कब्ज को जड़ से दूर करने के लिए 10 योग आसन

घंटों तक टॉयलेट सीट पर बैठना कितना कष्टदायक होता है न? इतना ही नहीं कब्ज की वजह से व्यक्ति कई तरह दूसरी बीमारियों का भी शिकार हो जाता है। कब्ज की वजह से सिर में दर्द, त्वचा में रशेष, मुंह में छाले और चेहरे पर फुंसी जैसी कई समस्याएं जन्म लेती हैं। कब्ज का कोई परमानेंट इलाज तय नहीं है। क्योंकि जैसे ही आप अपने खान पान में गड़बड़ी करते हैं और तैलीय तथा मसालेदार चीजों को अपनी डाइट में शामिल करते हैं, कब्ज की समस्या फिर से शुरू हो जाती है। कई लोग अंग्रेजी दवाओं की सहायता से कब्ज को खुद से दूर रखते हैं। लेकिन इन दवाओं का सेवन उनके शरीर को प्रभावित करता है। इसलिए अपने खान पान पर ध्यान देना सबसे कब्ज से बचने का सबसे बेहतरीन इलाज है।

इसके अलावा, कब्ज को दूर करने के लिए योग एक बहुत बढ़िया विकल्प है। ऐसे कई योगासन है जिनकी मदद से कब्ज से छुटकारा पाना बहुत आसान हो जाता है। आइये उन योगासन के नाम और उन्हें करने की विधि के बारे में जानते हैं।  

पवनमुक्तासन — Pawanmuktasana in Hindi

कब्ज होने का एक कारण इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome) भी हो सकता है। इस सिंड्रोम में व्यक्ति का मल सामान्य स्टेज से थोड़ा कठोर हो जाता है जिसका त्याग करते समय व्यक्ति को ज़ोर लगाना पड़ता है। इस सिंड्रोम के होने का कारण तनाव है। पवनमुक्तासन आपके तनाव को कम करता है और कब्ज से राहत दिलाता है। इसके अलावा, इस आसन की मदद से पाचन तंत्र की अच्छी मालिश हो जाती है जिससे भोजन का पचना आसान और कब्ज की समस्या दूर हो जाती है। इस आसन को करने के लिए आपको नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करना है। (और पढ़ें: किडनी स्टोन के इलाज के लिए बेस्ट योगासन)

  • साफ़ और अनुकूलित वातावरण में एक चटाई बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।
  • अब अपने दाएं पैर को घुटने के पास से मोड़ लें।
  • हाथों की मदद से अपने घुटनों को पकड़ें और अपनी छाती की तरफ ले जाने की कोशिश करें।
  • इस स्थिति में रहते हुए अपने सिर को ऊपर की ओर उठाएं और अपने नाक को घुटने से टच करें।
  • इस स्थिति में लगभग एक मिनट तक बने रहें और धीरे-धीरे दुबारा से सामान्य स्थिति में आ जाएं।
  • यही प्रक्रिया अपने बाएं पैर के साथ भी करें।
  • इसके बाद आप दोनों पैरो को एक साथ मोड़कर इस प्रक्रिया का इस्तेमाल करें।

    सावधानियां:
  • खाना खाने के तुरंत बाद इस योग को बिलकुल भी न करें। कम से कम दो घंटे का अंतराल रखें
  • अगर आप कमर दर्द या घुटनों के दर्द से परेशान रहते हैं तो इस योग को करने की सलाह नहीं दी जाती है।पवनमुक्तासन

सुप्त बद्धकोणासन — Supta Baddha Konasana in Hindi

सुप्त बद्धकोणासन की मदद से कब्ज को दूर करना बहुत आसान है। यह बात हम नहीं कह रहे हैं बल्कि, इस बात को एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) ने प्रमाणित किया है। एनसीबीआई के अनुसार, इस योगासन की मदद से इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम कम हो जाता है जिससे कब्ज की समस्या का भी अंत हो जाता है। आइये जानते हैं कब्ज दूर करने के लिए आपको सुप्त बद्धकोणासन किस तरह से करना चाहिए। (और पढ़ें: एनल फिशर ठीक करने के लिए योगासन)

  • खुले वातावरण और ताज़ा हवा में एक दरी बिछाकर शवासन की मुद्रा पर लेट जाएं।
  • अपने दोनों घुटनों को मोड़ें और दोनों तलवों को एक दूसरे से जोड़ें।
  • दोनों तलवों को अपने कूल्हों के पास ले जाएं। ध्यान रहे आपके तलवे जमीन से टच होने चाहिए।
  • अब अपने दोनों हाथों को सिर के पीछे ले जाएं और फैला लें।
  • इस मुद्रा में लगभग एक मिनट तक बने रहें।
  • इस मुद्रा को चार से पांच बार करें।

सावधानियां:

  • रीढ़, जांघ और घुटनों से जुड़ी समस्या होने पर इस योगासन को करने की सलाह नहीं दी जाती है।Supta buddha konasana

हलासन — Halasana in Hindi 

कई तरह से यह आसन पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। दरअसल, यह पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाने और पेट में गैस की समस्या को दूर करने का काम करता है। इसके अलावा, यह शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को सही और ऑक्सीजन की पूर्ति करने में सहायता प्रदान करता है। हलासन से न सिर्फ पेट संबंधित विकारों को दूर किया जा सकता है बल्कि इसकी मदद से आप अपने दिमाग को भी बहुत सारे फायदे पहुंचा सकते हैं। आइये जानते हैं की हलासन को कैसे आप अपने डेली लाइफ में इस्तेमाल कर सकते हैं। (और पढ़ें: हाइड्रोसील ठीक करने के लिए योगासन)

  • हलासन करने के लिए आप किसी दरी या चटाई पर पीठ के बल सीधा लेट जाएं।
  • दोनों हाथ आपके कमर से टच होने चाहिए।
  • अब आप धीरे-धीरे अपने दोनों पैरों को ऊपर की तरफ उठाएं और कमर और पैरों के बीच 90 डिग्री का एक कोण बनाएं।
  • आपको धीरे-धीरे अपने पैरों को और पीछे ले जाना है और कोशिश करनी है कि आपके पैर की उंगलियां फर्श में टच हो जाएं।
  • अगर आपके कमर में दर्द होता है तो पैरों को ज्यादा पीछे ले जाने की कोई आवश्यकता नहीं है।
  • इस मुद्रा में आप एक मिनट से ज्यादा नहीं रहे।
  • इस आसन को आप तीन से चार बार रोज दोहराएं।

इस आसन से पेट की सारी गैस आसानी से गुदा मार्ग के रास्ते से बाहर निकल जाती है और व्यक्ति को आराम मिलता है। इसके साथ साथ यह आसन पाचन क्रिया को दुरुस्त कर कब्ज से पीड़ित लोगों के लिए एक वरदान का कार्य करता है।Halasana for ovarian cyst

मयूरासन — Mayurasana in Hindi

मयूरासन आपके दिमागी स्ट्रेस को कम और आपके पाचन तंत्र को सही करता है। इसलिए स्ट्रेस या पाचन तंत्र में खराबी होने की वजह से होने वाले कब्ज को मयूरासन की मदद से ठीक किया जा सकता है। मयूरासन करने से आपकी दिमागी शक्ति का भी विकास होता है और कंसंट्रेशन पॉवर बढ़ता है। कब्ज का इलाज करने के लिए अगर आप मयूरासन करना चाहते हैं तो नीचे दी गई विधि का इस्तेमाल कर सकते हैं। (और पढ़ें: बवासीर के लिए आसन योग)

  • एक चटाई पर घुटनों के बल बैठ जाएं और अपने हाथों को जमीन पर अपनी आँखों की तरफ सामने टिकाएं।
  • अब आप अपने दोनों एड़ियों को जोड़ लें और श्वास बाहर निकालते हुए आगे की तरफ झुकें।
  • अपने दोनों हाथों की कोहनियों को पेट के पास लगाएं और कोहनियों की मदद से अपनी शरीर को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं।
  • कुछ सेकंड तक इसी मुद्रा में बने रहने के बाद आप फिर से सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
  • इस आसन को आप नियमित रूप से कम से कम 4 से 5 बार जरूर करें।

सावधानियां:

  • अगर आपने यह योग पहले कभी नहीं किया है तो आपको इंजरी हो सकते हैं। इसलिए अगर आप इसे पहली बार कर रहे हैं तो इसे किसी प्रशिक्षक के निगरानी में ही करें।
  • अगर आप गर्भवती हैं या फिर आपके कंधे और कोहनी में दर्द की समस्या रहती है तो आपको इस योग को करने की इजाजत नहीं दी जाती है।
    Mayurasana

बालासन — Balasana in Hindi

इस आसन के नाम से ही पता चल जाता है कि यह आसन बच्चों के सोने के तरीके से जुड़ा हुआ है। यह आसन आपके पेट संबंधित विकारों को दूर करने के लिए जाना जाता है जिसमें कब्ज का इलाज भी शामिल है। एक रिसर्च के अनुसार यह आसन पेट की मांसपेशियों की मसाज करता है और पाचन तंत्र के कार्य को और भी बेहतर बनाता है जिससे कब्ज की समस्या दूर हो जाती है। तो चलिए बिना किसी देरी के जानते हैं कि आखिर बालासन को किस ढंग से किया जा सकता है। (और पढ़ें: वैरिकोज वेंस के लिए योग)

  • बालासन करने के लिए आप चटाई पर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
  • गहरी सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर की तरफ उठाएं और आगे की ओर झुककर अपने माथे को जमीन से टिका दें।
  • अब अपने दोनों हाथों को सिर के आगे पूरी तरह से फ्री अवस्था में छोड़ दें।
  • इस अवस्था में कुछ मिनट तक बने रहें और पुनः से यही प्रक्रिया शुरू करें।
  • इस आसन का लाभ उठाने के लिए आपको इसे कम से कम चार से पांच बार करना चाहिए।

सावधानियां:

  • पेट का ऑपरेशन या गर्भवती होने की स्थिति में इस आसन को नहीं करना चाहिए।
  • खाना खाने के तुरंत बाद आप इस आसन को नहीं कर सकते हैं क्योंकि ऐसा करने से खाना हजम नहीं होगा और आपको उलटी की भी समस्या हो सकती है।
    Balasana

अर्धमत्स्येंद्रासन — Ardha Matsyendrasana in Hindi

अर्धमत्स्येंद्रासन आपके पाचन तंत्र की मसाज करता है और आपको कब्ज से छुटकारा दिलाने में सहायता करता है। इसके अलावा यह आपके दिमागी थकान को कम करता है तथा आपके कंसंट्रेशन पॉवर को भी बढ़ाता है। अर्धमत्स्येंद्रासन करने की प्रक्रिया को नीचे बताया गया है।

  • दण्डासन की मुद्रा में बैठ जाएं, इस दौरान आपके रीढ़ की हड्डी और आपका गला स्ट्रेट कंडीशन में होना चाहिए।
  • दाएं पैर को मोड़कर बाएं पैर के जांघ के पास ले जाएं। बायां पैर दाएं पैर के ऊपर होना चाहिए। 
  • अब आप अपने बाएं पैर को दाएं पैर के ऊपर से निकालते हुए बाएं पैर की एड़ी दायें पैर के घुटने के पास फर्श पर रखें। 
  • अब दाएं हाथ को बाएं पैर के जांघ के ऊपर से निकालते हुए बाएं पैर के टखने को पकड़ने की कोशिश करें।
  • अपने बाएं हाथ को पीठ की तरफ ले जाएं और अपने गर्दन को बायीं तरफ घुमाएं।
  • इस स्थिति में कुछ सेकंड्स तक रहें।
  • इस आसन को पांच बार करें।

सावधानियां:

  • तुरंत खाने के बाद, गर्भावस्था में या पेट का ऑपरेशन होने के बाद इस आसन को करने से परहेज करना चाहिए।Ardha Matsyendrasana

सुप्त मत्स्येन्द्रासन — Supta Matsyendrasana in Hindi

सुप्त मत्स्येन्द्रासन पाचन अंग को एक्टिव करता है और खाना को पचने में मदद कर कब्ज से छुटकारा दिलाने में बहुत किफायती साबित होता है। हालांकि, अभी यह वैज्ञानिक तौर पर प्रमाणित नहीं किया गया है लेकिन योग गुरु इस आसन को करने की सलाह जरूर देते हैं। आप चाहें तो इस आसन को करने से पहले किसी योग गुरु या प्रशिक्षक का परामर्श ले सकते हैं। सुप्त मत्स्येन्द्रासन करने की विधि बहुत सरल है जिसे नीचे बताया गया है।

  • दरी बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।
  • दोनों हाथों को कंधे की सीध में मुक्त रूप से फैला लें।
  • दाएं पैर को मोड़कर बाएं पैर के घुटने पर रखें और और बाएं हाथ की मदद से दाएं पैर को जमीन में टच कराएं।
  • अब अपने सिर को दायीं ओर घुमाएं और अपने दायें हाथ की उँगलियों को देखें।
  • इस मुद्रा में लगभग आधे से एक मिनट तक बने रहें और दुबारा से यही प्रक्रिया अपनाएं। 
  • सुप्त मत्स्येन्द्रासन का लाभ उठाने के लिए आपको इसे तीन से चार बार करना चाहिए।

सावधानियां:

  • कमर दर्द, गर्दन दर्द, कंधा दर्द या रीढ़ की समस्या वाले लोग इस आसन को न करें।
  • गर्भवती महिलाएं या ऐसी महिलाएं या पुरुष जिनका ऑपरेशन हो चुका है उन्हें भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।
    सुप्त मत्स्येन्द्रासन

वज्रासन — Vajrasana in Hindi

वज्रासन की मदद से उन लोगों को फायदा मिलता है जिनका भोजन नहीं पचता है जिसके कारण कब्ज की समस्या बनी रहती है। ऐसे लोगों को बस 10 से 20 मिनट तक वज्रासन की स्थिति में बैठे रहना है। ऊपर बताए गए सभी योग के मुकाबले वज्रासन सबसे सरल योग है जिसके अनन्य लाभ हैं। आइये जानते हैं की कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए वज्रासन किस तरह से करना चाहिए।

  • साफ़ जगह में चटाई बिछाकर अपने दाएं और बाएं पैर को पीछे की तरफ मोड़कर प्राणायाम की स्थिति में बैठ जाएं।
  • अपने दोनों हाथों को पालथी में रखें और कमर को सीधा रखें।
  • आपके पैर के टखने एक दूसरे से जुड़े होने चाहिए।
  • इस स्थिति में लगातार पांच मिनट बैठे रहें। 
  • इस आसन को तीन बार दोहराएं।
  • इससे एसिडिटी और कब्ज की समस्या से राहत मिलती है।

सावधानियां:

  • अगर आपके घुटनों में दर्द रहता है तो यह आसन आपको नहीं करना चाहिए।
    Vajrasan

वायु निष्कासन — Vayu Nishkasana in Hindi

वायु आसन शरीर में जमी हुई गंदगी को वायु के माध्यम से बाहर निकाल देता है। यह आसन कब्ज को दूर कर रोगी के पेट में होने वाली अस्थिरता को शांत करता है। इसके अलावा यह आपके जांघ, घुटनों और कंधों को बल प्रदान करता है। आइये इसे करने की विधि जानते हैं।

  • मुर्गे के आकार में अपने दोनों पैर के पंजों के सहारे बैठ जाएं।
  • अपने दोनों हाथों की उँगलियों को पैर के पंजे के नीचे दबा लें और कोहनियों की मदद से घुटनों के ऊपर दबाव बनाएं।
  • अब गहरी सांस लेते हुए अपने सिर को ऊपर की तरफ उठाएं।
  • अब सांस बाहर निकालते हुए अपने सिर को नीचे की तरफ झुकाएं और अपने पैरो को सीधा करता हुए खड़े हो जाएं।
  • यह आसन लगातार पांच मिनट तक करें।

सुप्त वज्रासन — Supt Vajrasana in Hindi
सुप्त वज्रासन वज्रासन का अपग्रेडेड वर्जन है। इसे करने के लिए आपको वज्रासन आना चाहिए। यह न सिर्फ कब्ज दूर करता है बल्कि पेट की दूसरी भी कई बीमारियों का नाश करता है।

  • वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं और अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ ले जाकर जमीन से टिका लें।
  • अब अपने कमर और पेट को पीछे की तरफ मोड़ें और ऊपर की तरफ देखें।
  • इस दौरान यह ध्यान दें कि आपके घुटने जमीन से ऊपर नहीं उठने चाहिए।

सावधानियां:

  • अगर घुटनों को जमीन में स्पर्श कराते समय दर्द महसूस होता है तो बलपूर्वक घुटनों को जमीन पर स्पर्श नहीं करें।
  • अगर आपको रीढ़ एवं कमर से संबंधित कोई समस्या है तो यह योग करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर की राय जरूर लें।
    सुप्त वज्रासन

निष्कर्ष — Conclusion

कब्ज के दौरान आपका खान पान अहम रोल निभाता है। सिर्फ योगासन करने से आपको कब्ज से छुटकारा नहीं मिलता है। इसके लिए आपको अपने आहार में भी बदलाव करना पड़ेगा। आप अपने आहार में फाइबर से भरपूर चीजों को शामिल करना चाहिए। साथ ही साथ अपने भोजन को चबाकर खाएं ताकि वह आसानी से हजम और कब्ज की समस्या खत्म हो जाए।

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|