बवासीर (पाइल्स) का इलाज - Bawaseer ka Ilaj
बवासीर (Bawaseer) लाइलाज नहीं है। बवासीर का इलाज संभव है। बस जरूरत होती है सही समय पर इसकी पहचान कर डॉक्टर से सलाह लेने की। बवासीर के कुछ मामले बिगड़ जाने पर यानी बवासीर को अधिक समय हो जाने पर डॉक्टर इसका आपरेशन करने की सलाह देते हैं। इसलिए बवासीर के लक्षण को पहचान कर जितना जल्दी बवासीर का इलाज करा लिया जाए उतना ही बेहतर होता है।
दवा के जरिए भी बवासीर का इलाज (bawaseer ka ilaj) किया जा सकता है, लेकिन तभी तक जब तक बवासीर प्रथम चरण या दूसरे चरण में हो। बवासीर के दूसरे स्टेज तक होने पर ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ती। अगर मस्से थोड़े बड़े है तो उनको रबर बैंड लीगेशन का प्रयोग करते हुए जड़ पर एक या दो रबर बैंड बांध दिया जाता है। इससे खून बहना रुक जाता है और एक या दो सप्ताह बाद बवासीर का मस्सा सूख कर समाप्त हो जाता है। (इस विधि का प्रयोग हमेशा डॉक्टर के सलाह से ही करना चाहिए)
मस्सा अगर बड़ा हो गया है और बाकी सभी piles treatment के उपाय असफल हो चुके हैं तो डॉक्टर हेमरॉयडेक्टमी का तरीका अपनाते हैं। यह प्रक्रिया ऑपरेशन कहलाती है। इसमें अंदर या बाहर के मस्से को काटकर बाहर निकाल दिया जाता है।
नीचे कुछ सर्जरी के बारे में बताया गया है, जिन्हे अक्सर खूनी बवासीर के इलाज के तौर पर देखा जाता है।
ओपन हेमरॉयडेक्टमी
यह बवासीर ऑपरेशन करने की सबसे पुरानी प्रक्रिया है। इसमें रोगी को जनरल एनेस्थीसिया का डोज दिया जाता है और बवासीर के मस्सों को काटकर अलग किया जाता है। कट करने के लिए डॉक्टर सर्जिकल कैंची का प्रयोग करते हैं। उपचार के बाद डॉक्टर बवासीर के स्थिति के अनुसार जख्म को बंद कर देते हैं या खुला छोड़ देते हैं।
लेजर सर्जरी
इसे लेजर हेमरॉयडेक्टमी भी कहते हैं। मस्सों को नष्ट करने के लिए लेजर किरण का उपयोग होता है। रोगी को एनेस्थीसिया के प्रभाव में रहना पड़ता है, इसी दौरान डॉक्टर एक निश्चित फ्रीक्वेंसी की लेजर बीम को बवासीर के मस्सों पर छोड़ते हैं और आधे घंटा के भीतर बवासीर से छुटकारा मिल जाता है। यह कम समय में होने वाली एक दर्द रहित और एडवांस प्रक्रिया है, जिसमें कोई रक्तस्त्राव नहीं होता है और गुदा क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निशान नहीं बनते हैं।
रबर बैंड लिगेशन
यह उपचार बवासीर के रक्तस्राव को रोकने और रक्त प्रवाह को रोककर बवासीर के मस्सों को खत्म करने के लिए किया जाता है। इसमें बवासीर के बेस में रबर बैंड बांध दिया जाता है, जिससे मस्सों तक रक्त परिसंचरण नहीं होने के कारण वह सूख जाते हैं और गुदा से अलग हो जाते हैं। यह आंतरिक बवासीर के लिए अति उपयोगी होते हैं, लेकिन इस इलाज का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव यह है कि बवासीर फिर से आपको परेशान कर सकता है।
कोएगुलेशन थेरेपी
इन्फ्रारेड फोटोकोआगुलेशन (जिसे कोएगुलेशन थेरेपी भी कहा जाता है) एक चिकित्सा प्रक्रिया है, जिसका उपयोग छोटे और मध्यम आकार के बवासीर के इलाज के लिए किया जाता है। यह उपचार केवल आंतरिक बवासीर के लिए है। प्रक्रिया के दौरान सर्जन एक उपकरण का प्रयोग करते हैं, इससे इन्फ्रारेड लाइट की एक तेज किरण निकलती है। इन्फ्रारेड लाइट से स्कार टिश्यू का निर्माण हो जाता है और बवासीर तक होने वाले खून की सप्लाई बंद हो जाती है। बवासीर खत्म हो जाता है, लेकिन इस प्रक्रिया के बाद गुदा नली के पास में एक दाग बन जाता है।
स्क्लेरोथेरेपी
बवासीर के उपचार के इस प्रक्रिया में डॉक्टर इंजेक्शन की मदद से एक केमिकल को आंतरिक बवासीर के मस्सों पर लगाते हैं। इंजेक्शन लगाने के बाद मस्से सूखने लगते हैं और पूरी तरह से सूख जाते हैं। हालांकि, यह सिर्फ आंतरिक बवासीर के लिए अधिक प्रभावी होता है और रोग के दोबारा होने की संभावना बहुत अधिक होती है।
स्टेप्लिंग हेमरॉयडेक्टमी
इसमें एक स्टेप्लिंग उपकरण का उपयोग करके बवासीर के मस्से को स्टेपल कर दिया जाता है, यह बवासीर के ओपन सर्जरी की तुलना में कम दर्दनाक और सुरक्षित होता है। स्टेपल करने के बाद मस्सों तक खून की सप्लाई बंद हो जाने के कारण उनका आकार धीरे-धीरे कम हो जाता है और पाइल्स से राहत मिल जाती है।
हालांकि, इसके बाद भी बवासीर होने के संभावना बनी रहती है। यह आमतौर पर आंतरिक बवासीर को ठीक करने के लिए की जाती है।
पाइल्स लेजर सर्जरी क्यों है बेहतर उपचार?
लेजर हेमरॉयडेक्टमी बवासीर का इलाज करने की एक नई तकनीक है। यह तकनीक बवासीर का उपचार करने वाली अन्य तकनीक की तुलना में बहुत एडवांस है, आइये जानते हैं कि बवासीर के लिए लेजर हेमरॉयडेक्टमी क्यों एक बेहतर उपचार है-
- पाइल्स की लेजर सर्जरी में रिकवरी बहुत जल्दी होती है।
- लेजर सर्जरी में सिर्फ 10 मिनट से आधा घंटा का समय लगता है और मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ती है।
- लेजर सर्जरी की खासियत है कि इसमें कम दर्द होता है।
- लेजर सर्जरी के बाद अगले दिन से ही सामान्य काम (चलना-फिरना, चाय बनाना, ऑफिस जाना आदि) करने की इजाजत होती है।
- बवासीर की लेजर सर्जरी में कोई दाग नहीं बनता है, यह सर्जरी दाग रहित होती है।
- लेजर सर्जरी करवाने से पाइल्स दोबारा नहीं होता है।
लेकिन समय पर इसका इलाज न होने पर कुछ जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे – Complication of Bleeding Hemorrhoids in Hindi
- इंफेक्शन हो सकता है।
- अधिक रक्तस्राव के कारण एनीमिया हो सकता है।
- रक्त के थक्के बन सकते हैं।
- रोगी के शरीर में कमजोरी आ जाती है।
बवासीर की लेजर सर्जरी कैसे की जाती है? – How did Piles laser surgery performed?
बवासीर की लेजर सर्जरी करने की कई विधियां हैं, ग्रेड के अनुसार किसी एक विधि का चयन किया जाता है। इसका उपचार करने के लिए पारंपरिक सर्जरी भी उपलब्ध है, जिसमें बवासीर के मस्से को काटकर अलग कर दिया जाता है। लेकिन उपचार के दौरान बहुत अधिक खून बहता है और रोगी को दर्द का सामना करना पड़ता है। पारंपरिक तरीके से की जाने वाली सर्जरी के बाद रूटीन लाइफ में आने में बहुत वक्त लगता है और बहुत चीजों से परहेज भी करना पड़ता है।
ऐसी होती है बवासीर की सर्जरी की प्रक्रिया
बवासीर से प्रभावित टिश्यू पर लेजर बीम डाली जाती है, जिससे टिश्यू सिकुड़ जाती है और बवासीर से छुटकारा मिल जाता है। इसमें कोई रक्तस्त्राव नहीं होता है। जख्म बड़ा न होने की वजह से रोगी दो दिन बाद ही अपने काम पर जा सकता है और एक से दो सप्ताह के अंदर पूरी तरह से रिकवर हो जाता है।
बवासीर की लेजर सर्जरी करने में दस मिनट से आधा घंटा तक का समय लगता है। बवासीर के ग्रेड 4 में भी लेजर सर्जरी की जाती है, इसमें सर्जरी लेजर मशीन को कटिंग मोड़ में रखकर की जाती है। इसमें किसी तरह के टांके लगाए नहीं जाते हैं, जिससे किसी तरह टिश्यू के फटने और अस्पताल में ज्यादा समय भर्ती रहने जैसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।
Piles laser surgery करने के लिए पहले कुछ जांच की जाती है, जिसमें ब्लड और यूरिन टेस्ट आम तौर पर किया जाता है। सर्जरी करने से पहले मरीज को एनेस्थीसिया देकर गुदा के आस-पास के क्षेत्र को सुन्न किया जाता है।
बवासीर की लेजर ऑपरेशन और ओपन सर्जरी में अंतर
| ओपन हेमरॉयडेक्टमी |
लेजर हेमरॉयडेक्टमी |
| बवासीर के इलाज की पुरानी सर्जिकल प्रक्रिया |
बवासीर के इलाज की नवीनतम सर्जिकल प्रक्रिया |
| इलाज के दौरान बड़ा चीरा लगाया जाता है |
इलाज के दौरान चीरा नहीं लगाया जाता है |
| ऑपरेशन के दौरान खून बहता है |
कोई रक्तस्त्राव नहीं |
| रिकवरी में असहजता और दर्द |
रिकवरी आसानी से हो जाती है और दर्द भी कम होता है |
| कई घंटे की प्रक्रिया |
आधा घंटा की प्रक्रिया |
| ऑपरेशन के दौरान जनरल एनेस्थीसिया का उपयोग |
लोकल एनेस्थीसिया का प्रयोग |
| ऑपरेशन के बाद इन्फेक्शन का खतरा अधिक |
इन्फेक्शन की संभावना बहुत कम |
बवासीर ऑपरेशन के लिए खुद को कैसे करें तैयार?
बवासीर के ऑपरेशन की तैयारी करते समय आपके डॉक्टर द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का पालन करना ज़रूरी है ताकि यह तय हो पाए की आपके ठीक होने की प्रक्रिया सही दिशा में है।
- अगर आपको किसी दवा से एलर्जी है तो अपने डॉक्टर को पहले से बता दें।
- ऑपरेशन से एक रात पहले ज़्यादा भोजन करने से बचें।
- ऑपरेशन से एक हफ्ते पहले शराब पीने और धूम्रपान करने से बचें।
- ऑपरेशन के दिन हल्का भोजन करें। भारी खानपान से बचें जो फैट और कार्ब्स में ज़्यादा होते हैं।
- इस बात का विशेष ध्यान रखें कि ऑपरेशन के बाद घर वापस जाते समय आपके साथ आपके परिवार का कोई एक सदस्य जरूर हो क्योंकि ऑपरेशन के दौरान दी गई एनेस्थेसिया का प्रभाव ऑपरेशन के बाद कुछ घंटों तक रह सकता हैं और इससे आपको चक्कर आने या गिरने का भी खतरा रहता|
बवासीर लेजर ऑपरेशन के बाद ठीक होने में कितना समय लगता है?
बवासीर के ऑपरेशन के बाद ठीक होने की प्रक्रिया अलग-अलग व्यक्तियों के लिए अलग-अलग होती है। बवासीर लेजर ऑपरेशन के बाद पूरी तरह ठीक होने में 7 से 10 दिन लग सकते हैं।
नीचे बताई गई चीज़ों का ध्यान रखना ज़रूरी है अगर आप बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करना चाहते है:
- सबसे पहले, ध्यान रहे कि आप ऑपरेशन की जगह को साफ रखें ताकि आप संक्रमण से बच सकें।
- हल्के गर्म पानी से स्नान करें। इससे आपको राहत महसूस होगी।
- भारी वजन उठाने से बचें क्योंकि इससे ऑपरेशन वाली जगह पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
- ऐसा भोजन करें जो पौष्टिक हो और जो फाइबर से भरपूर हो। तेल और तीखा खाना खाने से परहेज करें।
- यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप हाइड्रेटेड हैं, हर दिन कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पिएं।
- अपने मल त्याग के दौरान ज़ोर ना लगाएं।
अगर आपको मल त्याग करने में कठिनाई आ रही है, तो मल सॉफ्टनर का इस्तेमाल करें लेकिन सिर्फ डॉक्टर से परामर्श करने के बाद।
पाइल्स (बवासीर) के प्रकार और उसके उपचार
पाइल्स (बवासीर) के प्रकार और उसके उपचार:-
अंदरूनी बवासीर (Internal Hemorrhoids)
इस तरह के बवासीर गुदा यानि एनल के अंदरूनी हिस्से में होते है। यह मलाशय के अंदर विकसित होता है। कभी-कभी ये दिखाई नहीं देते क्योंकि ये गुदा में काफी अंदर पाए जाते हैं। इस प्रकार के बवासीर कोई गंभीर समस्या नहीं है और खानपान में बदलाव करने और स्टूल सॉफ्टनर लगाने से ये बवासीर समय के साथ धीरे-धीरे ठीक हो जाते हैं।
- बाहरी बवासीर (External Hemorrhoids)
बाहरी बवासीर में मस्से गुदा की बाहरी जगह पर होते है। यह ठीक उसी सहत पर होते हैं जहां से मलत्याग किया जाता हैं। कभी-कभी ये देरी से दिखाई देते हैं लेकिन कई बार यह गुदा की सहत पर गांठ के रूप में देखें जा सकते हैं। शुरूआती समय में इसमें ज्यादा तकलीफ नहीं होती, लेकिन यही गांठ बढ़ने के साथ समस्या भी बढ़ जाती है।
- प्रोलेप्सड बवासीर (Prolapsed Hemorrhoids)
जब अंदरूनी बवासीर में सूजन आ जाती है और वह गुदा के बाहर की तरफ निकलने लगता है तो इस स्थिति को प्रोलेप्सड बवासीर कहा जाता है। इसमें एक गांठ, जिसमें सूजन होती है वह बाहर निकली हुई गांठ की तरह दिखाई देती है। ये बहुत गंभीर स्तिथि है और इसमें दर्द भी काफी ज़्यादा होता है। इसके इलाज के लिए सर्जरी करवाना और दवाइयां लेना ज़रूरी है।
- खूनी बवासीर (Bleeding Hemorrhoids)
खूनी बवासीर की समस्या बवासीर के सभी प्रकारों में से सबसे ज़्यादा गंभीर समस्या है। क्योंकि बवासीर में से खून निकलने के चलते व्यक्ति कमजोर हो जाता है। इस स्थिति में बहुत दर्द और सूजन होने लगती हैं जो आपकी जीवनशैली को प्रभावित करती हैं। मलत्याग के दौरान अगर खून निकल रहा है तो इसका उपचार करवाना ज़रूरी है और इस तरह के बवासीर के लिए ऑपरेशन ही एक मात्र इलाज है।
बाहरी बवासीर का इलाज, आंतरिक बवासीर के जैसा ही होता है। उपचार के लिए ये तरीके अपनाएं:
- आहार में बदलाव करें
- घरेलू उपचार अपनाएं
- दवाएं लें
- ऑपरेशन करवाएं