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हाइपरोपिया को हाइपरमेट्रोपिया और दूर दृष्टि दोष के नाम से भी जाना जाता है। मायोपिया और एस्टिग्मेटिज्म  की तरह यह भी दृष्टि को प्रभावित करने वाली एक सामान्य बीमारी है। इससे पीड़ित होने पर, मरीज को पास की वस्तुएं धुंधली दिखाई देती हैं। लेसिक सर्जरी से हाइपरोपिया का इलाज किया जा सकता है।

हाइपरोपिया किसे कहते हैं?

हाइपरोपिया हर उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह बच्चों में पाया जाता है। हाइपरोपिया से पीड़ित मरीज की आँखों में जाने वाली रौशनी रेटिना के पीछे केंद्रित होती है। इसलिए मरीज को नजदीक की वस्तुएं धुंधली दिखाई पड़ती हैं।

विशेषज्ञ का कहना है कि हाइपरोपिया की स्थिति गंभीर होने पर मोतियाबिंद और ग्लूकोमा का खतरा भी बढ़ सकता है। इसलिए इस बीमारी से पीड़ित होने पर जल्द से जल्द इसका उचित इलाज कराना चाहिए।

क्या लेसिक सर्जरी से हाइपरोपिया को ठीक किया जा सकता है?

लेसिक सर्जरी से हाइपरोपिया को ठीक किया जा सकता है। लेसिक सर्जरी हाइपरोपिया के इलाज का सबसे आधुनिक तरीका है। इस सर्जरी को एक अनुभवी और कुशल नेत्र रोग विशेषज्ञ के द्वारा पूरा किया जाता है। लेसिक सर्जरी को दृष्टि संबंधित बीमारियां जैसे कि मायोपिया, हाइपरोपिया और एस्टिग्मेटिज्म का परमानेंट इलाज माना जाता है। अगर आप हाइपरोपिया से पीड़ित हैं और इसका बेस्ट इलाज पाना चाहते हैं तो एक विश्वसनीय नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने के बाद लेसिक सर्जरी का चुनाव कर सकते हैं।

लेसिक सर्जरी से हाइपरोपिया का इलाज कैसे किया जाता है?

लेसिक सर्जरी को शुरू करने से पहले नेत्र रोग विशेषज्ञ मरीज की आँख में एनेस्थेटिक ड्रॉप डालते हैं, जिससे कारण सर्जरी के दौरान मरीज को दर्द नहीं होता है। उसके बाद, लिड स्पेकुलम की मदद से डॉक्टर मरीज की आँख को खुला रखते हैं। फिर कॉर्निया में एक छोटा सा कट लगाकर, लेजर बीम की मदद से कॉर्निया को एक नया शेप देते हैं।

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इस सर्जरी के दौरान, डॉक्टर कॉर्निया के बाहरी टिशू को निकालकर उसे और अधिक स्टीप यानि ढलुआ बना देते हैं। सर्जरी की प्रक्रिया खत्म होने के बाद, आँखों में जाने वाली रौशनी सीधा रेटिना पर केंद्रित होती है। नतीजतन मरीज को दूर की वस्तुएं साफ-साफ दिखाई देने लगती हैं।

हाइपरोपिया की लेसिक सर्जरी के बाद ठीक होने में कितना समय लगता है?

हाइपरोपिया की लेसिक सर्जरी एक दिन की प्रक्रिया है। इस सर्जरी को पूरा होने में लगभग आधा घंटा का समय लगता है। सर्जरी के बाद, मरीज को हॉस्पिटल में पूरी रात रुकने की जरूरत नहीं पड़ती है। लेसिक सर्जरी खत्म होने के कुछ ही घंटों के बाद, मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है।

लेसिक सर्जरी के दो दिन बाद से मरीज अपने दैनिक जीवन के कामों को फिर से शुरू कर सकते हैं। लेकिन इस सर्जरी के बाद, पूरी तरह से रिकवर होने में लगभग 2-3 महीनों का समय लगता है। तब तक मरीज की दृष्टि लगातार इम्प्रूव होती रहती है। 

आमतौर पर लेसिक सर्जरी खत्म होने के कुछ ही घंटों के बाद, मरीज को साफ और तेज दृष्टि प्राप्त हो जाती है। इस सर्जरी के दौरान या बाद में साइड इफेक्ट्स या जटिलताओं का खतरा लगभग न के बराबर होता है।

हाइपरोपिया की लेसिक सर्जरी में कितना खर्च आता है?

आमतौर पर हाइपरोपिया की लेसिक सर्जरी का खर्च 30,000-100000 रूपए तक आता है। लेकिन यह हाइपरोपिया का फिक्स्ड कॉस्ट नहीं है। हाइपरोपिया की लेसिक सर्जरी का खर्च काफी चीजों पर निर्भर करता है। इसमें निम्नलिखित चीजें शमिल हैं।

  • मरीज की उम्र
  • मरीज का स्वास्थ्य
  • हाइपरोपिया की गंभीरता
  • नेत्र रोग विशेषज्ञ का अनुभव और विश्वसनीयता
  • हॉस्पिटल या क्लिनिक का लोकेशन और लेसिक सर्जरी में उनका ट्रैक रिकॉर्ड
  • एनेस्थीसिया की फीस
  • सर्जरी के बाद हॉस्पिटलाइजेशन
  • सर्जरी के बाद दवाओं का सेवन
  • सर्जरी के बाद डॉक्टर के साथ फॉलो-अप मीटिंग

हाइपरोपिया की लेसिक सर्जरी के खर्च के बारे में सोचकर आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि दूसरे हॉस्पिटल की तुलना में हमारे प्रिस्टीन केयर क्लिनिक में हाइपरोपिया की लेसिक सर्जरी का खर्च काफी कम आता है। 

इसके अलावा, यहां आपको ढेरों फिर सुविधाएं भी मिलेंगी, जैसे कि सर्जरी वाले दिन फ्री पिकअप और ड्रॉप, सभी जांच पर 30% छूट और सर्जरी के बाद फ्री फॉलो-अप्स मीटिंग आदि।

क्या लेसिक सर्जरी के बिना हाइपरोपिया का इलाज संभव है?

हाँ, लेसिक सर्जरी के बिना भी हाइपरोपिया का इलाज संभव है। हाइपरोपिया की नॉन-सर्जिकल इलाज में चश्मा और कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल किया जाता है। जब हाइपरोपिया गंभीर रूप ले लेता है या मरीज चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं, तब लेसिक सर्जरी का चुनाव किया जाता है। 

अगर हाइपरोपिया ने गंभीर रूप नहीं लिया है और आपको चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस से कोई परेशानी नहीं है तो लेसिक सर्जरी के बिना भी हाइपरोपिया का प्रभावशाली इलाज संभव है। इसके लिए आप नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलकर बेस्ट चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस के संबंध में परामर्श कर सकते हैं।

निष्कर्ष

हाइपरोपिया एक आम बीमारी है जो आपके जीवन की क्वालिटी को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है। अगर आप खुद में हाइपरोपिया के लक्षणों को अनुभव करते हैं या इस बीमारी से पीड़ित हैं तो जल्द से जल्द एक अनुभवी और विश्वसनीय नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें।

हाइपरोपिया का इलाज कई तरह से किया जाता है। यह पूर्ण रूप से आप पर निर्भर करता है कि आप इलाज के किस माध्यम का चुनाव करते हैं। अगर आप यह जानता चाहते हैं कि आपकी बीमारी के लिए बेस्ट इलाज क्या है तो आप अभी हमारे अनुभवी और विश्वसनीय नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श कर सकते हैं।

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|