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आंखें इंसान के शरीर के सभी खास अंगों में से एक हैं। उम्र ढलने या चोट लगने के कारण आंखों में कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं, इन्ही में एक समस्या मोतियाबिंद है। मोतियाबिंद एक गंभीर बीमारी है, जिसका समय पर उचित इलाज आवश्यक है। अगर आप मोतियाबिंद से पीड़ित हैं और इसका बेस्ट इलाज पाना चाहते हैं तो प्रिस्टीन केयर का यह ब्लॉग खास आपके लिए है।

मोतियाबिंद क्या है?

मोतियाबिंद एक सामान्य बीमारी है जो आंखों को प्रभावित करती है। मोतियाबिंद को अंग्रेजी में कैटरैक्ट (Cataract in Hindi) कहा जाता है। शोध के मुताबिक, मोतियाबिंद पूरी दुनिया में अंधेपन का सबसे बड़ा कारण है। अधिकतर मामलों में मोतियाबिंद एक खास उम्र यानि 45-55 की उम्र के बाद लोगों को प्रभावित करता है, लेकिन आंखों में चोट लगने या दूसरे कई कारणों से मोतियाबिंद की समस्या किसी भी उम्र के इंसान को हो सकती है। मोतियाबिंद की शुरुआती स्टेज में लेंस के कुछ हिस्से में धुंधलापन छा जाता है जिसके कारण किसी भी वस्तु की रोशनी पूरी तरह से रेटिना तक नहीं जा पाती है। नतीजतन, मरीज को चीजें धुंधली दिखाई पड़ती हैं। मोतियाबिंद एक या दोनों आंखों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि यह दोनों आंखों को एक ही तरह से प्रभावित करे।

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मोतियाबिंद बहुत धीरे-धीरे विकास करता है और एक समय के बाद लेंस में पूरी तरह से धुंधलापन छा जाता है। मोतियाबिंद की समस्या कई कारणों से होती है जिसमें बुढ़ापा, मोटापा, धूम्रपान, अनुवांशिक कारण, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, उच्च मायोपिया, आँखों की पुरानी सर्जरी, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, आंखों में पुरानी चोट या सूजन, लंबे समय तक कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाओं का सेवन, सूरज की रौशनी में लंबे समय तक रहना या आंखों का पैराबैंगनी किरणों के संपर्क में आना आदि शामिल हैं। मोतियाबिंद से पीड़ित होने पर आप अपनी आंखों में ढेरों समस्याओं को अनुभव कर सकते हैं जैसे कि लेंस में धुंधलापन छाना, रात के समय कम दिखाई देना, डबल विजन की शिकायत होना, रौशनी के प्रति संवेदनशीलता का बढ़ना, दृष्टि का धीमा और धुंधला होना आदि।

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मोतियाबिंद होने पर क्या करें?

अगर आप मोतियाबिंद के लक्ष्णों को खुद में अनुभव करते हैं या इस बीमारी से पीड़ित हैं तो आपको एक अनुभवी और विश्वसनीय नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श कर अपने मोतियाबिंद का सर्जिकल इलाज कराना चाहिए। दवा या आई ड्रॉप से मोतियाबिंद का इलाज संभव नहीं है। दवा या ड्रॉप से मोतियाबिंद के विकास दर को कम और सर्जरी की तारीख को कुछ समय के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है। मोतियाबिंद का परमानेंट इलाज मात्र सर्जरी से ही संभव है। क्योंकि सर्जरी के दौरान, नेत्र रोग विशेषज्ञ खराब लेंस को बाहर निकालकर उसकी जगह पर एक कृत्रिम लेंस लगा देते हैं। लंबे समय तक मोतियाबिंद के लक्षणों को नजरअंदाज करने या समय पर इसका सटीक इलाज नहीं कराने पर यह अंधापन का कारण भी बन सकता है। इसलिए अगर आपको मोतियाबिंद है तो बिना देरी किए नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए।

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मोतियाबिंद की सर्जरी को कैसे किया जाता है?

मोतियाबिंद की सर्जरी को शुरू करने से पहले सर्जन मरीज की आंखों में एस्थेटिक ड्रॉप डालते हैं जिससे सर्जरी के दौरान दर्द होने का खतरा ख़त्म हो जाता है। एनेस्थीसिया देने के बाद, सर्जन खराब लेंस को बाहर निकाल कर उसकी जगह एक कृत्रिम लेंस को इम्प्लांट कर देते हैं। मोतियाबिंद की पारंपरिक सर्जरी के दौरान लगभग आधे घंटे का समय लग सकता है, लेकिन लेजर सर्जरी के दौरान मात्र 10-20 मिनट का समय लगता है।

मोतियाबिंद का बेस्ट सर्जिकल इलाज क्या है?

मोतियाबिंद की सर्जरी को दो तरह से किया जाता है जिसमें पहला पारंपरिक सर्जरी और दूसरा लेजर सर्जरी है। मोतियाबिंद की पारंपरिक सर्जरी के दौरान, सर्जन कॉर्निया में कट लगाने के लिए ब्लेड और खराब लेंस को तोड़ने के लिए एक वाइब्रेटिंग नीडल का इस्तेमाल करते हैं। साथ ही, मोतियाबिंद की पारंपरिक सर्जरी के दौरान, सर्जन हाथ से कॉर्निया में कट लगते हैं जिसके दौरान जटिलताओं का खतरा अधिक होता है। जबकि लेजर सर्जरी के दौरान, सर्जन लेजर की मदद से कॉर्निया में कट लगाते हैं जो पूरी तरह से सफल और सुरक्षित होता है। लेजर सर्जरी के दौरान, जटिलताओं का खतरा लगभग शून्य होता है। पारंपरिक सर्जरी से केवल मोतियाबिंद का इलाज किया जा सकता है, जबकि लेजर सर्जरी से मोतियाबिंद का इलाज करने के साथ-साथ एस्टिग्मेटिज्म का भी इलाज किया जा सकता है।

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मोतियाबिंद की लेजर सर्जरी को फेम्टोसेकेंड लेजर-असिस्टेड कैटरैक्ट सर्जरी के नाम भी जाना जाता है। यह मोतियाबिंद का सबसे मॉडर्न और एडवांस सर्जिकल इलाज है। इस सर्जरी से किसी भी प्रकार के मोतियाबिंद का परमानेंट इलाज कम से कम समय में बहुत ही आसानी से किया जा सकता है। मोतियाबिंद की लेजर सर्जरी के दौरान मरीज को कट या टांके नहीं आते हैं और ब्लीडिंग तथा दर्द भी नहीं होता है। मोतियाबिंद की लेजर सर्जरी की पूरी प्रक्रिया कंप्यूटर की देखरेख में होती है, जिसके कारण सर्जन की मानवीय भूमिका कम और सर्जरी के सफल होने की संभावना अधिक हो जाती है। इस सर्जरी के दौरान कट या टांके नहीं आने के कारण, सर्जरी के बाद मरीज की रिकवरी बहुत तेजी से होती है। लेजर सर्जरी के बाद, मरीज की आंखों में इंजेक्शन देने या पट्टी बांधने की आवश्यकता भी नहीं होती है।

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मोतियाबिंद की लेजर सर्जरी एक दिन की प्रक्रिया है, इसलिए सर्जरी के बाद मरीज को हॉस्पिटल में रुकने की आवश्यकता भी नहीं पड़ती है। लेजर सर्जरी के मात्र कुछ ही घंटों के बाद मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है। इतना ही नहीं, मोतियाबिंद की मॉडर्न और एडवांस लेजर सर्जरी के मात्र दो दिन बाद से मरीज अपने दैनिक जीवन के कामों को फिर से शुरू भी कर सकते हैं। लेकिन सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक मरीज को कुछ खास चीजों का धान रखने का सुझाव दिया जाता है जैसे कि आंखों को रगड़ने या आंखों में साबुन या शैंम्पू लगाने से बचना आदि। मोतियाबिंद की लेजर सर्जरी के दौरान या बाद में साइड इफेक्ट्स या जटिलताओं का खतरा लगभग शून्य होता है। लेजर सर्जरी को मोतियाबिंद का बेस्ट इलाज मन जाता है।

क्या लेजर सर्जरी मोतियाबिंद का परमानेंट इलाज है?

हाँ. जैसा कि हमने अभी आपको मोतियाबिंद की लेजर सर्जरी के बारे में विस्तार से बताया इससे यह साफ हो जाता है कि लेजर सर्जरी मोतियाबिंद का बेस्ट और परमानेंट इलाज है। लेजर सर्जरी से किसी भी प्रकार के मोतियाबिंद का परमानेंट इलाज मात्र 10-20 मिनट के अंदर बहुत ही आसानी से किया जा सकता है। मोतियाबिंद की लेजर सर्जरी के निम्नलिखित फायदे हैं।

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  • कट और टांके नहीं आते हैं
  • मॉडर्न और एडवांस इलाज है
  • बहुत ही प्रभावशाली इलाज है
  • ब्लीडिंग और दर्द नहीं होता है
  • उसी दिन सर्जरी और डिस्चार्ज
  • संक्षिप्त और सुरक्षित प्रक्रिया है
  • एक दिन की सर्जिकल प्रक्रिया है
  • जटिलताओं का खतरा कम होता है
  • बेस्ट और परमानेंट रिजल्ट आता है
  • 10-20 मिनट की सर्जिकल प्रक्रिया है
  • 24 घंटे के अंदर मरीज फिट हो जाते हैं

अगर आपको मोतियाबिंद है और आप बिना किसी परेशानी का सामना किए कम से कम समय में बहुत ही आसानी से इसका परमानेंट इलाज कराना चाहते हैं तो आपको लेजर सर्जरी का चुनाव करना चाहिए। लेजर सर्जरी के बाद दोबारा मोतियाबिंद होने का खतरा लगभग न के बराबर होता है।

प्रिस्टीन केयर में मोतियाबिंद का लेजर इलाज किया जाता है

अगर आप मोतियाबिंद का लेजर इलाज भारत के बेस्ट क्लिनिक में कराना चाहते हैं तो आपको प्रिस्टीन केयर से संपर्क करना चाहिए। प्रिस्टीन केयर क्लिनिक में लेजर सर्जरी से मोतियाबिंद का इलाज किया जाता है। हमारे क्लिनिक में इस सर्जरी को बहुत ही अनुभवी और कुशल नेत्र रोग विशेषज्ञ की देखरेख में पूरा किया जाता है। हमारे डॉक्टर को मोतियाबिंद की गहरी समझ और लेजर सर्जरी में महारत हासिल है। ये डॉक्टर अब तक मोतियाबिंद की हजारों सफल लेजर सर्जरी कर चुके हैं। देश के दूसरे क्लिनिक या हॉस्पिटल की तुलना में हमारे प्रिस्टीन केयर क्लिनिक में मोतियाबिंद का लेजर इलाज काफी कम खर्च में किया जाता है। हमारे क्लिनिक में मोतियाबिंद की लेजर सर्जरी कराने के ढेरों फायदे हैं जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं।

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  • सभी बीमा कवर किए जाते हैं
  • कोई एडवांस पेमेंट नहीं होता है
  • डीलक्स रूम की सुविधा उपलब्ध है
  • 100% इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं
  • गोपनीय परामर्श की सुविधा उपलब्ध है
  • सभी डायग्नोस्टिक टेस्ट पर 30% छूट है
  • अनुभवी और विश्वसनीय नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं
  • बीमा अधिकारियों के पीछे भागने की जरूरत नहीं है
  • सर्जरी के बाद फ्री फॉलो-अप्स की सुविधा उपलब्ध है
  • सर्जरी वाले दिन फ्री पिकअप और ड्रॉप की सुविधा उपलब्ध है
  • प्रिस्टीन टीम अस्पताल से जुड़े सभी पेपरवर्क को पूरा करती है

अगर आप कम से कम खर्च में मोतियाबिंद का बेस्ट इलाज कराना चाहते हैं तो आपको अपने शहर में या शहर के आसपास प्रिस्टीन केयर से संपर्क करना चाहिए। हमारे विश्वसनीय सर्जन अपने सालों के अनुभव और मॉडर्न मेडिकल टेक्नोलॉजी की मदद से आपके मोतियाबिंद को मात्र एक दिन में बहुत ही आसानी से हमेशा के लिए ठीक कर सकते हैं।

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|