से परेशान हैं और कम से कम समय में इसका बेस्ट इलाज पाना चाहते हैं तो आपको लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का चुनाव करना चाहिए।

निष्कर्ष — Conclusion 

वैरीकोसेल भी दूसरी सामान्य बीमारियों की तरह है। यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है और इसके ढेरों प्रभावशाली इलाज के तरीके मौजूद हैं। अगर आप भी इससे पीड़ित हैं तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। आप ऊपर बताए गए योगासनों की मदद से अपनी समस्या को घर बैठे खत्म कर सकते हैं। Varicocele Treatment By Yoga in Hindi अगर आपको योग से कोई फायदा नहीं होता है तो आप घरेलू नुस्खे, एलोपैथी, आयुर्वेद या होम्योपैथी की दवाओं का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। अधिक परेशानी होने पर आप डॉक्टर से मिलकर अपने स्क्रोटम की जांच यानी की अल्ट्रासाउंड भी करवा सकते हैं। इससे आपकी बीमारी की गंभीरता तथा उसके सटीक कारणों का पता चल जाता है। जिसकी वजह से इलाज में बहुत मदद मिलती है। 

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इसके अलावा, इस समस्या को दूर करने तथा इससे बचने के लिए आप कुछ चीजों के लेकर सावधानियां भी बारात सकते हैं। जैसे की अधिक व्यायाम करने पर नसों में तनाव पैदा होता जिसके कारण ब्लड एक जगह जमा हो जाते हैं। यह वैरीकोसेल के लक्षणों में से एक है। इसलिए अगर आप भी लंबे समय तक अधिक व्यायाम करते हैं तो अब इसे कम कीजिए। साथ ही लंबे समय तक एक जगह या एक ही पोजीशन में खड़े होने से बचें। Varicocele Treatment By Yoga in Hindi क्योंकि इससे आपका दर्द बढ़ सकता है तथा अगर खड़े होने पर आपको दर्द हो तो लेट जाएं। इन सबके अलावा, अपने खान पान और लाइफस्टाइल पर खास ध्यान दें। अधिक परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलकर बात करें। 

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|