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जीवनशैली खराब होने के कारण आज आंखों में ढेरों बीमारियां पैदा हो रही हैं और हाइपरोपिया भी उन्ही में से एक है। इस बीमारी से पीड़ित होने पर आपको दूर की चीजें साफ और पास की चीजें धुंधली डिकाही पड़ती हैं। हाइपरोपिया के कारण आपको सिर में दर्द और आंखों में खिचाव जैसा महसूस हो सकता है। अगर आप हाइपरोपिया के कारणों, लक्षणों, निदान और इलाज के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो प्रिस्टीन केयर का यह खास ब्लॉग आपके लिए है।

हाइपरोपिया क्या है — What Is Hyperopia In Hindi — Hyperopia In Hindi Hyperopia Kya Hai

हाइपरोपिया को हाइपरमेट्रोपया (Hypermetropia in Hindi) और दूर दृष्टि दोष के नाम से भी जाना जाता है। हाइपरोपिया (Hyperopia Meaning In Hindi) आंखों को प्रभावित करने वाली एक बीमारी है जिससे पीड़ित होने पर किसी भी वस्तु का प्रकाश रेटिना के पीछे पड़ता है जिसके कारण पास की चीजें धुंधली दिखाई पड़ती हैं। हाइपरोपिया होने पर मरीज को दूर की चीजें साफ-साफ दिखाई पड़ती हैं, लेकिन पास की चीजें धुंधली दिखाई देती हैं। लेकिन जैसे-जैसे हाइपरोपिया की स्थिति गंभीर होती है, मरीज को दूर की चीजें भी धुंधली दिखाई देने लगती हैं।

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आमतौर पर हाइपरोपिया बच्चों को प्रभावित करता है। शोध के मुताबिक यह बीमारी 6 साल के बच्चों में 8%, 9-14 साल के बच्चों में 3%, 15 साल के बच्चों में लगभग 1% पाई जाती है। साथ ही, 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में यह बीमारी आम हो जाती है, क्योंकि इस उम्र के बाद लगभग आधे लोगों को दूर दृष्टि दोष की समस्या होती है। शोध के मुताबिक, हर साल भारत में लगभग 1 करोड़ से भी अधिक लोगों को हाइपरोपिया की शिकायत होती है। हाइपरोपिया कोई गंभीर या जानलेवा बीमारी नहीं है, लेकिन समय पर इसका इलाज आवश्यक है।

हाइपरोपिया के कारण — Causes Of Hyperopia In Hindi — Hyperopia Kyun Hota Hai — Hyperopia Ke Kya Kaaran Hain

हाइपरोपिया की समस्या तब शुरू होती है जब आंखों में जाने वाली किरणें रेटिना पर ध्यान केंद्रित होने के बजाय सीधा इसके पीछे केंद्रित करती हैं। हाइपरोपिया के कई कारण होते हैं, लेकिन इसका सबसे मुख्य कारण नेत्र-गोलक यानी आई बॉल (Eye Ball) का सामान्य से अधिक छोटा होना। कुछ मामलों में बच्चे जन्म से ही हाइपरोपिया से ग्रसित होते हैं, लेकिन जैसे-जैसे उनके नेत्र-गोलक का सामान्य विकास बढ़ता है यह बीमारी अपने आप ही ठीक हो जाती है।

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हाइपरोपिया के लक्षण — What Are The Symptoms Of Hyperopia In Hindi — Symptoms of Hyperopia In Hindi — Hyperopia Ke Kya Lakshan Hote Hain

हाइपरोपिया के ढेरों लक्षण हैं जो इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि आपको हाइपरोपिया की समस्या है। इन लक्षणों के आधार पर ही नेत्र रोग विशेषज्ञ भी आपकी जांच करते हैं फिर इलाज की प्रक्रिया को शुरू करते हैं। हाइपरोपिया के निम्नलिखित लक्षण हैं।

  • सिर में दर्द होना
  • दृष्टि का धुंधला होना
  • थकावट महसूस होना
  • आंखों पर दबाव पड़ना 
  • बाइनोकुलर विजन होना 
  • गहराई को देखने में परेशानी होना
  • आंखें सिकुड़कर चीजों को देखने की कोशिश करना

अगर आप ऊपर बताए गए किसी भी लक्षण को खुद में अनुभव करते हैं तो आपको बिना देरी किए एक अनुभवी और कुशल नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलकर अपने आंखों का जांच और इलाज कराना चाहिए। कई बार चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस पहनने के कारण भी आप खुद में इन लक्षणों को अनुभव कर सकते हैं जिसकी पुष्टि जांच प्रक्रिया के बाद ही होती है।

हाइपरोपिया का निदान — Diagnosis Of Hyperopia In Hindi — Hyperopia Ka Nidaan Kaise Kiya Jata Hai

हाइपरोपिया का इलाज करने से पहले नेत्र रोग विशेषज्ञ मरीज के आंख और दृष्टि की जांच करते हैं जिससे उन्हें बीमारी के कारण और गंभीरता के बारे में पता चलता है। आपके नेत्र रोग विशेषज्ञ हाइपरोपिया का निदान एक व्यापक नेत्र परीक्षण के हिस्से के रूप में कर सकते हैं। आपके दृष्टि की जांच करने के लिए डॉक्टर कुछ जांच कर सकते हैं जिसके दौरान वे आपको अलग-अलग दूरी पर मौजूद चार्ट पढ़ने को बोल सकते हैं जिसपर ढेरों शब्द लिखे रहते हैं। अगर आपको दूर दृष्टि की शिकायत है तो डॉक्टर कुछ खास तरह के उपकरण का इस्तेमाल कर आपकी बीमारी के कारण का पता लगाते हैं। साथ ही, रेटिनोस्कोप की मदद से डॉक्टर इस बात का पता लगाते हैं कि प्रकाश कैसे आपके रेटिना पर प्रतिबिंबित होता है। इन सब के अलावा, डॉक्टर कुछ दूसरे प्रकार के जांच का भी सुझाव दे सकते हैं जिसमें विजुअल एक्युटि, कवर टेस्ट, फंडस अल्ट्रासोनोग्राफी आदि।

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हाइपरोपिया का इलाज — Treatment Of Hyperopia In Hindi — Hyperopia Ka Ilaj Kaise Kiya Jata Hai

आमतौर पर हाइपरोपिया का इलाज करने के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस के इस्तेमाल का सुझाव देते हैं। क्योंकि इससे आंखों प्रवेश होने वाली किरणें रेटिना के पीछे फोकस न होकर रेटिना पर केंद्रित होती हैं जिससे हाइपरोपिया की समस्या खत्म हो जाती है। चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस हाइपरोपिया का बेस्ट या परमानेंट इलाज नहीं है। चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल छोड़ने के बाद आपकी परेशानी फिर से शुरू हो सकती है। अगर आप हाइपरोपिया का बेस्ट इलाज कराना और चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस से हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको लेसिक सर्जरी का चुनाव करना चाहिए। लेसिक सर्जरी हाइपरोपिया का बेस्ट इलाज माना जाता है।

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लेसिक सर्जरी एक मॉडर्न और एडवांस सर्जिकल इलाज है जिससे किसी भी प्रकार के हाइपरोपिया का परमानेंट इलाज किया जा सकता है। लेसिक सर्जरी के दौरान मरीज को बहुत ही छोटा सा कट लगता है और टांके नहीं आते हैं तथा ब्लीडिंग या दर्द भी नहीं होता है। लेसिक सर्जरी को एक अनुभवी और कुशल नेत्र सर्जन की देखरेख में किया जाता है। हाइपरोपिया की लेसिक सर्जरी को शुरू करने से पहले सर्जन मरीज को एनेस्थीसिया देते हैं और फिर उसके बाद कॉर्निया को रीशेप कर देते हैं। लेसिक सर्जरी को पूरा होने में मात्र 10-20 मिनट का समय लगता है। यह एक दिन की सर्जिकल प्रक्रिया है, इसलिए सर्जरी के बाद मरीज को हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत भी नहीं पड़ती है। लेसिक सर्जरी खत्म होने के मात्र कुछ ही घंटों के बाद मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है।

प्रिस्टीन केयर में हाइपरोपिया का बेस्ट इलाज कराएं — Get The Best Treatment Of Hyperopia In Pristyn Care

अगर आपको पास की चीजें धुंधली दिखाई पड़ती हैं तो आपको प्रिस्टीन केयर से संपर्क करना चाहिए। प्रिस्टीन केयर क्लिनिक में लेसिक सर्जरी से हाइपरोपिया का बेस्ट और परमानेंट इलाज किया जाता है। हमारे क्लिनिक में लेसिक सर्जरी को बहुत ही अनुभवी और विश्वसनीय नेत्र रोग विशेषज्ञ की देखरेख में पूरा किया जाता है। हमारे सर्जन को हाइपरोपिया, मायोपिया और एस्टिग्मेटिज्म की गहरी समझ और लेसिक सर्जरी में महारत हासिल है। ये सर्जन अब तक हाइपरोपिया की हजारों सफल लेसिक सर्जरी कर चुके हैं। दूसरे क्लिनिक या हॉस्पिटल की तुलना में हमारे क्लिनिक में हाइपरोपिया की लेसिक सर्जरी को काफी कम खर्च में किया जाता है।

हमारे क्लिनिक में कम से कम खर्च में हाइपरोपिया का बेस्ट इलाज करने के साथ-साथ मरीज़ों को ढेरों सुविधाएं प्रदान की जाती हैं जिसमें लेसिक सर्जरी वाले दिन फ्री पिकअप और ड्रॉप, सभी डायग्नोस्टिक टेस्ट पर 30% छूट और सर्जरी के बाद फ्री फॉलो-अप्स आदि शामिल हैं।  इतना ही नहीं,  कोई एडवांस पेमेंट नहीं होता है, सभी बीमा कवर किए जाते हैं, आपको बीमा अधिकारियों के पीछे भागने की जरूरत नहीं पड़ती है, प्रिस्टीन टीम अस्पताल से जुड़े सभी पेपरवर्क पूरा करती है और आप 100% इंश्योरेंस भी क्लेम कर सकते हैं। अगर आप कम से कम खर्च में हाइपरोपिया का बेस्ट इलाज करना चाहते हैं तो प्रिस्टीन केयर आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। हमारे विश्वसनीय नेत्र सर्जन अपने सालों के अनुभव और मॉडर्न मेडिकल टेक्नोलॉजी की मदद से आपकी बीमारी को कम से कम समय में हमेशा के लिए ठीक कर सकते हैं।

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|