भगंदर की पतंजली दवा

पतंजलि एक भारतीय आर्गेनिक (organic) कंपनी है जो आयुर्वेदिक सामाग्रियों का उत्पादन करती है और उन्हें बेचती है। ये सभी उत्पाद बिना किसी दुष्प्रभाव के अपना असर दिखाते हैं। कंपनी के मुताबिक़ इन उत्पादों में किसी भी प्रकार का केमिकल नहीं मिलाया जाता है और ये शरीर के लिए किसी भी तरह से नुकसानदायक नहीं होते हैं।

भगंदर को अंग्रेजी में फिस्टुला (fistula) कहा जाता है।

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फिस्टुला की पतंजलि दवा- दिव्य अर्शकल्प वटी

पतंजलि की यह दवा फिस्टुला, फिशर और बवासीर तीनों के लिए फायदेमंद है। इसे कई तरह की जड़ी बूटियों के मिश्रण से तैयार किया जाता है जो पेट से संबंधी कई समस्याओं का समूल नाश करने की क्षमता रखता है। दिव्य अर्शकल्प वटी के सेवन से पाचन दुरुस्त रहता है और मल भी कोमल हो जाता है जिसकी वजह से भगंदर के दौरान मलत्याग के समय कोई कष्ट नहीं झेलना पड़ता है।

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इसके अलावा अर्शकल्प वटी के सेवन से गैस की समस्या ख़त्म हो जाती है और दर्द कम होता है।

दिव्य अर्शकल्प वटी के घटक (composition)

दिव्य अर्शकल्प वटी को नीचे दिए गए जड़ी बूटियों से तैयार किया जाता है।

  • हरीतकी – यह मल मुलायम करता है और आँतों के मूवमेंट को ठीक करता है। दर्द दूर करता है और पेट के छालों से राहत दिलाता है।
  • कपूर – इसमें पाए जाने वाले तत्व सूक्ष्म जीव को ख़त्म करते हैं और त्वचा का लालपन दूर दूर करते हैं।
  • नीम- यह दर्द, सूजन और बुखार कम करता है और पेट के छाले दूर करता है। इसके अलावा यह ब्लीडिंग वाले क्षेत्र में खून का बहाव कम करता है।
  • एलोवेरा – बिना अचेतना के दर्द दूर करता है, जख्म के सूजन को कम करता है, इम्यूनिटी बढ़ाता है, बैक्टीरिया के ग्रोथ को कम करता है।

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इसके अलावा इसे शुद्ध रसौंत, बकायन, काकमाची (मकोय), घृतकुमारी, नाग दौना, रीठा आदि कई जड़ी-बूटियों से तैयार किया जाता है।

भगंदर में दिव्य अर्शकल्प वटी के फायदे – Benefits of arshkalp vati in fistula in Hindi

भगंदर के दौरान अर्शकल्प वटी का इस्तेमाल करने के निम्न फायदे होते हैं, जैसे-

  • बवासीर, फिस्टुला आदि में उपयोगी है
  • फिस्टुला और बवासीर के कारण चुभन, जलन और दर्द को कम करता है
  • पूर्ण आयुर्वेदिक और प्राकृतिक है
  • फिस्टुला दोबारा होने से रोकता है
  • कोई साइड-इफेक्ट्स नहीं होते हैं
  • हेल्थ को रिस्टोर करता है
  • भूख बढ़ाने का काम करता है

भगंदर की पतंजली दवा (अर्शकल्प वटी) की सावधानियाँ

Arshkalp Vati Tablet का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर को दवाइयों की वर्तमान सूची, उत्पादों (जैसे विटामिन, हर्बल सप्लीमेंट आदि), एलर्जी, पहले से मौजूद बीमारियों और वर्तमान स्वास्थ्य स्थितियों (जैसे गर्भावस्था, होने वाली सर्जरी, आदि) के बारे में बताएं। कुछ स्वास्थ्य स्थितियाँ ऐसी हैं जिनमें अर्शकल्प वटी को उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है।

जैसे- 

  • स्तनपान कराने वाली महिलाएं डॉक्टर के सलाह लें
  • गर्भवती, या गर्भवती होने के लिए कोशिश करने वाली महिलाएं

 भगंदर में दिव्य अर्शकल्प वटी का इस्तेमाल कब न करें- 

अगर आप नीचे दी गई परिस्थितियों से गुजर रहे हैं तो भगंदर के दौरान अर्शकल्प वटी का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। जैसे-

  • सर्जरी से 2 सप्ताह पहले
  • 12 वर्ष से कम आयु के बच्चे इसका उपयोग न करें
  • क्रोहन रोग (chronic disease)
  • अतिसंवेदनशीलता (hypersensitivity)
  • शिशुओं को न दें
  • गर्भावस्था के दौरान
  • बड़ी आंत में सूजन होने पर

फिस्टुला में दिव्य अर्शकल्प वटी का डोज मिस होने पर क्या करें

अगर आप सुबह का डोज मिस कर दिए हैं तो आप उसकी पूर्ति के लिए शाम के वक्त सुबह के डोज का सेवन न करें। ऐसी परिस्थिति में आप दूसरे दिन से फिर से अपना नया डोज शुरू कर सकते हैं। पुराने डोज को पूरा करने के लिए नए डोज के साथ एक्स्ट्रा टेबलेट का सेवन करने की कोई जरूरत नहीं है। अगर आप बहुत से डोज मिस कर चुके हैं तो आपको डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।

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फिस्टुला में दिव्य अर्शकल्प वटी का ओवरडोज होने पर क्या करें

अर्शकल्प वटी का ओवरडोज न लें, ज्यादा खाने से लक्षण में सुधार नहीं होता है बल्कि, इससे परेशानी और अधिक हो सकती है । वटी का ओवेरडोज होने पर तुरंत पास के अस्पताल में जाकर डॉक्टर से सलाह ले और डॉक्टर के बताए गए निर्देशों का पालन करें। डॉक्टर को सही जानकारी दे और साथ में डॉक्टर के द्वारा दिए गए दवा को अपने साथ ले आयें और उनका सेवन करें। डॉक्टर से इस बात को जरूर पूछ लें कि क्या अर्शकल्प वटी के साथ उनकी बता गई दवाइयों का सेवन कर सकते हैं।

फिस्टुला में दिव्य अर्शकल्प वटी को कैसे रखें 

अर्शकल्प वटी को रूम तापमान में रखें। गर्मी, सूर्य की रौशनी से दूर रखें। इसे फ्रीज न करें और बच्चों से दूर रखे। अर्शकल्प वटी को पानी, टॉयलेट आदि में फ्लश न करें इससे पर्यावरण को नुकसान पहुँच सकता है।

फिस्टुला का जड़ से इलाज के लिए लेजर सर्जरी

अगर पतंजलि उपचार से भी भगंदर ठीक नहीं होता है तो लेजर सर्जरी ही अंतिम विकल्प बचता है। हालांकि, फिस्टुला का उपचार करने के लिए दूसरी सर्जरी भी की जाती है लेकिन, उस सर्जरी के बाद रोगी को स्वस्थ होने में बहुत समय लगता है और रिकवरी के दौरान दर्द होता है। आइये जानते हैं कि कैसे फिस्टुला के लिए लेजर सर्जरी एक अच्छा आप्शन हो सकती है।

  • कोई बड़ा कट नहीं
  • बिना दर्द की रिकवरी
  • जल्दी रिकवरी
  • दोबारा होने के बहुत कम चांस
  • दर्द रहित इलाज

फिस्टुला की लेजर सर्जरी के लिए Pristyn Care सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। हम अपने मरीजों को कई तरह की सुविधाएँ प्रदान करते हैं जो रोगी को कई तरह के फायदे देते हैं।

जैसे- मुफ्त फॉलो-अप, शून्य EMI पर इलाज, आने-जाने की व्यवस्था, इंशोयरेंस का लाभ आदि।

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|