SINUSITIS ME KYA NAHI KHAYE

आज के समय में बढ़ते प्रदूषण के कारण साइनोसाईटिस एक आम समस्‍या हो गया है। साइनोसाईटिस के समय होने वाला दर्द बहुत कष्टदायक होता है। साइनस इन्फेक्शन से बचने के लिए शरीर की इम्युनिटी का मजबूत होना बहुत जरूरी है। इसलिए हमें उन खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने में सक्षम हो।

इसके साथ कुछ ऐसे भी खाद्य पदार्थ हैं जिनके सेवन से साइनोसाइटिस की समस्या और तीव्र हो जाती है। आइये जानते हैं उन 10 खाद्य पदार्थों के बारे में जिनका सेवन साइनोसाइटिस के दौरान भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

साइनोसाइटिस में क्‍या नहीं खाएं? – Sinusitis me kya nahi khaye?

सेहत और खान-पान का बहुत पुराना नाता है। कुछ ऐसे आहार हैं जिनके सेवन से साइनोसाइटिस से पीड़ित व्‍यक्‍ति की तकलीफ और अधिक हो सकती है। इसलिए साइनोसाईटिस होने पर इनका सेवन भूलकर भी नहीं करना चाह‍िए।

1. प्रोसेस्‍ड सुगर (processed sugar)

इसे फ्रक्‍टोज (fructose) और सुक्रोज (sucrose) के नाम से जाना जाता है। ‘प्रोसेस्ड सु्गर’ पेस्ट्री (pestry), चाकलेट, सोडा, फ्रूट जूस आदि में पाया जाता है। साइनोसाईटिस के समय प्रोसेस्‍ड सु्गर का सेवन नहीं करना चाहिए।

2. वसा युक्‍त आहार (fatty foods)

वसा युक्‍त खाद्य पदार्थ, जैसे- पिज्‍जा, बर्गर, मीट, दूध और दूध से बनी किसी भी चीज आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इनमें मौजूद पर्याप्‍त मात्रा में फैट एपीडोज (epidose) या फैट टिश्‍यू के सूजन का कारण बन सकते हैं।

3. मोनोसोडियम ग्लूटामेट (monosodium glutamate) 

खाने का स्‍वाद बढ़ाने के लिए मोनोसोडियम ग्लूटामेट का इस्‍तेमाल मीट, सलाद, सूप, सोया सॉस आदि में होता है। साइनोसाईटिस रोगी को इसका सेवन बिल्‍कुल भी नहीं करना चाहिए।

4. ओमेगा-6 फैटी एसिड (omega-6 fatty acid)

वैसे तो ओमेगा -6 फैटी एसिड सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है लेकिन, साइनोसाईटिस होने पर इससे परहेज करना बहुत जरूरी है। कुसुम का तेल, सूरजमुखी का तेल, मकई का तेल, सोयाबीन का तेल, सूरजमुखी के बीज, अखरोट, कद्दू के बीज आदि कई ओमेगा -6 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।

5.  ग्‍लूटेन और केसीन (gluten and casein)

उन खाद्य पदार्थों का सेवन बिल्‍कुल भी न करें जिनमें ग्लूटेन और केसीन की मात्रा अधिक होती है। ग्लूटेन और केसीन गेहूं, जौ, राई, और डेयरी उत्पाद आदि में पाया जाता है।

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6. रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट (refined carbohydrate)

सफेद ब्रेड, पिज्जा वाला आटा, पास्ता, पेस्ट्री, सफेद आटा, सफेद चावल, मिठाई, और नाश्ता के लिए उपयोग होने वाला अनाज आदि रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट युक्‍त किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन बिल्‍कुल भी नहीं करना चाह‍िए। इसके सेवन से साइनस में सूजन हो सकता है।

7. वाइन और अल्कोहल (wine and alcohol)

एल्कोहल के सेवन से सूजन और डिहाइड्रेशन हो सकता है। इसके अलावा इसमें एक ऐसा कंपाउंड (compound) पाया जाता है जिसके सेवन से नेजल (nasal) क्षेत्र में सूजन हो सकता है। इसलिए, अगर आप साइनोसाइटिस से पीड़ित हैं तो अल्कोहल का सेवन न करें।

8. डेयरी उत्पाद (dairy products)

दूध या दूध से बनी किसी भी चीज का सेवन से साइनस क्षेत्र में मौजूद म्यूकस में सूजन आ जाता है जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है। साइनस इन्फेक्शन से पीड़ित किसी भी व्यक्ति को डेयरी उत्पाद से परहेज करना चाहिए।

9. टमाटर (tomatoes)

टमाटर अम्लीय प्रकृति का होता है। इसके सेवन से शरीर में हिस्टामिन का लेवल बढ़ जाता है जिससे साइनस क्षेत्र में एलर्जी हो सकती है और रोगी को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ सकता है।

10. लाल माँस (red meat)

लाल माँस में प्रोटीन बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। अगर किसी को साइनस इन्फेक्शन है और वह लाल माँस का सेवन करता है तो उसे सांस लेने में परेशानी हो सकती है।

साइनोसाइटिस का कारण बनने वाली एलर्जी को खाद्य पदार्थ के सेवन से कैसे ठीक करें?

एलर्जी होने का सबसे बड़ा कारण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना है। अगर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो तो एलर्जी का हमारे शरीर पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े और हमें पता भी न चले कि एलर्जी कब हुई और कब चली गयी।

कई तरह के प्रकृतिक और घरेलू नुस्खे हैं जिनकी मदद से हम अपने इम्युनिटी को कई गुना बढ़ा सकते हैं। इम्युनिटी बढ़ाने में खाद्य पदार्थ अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। कई ऐसे आहार हैं जिनकी मदद से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है और साइनोसाइटिस का कारण बनने वाली एलर्जी दूर हो जाती है।

साइनोसाइटिस में भोजन करने से पहले जरूर बरतें ये सावधानियां

साइनोसाइटिस में संक्रमण का बहुत बड़ा रोल होता है। यदि संक्रमण से बचाव नहीं किया गया तो समस्या कम होने के बजाय बढ़ सकती हैं, इसलिए इस दौरान किसी भी चीज का सेवन करने से पहले निम्न बातों का ध्यान जरूर रखें-

  • फल और सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर उपयोग करें।
  • हाथों को साबुन से अच्छी तरफ साफ़ करें, आपके हाथों में लगे बैक्टीरिया आसानी से गले के अंदर प्रवेश कर सकते हैं और समस्या को तीव्र कर सकते हैं।
  • कोल्ड ड्रिंक्स, तले भुने आदि खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे इम्मयूनिटी कम हो जाती है और रोग तीव्र हो जाता है।
  • ऊपर बताए गए खाद्य पदार्थों का सेवन करने से परहेज करें, इस बारे में आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

सूजन और साइनोसाइटिस के लक्षण को दूर करने वाले आहार

कुछ ऐसे आहार हैं जिनकी मदद से साइनोसाइटिस के दौरान होने वाले सूजन को कम किया जा सकता है और एलर्जी से छुटकारा पाया जा सकता है। आइये उन खाद्य पदार्थों के बारे में जानते हैं-

मछली– मछलियाँ जैसे- वाइल्ड सामन (wild salmon), सारडाइन (saradines) आदि ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर होती हैं जो सूजन को कम करती है।

टार्ट चेरी (Tart cherries)- टार्ट चेरी एस्पिरिन (aspirin) के मुकाबले सूजन को 10 गुना तेजी से कम करती है इसके अलावा यह हृदय घात के खतरे को भी कम कर सकती है।

हल्दी– हल्दी में करक्यूमिन (curcumin) नामक एक बहुत ही उपयोगी कंपाउंड पाया जाता है जो सूजन को कम करता है और इम्युनिटी बढ़ाने में भी मददगार होता है।

एवोकैडो– इसमें पाया जाने वाला ओमेगा -3 एसिड सूजनरोधी है जो साइनस क्षेत्र के सूजन को कम करता है।

सब्जियां– ब्रोकोली, हरी पत्तेदार सब्जियां, सतावरी, सेम आदि विटामिन सी और कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।

फल– संतरा, नींबू, जामुन, अंगूर आदि साइट्रस फ्रूट (citrus fruits) विटामिन सी से भरपूर होते हैं। इसके अलावा सेब और नाशपाती प्राकृतिक anti-histamine हैं जो एसिडिक नेचर को कम करते हैं।

मसाले– अदरक, तुलसी, लाल मिर्च, काली मिर्च आदि साइनोसाइटिस में फायदेमंद हैं। इसके अलावा आप ग्रीन टी का भी सेवन कर सकते हैं।

साइनोसाइटिस के लिए फंक्शनल इंडोस्कोपिक सर्जरी

यदि साइनस इन्फेक्शन कई दिनों से है और आहार में परिवर्तन करने, डॉक्टर द्वारा दवाई का सेवन करने आदि के बाद भी यह हीक नहीं हो रहा है तो इसकी जाँच करवाना बहुत जरूरी है। Pristyn Care साइनोसाइटिस का उपचार करने के किए एडवांस फंक्शनल इंडोस्कोपिक सर्जरी करता है।

सर्जरी कब की जाती है?

Pristyn Care में डॉक्टर आपके साइनस इन्फेक्शन के प्रकार की जाँच करते हैं, यदि वायरल इन्फेक्शन है तो उसे सर्जरी के जरिए ठीक किया जाता है। बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने पर कुछ एंटी-बायोटिक दवाइयाँ दी जाती हैं। बैक्टीरियल इन्फेक्शन के ज्यादातर मामलों में यह एंटी-बैक्टीरियल दवाइयों से ठीक हो जाता है, कुछ मामलों में सर्जरी करने की जरूरत पड़ती है।

Pristyn Care के सर्जन उचित निदान के बाद साइनोसाइटिस की सर्जरी करने का निर्णय लेते हैं। FESS करने वाले सर्जन को 10 से अधिक वर्षों का अनुभव होता है और सर्जरी करने के लिए Pristyn Care उन्हें एडवांस और लेटेस्ट उपकरण प्रदान करता है, जिससे रोगी को कोई दर्द और जोखिम नहीं होता है, दो दिन बाद रोगी अपने काम पर जा सकता है। अधिक जानने के लिए हमें कॉल करें या अपॉइंटमेंट बुक करें।

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|