पथरी में कैसा होना चाहिए आपका आहार, क्या खाएं और क्या नहीं diet for kidney stone patient

हर साल किडनी स्टोन के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही हैं। किडनी हमारे शरीर में होने वाले उपापचय (Metabolism) की प्रक्रिया के कारण बनने वाले अपशिष्ट पदार्थों (Waste Materials) को बाहर निकालने का काम करती है। लेकिन शरीर में पानी की कमी और खान पान में विशेष ध्यान न देने की वजह से किडनी स्टोन की समस्या सामने आती है। किडनी स्टोन होने पर हमें अपने खान पान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। अपने आहार में बदलाव करके हम कई बड़ी बीमारियों से बच सकते हैं। पथरी होने पर ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। रोजाना 7-8 गिलास पानी का सेवन पथरी को बढ़ने से रोकता है। इसके अलावा, आप अन्य फायदेमंद तरल पदार्थों (Liquid Materials) का भी सेवन कर सकते हैं। 

Table of Contents

किडनी स्टोन के प्रकार 

  1. यूरिक एसिड स्टोन (Uric Acid Stone in Hindi) — भोजन के उपापचय के बाद यूरिक एसिड एक वेस्ट प्रोडक्ट (Waste Product) के रूप में पैदा होता है। जो गठिया जैसे रोग और किडनी स्टोन का कारण बनता है। प्यूरिन (Purine) का अधिक मात्रा में सेवन करने से यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ती है। जब  यूरिक एसिड का जमाव किडनी में होने लगता है तब यूरिक एसिड स्टोन का निर्माण होने लगता है।
  2. कैल्शियम स्टोन (Calcium Stone in Hindi) भोजन में मौजूद कैल्शियम ऑक्जेलिक एसिड (Oxalic Acid), मेलिक एसिड (Malic Acid) और फास्फोरिक एसिड (Phosphoric Acid) के साथ रिएक्शन करने से कैल्शियम ऑक्सलेट (Calcium Oxalate), कैल्शियम मेलिएट (Calcium Maleate) और कैल्शियम फॉस्फेट (Calcium Phosphate) के स्टोन किडनी में बनते हैं। इसमें सबसे ज्यादा होने वाली पथरी कैल्शियम ऑक्सलेट है। इसके अलावा, कैल्शियम फॉस्फेट और कैल्शियम मेलिएट की पथरी भी हो सकती है।
  3. सिस्टीन स्टोन (Cystine Stone in Hindi) — सिस्टीन एक तरह की एसिड है जिसका जन्म किडनी से होता है और यह भी किडनी स्टोन का कारण बनती है।
  4. स्ट्रूवाइट स्टोन (Struvite Stones in Hindi) — किडनी या मूत्र मार्ग (Urinary Tract) में बैक्टीरियल संक्रमण होने पर इस स्टोन की समस्या होती है। इस प्रकार के स्टोन पेशाब के समय दर्द और रूकावट का कारण बनते हैं। 

आपको जिस प्रकार का स्टोन है, उस हिसाब से नीचे दिए गए आहार को सेलेक्ट कर सकते हैं।

अलग प्रकार की पथरी में अलग आहार अपनाएं

Pristyn Care से किडनी स्टोन का लेजर ट्रीटमेंट करवाने के बाद रमेश डॉक्टर से पूछते हैं, “सर, मुझे खान पान पर कैसे ध्यान देना होगा।” तब डॉक्टर ने रमेश को बताया, “किडनी स्टोन कई प्रकार के हो सकते हैं। क्या खाना है, क्या नहीं खाना है, यह बात स्टोन के प्रकार पर निर्भर करती है। अलग अलग प्रकार के स्टोन के लिए अलग तरह का आहार अपनाना चाहिए।”

रमेश सिस्टीन स्टोन से पीड़ित थे। इसलिए डॉक्टर ने उन्हें सिस्टीन स्टोन के दौरान खाए जाने वाले आहार का सेवन करने की सलाह दी। इसके साथ डॉक्टर ने उन्हें हर प्रकार के किडनी स्टोन के दौरान खाए जाने वाले हर तरह के आहार के बारे में भी बताया। किडनी स्टोन के दौरान आपको अपने आहार में सोडियम, कैल्शियम, ऑक्सलेट और एनिमल प्रोटीन की कितनी मात्रा लेनी चाहिए, इसका सही अंदाजा नहीं होता है। 

किडनी स्टोन के क्या कारण हैं, इसमें क्या सावधानी बरतनी चाहिए, किस चीज का सेवन और किससे परहेज करना चाहिए, आदि चीजों के बारे में जानने के लिए आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

Kidney Stone Removal Surgery

कैल्शियम फॉस्फेट स्टोन में क्या खाएं और क्या नहीं खाएं 

सोडियम का सेवन कम करें 

सोडियम का अधिक मात्रा में सेवन कैल्शियम फॉस्फेट स्टोन को बढ़ावा दे सकता है। नमक का सेवन कम करें। इसके अलावा पैक की गई चीजों (Packed food) में भी नमक की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसलिए इनके सेवन पर भी ध्यान दें। अधिक मसालेदार आहार और मांस का सेवन बंद कर देना चाइए। दरअसल, मांस में सोडियम अधिक मात्रा में पाया जाता है जो आपकी परेशानियों को बढ़ा सकता है। 

एनिमल प्रोटीन न खाएं

किडनी की पथरी में एनिमल मीट का सेवन नहीं करना चाहिए।

  • लाल मांस, सुअर का मांस और चिकन का सेवन बिल्कुल न करें। जानवरों के अंदरूनी अंग तो भूलकर भी न खाएं जैसे हृदय और भेजा।
  • मछली और अंडा न खाएं।
  • दूध, पनीर या अन्य दूध से बनी चीजों को सेवन न करें।

ऊपर बताए गए सभी एनिमल प्रोटीन (Animal Protein) का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। लेकिन शरीर को अच्छी तरह से चलाने  के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है। इसलिए आप शाकाहारी प्रोटीन का सेवन कर सकते हैं लेकिन दूध से बनी चीजें का सेवन करने से बचें। 

  • दाल, फलियां (Beans) जैसे कि मटर, मूंगफली आदि  का सेवन कर सकते हैं।
  • बादाम, अखरोट, काजू, पिस्ता और सूखे मेवे खा सकते हैं।
  • सोया मिल्क, सोया बटर और सूरजमुखी के बीज का सेवन करना फायदेमंद होता है।

कैल्शियम का पर्याप्त मात्रा में सेवन करें

जहां एक तरफ कैल्शियम के ऑक्सलेट, फॉस्फेट और मेलियेट की वजह से किडनी स्टोन होने की चिंता बनी रहती है। वहीं दूसरी तरफ भोजन में कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा किडनी स्टोन से बचाने का भी काम करती है। कैल्शियम भोजन से मिलने वाले फास्फोरिक एसिड, ऑक्जेलिक एसिड और मेलिक एसिड से रिएक्शन करके अवशोषण (Absorption) के पहले ही शरीर से बाहर निकल जाता है। इस प्रकार किडनी स्टोन से बचाव किया जा सकता है।

कैल्शियम की भरपूर मात्रा किडनी स्टोन में मददगार हो सकती है लेकिन सावधानी रखना भी जरूरी है। कैल्शियम की जरूरत जितनी आवश्यकता है उतनी ही मात्रा में इसे लेना चाहिए। कैल्शियम के अच्छे सोर्स का सेवन करने के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। ऐसे आहार का सेवन करने से बचना चाहिए जिनमें ऑक्जेलिक एसिड या कैल्शियम ऑक्सलेट पाए जाते हैं। कैल्शियम और प्रोटीन के लिए दाल और बींस का सेवन करें। इनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है लेकिन ऑक्सलेट नहीं होता है।

कैल्शियम ऑक्सलेट वाली पथरी में क्या खाएं और क्या न खाएं 

पालक, टमाटर, अरबी और सूरन में ऑक्जेलिक एसिड  (Oxalic Acid) अधिक मात्रा में पाया जाता है। अरबी और सूरन से गले में चुभन होने की वजह कैल्शियम ऑक्सलेट ही है। जब ऑक्जेलिक एसिड वाली सब्जियों (जैसे पालक, टमाटर, अरबी और सूरन) का इस्तेमाल ज्यादा मात्रा में किया जाता है तो कैल्शियम ऑक्सलेट वाली पथरी होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए उन खाद्य पदार्थों का चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जिनके खाने की वजह से यूरिन यानी पेशाब में ऑक्जेलिक एसिड की मात्रा बढ़ती है। ऑक्जेलिक एसिड का मुख्य सोर्स पालक, टमाटर, अरबी, सूरन, मूंगफली, स्ट्रॉबेरी और नट्स हैं।

सोडियम का सेवन अधिक मात्रा में न करें

कैल्शियम ऑक्सलेट की पथरी में भी सोडियम का सेवन बहुत कम करना चाहिए। प्रोसेस्ड फूड्स (Processed Foods) और मांस में सोडियम की मात्रा अधिक होती है। इसलिए इन खाद्य पदार्थों को खाने से पहले डॉक्टर से जरूर परामर्श करना चाहिए।

एनिमल प्रोटीन न खाएं

कुछ एनिमल प्रोटीन ऐसे हैं जिनमें कैल्शियम ऑक्सलेट आसानी से मिल जाता है। नीचे बताए गए एनिमल प्रोटीन को बिल्कुल भी ना खाएं या फिर इनका सेवन बहुत कम मात्रा में करें।

  • अंडा, मछली, लाल मांस, सुअर का मांस, जानवरों के अंदरूनी अंग आदि का सेवन न करें।
  • कैलशियम ऑक्सलेट वाले किडनी स्टोन में दूध से बनी चीजों का भी सेवन नहीं करना चाहिए। दूध, पनीर, घी, मक्खन आदि का सेवन न करें।

शाकाहारी प्रोटीन का सेवन करें। अधिक से अधिक दाल और सभी तरह की फलियां खाएं (मूंगफली और नट्स छोड़कर)। जरूरत से ज्यादा प्रोटीन का सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है। डॉक्टर से अपनी प्रोटीन क्षमता पूछ कर ही प्रोटीन का सेवन करें।

कैल्शियम का भरपूर सेवन करें

कैल्शियम ऑक्सलेट से बनी पथरी में कैल्शियम का सेवन करना चाहिए। लेकिन आपके शरीर को जितने कैल्शियम की जरूरत है उतना ही कैल्शियम लेना चाहिए । इसके लिए आप अपने डॉक्टर से सवाल कर सकते हैं कि आपको कितना कैल्शियम खाना चाहिए? सही मात्रा में कैल्शियम का सेवन करने से यह आपके पाचन मार्ग (Digestive Track) में पथरी बनाने वाले अपशिष्ट पदार्थों को जाने से रोकता है। कैल्शियम का भरपूर सेवन करें लेकिन ऐसे पदार्थों को न खाएं जिनमें ऑक्सलेट की मात्रा भी उपस्थित होती है। हरी सब्जियों और अनाज का सेवन करें।

यूरिक एसिड स्टोन में क्या खाएं और क्या नहीं 

यूरिक एसिड स्टोन में एनिमल प्रोटीन का सेवन नहीं करना चाहिए। लाल मांस और मछली का सेवन बिल्कुल भी न करें। अंडे का सेवन भी कम से कम करें। जानवरों से मिलने वाले प्रोटीन की जगह आप पौधों से मिलने वाले प्रोटीन का सेवन कर सकते हैं। 

  • सूखे मेवों का सेवन करें| इसमें प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाई जाती है। बादाम, काजू, पिस्ता और अखरोट में भी प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है इसलिए इनका सेवन करना चाहिए। सूखे मेवे का सेवन दूध के साथ न करें। दूध से बनी चीजें यूरिक एसिड स्टोन का खतरा बढ़ा देती हैं। 
  • सोया नट्स, सोया मिल्क और सोया बटर का सेवन फायदेमंद होता है। 
  • सूखे मटर, मूंगफली और अन्य फलियों का सेवन भी किया जा सकता है। 

वजन बहुत ज्यादा होने पर यूरिक एसिड स्टोन का खतरा बढ़ जाता है। यूरिक एसिड स्टोन स्थिति में अपने वजन को संतुलित रखने कि कोश्शि करें। सुबह शाम हल्का फूलका व्यायाम और कार्डियो एक्सरसाइज (Cardio Exercise) करें। ऐसे जटिल व्यायाम न करें जिनके कारण पथरी की वजह से दर्द होने कि संभावना होती है।

सिस्टीन स्टोन में क्या खाएं और क्या नहीं 

सोडियम का सेवन कम करें

सिस्टीन स्टोन से बचने के लिए सोडियम का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। एक बूढ़े व्यक्ति को 2 ग्राम से अधिक सोडियम नहीं खाना चाहिए। इसके अलावा, ऑक्सलेट और फॉस्फेट के सेवन से भी बचना चाहिए। 

भरपूर पानी पिएं

सिस्टीन स्टोन को ठीक करने के लिए तरल पदार्थों का सेवन अधिक करें। तरल पदार्थ जैसे नारियल का पानी और गेंहू के जवारे का रस। इसके अलावा, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी फायदेमंद है। दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पीने कि कोशिश करें। 

कैल्शियम ऑक्सलेट या कैल्शियम फॉस्फेट होने पर इन सावधानियों को बरतें

कैल्शियम ऑक्सलेट और कैल्शियम फॉस्फेट के इलाज के लिए अगर किसी प्रकार की थेरेपी (Therapy) या सामान्य दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है। नीचे बताई गई सावधानियों पर ध्यान दें।

  • जो खाद्य पदार्थ आप खा रहे हैं उसमें सोडियम की कितनी मात्रा है इसका सही पता लगाएं। अगर भोजन में 5% सोडियम मौजूद है तो वह खाने लायक है और अगर सोडियम की मात्रा 20% है तो उस आहार का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर किसी खाद्य पदार्थ में 20% या इससे अधिक सोडियम है तो उसका सेवन करने से पथरी बढ़ना कि अधिक संभावना होती है।
  • फास्ट फूड और पैक्ड फूड न खाएं। पैक्ड सब्जियां और सूप का सेवन भी न करें। क्योंकि पैक्ड की गई चीजों को अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए सोडियम का इस्तेमाल किया जाता है। 
  • दिन भर में आप किस तरह कि चीजों का सेवन करते हैं, इसकी एक लिस्ट बनाएं। अगर आपके डाइट में ऐसे आहार शामिल हैं जिनसे पथरी होने की संभावना बढ़ जाती है तो उनका सेवन न करें। आप दिन भर में कितना सोडियम खा रहे हैं, इसे नोट करते रहें और किसी तरह कि कोई समस्या होने पर अपने डॉक्टर से मिलकर बात करें

पथरी के इलाज के लिए कुछ खास प्रकार के जूस 

कुछ खास प्रकार के जूस का सेवन करना पथरी में बहुत फायदेमंद होता है। नीचे बताए गए जूस का सेवन करके आप पथरी को आसानी से ठीक कर सकते हैं।

सेब, संतरा और नींबू का जूस

सेब का सिरका पथरी में बहुत फायदेमंद होता है। खाली सेब का सेवन भी पथरी के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा, संतरे और नींबू का रोजाना सेवन किडनी की पथरी से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। अजवाइन और नींबू की मदद से पथरी को घोला जा सकता है। इन सभी पदार्थों को एक साथ मिलाकर जूस  बनाकर सेवन करने से बहुत फायदा होता है।

जरूरी सामग्री

2 सेब, अजवाइन की आठ डंठल, एक संतरा और एक नींबू

कैसे बनाएं

सभी सामग्रियों को अच्छी तरह से धो लें फिर सेब, अजवाइन और संतरे को मिक्सर में डालकर जूस बनाएं। जूस तैयार होने के बाद इसे छान कर गिलास में निकाले और आधा कटा हुआ नींबू का रस मिलाकर पी लें। 

संतरा, आड़ू और कच्चे नारियल का जूस

आड़ू का सेवन भी पथरी में फायदेमंद होता है। इसमे पोटैशियम (Potassium) पाया जाता है जो किडनी को मजबूत बनाता है। ‘आड़ू’ यूरिनरी ब्लैडर (Urinary Bladder) के लिए क्लीजिंग एजेंट (Cleansing Agent) के रूप में कार्य करता है जिससे पथरी से बचा जा सकता है। इसके अलावा कच्चे नारियल का सेवन भी पथरी को घोलने में मददगार होता है।

जरूरी सामग्री

दो संतरे, एक कच्चा नारियल और दो आड़ू। ध्यान रहे कि जूस बनाने के लिए नारियल के पानी का उपयोग न करें।

बनाने की विधि

नारियल, संतरे और आड़ू को मिक्सर में पीसकर इनका जूस निकालें। फिर जूस तैयार होने के बाद इसका सेवन करें। रोजाना नियमित रूप से इसका सेवन पथरी से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।

नींबू का जूस

इस जूस को बनाना बहुत आसान है। सबसे पहले नींबू का जूस निकालें (तकरीबन 100 ग्राम)। अब इस जूस को एक लीटर पानी में मिलाएं और 50 ग्राम चीनी घोल दें। आपका जूस तैयार है। अब इसे दिन में 2 बार पिएं। पथरी के दौरान दर्द उठने पर इस जूस का सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से कुछ ही दिनों में पथरी घुल कर खत्म हो जाती है।

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|