symptoms of urine infection in hindi

निशा को आए दिनों यूरिन के लिए इमरजेंसी महसूस होने लगी। उसे लगा, ज्यादा पानी पीने और शरीर में ठंडक बढ़ने से ऐसा हो रहा है, इसलिए वह इसे नजरअंदाज करती गई। कुछ दिनों बाद उसे यूरिन करते समय दर्द और जलन महसूस होने लगी। उससे दर्द बर्दाश्त नहीं किया जा रहा था, तब वह डॉक्टर के पास गई। डॉक्टर ने उसे यूरिन और ब्लड टेस्ट कराने को कहा। 

टेस्ट की रिपोर्ट देखने के बाद डॉक्टर ने निशा को यूटीआई होने के बारे में बताया। निशा के लिए यूरिन इमरजेंसी होना सामान्य था। उसके लिए  इसे यूटीआई बीमारी मानना थोड़ा मुश्किल था। तब डॉक्टर ने उसे बताया कि महिलाओं को यूरिन इंफेक्शन होने की संभावना ज्यादा होती हैं। 

यूटीआई शब्द कइयों ने सुना होगा, लेकिन इसके बारे में बहुत कम ही लोगों जानकारी हैं। यूटीआई ऐसी बीमारी है, जिसमें हमेशा लक्षण दिखाई दें, ये जरूरी नहीं। देखा जाएं तो यूटीआई थोड़ा कठिन शब्द है, इसे आम भाषा में पेशाब में संक्रमण या इंफेक्शन कहा जा सकता है। यूरिन में इंफेक्शन किसी तरह के रोगाणु जैसे बैक्टीरिया और वायरस के कारण हो सकता है। जैसा कि हम बात कर चुके है कि जरूरी नहीं, हमेशा यूटीआई होने में लक्षण दिखाई दें, इसके साथ ही यूटीआई होने पर महिला और पुरुष दोनों में अलग- अलग लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

यूटीआई में लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि यूरिनरी सिस्टम में कौनसे हिस्से में इंफेक्शन हुआ हैं? निचले हिस्से में होने वाले इंफेक्शन को lower tract urine infection (UTI) और ऊपरी हिस्से में होने वाले इंफेक्शन को Upper Tract urine tract infection (UTI) कहते है। ज्यादातर लोगों को lower tract urine tract infection (UTI) होता हैं। आइये जानते है, 

यूटीआई (lower tract urine infection) के लक्षण क्या है?

  • यूरिन करने पर जलन होना।
  • कम मात्रा में यूरिन आना और जल्दी-जल्दी आना
  • जब भी यूरिन आये तो कंट्रोल न हो और इमरजेंसी महसूस हो।
  • पेशाब में खून आना।
  • धुंधला यूरिन आना। 
  • पेशाब का रंग किसी कोल्डड्रिंक जैसे कोको कोला या चाय की तरह दिखना।
  • यूरिन में से तेज गंध आना।
  • lower tract urine infection होने पर महिलाओं में पेल्विक दर्द और पुरुषों में रेक्टम में दर्द होता हैं।

Upper tract urine Infection में दिखाई देने वाले आम लक्षण:-

lower tract urine infection का इलाज न कराने पर upper tract urine infection (uti) हो सकता है। इसमें इंफेक्शन urinary tract की पहली स्टेज से इंफेक्शन किडनी तक पहुंच जाता है। इसका इलाज न कराने पर जान जाने तक का खतरा रहता है। अगर किडनी से संक्रमित बैक्टीरिया खून में चला जाएं तो यूरोसेप्सिस हो सकता है, इसमें ब्लड प्रेशर कम होने के बाद shock और death तक हो जाती है। 

lower tract urine infection के लक्षण निम्न हैं:-

  • पीठ के ऊपरी हिस्से और साइड में दर्द और कोमलता यानी Tenderness होना।
  • बुखार होना।
  • उल्टी होना।
  • जी मिचलाना।
  • ठंड लगना।

महिलाओं में यूटीआई के लक्षण (Symptoms of UTI in women)

यूटीआई की परेशानी ज्यादातर महिलाओं को होती हैं, इसका कारण लाइफस्टाइल हो सकता है। यूटीआई में महिलाओं को निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

  • रोजाना frequent urination होना।
  • पेशाब करने को लेकर इमरजेंसी महसूस करना।
  • यूरिन करते समय जलन और दर्द महसूस होना।
  • ठंड लग कर या बिना ठंड लगे बुखार आना।
  • पीठ में बीच के, ऊपर और साइड के हिस्से में दर्द होना।
  • नींद के दौरान भी यूरिन के लिए जागना।
  • नींद में ही बिस्तर गीला कर देना।

महिलाओं में यूटीआई के जोखिम कारक (Risk factors of UTI in women)

बाथरूम हाइजीन को फॉलो न करने से भी यूरिन इंफेक्शन (UTI) हो जाता है। यूटीआई के निम्न जोखिम कारक हो सकते हैं। 

  • महिला शरीर में Urethra छोटा होता है और इसके पास ही योनि और एनस होते हैं, इससे यहां मौजूद बैक्टीरिया urethra में इंफेक्शन कर देते हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं का Urethra छोटा होता हैं, जिससे इस इंफेक्शन के होने की संभावनाएं ज्यादा होती है।
  • शारीरिक संबंध बनाते समय अगर urinary tract पर दबाव पड़ता है तो एनस पर मौजूद बैक्टीरिया ब्लैडर में चले जाते हैं। हालांकि इन बैक्टीरिया से 24 घंटे में ही छुटकारा मिल जाता है।
  • नॉन-लुब्रिकेटेड कंडोम का इस्तेमाल करने से स्किन इरिटेशन हो सकता है, इससे भी यूटीआई होने का रिस्क बढ़ जाता है। कॉन्डम का इस्तेमाल जरूरी है लेकिन water-based lubricant कंडोम हो स्किन इरिटेशन नहीं होता है।
  • शुक्राणु नाशक (Spermicides) चीजों का इस्तेमाल करने से भी स्किन इरिटेशन हो सकता है, साथ ही महिलाओं के ब्लैडर में बैक्टीरिया जा सकता है।
  • मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन का स्तर बदलने से योनि में अच्छे बैक्टीरिया की कमी हो जाती हैं, जिससे यूटीआई का रिस्क बढ़ जाता है।

पुरुषों में यूटीआई के लक्षण (Symptoms of UTI in men)

जरूरी नहीं कि यूटीआई होने पर पुरुषों को कोई लक्षण दिखाई दें। सामान्यतः पुरुषों को यूटीआई में यह लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

  • यूरिन पास करते समय दर्द होना।
  • कम अंतराल में पेशाब बार बार आना।
  • यूरिन पास शुरू करने में तकलीफ होना।
  • पेशाब की गति धीमी होना और यूरिन लीकेज होना।
  • खून में पेशाब आना और यूरिन की इमरजेंसी होना।
  • पेट के मध्य में निचले हिस्से में दर्द होना।
  • तेज बदबू के साथ धुंधला यूरिन आना।

जिन पुरुषों के केस में यूरिन इंफेक्शन (UTI) complicated हो जाता है, उन्हें बुखार, ठंड लगना, पीठ दर्द, जी मिचलाना, उल्टी होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

पुरुषों में यूटीआई होने के जोखिम (Risk factor of UTI in men)

यूटीआई का सही समय पर इलाज न कराने से कई दिक्कतें हो सकती हैं। वैसे तो पुरुषों को वही जोखिम रहने का डर रहता हैं, जो महिलाओं को होता हैं, लेकिन पुरुषों में प्रोस्टेट बढ़ने से यूटीआई होने का रिस्क रहता है। पुरुषों में प्रोस्टेट बढ़ना सामान्यतः वृद्ध होने पर होता हैं। प्रोस्टेट के बढ़ने का इलाज न कराने से किडनी और ब्लैडर तक डेमेज हो जाते हैं।

 

यूरिन में इंफेक्शन (यूटीआई) के घरेलू नुस्खे (Home remedies for urine infection or UTI)

अगर यूटीआई की शुरूआती स्टेज पर कुछ घरेलू नुस्खों को अपनाया जाएं तो यह इंफेक्शन दूर हो सकता है। 

पानी और दूसरे लिक्विड लेने से बैक्टीरिया से हुए यूटीआई इंफेक्शन को दूर किया जा सकता है। शरीर में पानी की मात्रा ज्यादा होने पर समय समय पर यूरिन आता है और बैक्टीरिया यूरिन के साथ निकल जाते हैं। ध्यान रखें, ऐसी कोई चीजें न खाएं, जिससे यूरिन बनना कम हो। एल्कोहल और कैफीन संतुलित मात्रा से ज्यादा न लें। शरीर को हाइड्रेट रखें और जब भी प्यास लगें, पानी जरूर पिएं।

  • विटामिन सी युक्त चीजें खाएं (increase Intake of vitamin c)

विटामिन सी यूरिनेरी सिस्टम को यूरिन इंफेक्शन से बचाता है। यह बैक्टीरिया को खत्म कर देता है, इसलिए विटामिन सी युक्त चीजें जैसे संतरा, अंगूर, कीवी खाना चाहिए। 

  •  करौंदा (क्रैनबेरी) का जूस पियें (Take juice of cranberry or karonda)

क्रैनबेरी का जूस पीने से भी यूरिनेरी सिस्टम को इंफेक्शन से राहत मिल सकती है। यह यूरिनेरी सिस्टम में बैक्टीरिया को ज्यादा वक्त तक नहीं रहने देता। यूटीआई का घर में इलाज करने के लिए रोजाना 240 ml करौंदा का जूस पिया जा सकता है। अगर घर में ही जूस बना रहे हैं तो शक्कर न मिलाएं, इससे फायदा नहीं होगा।

  • प्रोबायोटिक लेना शुरू करें

प्रोबायोटिक एक तरह का अच्छा बैक्टीरिया और यीस्ट होता है। यह डाइजेशन को ठीक रखता है। इससे भी यूटीआई के इंफेक्शन से बचा जा सकता है। प्रोबायोटिक सप्लीमेंट और फर्मेंटेड फूड जैसे दही में पाया जाता है। अगर आप सप्लीमेंट लेने का सोच रहे हैं तो पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

  • अच्छी आदतों को अपनाएं (Adopt good habit)

बाथरूम हाइजीन का हमेशा ख्याल रखें। कभी भी गंदी जगह यूरिन न करें। बाथरूम इस्तेमाल करने के बाद एनस और योनि तक का हिस्सा साफ जरूर करें। यूरिन आने पर उसे रोक कर न रखें, इससे बैक्टीरिया पनप सकते हैं। इंटरकोर्स के बाद यूरिन जरूर करें। 

अगर यह सभी नुस्खें अपनाने पर भी कोई फर्क न दिखें तब बिना देरी किये डॉक्टर को जरूर दिखाएं।

यूटीआई का इलाज (Treatment of UTI or urine infection in men and women both)

यूटीआई को छोटी बीमारी समझ कर नहीं छोड़ना चाहिए, बल्कि इसका पूरा इलाज कराना चाहिए। कोई भी बीमारी इलाज न कराने से बढ़ जाती है और यूटीआई का इलाज न कराने पर तो जान का खतरा रहता है। यूटीआई इंफेक्शन urinary tract के निचले हिस्से में होता है। इलाज न कराने पर यह इंफेक्शन ऊपर की तरफ यानी किडनी और फिर खून में फैलता है, जिससे मौत तक हो सकती है। तब इलाज करना मुश्किल हो जाता है। यूरिन इंफेक्शन या यूटीआई का इलाज जटिल नहीं है। सबसे पहले जांच कर ये देखा जाता है कि यूरिन में इंफेक्शन यानी यूटीआई किस वजह से हुआ है? अगर बैक्टीरिया के कारण हुआ है तो इसके लिए एंटीबायोटिक दवाई दी जाती है। अगर यूटीआई वायरस या फंगस के कारण हुआ है तो एंटीवायरल या एंटीफंगस दवाई दी जाती है। यूटीआई होने पर जितना हो सकें, तरल पदार्थ यानी लिक्विड लेने की सलाह दी जाती है ताकि यूरिन के जरिए  बैक्टीरिया बाहर निकल सकें।

और पढ़े: पेशाब की नली में पथरी (Ureteric Stone) का कारण, लक्षण और इलाज

 

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|