4-mahine-ki-pregnancy-symptoms-diet-care-and-more

प्रेगनेंसी के चौथे महीने के लक्षण

प्रेगनेंसी के चौथे महीने  (Pregnancy Ka Chautha Mahina) में आपको काफी परेशानियों से गुजरना पड़ता है क्योंकि आपके गर्भ में पल रहे शिशु का आकार और वजन बढ़ना शुरू हो जाता है। 4 Month Pregnancy in Hindi – इस दौरान आपके अंदर कई तरह के बदलाव आते हैं इसलिए आपके लिए यह और आवश्यक हो जाता है की आप अपनी सेहत और खान पान का खास ध्यान रखें। हम आपको नीचे प्रेगनेंसी के चौथे महीने यानी की प्रेगनेंसी के 12 से 16 सप्ताह के दौरान आपके अंदर होने वाले सामान्य लक्षणों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

सीने में जलन होना 

हारमोन में बदलाव होने के कारण प्रेगनेंसी के दौरान सीने में जलन होने की समस्या बहुत ही आम बात है। यह समस्या लगभग प्रेगनेंसी की पूरी प्रक्रिया के दौरान आपके साथ रह सकती है। कई बार फाइबर युक्त पदार्थों और पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करने से यह समस्या खत्म भी हो जाती है। 

भूख और प्यास बढ़ना 

प्रेगनेंसी की इस अवस्था में आपको हर थोड़े थोड़े समय पर भूख और प्यास लगती रहती है जिसके कारण ज्यादा से ज्यादा खाना खाती हैं और आपका वजन तेजी से बढ़ता है। इसके अलावा 4 Month Pregnancy in Hindi आपको तरह तरह की चीजों को खाने का मन भी करता है। यह प्रेगनेंसी के लक्षणों में से एक है जो कुछ समय के बाद अपने आप ही खत्म हो जाते हैं। आपको इनके बारे में ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। 

कमजोरी और थकान होना 

16 Week of Pregnancy in Hindi प्रेगनेंसी के चौथे महीने में आपके शिशु का विकास काफी तेजी से होता है इसलिए उसे पौष्टिक की जरूरत पड़ती है। उसके पौष्टिक की जरूरत को पूरा करने के लिए आपका शरीर अधिक मात्रा में खून का उत्पादन करता है जो आपके ब्लड प्रेशर और ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है। साथ ही आपके शरीर में हार्मोन असंतुलन होती है जिसके कारण आपको कमजोरी और थकान जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है। फल, सब्जी और डेयरी प्रोडक्ट को अपने डाइटमें शामिल कर आप इन लक्षणों को काफी हद तक कम कर सकती हैं। 

पाचन क्रिया खराब होना 

प्रेगनेंसी के चौथे महीने में pregnancy 16 week in hindi पाचन क्रिया धीमे काम करने लगती है जिसके कारण खाना सही से हजम नहीं होता है और आपको गैस तथा कब्ज की समस्या होती है। इससे बचने के लिए आपको अपने खान पान पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है। आपको फाइबर, विटामिन और प्रोटीन से भरपूर पदार्थों का सेवन करना चाहिए। 13 Week of Pregnancy in Hindi – अगर आप सिगरेट या शराब का सेवन करती हैं तो इससे दूर रहना चाहिए। क्योंकि इनका सेवन करने से पाचन की समस्या आती है और शिशु पर भी इसका गलत असर है।

प्रेगनेंसी के चौथे महीने में डाइट

प्रेगनेंसी के चौथे महीने में आपके डाइट का हेल्दी होना बहुत जरूरी है। आपके गर्भ में पल रहे शिशु को इस दौरान पौष्टिक की ज्यादा जरूरत होती हैं क्योंकि इस दौरान इसका विकास काफी तेजी से होता है। Pregnancy 16 Week in Hindi शिशु की जरूरत को पूरा करने के लिए आपका शरीर अधिक मात्रा में खून का निर्माण करना शुरू कर देता है। जिसकी वजह आप कई तरह से प्रभावित होती हैं और सही से ध्यान न देने पर आपके सामने परेशानियां भी खड़ी हो सकती हैं। 

इसलिए आपको इस समय Pregnancy Ka Chautha Mahina अपने डाइट पर खासकर ध्यान देना चाहिए और भरसक कोशिश करनी चाहिए की ज्यादा से ज्यादा विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन, फाइबर और दूसरे उन सभी तत्वों से भरपूर पदार्थों का सेवन करें जो प्रेगनेंसी के चौथे महीने में आप और आपके शिशु के लिए फायदेमंद होते हैं। pregnancy 4th month in hindi – साथ ही उन सभी चीजों से दूर रहें और परहेज भी करें जो आप दोनों के लिए नुकसानदेह हैं। 

फाइबर 

15th Week of Pregnancy in Hindi गर्भवस्था के चौथे महीने में पाचन क्रिया धीमे काम करने लगती है जिसके कारण कब्ज की समस्या होना आम बात है। इससे राहत पाने के लिए आपको फाइबर से भरपूर भोजन का सेवन करना चाहिए और ओट्स, साबुत अनाज और हरी पत्तेदार सब्जियों को अपने डाइट में शामिल करना चाहिए। इसके आलावा ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीजिए। आपके शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए। 

डेयरी प्रोडक्ट और आयरन 

प्रेगनेंसी का चौथा महीना pregnancy 4 month in hindi आप और आपके शिशु दोनों के लिए बहुत खास होता है। इस दौरान आप अपने शिशु में हो रहे विकास को महसूस करना शुरू कर देती हैं। शिशु की हड्डियों के ढांचे बनने शुरू हो जाते है और उसे भारी मात्रा में कैल्शियम की जरूरत होती है। कैल्शियम की जरूरत को पूरा करने के लिए आप डेयरी प्रोडक्ट जैसे की दूध, दही, पनीर आदि को अपने डाइट में शामिल कर सकती हैं।

इसके अलावा 15th week of pregnancy in hindi आपके शिशु को आयरन की भी जरूरत होती है। उसके विकास में किसी तरह की कोई बाधा न हो इसलिए आप अपने खान पान में आयरन से भरपूर पदार्थों को शामिल करना चाहिए। ऐसी स्थिति में सेब, दाल और पालक का सेवन फायदेमंद होता हैं। फल में विटामिन और खनिज पाए जाते हैं। इसलिए दूसरे फलों का सेवन भी करना चाहिए और किसी तरह की कोई कन्फ्यूजन या परेशानी होने पर अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। (और पढ़े: गर्भावस्था में खान पान — Pregnancy Diet Chart in Hindi )

फैटी एसिड 

फैटी एसिड का सेवन आपके शिशु के विकास में मदद करता है। साथ ही यह प्रेगनेंसी, शिशु की सेहत और डिलीवरी से संबंधित होने वाले खतरों की संभावनाओं को भी खत्म करता है। 16 Week Pregnancy in Hindi प्रेगनेंसी के चौथे महीने में शिशु का विकास काफी तेजी होता है इसलिए यह आवश्यक है की आप अपने खान पान में फैटी एसिड को शामिल करें।

प्रेगनेंसी के चौथे महीने में शिशु का विकास

प्रेगनेंसी के चौथे महीने में Pregnancy 4 Months in Hindi आपके गर्भ में पल रहे शिशु का विकास काफी तेजी से होता है। इस दौरान शिशु के शरीर का लगभग हर हर हिस्सा डेवेलप होता है जिसे देखने के लिए आप अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल कर सकती हैं क्योंकि यह आपके शिशु बेहतरीन तरीके दिखाता है। इस दौरान शिशु आपके गर्भ में घूमना और लात मरना शुरू कर देता है। आपका बेबी बंप भी पहले की तुलना में काफी बड़ा हो जाता है जो साफ दिखाई देता है। 

इस दौरान आपका शिशु लगभग 5.1 लंबा हो जाता है और इसका वजन 150 ग्राम होता है। इसका विकास लगातार होता ही रहता है और चौथे महीने के खत्म होते होते यह लगभग 10 इंच का हो जाता है। 16 Weeks Pregnancy in Hindi प्रेगनेंसी के 16 सप्ताह के दौरान आपके शिशु की हड्डियों का ढांचा रबर की तरह बिलकुल लचीला होता है। इसकी स्किन पारदर्शी होती है जिसके आर पार नेसं साफ दिखाई देती हैं और शरीर पर स्किन की एक परत तैयार हो जाती है जिसे लानुगो (Lanugo) के नाम से जाना जाता है। शिशु के नाखून भी बनने शुरू हो जाते हैं। 14 Week Pregnancy in Hindi – साथ ही इसके स्किन पर एक मोटी परत बन जाती है जिसे वर्निक्स केसिओसा (Vernix Caseosa) कहते हैं। 

ये मोटी परत शिशु के स्किन को एमनियोटिक फ्लूइड से बचा कर रखती है जिसमें वह अभी और पांच महीना यानी की जन्म लेने तक रहने वाला है। वर्निक्स केसिओसा शिशु को जन्म के समय बर्थ कैनाल में ले जाने में मदद करता है। pregnancy 4 months in hindi शिशु के दोनों कान विकसित होने शुरू हो जाते हैं और वह आपकी आवाज को आसानी से सुन सकता है। शिशु का बोन मैरो सफेद ब्लड सेल्स का निर्माण शुरू कर देता है।    

प्रेगनेंसी के चौथे महीने में शारीरिक बदलाव 

प्रेगनेंसी के चौथे महीने में आपके शरीर के अंदर और बाहर दोनों तरफ बदलाव होते हैं। 16 Weeks Pregnancy in Hindi इस दौरान आपके शिशु का विकास शुरू हो जाता है और आप मां बनने की तरफ और आगे बढ़ती हैं। आपके शरीर में बहुत तरह के बदलाव आने निश्चित हैं क्योंकि आपके शिशु को पौष्टिक की जरूरत पड़ती है। जिसकी पूर्ति करने के लिए 15 week of pregnancy in hindi आपका शरीर अधिक मात्रा में खून बनाता है जिससे आपके ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर पर प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा आपके शरीर में हार्मोन में भी भरी असंतुलन होती है। नीचे हम आपके शरीर में आने वाले सामान्य बदलाव के बारे में बात कर रहे हैं। 

  • पाचन धीमी हो जाती है जिसके कारण आपको गैस की समस्या हो सकती है।
  • शरीर में हार्मोनल बदलाव होने के कारण आपके स्तनों का आकर बढ़ता है और निप्पल के रंग बदलते हैं।
  • गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण आपके शरीर के नीचे वाले हिस्से, पीठ, पेट, कमर और जांघ में दर्द शुरू हो सकता है। 
  • इस दौरान आपके नाक में सूजन हो जाती है जिसके कारण नाक बंद हो जाता है।  कभी कभी नाक से खून भी निकल सकता है।
  • प्रेगनेंसी की अवस्था में आप बवासीर से पीड़ित भी हो सकती हैं। ऐसे में आप डॉक्टर से पूछ कर क्रीम का इस्तेमाल कर सकती हैं।
  • शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल बढ़ने के कारण आपकी स्किन में झाइ होने की समस्या हो सकती है। 15 Week Pregnancy in Hindi – इससे बचने के लिए आप अपने डॉक्टर से किसी सनस्क्रीन का सुझाव लेकर उसका इस्तेमाल कर सकती हैं।
  • Pregnancy 17 Weeks in Hindi – शिशु का आकार और वजन बढ़ने के कारण मूत्राशय और मूत्रमार्ग (Bladder and Urethra) में प्रेशर पड़ता है जिसकी वजह से आपको बार बार पिशाब लगने और पिशाब लीकेज होने की समस्या हो सकती है।
  • टिस्यूज में सूजन होने कि वह से आपके हाथों में झनझनाहट की समस्या हो सकती है।
  • शरीर में ज्यादा खून की वजह से नसों पर प्रेशर पड़ना और वैरिकोज वेंस की समस्या होना आम बात है। 

और पढ़े: 5 Month Pregnancy in Hindi — लक्षण, शिशु का विकास, शरीर में होने वाले बदलाव और आहार

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|