Views: 2,856
रिसर्च: क्या तनाव से बांझपन आता है — Infertility in Hindi
क्या यह हो सकता है कि ‘इनफर्टिलिटी' डिप्रेशन का ही एक हिस्सा हो? जवाब थोड़ा कठिन है। क्योंकि इसे अभी तक किसी भी साइंटिफिक लैब में प्रमाणित नहीं किया गया है। लेकिन यह बात यहां आकर नहीं थमती है। दरअसल, तनाव और इनफर्टिलिटी के बीच संबंध का पता लगाने के के लिए लंबे समय से कई मेडिकल कॉलेज में रिसर्च होते रहे हैं और ताज्जुब की बात यह है कि अलग-अलग रिसर्च अलग-अलग परिणाम आए हैं| तनाव और इनफर्टिलिटी के बीच हमेशा बहस बनी रहती है।
हर कदम पर समर्पित समर्थन!
हमारे डॉक्टर आपकी सहायता के लिए दिन में 24 घंटे, सप्ताह में 7 दिन उपलब्ध हैं!
अब बात आती है कि क्या सच में डिप्रेशन की वजह से इनफर्टिलिटी होती है? तो इसका जवाब दे पाना थोड़ा कठिन है। क्योंकि जितने भी रिजल्ट सामने आए हैं उन्हें कुछ फर्टिलिटी एक्सपर्ट्स ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है तो वहीं कुछ एक्सपर्ट्स ने इस बात को कबूल भी किया है। तनाव और इनफर्टिलिटी से जुड़े दो रिसर्च सामने आए हैं। एक रिसर्च पॉजिटिव है तो दूसरा रिसर्च नेगेटिव। आइये तनाव और इनफर्टिलिटी के बीच के सम्बन्ध को आसानी से समझते हैं।
एक नजर
- तनाव की वजह अल्फा-एमाइलेज और कोर्टिसोल नामक हॉरमोन हार्मोन का निर्माण होता है।
- अल्फा-एमाइलेज से गर्भधारण की प्रकिया 29 प्रतिशत तक कम हो जाती है।
Table of Contents
तनाव बांझपन का कारण है — Depression Causes Infertility in Hindi
मेडिकल कॉलेजों में किए गए कई रिसर्च यह प्रमाणित करते हैं कि इनफर्टिलिटी का एक कारण डिप्रेशन यानी तनाव भी है। इसका साक्ष्य (Evidence) यूके के एक मेडिकल कॉलेज में हुई रिसर्च के जरिये देखा जा सकता है। इस शोध में उन महिलाओं को शामिल किया गया जो गर्भवती होने का प्रयास कर रही थीं। महिलाओं की संख्या 250 के करीब थी। शोध में शामिल सभी औरतें अपने छठवें पीरियड साइकिल में प्रेगनेंसी के लिए सोच रही थीं।
हर महिला के शरीर से उसके पीरियड्स के छठवें दिन का Saliva Sample लिया गया। Saliva Sample में अल्फा-एमाइलेज और कोर्टिसोल की मात्रा का जांच किया गया। अल्फा-एमाइलेज और कोर्टिसोल हॉरमोन व्यक्ति के तनाव की सीमा तय करते हैं। जांच के बाद जो परिणाम सामने आया वह चौंका देने वाला था। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन महिलाओं में अल्फा-एमाइलेज की मात्रा ज्यादा थी उन्हें गर्भधारण करने में बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा था। जबकि ऐसी महिलाएं जिनमें कोर्टिसोल की मात्रा ज्यादा थी वे आसानी से प्रेग्नेंट हो गई थीं।
यह परिणाम इस बात को पूरी तरह से स्पष्ट नहीं कर पाया है कि वाकई में तनाव ही इनफर्टिलिटी का कारण है। क्योंकि अल्फा-एमाइलेज और कोर्टिसोल दोनों ही हॉरमोन स्ट्रेस हार्मोन कहलाते हैं। जबकि, परिणाम में एक के ज्यादा होने पर गर्भधारण में परेशानी होती है वहीँ दूसरे का लेवल ज्यादा होने पर गर्भधारण करने में सरलता होती है। (इसे भी पढ़ें: प्रेगनेंसी को रोकने के उपाय)
दूसरी रिसर्च
Michigan और Texas में एक और रिसर्च की गई जिसमें इस बात का पता लगाने की कोशिश की गई कि क्या अल्फा-एमाइलेज और कोर्टिसोल गर्भधारण से कोई संबंध है। इस रिसर्च में कुल 400 महिलाओं को शामिल किया गया। सभी के Saliva Samples का टेस्ट किया गया और पाया गया कि अल्फा-एमाइलेज गर्भधारण की प्रक्रिया को 29 प्रतिशत तक कम कर सकता है। जबकि कोर्टिसोल का गर्भधारण से कोई संबंध नहीं है।
इसके अलावा, रिसर्च में यह भी दावा किया गया कि न सिर्फ इन हार्मोन की वजह से प्रेगनेंसी में समस्या होती है। बल्कि आर्थिक, सामाजिक और भी दूसरे कई तरह के तनाव गर्भधारण में अड़चन पैदा कर सकते हैं। ज्यादा तनाव लेने से आपके मासिक धर्म भी अनियमित हो सकते हैं जिससे गर्भधारण करना काफी मुश्किल हो जाता है।
के साथ अपनी सर्जरी करवाएं
तनाव बांझपन का कारण नहीं है — Depression Does Not Cause Infertility in Hindi
यूके में एक और रिसर्च की गई। इस रिसर्च में कुल 340 महिलाओं को शामिल किया गया था। रिसर्च के दौरान उनके शरीर में स्ट्रेस लेवल और उसकी वजह से होने वाले हर तरह के परिवर्तन को नोटिस किया गया। इसके अलावा, उनकी लाइफ से जुड़े कई तरह के सेंसिटिव सवाल भी पूछे गए। उनसे पूछा गया “क्या वे धूम्रपान करती हैं? महीने या सप्ताह में कितनी दफा सेक्स करती हैं? क्या वे चाय, कॉफ़ी आदि कैफ़ीन युक्त पदार्थों का सेवन करती हैं? अगर वे सेवन करती हैं तो कितनी मात्रा में करती हैं?” और रिपोर्ट में आए नतीजे के मुताबिक प्रेगनेंसी और स्ट्रेस में कोई भी संबंध नहीं पाया गया। (और पढ़ें: प्रेगनेंट होने के उपाय)
इसके अलावा, इससे जुड़ा एक शोध और भी किया गया। इस शोध में 200 महिलाओं को शामिल किया गया। यह शोध आईवीएफ़ सक्सेस रेट (IVF Success Rate) और स्ट्रेस के बीच के संबंध से जुड़ा था। शोध का लक्ष्य तनाव युक्त महिलाओं में आईवीएफ का सक्सेस रेट जानना था। इस शोध में सभी महिलाएं अपनी फर्स्ट आईवीएफ साइकिल के लिए पूरी तरह से तैयार थीं। उनसे उनकी लाइफस्टाइल से जुड़े कई प्रश्नों को पूछा गया। वे सभी महिलाएं जो IVF के सक्सेस होने के पहले तक तनाव युक्त थी आईवीएफ फेलियर (IVF Failure) से प्रभावित नहीं हुई थीं।
शोध में आए परिणाम को देखने के बाद फर्टिलिटी एक्सपर्ट्स ने कहा “तनाव का इलाज कराने से उचित यही होगा कि महिला में फर्टिलिटी का ट्रीटमेंट किया जाए।
तनाव पुरुषों में बांझपन का कारण बन सकता है — Depression May Cause Infertility in Men in Hindi
तनाव और पुरुषों में फर्टिलिटी से जुड़े 57 से भी ज्यादा रिसर्च किए गए। जिसमें 30,0000 से भी ज्यादा पुरुषों को शामिल किया गया। शोध में सभी पुरुषों के स्पर्म सैंपल लिये गये और जांच के लिए उन्हें लैब भेजा गया। इस दौरान उनसे कई तरह के तनाव से जुड़े प्रश्न भी किए गए। शोध में पाया गया कि जो पुरुष ज्यादा तनाव लेते थे उनमें स्पर्म की क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों ही प्रभावित थी। ऐसे पुरुषों का ‘स्पर्म काउंट 'नॉर्मल’ से बहुत कम था।
इसके अलावा, उनके स्पर्म का स्ट्रक्चर एब्नार्मल था और स्पर्म मोलालिटी बहुत कम थी। फर्टिलाइजेशन में स्पर्म मोलालिटी और स्पर्म काउंट का बहुत बड़ा योगदान होता है। तनाव लेने से इन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है और रिप्रोडक्शन में भारी समस्या झेलनी पड़ती है।
निष्कर्ष — Conclusion
इस बात में कोई संदेह नहीं है कि तनाव से इनफर्टिलिटी प्रभावित होती है। लेकिन अभी तक यह प्रमाणित नहीं किया गया है कि क्या वाकई में तनाव की वजह से फर्टिलिटी में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है? हालंकि, कई फर्टिलिटी एक्सपर्ट्स यह भी मानते हैं कि तनाव की वजह से गर्भधारण करने में ज्यादा समय लग सकता है।
और पढ़ें
- क्या ओवेरियन सिस्ट में प्रेगनेंसी संभव है?
- बाइपोलर डिसऑर्डर: कारण, लक्षण और प्रेगनेंट महिला पर इसका प्रभाव
डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|