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अंडकोष में हर्निया का कारण, लक्षण और एक दिन में इलाज

अंडकोष में हर्निया होने का कारण, लक्षण और उपचार

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पुरुष में दो अंडकोष पाए जाते हैं। यह एक प्रमुख प्रजनन अंग है जिसका कार्य शुक्राणु और सेक्स हारमोन का उत्पादन करना है। ये एक थैली की तरह होते हैं जो लिंग के नीचे उपस्थित होते हैं।

इन्गुइनल हर्निया ही अंडकोष का हर्निया (scrotal hernia) है। इन्गुइनल हर्निया को अनुपचारित छोड़ देने पर इसका आकार लगातार बढ़ता जाता है जिससे यह अंडकोष तक पहुँच जाता है। इससे अंडकोष में दर्द और सूजन समेत कई अन्य लक्षण नजर आने लगते हैं।

सामान्य तौर पर अंडकोष का हर्निया नहीं होता है। इसके मामले बहुत कम देखे जाते हैं। अगर लम्बे समय से इन्गुइनल हर्निया से परेशान हैं और सर्जरी नही करा रहे हैं तो हर्निया का कुछ भाग स्क्रोटम तक पहुँच जाता है।

अंडकोष में हर्निया के लक्षण

अंडकोष में हर्निया होने पर ये लक्षण नजर आ सकते हैं:

  • अंडकोष में उभार 
  • अंडकोष में दर्द
  • सूजन
  • खांसते या छींकते वक्त अंडकोष में तेज दर्द
  • बुखार
  • उल्टी
  • अंडाशय या पेट में अचानक से दर्द उठना

पढ़ें- हर्निया और हाइड्रोसील का संबंध

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अंडकोष में हर्निया होने के कारण

अंडकोष में हर्निया का कारण इन्गुइनल हर्निया के इलाज में की गई देरी है। इन्गुइनल हर्निया होने के ये कारण हो सकते हैं:

  • कठोर एक्सरसाइज
  • लंबे समय की कब्ज या खांसी
  • मल त्याग के दौरान तनाव डालना
  • पेट के भीतर दबाव का बढ़ना
  • एब्डोमिनल वाल में छेद

ज्यादातर लोगों में इन्गुइनल हर्निया का कारण पेट की मांसपेशी का कमजोर होना है। पेट की मांसपेशी कमजोर होने के बावजूद अगर वजनी चीजें उठाते हैं और हार्ड एक्सरसाइज करते हैं तो हर्निया आसानी से हो सकता है।

पढ़ें- हर्निया सर्जन का चयन करने से पहले जरूर ध्यान दें ये बातें

अंडकोष में हर्निया का निदान

निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले रोगी के श्रोणि का उभार देखेंगे। स्क्रोटल हर्निया में अंडकोष भारी लगता है और इसमें उभार साफ़ नजर आता है। हालांकि, कारण की पुष्टि के लिए कुछ टेस्ट भी किए जा सकते हैं:

  • सीटी स्कैन
  • एमआरआई
  • टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड- यह एक इमेजिंग टेस्ट है जो अंडकोष के भीतर मौजूद टिश्यू की छवि निकालता है। टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड पूरी तरह से सुरक्षित प्रक्रिया है, जिसमें उच्च ध्वनि तरंगों का इस्तेमाल कर अंडकोष के भीतर की असामान्यता का पता लगाया जाता है। यह एक नॉन-इनवेसिव प्रक्रिया है।

इस प्रोसेस में एक ट्रांसड्यूसर की मदद से ध्वनि तरंगों को प्रभावित क्षेत्र में छोड़ा जाता है और यह तरंगें हमारे अंग से टकरा कर वापस लौट जाती हैं, जिससे कंप्यूटर में एक विस्तृत छवि का निर्माण होता है।

पढ़ें- हर्निया ऑपरेशन में कितना खर्च आता है?

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए

अगर आपको इन्गुइनल हर्निया के लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। सर्जरी में देरी करने से इन्गुइनल हर्निया का कुछ भाग अंडाशय तक पहुँच सकता है। ऐसा होने पर आपको कुछ अन्य लक्षण जैसे, अंडाशय में उभार, सूजन और दर्द होने लगता है। ऐसे लक्षण नजर आते हैं तो बिना देरी किए डॉक्टर को दिखाना चाहिए और जल्द से जल्द सर्जरी करानी चाहिए।

अंडकोष में हर्निया का इलाज

अंडकोष में हर्निया का इलाज सर्जरी के माध्यम से किया जाता है। इसकी उत्पत्ति इन्गुइनल हर्निया से होती है इसलिए, इन्गुइनल हर्निया के इलाज के साथ ही इसका इलाज किया जाता है।

हर्निया का इलाज केवल सर्जरी से ही संभव होता है। अंडकोष का हर्निया या इनुइनल हर्निया का इलाज ओपन सर्जरी और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से किया जाता है जिसमें से लेप्रोस्कोपिक सर्जरी अधिक फायदेमंद है और खर्च भी कम लगता है।

लेप्रोस्कोपिक सर्जरी एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है जिसमें जनरल एनेस्थीसिया का प्रयोग किया जाता है। रोगी को एनेस्थीसिया देने के बाद पेट में कुछ छोटे चीरे लगाए जाते हैं। इसके बाद रोगी के पेट में एक विशेष प्रकार की गैस डाली जाती है ताकि, पेट के भीतर देखने में कोई परेशानी न हो।

पढ़ें- हर्निया सर्जरी के बाद क्या खाना चाहिए और क्या न खाएं

सर्जरी के लिए एक पतली, छोटी ट्यूब को चीरे के माध्यम से अंदर डाला जाता है। इस ट्यूब में कैमरा लगा होता है। दूसरे चीरों से अन्य सर्जिकल टूल्स डाले जाते हैं। दोबारा से हर्निया न हो इसके लिए एक सिंथेटिक जाल के प्रयोग से कमजोर मांसपेशी को सहारा दिया जाता है। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के बाद जब रोगी पूरी तरह से रिकवर हो जाता है तो, पेट में कोई दाग या धब्बा नजर नहीं आता है।

अंडकोष का हर्निया इन्गुइंल हर्निया का ही एक भाग है, जिसे ऊपर बताई गई विधि द्वारा ठीक किया जाता है। सर्जरी के बाद रोगी को ज्यादा असुविधा नहीं होती है और कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है। हालांकि, अंडकोष या इन्गुइनल हर्निया की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के लिए आपको हमेशा एक अनुभवी डॉक्टर का चयन करना चाहिए। सर्जरी के दौरान हुई छोटी सी गलती भी आपको दोबारा हर्निया दे सकती है।

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अंडकोष के हर्निया की सर्जरी के बाद सावधानी

  • पेशाब या मल त्याग के दौरान जोर न डालें, ऐसा करने से पेट और अंडाशय में दर्द हो सकता है।
  • भरपूर मात्रा में पानी पिएँ
  • कुछ दिनों तक वजनी चीजें न उठाएं, इससे अंडकोष में सूजन हो सकता है।
  • दिन में कई बार थोड़ा-थोड़ा खाएं, फाइबर युक्त पदार्थ का सेवन करें।
  • सर्जरी के बाद रिकवर होने तक नशा न करें

यदि आप अंडकोष में हर्निया से पीड़ित हैं तो इसके उपचार के लिए Pristyn Care में अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं या कॉल कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|

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