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कार्पल टनल हड्डियों और कलाई की दूसरी कोशिकाओं से बनी एक पतली नली है जिसका काम आपके मीडियन नर्व की सुरक्षा करना है। मीडियन नर्व आपके अंगूठे, मध्य और अनामिका उंगलियों जे जुड़ा होता है। लेकिन जब कार्पल टनल में अन्य कोशिकाएं जैसे कि लिगामेंट्स या टेंडन में सूजन आती है या ये फूल जाते हैं तो इसका प्रभाव मध्य कोशिकाओं पर पड़ता है जिसके कारण हाथों में सुन्नता, झनझनाहट और अकड़न की समस्या पैदा होती है। इसी को मेडिकल की भाषा में कार्पल टनल सिंड्रोम कहा जाता है। आमतौर पर कार्पल टनल सिंड्रोम कोई गंभीर बीमारी नहीं है। समय पर उचित इलाज की मदद से हाथों में मौजूद सुन्नता, झनझनाहट और अकड़न को काफी आसानी से दूर किया जा सकता है।

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कार्पल टनल सिंड्रोम का इलाज कई तरह से किया जा सकता है जिसमें दवाओं का सेवन, जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव, घरेलू नुस्खे और सर्जरी आदि शामिल हैं। अगर कार्पल टनल सिंड्रोम माइल्ड है तो इसका इलाज घरेलू नुस्खों की मदद से बहुत ही आसानी से किया जा सकता है। अगर आप कार्पल टनल सिंड्रोम से परेशान हैं और घर बैठे इसका प्रभावशाली इलाज करना चाहते हैं तो प्रिस्टीन केयर का यह खास ब्लॉग आपके लिए है। इस ब्लॉग में हम आपको उन खास घरेलू नुस्खों के बारे में बताने वाले हैं जिनकी मदद से आप अपनी कलाई में मौजूद दर्द, अकड़न, झनझनाहट और सुन्नता को काफी प्रभावशाली तरीके से ठीक कर सकते हैं।

कार्पल टनल सिंड्रोम में नीम का इस्तेमाल फायदेमंद होता है

नीम में ढेरों औषधीय गुण पाए जाते हैं जो रोज़मर्रा में पैदा होने वाली परेशानियों को दूर करने में एक अहम भूमिका निभाते हैं। नीम के इस्तेमाल से चोट, घाव, फोड़े, फुंसी या दर्द को काफी प्रभावशाली तरीके से कम किया जा सकता है। अगर आपको कार्पल टनल सिंड्रोम है और आप घर बैठे इसका बेहतर इलाज करना चाहते हैं तो आपको नीम का इस्तेमाल करना चाहिए। कार्पल टनल सिंड्रोम में नीम का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है।

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शहद कार्पल टनल सिंड्रोम का बढ़िया घरेलू इलाज है

विशेषज्ञ का मानना है कि शहद में कुछ खास ऐसे गुण पाए जाते हैं जो कार्पल टनल सिंड्रोम के कारण हाथों में उत्पन्न दर्द और जकड़न का इलाज करने में प्रभावशाली साबित होते हैं। शहद को कार्पल टनल सिंड्रोम का बढ़िया घरेलू इलाज माना जाता है। शहद की मदद से कलाई में मौजूद दर्द को बहुत ही आसानी से दूर किया जा सकता है।

हल्दी से कार्पल टनल सिंड्रोम को दूर किया जा सकता है

हल्दी एक खास आयुर्वेदिक औषधि है जिसका इस्तेमाल ढेरों चीजों में किया जाता है। हल्दी को दर्द और सूजन का सबसे बेस्ट घरेलू नुस्खा माना जाता है। इसकी मदद से कितनी भी तेज दर्द और सूजन को कम से कम समय में बहुत ही प्रभावशाली तरीके से दूर किया जा सकता है। अगर आपको कार्पल टनल सिंड्रोम है और आप घर बैठे इसका बेहतर से बेहतर इलाज करना चाहते हैं तो आपको हल्दी का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर कार्पल टनल सिंड्रोम के कारण आपकी कलाई में दर्द, सूजन, झनझनाहट और सुनसुनि की समस्या है तो हल्दी का इस्तेमाल करें।

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अरंडी का तेल कार्पल टनल सिंड्रोम के लक्षणों को दूर करता है

अगर आप कार्पल टनल सिंड्रोम के लक्षण जैसे कि हाथों में पकड़ न बन पाना, अंगूठे में झुनझुनी या अंगूठे का सुन्न हो जाना, हथेली का सुन्न होना या हथेली में झनझनाहट होना, हाथ और खासकर कलाई में तेज दर्द होना, किसी भी सामान को उठाने में परेशानी होना, हाथों में सूजन या हाथों में कमज़ोरी आदि से परेशान हैं तो आपको आरंडी के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। आरंडी का तेल कार्पल टनल सिंड्रोम के लक्षणों को दूर करता है।

बर्फ का सिंकाई कार्पल टनल सिंड्रोम के दर्द को कम करता है

बर्फ का इस्तेमाल भी कार्पल टनल सिंड्रोम में काफी फायदेमंद साबित होता है। कार्पल टनल सिंड्रोम होने पर दिन में 5-6 बार बर्फ से अपने कलाई की सिंकाई करें, क्योंकि इससे कार्पल टनल सिंड्रम के कारण उत्पन्न दर्द और सूजन से राहत मिलती है।

इन सब के अलावा भी बहुत सी ऐसी चीजें हैं जिसका आपको खास ध्यान रखना चाहिए, क्योनी ये कार्पल टनल सिंड्रोम के लक्षणों को कम करने में बहुत सहायक साबित होते हैं।

सोते समय अपने हाथों पर न सोएं। ऐसा करने से हाथों में खून का प्रवाह बंद हो जाता है जिसके कारण आपके हाथों में तेज दर्द और झनझनाहट की समस्या पैदा हो सकती है। सोते समय अपने हाथों को बेड से नीचे लटकाकर सोने की कोशिश करें।

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अपने हाथों पर नियमित रूप से स्पलिंट बांधें। स्पलिंट बांधने से कार्पल टनल सिंड्रोम के कारण रात में होने वाले दर्द से राहत मिलती है। साथ ही, स्पलिंट हाथों में लचक आने से रोकता है।

अपने हाथों और उंगलियों को मजबूत और लचीला बनाकर रखने की कोशिश करें। इससे कार्पल टनल सिंड्रोम के लक्षण जैसे की दर्द, सूजन और अकड़न से राहत मिलती है।

कलाई पर कभी गर्म तो कभी ठंडी पट्टी को बांधकर रखें। क्योंकि ऐसा करने से कार्पल टनल सिंड्रोम में बहुत फायदा होता है।

रोजाना नियमित रूप से तीन से चार लीटर पानी का सेवन करें। पानी का सेवन करने से शरीर में खून का संचार काफी बेहतर हो जाता है जिससे कलाई में मौजूद दर्द से राहत मिलती है।

कार्पल टनल सिंड्रोम से पीड़ित होने की स्थिति में आपको नमक का सेवन कम से कम करना चाहिए। क्योंकि इससे आपके लक्षण और खराब हो सकते हैं और आपकी परेशानियां बढ़ सकती हैं।

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अगर कार्पल टनल सिंड्रोम माइल्ड है तो ऊपर बताए गए घरेलू नुस्खों की मदद से इसे ठीक किया जा सकता है। लेकिन किसी भी प्रकार के घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर से अवश्य परामर्श करना चाहिए। डॉक्टर मरीज की उम्र, कार्पल टनल सिंड्रोम की गंभीरता और दूसरी ढेरों चीजों को ध्यान में रखते हुए मरीज को उपयुक्त घरेलू नुस्खों के इस्तेमाल का सुझाव देते हैं ताकि इससे होने वाले संभावित जटिलताओं के खतरों को कम से कम किया जा सके। कार्पल टनल सिंड्रोम का इलाज करने की नियत से अपने मन मुताबिक किसी भी घरेलू नुस्खे का इस्तेमाल आपकी बीमारी को ठीक करने की बजाय आपकी परेशानियों का बढ़ा सकता है। इसलिए यह आवश्यक है कि आप कार्पल टनल सिंड्रोम का इलाज करने की नियत से किसी भी घरेलू नुस्खे का इस्तेमाल करने से पहले विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|