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आंखें मनुष्य के शरीर के सभी खास अंगों में से एक हैं। आंखों के जरिए ही इंसान इस दुनिया की खूबसूरती को देखता और महसूस करता है। हर इंसान अपने आंखों का खास ध्यान रखता है, लेकिन मनुष्य के जीवन में टेक्नोलॉजी आने के बाद हर किसी का लाइफस्टाइल पूरी तरह से बदल गया है। आज बच्चा, जवान और बूढ़ा हर कोई अपना लंबा समय लैपटॉप, टीवी या मोबाइल के सामने व्यतीत करता है। लगातार स्किन के सामने अधिक समय बिताने या स्क्रीन और आंखों के बीच की सही दूरी का ध्यान नहीं रखने के कारण आज आंखों में कई तरह की समस्याएं पैदा हो रही हैं। मायोपिया, हाइपरमेट्रोपिया और एस्टिग्मेटिज्म भी इन्ही में से एक हैं।

मायोपिया होने पर दूर की चीजें धुंधली दिखाई देती हैं, हाइपरमेट्रोपिया होने पर पास की चीजें धुंधली दिखाई देती हैं और एस्टिग्मेटिज्म की स्थिति में पास और दूर दोनों ही जगह की चीजें धुंधली दिखाई पड़ती हैं। मायोपिया, हाइपरमेट्रोपिया या एस्टिग्मेटिज्म से पीड़ित होने पर कॉर्निया या लेंस अपने साधारण से कम या अधिक गोल हो जाते हैं जिसके कारण आंखों में जाने वाली रोशनी कॉर्निया और लेंस के द्वारा रेटिना पर एक बिंदु पर केंद्रित नहीं होती है जिसके कारण मरीज को चीजें धुंधली दिखाई पड़ती हैं। मायोपिया, हाइपरमेट्रोपिया और एस्टिग्मेटिज्म का इलाज चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस से किया जा सकता है, लेकिन लेसिक सर्जरी को इन समस्याओं का बेस्ट और परमानेंट इलाज माना जाता है।

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लेजर इन सीटू किरेटोमिल्युसिस (Laser-assisted in Situ Keratomileusis -LASIK) को आमतौर पर लेसिक सर्जरी के नाम से जाना जाता है। यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसके दौरान मायोपिया, हाइपरमेट्रोपिया और एस्टिग्मेटिज्म का इलाज किया जाता है। लेसिक सर्जरी को एक अनुभवी और विश्वसनीय नेत्र रोग विशेषज्ञ की देखरेख में पूरा किया जाता है। इस सर्जरी को शुरू करने से पहले सर्जन मरीज की आंखों में एनेस्थेटिक ड्रॉप डालते हैं जिससे सर्जरी के दौरान होने वाले दर्द का ख़तरा खत्म हो जाता है। उसके बाद, सर्जन कॉर्निया को रीशेप करते हैं जिसके बाद मायोपिया, हाइपरमेट्रोपिया या एस्टिग्मेटिज्म की समस्या दूर हो जाती है।

लेसिक सर्जरी के दौरान या बाद में साइड इफेक्ट्स या जटिलताओं की संभावना काफी कम होती है। लेकिन फिर भी सर्जरी के बाद आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए ताकि जल्द से जल्द रिकवरी हो सके। अगर आपको मायोपिया, हाइपरमेट्रोपिया या एस्टिग्मेटिज्म की समस्या है और आप लेसिक सर्जरी से इसका इलाज कराना चाहते हैं तो सर्जरी के बाद नीचे दी हुई खास बातों का ध्यान रखें।

सर्जरी के बाद आराम करें

वैसे तो लेसिक सर्जरी के बाद मरीज को हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत नहीं पड़ती है। लेसिक सर्जरी खत्म होने के कुछ ही घंटों के बाद मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है। लेकिन अगर आपको ऐसा लगता है कि आपको हॉस्पिटल में रुकना चाहिए तो अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने के बाद हॉस्पिटल में एक से दो दिन तक रुकें और आराम करें।

आंखों को मलने से बचें

लेसिक सर्जरी के बाद आंखों में जलन या खुजली होना आम बात है। सर्जरी के बाद जैसे-जैसे आंखों की रिकवरी होती है उसमें हल्की जलन और खुजली होती है। लेकिन आपको अपनी आंखों को खुजलाने या मलने से बचना चाहिए। ऐसा करने से कॉर्निया खराब हो सकता है और आपकी आंखों में समस्याएं पैदा होना का ख़तरा रहता है।

समय-समय पर आंखों की जांच कराएं

अगर आप लेसिक सर्जरी के बाद किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट्स या जटिलताओं से खुद को बचाना चाहते हैं तो आपको अपनी आंखों का समय-समय पर जांच कराते रहना चाहिए। जांच की मदद से डॉक्टर आपकी रिकवरी को ट्रैक कर सकते हैं। साथ ही, अगर सर्जरी के बाद आपकी आंखों में किसी तरह की कोई परेशानी है तो उसका भी समय पर उचित इलाज किया जा सकता है।

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धूप में नहीं निकलना चाहिए

अगर आप मायोपिया, हाइपरमेट्रोपिया या एस्टिग्मेटिज्म से पीड़ित हैं और लेसिक सर्जरी से इसका इलाज कराना चाहते हैं तो आपको लेसिक सर्जरी के बाद कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से इस सर्जरी के संभावित साइड इफेक्ट्स का खतरा खत्म हो जाता है। लेसिक सर्जरी के बाद आपको अगले कुछ दिनों तक धूप में नहीं निकलना चाहिए। धूप में निकलने पर आपकी आंखें अल्ट्रावायलेट किरणों के संपर्क में आ सकती हैं जिससे आपकी परेशानी खत्म होने के बजाय बढ़ सकती है।

गाड़ी चलाने से बचना चाहिए

लेसिक सर्जरी के बाद आपको लगभग एक सप्ताह तक गाड़ी चलाने से बचना चाहिए। सर्जरी के तुरंत बाद या 1-2 दिन बाद गाड़ी चलाने से आपकी आंखों में तेज हवा लग सकती है या धूल जा सकती है जिससे आपका कॉर्निया डैमेज हो सकता है तथा आपको फिर से धुंधली दृष्टि की समस्या पैदा हो सकती है। आमतौर पर लेसिक सर्जरी कराने के बाद कुछ दिनों तक गाड़ी चलाने से बचना चाहिए।

एक्सरसाइज करने से बचें

अगर आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं तब भी आपको लेसिक सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए। लेसिक सर्जरी के तुरंत बाद तेज चलना, दौड़ना या भारी सामान उठाना आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। लेसिक सर्जरी के बाद आपको अपनी आंख के साथ-साथ शरीर को भी कुछ दिनों के लिए आराम देना चाहिए। इससे रिकवरी में मदद मिलती है और जटिलताओं की संभावना कम से कम होती है।

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चेहरे पर मेकअप करने से बचना चाहिए

लेसिक सर्जरी के बाद कम से कम एक सप्ताह तक अपने चेहरे पर मेकअप करने से बचना चाहिए। मेकअप के टूल्स में बैक्टीरिया हो सकते हैं जिसके कारण आपकी आंखों में इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। जब तक आपकी आंख पूरी तरह से रिकवरी नहीं हो जाती है आपको मेकअप की चीजों से दूर रहना चाहिए। इंफेक्शन होने के साथ-साथ, मेकअप के दौरान आप अपनी आंखों को मल या रगड़ भी सकते हैं जिसके कारण कॉर्निया खराब हो सकता है और आपको फिर से धुंधली दृष्टि की समस्या हो सकती है।

खेल से दूर रहें

लेसिक सर्जरी के बाद आप मैदान में बिना चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस के कोई भी खेल खेलने के लिए उत्सुक हो सकते हैं। लेकिन आपको अपनी उत्सुकता को कुछ दिनों के लिए बचा कर रखना चाहिए। लेसिक सर्जरी के बाद जब तक आपकी आंख पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाती आपको किसी भी प्रकार के खेल से दूर रहना चाहिए। ऐसा करने से आपकी आंखों पर दबाव पड़ सकता है जिससे आपकी रिकवरी में बाधाएं पैदा हो सकती हैं।

मोबाइल, लैपटॉप या टीवी स्क्रीन से दूर रहें

आज के समय में मोबाइल, लैपटॉप या टीवी स्क्रीन के बिना समय बिताना बहुत ही मुश्किल है। लेकिन अगर आपने लेसिक सर्जरी कराया है तो आपको सर्जरी के अगले एक से दो दिन तक खुद को मोबाइल, लैपटॉप या टीवी स्क्रीन से दूर रखना चाहिए। अगर कुछ आवश्यक काम के कारण इन चीजों से दूर रहना मुश्किल है तो कम से कम समय में लैपटॉप या मोबाइल पर समय देकर अपना काम करने की कोशिश करें। लेसिक सर्जरी के बाद लंबे समय तक स्क्रीन के सामने समय बिताने से आंखों पर दबाव पड़ता है जो आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

लेसिक सर्जरी एक मॉडर्न और एडवांस सर्जिकल इलाज है। लेकिन इस सर्जरी के बाद आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि इससे सर्जरी के बाद होने वाले संभावित साइड इफेक्ट्स का खतरा ख़त्म हो जाता है और रिकवरी बहुत जल्दी होती है। अगर आप लेसिक सर्जरी कराना चाहते हैं तो आपको प्रिस्टीन केयर से संपर्क करना चाहिए। प्रिस्टीन केयर के पास देश के सबसे अनुभवी और विश्वसनीय नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं। प्रिस्टीन केयर के सर्जन को मायोपिया, हाइपरमेट्रोपिया और एस्टिग्मेटिज्म की गहरी समझ और लेसिक सर्जरी में महारत हासिल है।

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|