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प्रेगनेंसी का नौवां महीना आपके लिए उत्साह और खुशियों से भरा होता है। इस दौरान आप के साथ साथ आपके परिवार वाले भी आने वाली नन्ही जान का बेसब्री से इंतजार कर रहे होते हैं। Pregnancy Ke 9 Month in Hindi – यह महीना प्रेगनेंसी का आखिरी महीना होता है। आपके गर्भ में पिछले आठ महीनों से पल रहा शिशु इस महीने जन्म लेता है और आप मां बनने का सुख प्राप्त करती हैं। अपने गर्भ में शिशु को पाल कर फिर उसे जन्म देना आपके लिए दुनिया की तमाम खुशियां हासिल करने जैसा है। 

प्रेगनेंसी का यह महीना आपके खूबसूरत एहसासों से भरा होता है। इस दौरान आपको अपने दैनिक जीवन और खान पान पर बहुत बारीकी से ध्यान देने की जरूरत होती है। क्योंकि आपका शिशु गर्भ में पूरी तरह से तैयार हो चुका होता है। आपका किसी भी प्रकार के नुकसानदायक चीज का सेवन करना आपके साथ साथ आपके शिशु के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। 37 Week Pregnancy in Hindi – आपने पिछले आठ महीनों तक बहुत ही सावधानी और खूबसूरती के साथ अपनी और अपने शिशु की देखभाल की है। (और पढ़े: नॉर्मल डिलीवरी के लिए प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में एक्सरसाइज )

प्रेगनेंसी के इस महीने यानी की 9 month pregnancy delivery in hindi प्रेगनेंसी के 33 से 36वें सप्ताह के दौरान भी आपको अपने खान पान, डेली रूटीन और दूसरी चीजों पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है। प्रिस्टीन केयर के इस ब्लॉग में हम आपको प्रेगनेंसी के नौवें महीने से संबंधित सभी जरूरी चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप खुद के साथ साथ अपने शिशु को स्वस्थ और सभी परेशानियों से दूर रखने में कामयाब हो सकती हैं।      

प्रेगनेंसी के नौवें महीने में किन चीजों का सेवन करें:- 

प्रेगनेंसी के नौवें महीने (9th Month of Pregnancy in Hindi) में आपके शिशु के लगभग सभी अंग विकसित हो जाते हैं। इस महीने के आखिरी तक वो पूरी तरह से तैयार हो जाता है और फिर उसका जन्म होता है। यह पूरा महीना यानी की 33 से 36वें सप्ताह के दौरान आपको अपने खान पान पर खास ध्यान देना चाहिए। नीचे हम आपको उन सभी खास खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं जिनका आपको सेवन करना चाहिए। 

फोलिक एसिड 

35 Week Pregnancy in Hindi – प्रेगनेंसी के 33 से 36वें सप्ताह के दौरान आपके शिशु का दिमाग काफी तेजी से विकास करता है इसलिए इस दौरान आपको अपने खान पान में ज्यादा से ज्यादा फोलिक एसिड से भरपूर चीजों को शामिल करना चाहिए। ये आपके शिशु के दिमाग और रीढ़ की हड्डी के विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फोलिक एसिड की पूर्ति करने के लिए आप हरी पत्तेदार सब्जियों और फलों को अपने डेली डाइट में शामिल कर सकती हैं।   

आयरन

आयरन आपके साथ साथ आपके शिशु को स्वस्थ और पौष्टिक से भरपूर रखने में मदद करता है। आयरन की पूर्ति करने के लिए आप खजूर, सेब, पालक, चिकन और दूसरी उन सभी चीजों को अपने डाइट में शामिल कर सकती हैं जिसमें आयरन मौजूद होता है। 38 week of pregnancy in hindi – आयरन को अब्जॉर्ब करने के लिए आप नींबू टमाटर और संतरा का सेवन कर सकती हैं। किसी भी चीज से एलर्जी होने की स्थिति में उसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए। 

कैल्शियम 

प्रेगनेंसी के नौवें महीने में (9 Month Pregnancy Hindi) कैल्शियम से भरपूर भोजन का सेवन करना आवश्यक है। क्योंकि ये आपके साथ साथ आपके शिशु के शरीर को मजबूत बनाने में बहुत सहायक होता है। शरीर में कैल्शियम की पूर्ति करने के लिए आपको डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करना चाहिए। 

फाइबर 

आपको फाइबर से भरपूर चीजों को अपने खान पान में शामिल करनी चाहिए क्योंकि ये गैस और कब्ज की समस्या को दूर रखता है। Pregnancy 9th Month in Hindi – हरी सब्जियों, फ्रूट, ओट्स, दाल और साबुत अनाज में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है इसलिए आपको इनका सेवन करना चाहिए।   

और पढ़े: प्रेगनेंसी के नौवें महीने में नॉर्मल डिलीवरी के लिए इन बातों का रखें ख्याल

 

प्रेगनेंसी के नौवें महीने में क्या न खाएं 

38 week pregnancy in hindi जैसे आप प्रेगनेंसी के नौवें  महीने में अपने खान पान पर ध्यान देती हैं वैसे ही आपको इस दौरान न खाने वाली चीजों पर भी ध्यान देना चाहिए। नीचे हम उन चीजों के बारे में बता रहे हैं जिससे आपको दूर रहना यानी की परहेज करना चाहिए। इनका सेवन आपके साथ साथ आपके शिशु के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है। इसलिए आपको इन सब का सेवन नहीं करना चाहिए।   

  • कैफीन से दूर रहें। 
  • फास्ट फ़ूड खाने से बचें 
  • कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें।
  • आधा पका हुआ मास न खाएं। 
  • समुद्री भोजन का सेवन न करें। 
  • सिगरेट और शराब के सेवन से बचें। 
  • तंबाकू और दूसरी नशीली चीजों के सेवन से परहेज करें। 
  • ज्यादा तेल और मसालेदार चीजों के सेवन से बचना चाहिए। 
  • किसी तरह का कोई कन्फ्यूजन होने पर डॉक्टर से मिलकर बात करनी चाहिए। 

प्रेगनेंसी के नौवें महीने में सावधानियां   

प्रेगनेंसी के नौवें महीने में 9 Months Pregnancy in Hindi कुछ चीजों को लेकर सावधान होना आवश्यक है। क्योंकि ये समय आप और आपके शिशु दोनों के लिए बहुत जरूरी  होता है। इस दौरान आपको खुश रहना चाहिए, अच्छा संगीत सुनना और अच्छी किताबें पढ़नी चाहिए।  

  • भारी सामान न  उठाएं।
  • खुद को तनाव से दूर रखें। 
  • इस समय का आनंद उठाएं। 
  • अपने परिवार वालों के साथ रहें। 
  • लंबे समय तक बैठने या खड़े होने से बचें।
  • ज्यादा से ज्यादा आराम करने की कोशिश करें। 
  • कम से कम काम करें। संभव हो तो काम करने से बचें। 
  • डिलीवरी से संबंधित किसी तरह की नकारात्मक बातों के बारे में न सोचें।  

प्रेगनेंसी के नौवें महीने में शारीरिक परिवर्तन 

प्रेगनेंसी के 9 Month Pregnancy in Hindi नौवें महीने में आपका तनाव मुक्त और खुश रहना बहुत जरूरी है। हालांकि यह भी सच है की इस दौरान हार्मोन में असंतुलन होने के कारण आपके मूड में अचानक से परिवर्तन आता है जो आपको भावनात्मक रूप से कहीं न कहीं प्रभावित करता है। इसके कारण आपके बर्ताव में बदलाव भी आते हैं जिसके कारण आपको छोटी से छोटी बात पर हंसी भी आ सकती है जो की अच्छी बात है लेकिन साथ ही आपको उन्ही बातों पर गुस्सा आ सकता है और आप दुखी होकर रो भी सकती हैं। 

खुद के व्यवहार को देखकर आप चिंतित भी हो सकती हैं लेकिन आपको हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए की ये सब मात्र प्रेगनेंसी के दौरान आपके अंदर होने वाले बदलाव लक्षण हैं जो कुछ समय के बाद अपने आप ही खत्म हो जाते हैं। इन सब का कारण आपके शरीर में हार्मोनल असंतुलन है। आपको इससे जरा भी डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। नीचे हम उन बदलाव यानी की लक्षणों के बारे में बात कर रहे हैं जो 36 Week Pregnancy in Hindi प्रेगनेंसी के 33 से 36 सप्ताह के दौरान आप खुद में महसूस करती हैं।       

  • योनि स्राव अधिक मात्रा में होता है। 
  • आपके स्तनों का साइज बढ़ जाता है। 
  • स्तनों से कोलोस्ट्रम का रिसाव होता है। 
  • इस दौरान आपका पेल्विक क्षेत्र खुलने लगता है। 
  • आपको उठने और बैठने में परेशानी हो सकती है। 
  • ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन बार बार आता जाता रहता है।
  • इस समय आप पहले से ज्यादा असहज महसूस कर सकती हैं। 
  • इस दौरान आपका वजन बढ़ जाता है जिसके कारण आपको थकान और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।   
  • शिशु का वजन और गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण नितंब तंत्रिका (Buttock Nerve) पर प्रेशर पड़ता है जिसके कारण आपके पीठ में दर्द की समस्या हो सकती है। 

इन सब के अलावा आप और भी दूसरे बदलाव और लक्षणों को महसूस कर सकती हैं। लेकिन हमेशा इस बात का ध्यान रखें की आपके शरीर में ये सभी होने वाले बदलाव मात्र प्रेगनेंसी के लक्षण हैं जो हार्मोन में असंतुलन होने के कारण होते है। Pregnancy 9 Month in Hindi – इन सभी बदलावों या लक्षणों की वजह से किसी भी तरह की कोई समस्या होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से मिलकर उन्हें इस बारे में बताएं। वे आपकी परेशानी को दूर करने में मदद करेंगे।   

और पढ़े: महिलाओं को नॉर्मल डिलीवरी के लिए क्या क्या करना चाहिए

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|