app download
प्रिस्टिन केयर
नि: शुल्क परामर्श बुक करें
Golden Colored Star Golden Colored Star Golden Colored Star Golden Colored Star Grey Colored Star प्ले स्टोर पर रेटिंग

फ्री में सलाह लें

Eye Views: 68,899

हाइड्रोसील के प्रकार, कारण, लक्षण और इलाज

हाइड्रोसील (hydrocele) एक प्रकार की सूजन है जो विशेष रूप से अंडकोष (testicle) में होती है। अंडकोष को घेरने वाले पतले से म्यान के बीच अधिक द्रव (fluid) के बनने से हाइड्रोसील होता है। यह नवजात शिशुओं में बहुत कॉमन है और कुछ समय के अंदर यह अपने आप ही खत्म भी हो जाता है। हालांकि वयस्क पुरुषों में यह अंडकोष (testicle) में चोट लगने या सूजन के कारण दिखाई देता है।   

हाइड्रोसील के प्रकार, कारण, लक्षण और इलाज Hydrocele in hindi

Social share:

Linkedin icon Whatsapp icon
अभी अपना फ्री में फ्री में परामर्श बुक करें
Arrow Icon
Arrow Icon

हर कदम पर समर्पित समर्थन!

हमारे डॉक्टर आपकी सहायता के लिए दिन में 24 घंटे, सप्ताह में 7 दिन उपलब्ध हैं!

Hero Action

हाइड्रोसील क्या है?

हाइड्रोसील किसी को भी हो सकता है लेकिन आमतौर पर 40 से ज्यादा उम्र के लोगों में पाया जाता है। इस बीमारी को ठीक करने के लिए अंडकोष (testicle) में जमा हुए पानी को बाहर निकालना बहुत जरूरी होता है। यह अंडकोष पर किसी प्रकार की चोट लगने, नसों में सूजन, स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं, ज्यादा शारीरिक संबंध बनाने, भारी वजन उठाने तथा दूसरे अन्य कई कारणों से होती है।    

पुरुषों में यह स्थिति कई समस्याओं का संकेत देती है जो आगे जाकर टेस्टिक्युलर कैंसर (testicular cancer) को जन्म दे सकती है। इसलिए जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से मिलकर हाइड्रोसील का चेक-अप करवाना चाहिए और साथ ही इसका उपचार भी क्योंकि टेस्टिस (testis) के आसपास ज्यादा सूजन बढ़ने से हाइड्रोसील दर्दनाक भी हो सकता है। ऐसी स्थिति में सर्जरी द्वारा इलाज सबसे बेहतर माना जाता है। 

हम आपकी देखभाल करते हैं
नो कॉस्ट ईएमआई, परेशानी मुक्त बीमा स्वीकृति
के साथ अपनी सर्जरी करवाएं

हाइड्रोसील के लक्षण (Symptoms of hydrocele in Hindi)

  • चलने फिरने और बैठने में परेशानी और दर्द होना (Pain while walking and sitting)
  • हाइड्रोसील में तेज दर्द होना (Excruciating pain in hydrocele)
  • हाइड्रोसील के आकार का बढ़ना  (Increment in the size of hydrocele)
  • हाइड्रोसील में सूजन होना (Swelling in hydrocele)
  • शरीर का अस्वस्थ होना ( Unhealthy Body)
  • उल्टी, दस्त, कब्ज या बुखार होना (Vomiting, loose motion, constipation, and fever)
  • ज्ञानेन्द्रियों की नसों का ढीला और कमजोर पड़ना (Weakness and looseness in the veins of senses)
  • कम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील का बड़ा या छोटा होते रहना (Change in the sizes of communicating hydrocele)

हाइड्रोसील के प्रकार (Types of hydrocele in Hindi)

हाइड्रोसील दो प्रकार का होता है। 

  1. कम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील (Communicating Hydrocele): इस स्थिति में टेस्टिकल की थैली पूरी तरह से बंद नहीं होती है। साथ ही इसमें दर्द और सूजन भी होती है। यह समस्या मुख्य रूप से उसमें पायी जाती है जो हार्निया से पीड़ित होता है। 
  2. नॉनकम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील (Noncommunicating Hydrocele): यह हाइड्रोसील का दुसरा प्रकार है। इसमें टेस्टिकल की थैली बंद होती है और बचे हुए द्रव (fluid) शरीर में जमा हो जाता है। नॉनकम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील की समस्या नवजात शिशुओं में देखने को मिलती है जो अपने आप ही एक साल के अंदर ठीक हो जाती है।   

हाइड्रोसील के कारण (Causes of hydrocele in Hindi)

हाइड्रोसील कुछ विशेष स्थितियों में होता है; 

  • कई बार हाइड्रोसील जन्म से पहले गर्भावस्था (Pregnancy) के अंतिम पड़ाव में ही हो जाती है। यह समस्या उस स्थिति में होती है जब किसी महिला को गर्भावस्था के अंतिम पड़ाव में किसी तरह की दिक्कत हो जाती है। 
  • हाइड्रोसील उसे हो सकता है जो हर्निया से पीड़ित है। हर्निया पुरुषों को होने वाली एक अन्य बीमारी है। इसमें मरीज के शरीर का कोई अंग उभर जाता है और जिससे हाइड्रोसील भी सकता है। 
  • हाइड्रोसील आनुवंशिकी के कारण भी हो सकता है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो, यदि परिवार का अन्य व्यक्ति हाइड्रोसील से पीड़ित है तो यह बीमारी उसे भी हो सकती है।     
  • टेस्टिकल में चोट लगने की वजह से भी हाइड्रोसील हो सकता है। चोट लगने से टेस्टिकल कमजोर हो जाता है जिसके कारण उसके काम करने की क्षमता भी कम हो जाती है। 
  • प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित पुरुष को हाइड्रोसील होने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए हाइड्रोसील की जांच करते समय प्रोस्टेट कैंसर के होने का भी पता लगाया जाता है। 
  • जिसका शरीर कमजोर होता है, उसका इम्यून सिस्टम भी कमजोर होता है जिससे हाइड्रोसील होने का खतरा होता है। 

हाइड्रोसील के जोखिम (Risk of hydrocele in Hindi) 

हाइड्रोसिल का इलाज अगर समय पर नहीं किया गया तो एक वक्त के बाद यह घातक रूप ले सकता है और इसके कुछ जोखिम भी हो सकते हैं। 

हाइड्रोसील के दर्द का बढ़ना: समय पर हाइड्रोसील का इलाज न कराने पर इसका दर्द बढ़ सकता है। एक समय के बाद दर्द इतना बढ़ जाता है कि मरीज को पेनकिलर लेने की जरूरत पड़ जाती है। 

हाइड्रोसील में सूजन होना: हाइड्रोसील का एक लक्षण टेस्टिकल में सूजन होना भी है। अगर समय पर इसका इलाज नहीं हुआ तो यह स्थिति लंबे समय तक बनी रह सकती है जो मरीज के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है।   

बुखार होना: अगर किसी व्यक्ति ने हाल ही में हाइड्रोसिलेक्टोमी सर्जरी कराई है तो उसे इस सर्जरी के बाद बुखार हो सकता है। लेकिन घबराने की ज़रूरत नही है क्योंकि यह बुखार ज्यादा देर तक नही रहता है। लेकिन अगर यह ज्यादा समय तक रहता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

ज्यादा खून का बहना: हाइड्रोसीलोक्टोमी (hydrocelectomy) के बाद कुछ लोगों का अधिक मात्रा में खून बह जाता है। डॉक्टर इसे रोकने की कोशिश करते है क्योंकि ज्यादा खून गिरने की वजह से मरीज कमजोर हो सकता है। 

लाल निशान का पड़ना: लंबे समय तक हाइड्रोसील का इलाज न कराने पर मरीज के शरीर में लाल निशान पड़ सकते हैं। ये निशान मरीज को परेशान कर सकते हैं जिसकी वजह से उसे मेडिकल सहायता लेनी पड़ सकती है। 

हाइड्रोसील की रोकथाम (Prevention of Hydrocele in Hindi)

आमतौर पर हाइड्रोसील की समस्या जन्म से पहले ही हो जाती है। इसी कारण ज्यादातर लोगों को यह लगता है कि इससे बचा नही जा सकता। हालांकि ऐसा सोचना बिलकुल गलत है क्योंकि किसी भी दूसरी बीमारी की तरह हाइड्रोसील की भी रोकथाम की जा सकती है। 

अगर कोई व्यक्ति हाइड्रोसील से पीड़ित है तो वह नीचे दी गई निम्नलिखित बातों को फॉलो कर हाइड्रोसील को बढ़ने से रोक सकता है। 

  • हाइड्रोसील से पीड़ित व्यक्ति को भारी चीज़ों को नहीं उठाना चाहिए क्योंकि इससे टेस्टिकल पर बुरा असर पड़ सकता है। 
  • हाइड्रोसील से पीड़ित व्यक्ति को हल्के फुल्के व्यायाम करने चाहिए। ये उसकी सेहत के लिए सही होते हैं। साथ ही इस बात का ध्यान रहे कि भारी सामान न उठाएं और ज्यादा देर तक व्यायाम न करें। ( और पढ़े: हाइड्रोसील ठीक करने के लिए योगासन (Hydrocele Ke Liye Yoga) )
  • अगर आपने हाल ही में हाइड्रोसिलेक्टोमी सर्जरी कराई है तो कुछ हफ्तों तक यौन गतिविधियों (Sexual Activities) से खुद को दूर रखें क्योंकि इससे गुप्त अंग पर बुरा असर पड़ सकता है। 
  • हाइड्रोसील का इलाज कराने के तुरंत बाद आपको सामान्य गतिविधियों नही करनी चाहिए। 
  • हाइड्रोसील की रोकथाम करने के लिए मरीज को समय समय पर दवाई लेनी चाहिए। ऐसा करने से हाइड्रोसील को रोकने में सहायता मिलती है। 
  • मरीज को डॉक्टर के संपर्क में तब तक रहना चाहिए जबतक वह पूरी तरह से ठीक नही हो जाता।  
  • हाइड्रोसील के आकार को बढ़ने से रोकने के लिए टेस्टिकल को बांधकर रखें। उन्हें लटकने न दें और कूदते-फांदते समय उसे ढीला ना छोड़ें। 
  • दो रत्ती फूला हुआ सुहागा चार पांच दिनों तक रोज रात में लेने से अंडकोष के सूजन में आराम मिलता है। 
  • हल्दी को पानी में पीसकर अंडकोष पर लेप लगाने से सूजन कम और खत्म हो जाती है। 

डॉक्टर के पास कब जाएं (When to visit doctor for hydrocele in Hindi):

  • अगर टेस्टिस के आसपास काफी समय तक सूजन बनी रहे। 
  • अगर अचानक से हाइड्रोसील में दर्द शुरू हो जाए। 
  • अगर सूजन काफी बढ़ गई है। 
  • अगर सूजन के साथ दर्द हो और साथ ही आसपास की स्किन लाल पड़ने लगे।  
  • अगर जांघ और प्राइवेट पार्ट्स को जोड़ने वाला हिस्सा या अंडकोष (testicle) की थैली में उभार हो।  
  • अगर टेस्टिस में दर्द हो।  

हाइड्रोसील का निदान (Diagnosis of hydrocele in Hindi)

आजकल बहुत सारी बीमारियां फैल रही हैं और हाइड्रोसील इनमें से एक है। शुरुआत में हाइड्रोसील के लक्षणों का पता नही चल पाता है जिसकी वजह से लोग इसपर ध्यान नहीं दे पाते हैं। लेकिन जब यह बढ़ जाती है तब इसकी परेशानियों का पता चलता है। इस स्थिति में सर्जरी कराना ही सबसे बेहतर इलाज होता है। आमतौर पर हाइड्रोसील खतरनाक नही होते हैं लेकिन अगर इसकी स्थिति ऐसी हो गयी कि यह तकलीफ देनी शुरू कर दे तो फिर सर्जरी की जरुरत पड़ती है। कई बार हाइड्रोसील के कारण ब्लड सर्कुलेशन में समस्या होती है तो ऐसे में सर्जरी कर इलाज किया जाता है। 

हाइड्रोसील का इलाज करने के लिए, डॉक्टर मरीज की शारीरिक जांच करता है। इसमें बढ़े हुए टेस्टिकल में कोमलता की जांच की जाती है। साथ ही पेट और टेस्टिकल पर दबाव डालकर वंक्षण हर्निया (inguinal hernia) की जांच की जाती है। ट्रांसिलुमिनेशन (Transillumination) के जरिए टेस्टिकल के आसपास जमा हुए तरल पदार्थ को स्पष्ट रूप से देखते हैं जो इस बात की पुष्टि करता है कि रोगी को हाइड्रोसील है या नहीं।

मरीज को इंफेक्शन जैसे की एपिडिडीमाइटिस है या नहीं, इस बात की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर खून और पेशाब जांच का भी सुझाव दे सकते हैं। साथ ही हर्निया (Hernia), टेस्टिकुलर ट्यूमर (Testicular tumor) और स्क्रोटल (Scrotal) सूजन के दूसरे कारणों को जानने और समझने के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) करने का भी सुझाव भी दे सकता है। हाइड्रोसील का पूरी तरह से जांच करने और इसके स्वरूप को अच्छे से समझने के बाद डॉकटर इस बात का फैसला लेता है की उसे इलाज की कौन सी प्रक्रिया का उपयोग करना है। 

हाइड्रोसील का इलाज (Treatment of hydrocele in Hindi) 

हाइड्रोसील का इलाज दो तरीके से किया जाता है जिसमें एस्पिरेशन (Aspiration) और हाइड्रोसिलेक्टोमी सर्जरी (Hydrocelectomy surgery) शामिल हैं। एस्पिरेशन प्रक्रिया के जरिए इंजेक्शन की मदद से हाइड्रोसील में जमा पानी को बाहर निकाला जाता है। एस्पिरेशन करने के बाद छेद को बंद करने के लिए स्किलरोजिंग नामक दवाई को इंजेक्ट करते हैं। ऐसा करने से भविष्य में पानी जमा होने तथा हाइड्रोसील के दोबारा होने की संभावना कम होती है। वैसे तो हाइड्रोसील के इलाज के लिए ज्यादातर लोग सर्जरी को प्राथमिकता देते हैं लेकिन जिन्हें सर्जरी से डर लगता है उनके लिए एस्पिरेशन सही है।      

हाइड्रोसिलेक्टोमी सर्जरी से हाइड्रोसील ठीक किया जाता है। इस सर्जरी की मदद से हाइड्रोसील इंग्वाइनल हर्निया को तुरंत ठीक किया जा सकता है। क्योंकि इस तरह का हाइड्रोसील कई महीनों तथा सालों में भी अपने आप समाप्त नही होता है। 

हाइड्रोसील का पूरी तरह से इलाज करने के लिए सबसे बेहतर लेजर सर्जरी को माना जाता है। यह सर्जरी लोकल या जनरल एनेस्थीसिया के अंडर परफॉर्म किया जाता है। स्क्रोटम में एक छोटा कट लगाकर अंदर जमे हुए पानी को बाहर निकाल दिया जाता है। यह सर्जरी आधे से एक घंटे में हो जाती है और अगले 2-3 घंटे के अंदर मरीज अपने घर जाने के लिए पूरी तरह से फिट हो जाता है। 

अधिकांश मामलों में हाइड्रोसील जल्दी ही ठीक हो जाता है। सर्जरी के बाद खासकर बच्चों को अपने दैनिक जीवन के कामों को थोड़ा कम कर देना चाहिए और शुरू के कुछ दिनों में ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए। 

और पढ़े: हाइड्रोसील के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज

लेजर सर्जरी के फायदे (Benefits of laser surgery) 

  • बहुत ही स्पष्ट है (More precise)
  • 30 मिनट का प्रोसीजर है (30 minutes procedure) 
  • दर्द नही होता है (No pain) 
  • खून नही बहता है (No blood) 
  • टांके नही लगते हैं (No stitches)  
  • जख्म नही बनते हैं (No wound)
  • दाग नहीं आते हैं (No scars)
  • उसे दिन डिस्चार्ज  (Same day discharge) 
  • सर्जरी के बाद कम से कम दर्द और सूजन होती है (Minimum swelling and pain after the procedure)

हाइड्रोसील से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए आप प्रिस्टीन केयर (Pristyn Care) डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

क्या आप मात्र एक दिन में हाइड्रोसील से छुटकारा पाना चाहते हैं?

हाइड्रोसील एक गंभीर बीमारी है जिसका समय पर इलाज आवश्यक है। इसके लक्षणों को नज़रअंदाज़ करने या इलाज में देरी करने पर बांझपन का खतरा बढ़ सकता है। क्योंकि हाइड्रोसील स्पर्म की क्वालिटी, क्वांटिटी और दूसरे उस सभी फंक्शन को बुरी तरह से प्रभावित करता है जो आगे जाकर बांझपन का कारण बन सकते हैं।

अगर आप हाइड्रोसील से पीड़ित हैं और मात्र एक दिन में इससे हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको प्रिस्टीन केयर से संपर्क करना चाहिए। प्रिस्टीन केयर में लेजर सर्जरी से हाइड्रोसील का इलाज किया जाता है। लेजर सर्जरी एक मॉडर्न और एडवांस सर्जिकल प्रक्रिया है जिससे किसी भी प्रकार के हाइड्रोसील का बेस्ट इलाज कम से कम समय में बहुत ही आसानी से किया जा सकता है। हमारे प्रिस्टीन केयर क्लिनिक में हाइड्रोसील की लेजर सर्जरी को अनुभवी और कुशल यूरोलॉजिस्ट की देखरेख में पूरा किया जाता है।

हमारे यूरोलॉजिस्ट को हाइड्रोसील की गहरी समझ और लेजर सर्जरी में महारत हासिल है। ये डॉक्टर अब तक हाइड्रोसील की हजारों सफल लेजर सर्जरी कर चुके हैं। दूसरे क्लिनिक या हॉस्पिटल की तुलना में हमारे क्लिनिक में हाइड्रोसील की लेजर सर्जरी को काफी कम खर्च में किया जाता है। इतना ही नहीं, कम से कम खर्च में हाइड्रोसील का बेस्ट इलाज करने के साथ-साथ हम अपने मरीज़ों को ढेरों सुविधाएं भी प्रदान करते हैं जिसमें हाइड्रोसील की लेजर सर्जरी वाले दिन फ्री पिकअप और ड्रॉप, सभी डायग्नोस्टिक टेस्ट पर 30% छूट और सर्जरी के बाद फ्री फॉलो-अप शामिल हैं। हमारे क्लिनिक में हाइड्रोसील की लेजर सर्जरी कराने के और भी ढेरों फायदे हैं जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं।

  • दर्द नहीं होता है
  • टांके नहीं आते हैं
  • ब्लीडिंग नहीं होती है
  • मॉडर्न और एडवांस इलाज है
  • सभी बीमा कवर किए जाते हैं
  • संक्षिप्त और सुरक्षित प्रक्रिया है
  • कोई एडवांस पेमेंट नहीं होता है
  • कोई एडवांस पेमेंट नहीं होता है
  • एक दिन की सर्जिकल प्रक्रिया है
  • डीलक्स रूम की सुविधा उपलब्ध है
  • अनुभवी और कुशल यूरोलॉजिस्ट हैं
  • 100% इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं
  • उसी दिन इलाज और डिस्चार्ज होता है
  • दो दिन के अंदर मरीज फिट हो जाते हैं
  • गोपनीय परामर्श की सुविधा उपलब्ध है
  • दोबारा हाइड्रोसील होने का खतरा शून्य होता है
  • बीमा अधिकारियों के पीछे भागने की आवश्यकता नहीं है
  • हॉस्पिटल से जुड़े सभी पेपरवर्क को प्रिस्टीन टीम पूरा करती है

हाइड्रोसील एक गंभीर बीमारी है जिसका समय पर उचित जांच और इलाज आवश्यक है। लंबे समय तक इसके लक्षणों को नज़रअंदाज़ करने या इसकी इलाज में देरी करने पर यह आगे जाकर बांझपन का कारण भी बन सकता है। इसलिए अगर आप इस बीमारी से पीड़ित हैं तो हमारे विश्वसनीय यूरोलॉजिस्ट से अभी परामर्श करें। हमारे विश्वसनीय यूरोलॉजिस्ट अपने सालों के अनुभव और एडवांस मेडिकल टेक्नोलॉजी की मदद से आपकी बीमारी को मात्र एक दिन में हमेशा के लिए दूर कर सकते हैं।

सर्जरी के बाद इन बातों का ध्यान रखें (Things to keep in mind post surgery in Hindi)

हाइड्रोसील की सर्जरी होने के बाद मरीज को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि ये जल्दी ठीक होने और दर्द से बचने में मदद करते हैं। शुरुआत में जब मरीज स्टूल पास करते हैं तो उन्हें थोड़ा बहुत दर्द महसूस होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हाइड्रोसील की सर्जरी उनके कमर पर गैर-जरुरी प्रेशर डाल सकती है जिससे दर्द बढ़ भी सकता है। 

सर्जरी के बाद अनियमित मल त्याग (Irregular motion) कॉमन है जिससे घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन कोशिश करनी है कि आप फाइबर को अपने खाने (food) में जरूर शामिल करें। साथ ही सर्जरी के बाद 48 घंटे तक किसी भी कठोर शारीरिक गतिविधियों  से बचें। 

इन सभी चीजों को फॉलो करने का बहुत सही कारण है और वो यह कि आपको सामान्य एनेस्थीसिया जैसा महसूस होता है। इसलिए सर्जरी के बाद कम से कम एक सप्ताह तक गाड़ियां नही चलानी चाहिए, बाइक और साइकिल की सवारी से बचना है और साथ ही साथ यौन गतिविधियों से दूर रहना है। 

हाइड्रोसील जीवन के किसी भी उम्र में हो सकता है। आमतौर पर यह एक साल के अंदर खुद ही ठीक हो जाता है लेकिन अगर ऐसा नही होता है तो डॉक्टर से मिलना और सर्जरी द्वारा इसका इलाज कराना सबसे बेहतर माना जाता है। सर्जरी के अलावा भी कुछ उपाय हैं जिनकी मदद से आप अपने हाइड्रोसील से छुटकारा पा सकते हैं। 

प्रिस्टिनकेयर ऐप
अधिक सुविधाएं मुफ्त में प्राप्त करने के लिए ऐप डाउनलोड करें
लक्षणों की जाँच करें
काउइन सर्टिफिकेट
अवधि ट्रैकर
दंत संरेखक
Google Play App Store

हाइड्रोसील की होम्योपैथिक दवा (Homeopathic medicines for hydrocele in Hindi)

हाइड्रोसील की सूजन, उसके आकार में वृद्धि या अन्य दूसरी परेशानियों को रोकने के लिए होम्योपैथिक दवाइयां बहुत ही फायदेमंद होती हैं। 

  • स्पंजिया अंडकोष के कड़ेपन और सूजन के लिए बेस्ट मानी जाती है। 
  • बेलाडोना अंडकोष की सूजन और गर्मी के लिए उत्तम मानी जाती है।  
  • कैल्केरिया कार्ब नामक दवा अंडकोष वृद्धि के लिए सर्वश्रेष्ठ है। 
  • फिटकरी में माजूफल को मिलाकर लेप तैयार कर उसे अंडकोष पर लगाने से हाइड्रोसील का दर्द और सूजन बहुल जल्दी कम हो जाते हैं। क्योंकि फिटकरी में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो हाइड्रोसील की परेशानी को तुरंत खत्म करने में जल्दी अपना असर दिखाते हैं।
  • तम्बाकू के पत्ते को गरम करने के बाद उसपर हल्दी और घी लगाकर इसे अंडकोष पर लगाने से सूजन जल्दी ख़त्म हो जाती है 
  • 5 ग्राम काली मिर्च और 10 ग्राम जीरा पीसकर सरसो या जैतून के तेल में मिला दें। इसे गर्म करने के बाद हल्का गर्म पानी में मिलाकर एक पतला सा लेप तैयार करें और इसे बढे हुए अंडकोष पर लगाएं। 3-4 दिनों तक ऐसा करने से आपका हाइड्रोसील ठीक हो सकता है। 
  • हाइड्रोसील के आकर को बढ़ने से रोकने के लिए अंडकोष को टाइट बांधकर रखें। 
  • हल्दी को पानी में पीसकर उसका लेप अंडकोष पर लगाने से सूजन कम हो जाती है। 
  • वच को सरसों के पानी में पीसकर उसका लेप लगाने से अंडकोष का आकार सामान्य हो जाता है। 
  • कब्ज़ से बचना ज़रूरी है क्योंकि यह हाइड्रोसील के लिए अच्छा नहीं होता है। कब्ज से होने वाला तनाव आपके अंडकोष की सूजन को और बढ़ाता है। 
  • शराब, सिगरेट, तंबाकू और कैफीन के सेवन से बचना चाहिए।  
  • बिना डॉक्टर के सलाह के हाइड्रोसील के इलाज के लिए किसी भी अंग्रेजी दवा का सेवन नही करना चाहिए।  
  • ताजे फ्रूट और जूस लेने चाहिए क्योंकि यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। 
  • स्वस्थ दिनचर्या का पालना करना चाहिए। यह आपके शरीर और मन को स्वास्थ बनाता है। व्यायाम और मेडिटेशन करें क्योंकि ये आपके तनाव को कम करते हैं और साथ ही हाइड्रोसील को बिना सर्जरी के ठीक होने में मदद भी करते हैं।  

और पढ़े

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|

अन्य लेख
वैरिकोज वेन्स की पतंजलि दवा 

वैरिकोज वेन्स की पतंजलि दवा 

2 months ago

मोतियाबिंद की होम्योपैथिक दवा — Homeopathic Medicine For Cataract In Hindi

मोतियाबिंद की होम्योपैथिक दवा — Homeopathic Medicine For Cataract In Hindi

2 months ago

सरकारी अस्पतालों में आईवीएफ: हॉस्पिटल का नाम, खर्च, और बहुत कुछ

सरकारी अस्पतालों में आईवीएफ: हॉस्पिटल का नाम, खर्च, और बहुत कुछ

2 months ago

ऐप खोलें