neem ki madad se bawasir ka ilaj

आयुर्वेद में नीम को एक महान औषधि का दर्जा प्राप्त है, जो कई बीमारियों में फायदेमंद होती है। बाहरी त्वचा से लेकर यह कई आंतरिक अंगों को लाभ पहुंचा सकती है और बवासीर जैसे खतरनाक गुदा रोग को बढ़ने से रोककर उपचार कर सकती है।

इसे हृदय, आँख, कान, नाक आदि कई अंगों में होने वाले कई समस्याओं के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

बवासीर का इलाज करने के लिए नीम को कई ढंग से इस्तेमाल किया जा सकता है।

बवासीर में नीम का उपयोग क्यों करना चाहिए?

नीम में एंटी बैक्टीरियल, सूजनरोधी, और दर्द निवारक गुण होता है जो बवासीर के मस्सों के सूजन को कम करता है और बैक्टीरिया का अंत करके दर्द को दूर करता है।

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यदि आपके पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड का उत्पादन अधिक होता है तो नीम से इसकी सांद्रता (concentration) कम हो जाती है, जिससे खाना पचने में आसानी होती है। कब्ज को रोककर यह बवासीर के लक्षणों को बढ़ने से रोकता है। मोटा-मोटी बात करें तो ये बवासीर का कुछ इस तरह से इलाज करता है-

  • सूजन, जलन, खुजली और इन्फेक्शन  कम करता है।
  • पाचन दुरुस्त करके कब्ज से छुटकारा दिलाकर।

बवासीर में नीम का उपयोग कैसे करें? – Neem se Bawaseer Ka Ilaj

पाइल्स में नीम को निम्न तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है-

  • नीम के पत्तों का पेस्ट – नीम के पत्ते और फूल का पेस्ट बनाकर बवासीर के मस्से पर लगाएं।
  • नीम वाली क्रीम – नीम के फल और पत्तियों के रस को निकालकर कई तरह की दवाइयाँ बनाई जाती है, इसकी क्रीम भी मिलती है। आप किसी मेडिकल स्टोर में जाकर बवासीर के लिए नीम की क्रीम खरीद सकते हैं और उसे मस्सों पर लगा सकते हैं।
  • नीम का रस – नीम की पत्तियां कूटकर उसका रस निकाल लें और बाहरी पाइल्स में लगाएं। आप इसे पीने के लिए मेडिकल स्टोर से भी खरीद सकते हैं। इसे पीने से पाचन सही होगा और कब्ज से आराम मिलेगा। नीम के रस का कैसे और कितनी मात्रा में सेवन करना है, यह खरीदते समय फिजिशियन से पूछ लें।
  • नीम का तेल – एक कॉटन के कपड़े को तेल में भिगोकर बाहरी मस्सों पर अप्लाई करें, नीम के तेल को सिट्ज़ बाथ के लिए भी उपयोग कर सकते हैं।
  • नीम की पत्ती और नारियल का तेल – ऑर्गेनिक नारियल तेल के साथ नीम के पत्तों का पेस्ट बनाकर बाहरी बवासीर में लगाने से आपको सूजन और दर्द से कुछ ही देर में राहत मिल जाएगी। नीम के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी और जीवाणुरोधी दोनों गुण होते हैं, जो संक्रमण को ठीक करने के साथ-साथ सूजन और खुजली को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

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बवासीर में नीम का उपयोग करने से पहले जरूर बरतें ये सावधानियां

नीम से तैयार जड़ी-बूटी को बवासीर के मस्सों में लगाने या इनका सेवन करने से पहले निम्न बातों को ध्यान में जरूर रखें-

  • पेस्ट बनाने से पहले नीम की पत्तियों को अच्छी तरह से धो लें, ध्यान दें कि पीसने के लिए उपयोग होने वाले सिलवट या ग्राइंडर में मिर्च या मसाले न हो, अन्यथा यह मस्सों में जलन का कारण बन सकता है और मस्सों का आकार और सूजन बढ़ सकता है।
  • यदि आप गर्भवती हैं, किसी बीमारी से पीड़ित हैं या किसी बीमारी की दवा चालू है तो इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
  • नीम के रस का सेवन एक तय मात्रा में करना चाहिए और ज्यादा दिनों तक नहीं करना चाहिए, अन्यथा यह शरीर के लिए हानिकारक भी हो सकता है। इसलिए इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से यह जरूर जान लें कि इसका कितनी मात्रा में और कितनी बार सेवन करना चाहिए।

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बवासीर में नीम का उपयोग कब न करें?

निम्न परिस्थितियों में नीम से बवासीर का इलाज करने से बचना चाहिए

  • यदि आप गर्भवती महिला हैं तो नीम का सेवन न करें, दरअसल इसका उपयोग आपके गर्भपात का कारण बन सकता है।
  • कुछ ऐसे रिसर्च भी सामने आए हैं, जिसमें बताया गया है कि स्तनपान कराने वाली महिला को नीम का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • ऐसे लोग जो ऑटो-इम्म्यून डिसऑर्डर से पीड़ित हैं, उन्हें नीम का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि नीम से इम्यूनिटी मजबूत होती है।
  • डायबिटीज का उपचार के लिए दवाइयों का उपयोग करने वालों को इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें। क्योंकि यह ब्लड शुगर लेवल को कम करता है और डायबिटीज की दवाइयां भी सेम काम करती हैं। अचानक से ब्लड शुगर लेवल में कमी आ जाना आपके सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।
  • कुछ रिसर्च में यह पता चला है कि नीम से स्पर्म काउंट कम हो जाता है, इसलिए यदि आप इनफर्टिलिटी से पीड़ित हैं तो नीम का सेवन न करें।

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क्या नीम से बवासीर का हमेशा के लिए इलाज किया जा सकता है?

यदि बवासीर अपने शुरूआती ग्रेड में है तो नीम इसके लिए रामबाण उपचार विधि है। लेकिन यदि पाइल्स ऊपरी ग्रेड में है तो इसका इस्तेमाल करना व्यर्थ है। 

ऊपरी ग्रेड के बवासीर में मस्सों का आकार बढ़ता जाता है और यदि इसका शुरुआत में लेजर सर्जरी की मदद से उपचार नहीं किया गया तो ग्रेड चार में पहुँचने के बाद इसे सिर्फ और सिर्फ ओपन सर्जरी से ठीक करना पड़ेगा।

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इसलिए बवासीर के लक्षणों का अनुभव करने के बाद आपको तुरंत ही डॉक्टर से इसका निदान करवाना चाहिए।

कैसे पता करें कि आपको किस ग्रेड का बवासीर है?

इसके लिए आपको डॉक्टर के क्लीनिक में निदान के लिए जाना पड़ेगा, यदि गुदा की जाँच उचित समय में हो जाती है और बवासीर गंभीर नहीं है तो डॉक्टर द्वारा दिए गए दवाइयों और कुछ घरेलू नुस्खे से बवासीर को नष्ट कर सकते हैं।

पढ़ें – बवासीर के कितने ग्रेड होते हैं?

यदि आप चाहते हैं कि आपके बवासीर का उचित निदान हो और फिर पाइल्स के ग्रेड के अनुसार सही उपचार हो तो Pristyn Care में अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं या कॉल कर सकते हैं।

हमारे डॉक्टर आपके बवासीर की अवस्था के मुताबिक़ आपको घरेलू नुस्खे, दवाइयों और सर्जरी में से किसी एक की सलाह दे सकते हैं।

निष्कर्ष – Conclusion 

अगर बवासीर अपने शुरुआती अवस्था में है तो नीम से बवासीर का इलाज करना संभव है। लेकिन इसकी जटिलताओं से बचने के लिए और बवासीर को बढ़ने से रोकने के लिए आपको डॉक्टर के पास निदान के लिए जाना चाहिए, यदि वे निदान के बाद बताते हैं कि आपको ग्रेड एक का सामान्य बवासीर है तो आप नीम का उपयोग कर सकते हैं। अन्यथा आपको उनके द्वारा बताए गए उपचार मार्ग पर चलना होगा।

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|

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