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लंबे समय तक मोबाइल, टीवी या लैपटॉप स्क्रीन के सामने समय बिताने, पढ़ते समय एक खास दूरी का ध्यान न रखने, घर या ऑफिस की चार दीवारी में जीवन सिमित होने, शारीरिक तौर पर कम सक्रिय होने, जंक फूड्स खाने, सिगरेट और शराब का सेवन करने और प्राकृतिक वातावरण में समय नहीं बिताने के कारण आज इंसान को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। मायोपिया भी उन्ही में से एक है। मायोपिया भी हाइपरोपिया और एस्टिग्मेटिज्म जैसी एक बीमारी है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization – WHO) के मुताबिक, मायोपिया के मामले पूरी दुनिया में बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। आज पूरी दुनिया में लगभग 1 अरब 40 करोड़ से भी अधिक लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं। इतना ही नहीं, शोध के मुताबिक, यह आंकड़ा 2050 तक बढ़कर 5 अरब तक हो सकता है।

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साथ ही, मायोपिया से पीड़ित लोगों में लगभग 10% मरीज ऐसे भी होंगे, जिन्हे अंधेपन का खतरा सबसे अधिक होगा। एक शोध के अनुसार, भारत की लगभग 20-30 प्रतिशत आबादी मायोपिया से पीड़ित है।

अगर आप मायोपिया के कारण, लक्षण, निदान, इलाज और इसकी रोकथाम के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो प्रिस्टीन केयर का यह ब्लॉग आपके लिए बहुत खास है।

Table of Contents

मायोपिया क्या है — What Is Myopia In Hindi

मायोपिया को निकटदर्शीता और निकट दृष्टि दोष के नाम से भी जाना जाता है। यह आँखों को प्रभावित करने वाली एक सामन्य बीमारी है। इससे पीड़ित मरीज को पास की चीजें साफ, लेकिन दूर की चीजें धुंधली दिखाई पड़ती हैं।

मायोपिया होने पर आँख की पुतली (आई बॉल) का आकार बढ़ जाता है, जिसके कारण जब रौशनी आँखों में प्रवेश करती है तो वह रेटिना पर केंद्रित होने के बजाय, रेटिना से थोड़ा आगे केंद्रित हो जाती है। नतीजतन, दृष्टि धुंधली हो जाती है।

मायोपिया की स्थिति गंभीर होने पर, मोतियाबिंद और ग्लूकोमा होने का खतरा बढ़ जाता है। आमतौर पर मायोपिया काफी धीमी गति से विकसित होता है। लेकिन बच्चों में यह काफी तेजी से बढ़ता है।

मायोपिया के कारण  — What Are The Causes Of Myopia In Hindi

मायोपिया के कई कारण होते हैं। अगर समय पर इन कारणों की जानकारी हो जाए तो आप कुछ चीजों पर ध्यान देकर खुद को इस बीमारी से सुरक्षित रख सकते हैं। मायोपिया के निम्निलिखित कारण हो सकते हैं।

  • खराब जीवनशैली
  • आई बॉल की लंबाई बढ़ना
  • कॉर्निया का बेहद सुडौल हो जाना
  • मायोपिया अनुवांशिक हो सकता है
  • शराब और सिगरेट का सेवन करना
  • प्राकृतिक रौशनी में कम से कम समय बिताना
  • टीवी, मोबाइल या लैपटॉप के सामने अधिक समय बिताना
  • पढ़ते या स्क्रीन पर कुछ देखते समय आवश्यक दूरी का ध्यान न रखना

अगर आप ऊपर बताए गए कारणों को ध्यान में रखते हैं और पढ़ते या स्क्रीन के सामने समय बिताते समय खास दूरी का ध्यान रखकर, प्राकृतिक रौशनी में समय बिताकर, सिगरेट और शराब से दूर रहकर खुद को मायोपिया से सुरक्षित रख सकते हैं।

मायोपिया के लक्षण  — What Are The Symptoms Of Myopia In Hindi

दूसरी किसी भी बीमारी की तरह, मायोपिया के भी कुछ खास लक्षण होते हैं, जिनकी मदद से आप या आपके डॉक्टर इस बात का पता लगा सकते हैं कि आपको मायोपिया है। मायोपिया के निम्निलिखित लक्षण हो सकते हैं।

  • दूर की चीजें धुंधली दिखाई देना
  • बार-बार पालक झपकना
  • आँखों को अक्सर मलते रहना
  • टीवी देखने के लिए टीवी के करीब बैठना
  • किताबों को पढ़ते समय बहुत करीब से देखना
  • आँखों पर अधिक दबाव पड़ने के कारण सिर में दर्द होना
  • गाड़ी चलाते समय परेशानी होना (खासकर रात के समय)
  • साफ-साफ देखने के लिए आँखों को तिरछा करना या आँखों को कुछ हद तक बंद करना

अगर आप ऊपर बताए गए किसी भी लक्षण को खुद में अनुभव करते हैं या मायोपिया से पीड़ित हैं तो जल्द से जल्द एक अनुभवी और कुशल नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। ताकि इस बीमारी की शुरुआत में ही इसका उचित इलाज किया जा सके।

मायोपिया का निदान — Diagnosis Of Myopia In Hindi

मायोपिया का निदान करने के लिए कई प्रक्रियाओं का इस्तेमाल किया जाता है। जांच के दौरान, नेत्र रोग विशेषज्ञ इस बात का पता लगाते हैं कि रौशनी रेटिना पर कैसे केंद्रित होती है। साथ ही साथ, डॉक्टर मायोपिया को दूर करने के लिए आवश्यक लेंस के बारे में भी पता लगाते हैं।

आई चार्ट परिक्षण के दौरान, डॉक्टर मरीज को कमरे के दूसरी और रखे चार्ट पर लिखे अक्षरों को पढ़ने के लिए कहते हैं। अगर इस जांच की मदद से मायोपिया का निदान हो जाता है, तो डॉक्टर कुछ उपकरणों का भी इस्तेमाल करते हैं, जिसमें रेटिनोस्कोप शामिल है।

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रेटिनोस्कोप एक प्रक्रिया है, जिसके दौरान डॉक्टर मरीज की आंख में हल्का प्रकाश डालते हैं और रेटिना के सामने केंद्रित होने वाले प्रकाश को ऑब्जर्व करते हैं। इस दौरान, डॉक्टर फोरोपटर नामक एक उपकरण का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें लेंस की एक श्रृंखला होती है। इसे आगे-पीछे करने से दृष्टि को ठीक करने वाले सटीक नंबर का पता चलता है।

मायोपिया के निदान को पूरा होने में लगभग 1 घंटे का समय लगता है। अक्सर बच्चों के निदान के समय परेशानियां होती हैं। इन परेशानियों को कम या दूर करने के लिए, डॉक्टर ऑटोरिफ्रैक्शन और फोटोस्क्रीन जैसी तकनीकों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

मायोपिया का इलाज  — Treatment Of Myopia In Hindi

मायोपिया का इलाज कई तरह से किया जाता है। इसमें नॉन-सर्जिकल और सर्जिकल दोनों ही प्रक्रियाएं शामिल हैं।

1. मायोपिया का नॉन-सर्जिकल इलाज — Non-Surgical Treatments For Myopia In Hindi

मायोपिया के नॉन-सर्जिकल इलाज में चश्मा और कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल शामिल है। चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस की मदद से प्रकाश को रेटिना पर केंद्रित करना है। चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस के निगेटिव नंबर मायोपिया की गंभीरता की ओर इशारा करते हैं। मायोपिया जितना गंभीर होगा, निगेटिव नंबर उतना ही अधिक होगा।

  • मायोपिया के लिए चश्मा — Glass For Myopia In Hindi

चश्मा दृष्टि को साफ और तेज करने का सबसे आसान और सुरक्षित तरीका है। चश्मा में कई प्रकार के लेंस का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें सिंगल विजन, बाई-फोकल्स और प्रोग्रेसिव मल्टी-फोकल लेंस आदि शामिल हैं।

  • मायोपिया के लिए कॉन्टेक्ट लेंस — Contact Lens For Myopia In Hindi

कॉन्टेक्ट लेंस कई प्रकर के होते हैं और इन्हे सीधा आँखों में लगाया जाता है। ये लेंस कई प्रकार के पदार्थों से बने होते हैं। इनकी डिजाइन भी अलग-अलग होती है, जिसमें मुलायम, कठोर, टोरिक और मल्टी-फोकल आदि शामिल हैं।

मायोपिया में चश्मा या कॉन्टेक्ट का इस्तेमाल प्रभावशाली साबित हो सकता है। लेकिन इनका इस्तेमाल करने से पहले इस बारे में अपने डॉक्टर से एक बार अवश्य परामर्श करें। इनके फायदों और संभावित जोखिमों के बारे में जानकारी प्राप्त करें। फिर संतुष्टि होने के बाद ही इनका प्रयोग करें।

2. मायोपिया का सर्जिकल इलाज — Surgical Treatment For Myopia In Hindi

काफी लोगों को चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल पसंद नहीं होता है। ऐसे में वे सर्जरी का चुनाव करते हैं। सर्जरी से मायोपिया का इलाज कई तरह से किया जाता है। इसमें लेजर इन सीटू किरेटोमिल्युसिस (लेसिक), लेजर असिस्टेड सबएपिथेलियल किरेटोमिल्युसिस, फोटोरिफ्रेक्टिव केरटेक्टोमी और इंट्राऑकुलर लेंस प्रत्यारोपण शामिल हैं।

  • लेसिक सर्जरी से मायोपिया का इलाज — LASIK Surgery For Myopia In Hindi

लेसिक सर्जरी मायोपिया के मॉडर्न और एडवांस इलाज है। इस सर्जरी के दौरान, नेत्र रोग विशेषज्ञ कॉर्निया में एक छोटा सा कट लगाकर उसको एक नया शेप/आकार देते हैं, जिसके बाद मरीज को चीजें साफ-साफ दिखाई देने लगती हैं।

  • लेजर असिस्टेड सबएपिथेलियल किरेटोमिल्युसिस से मायोपिया का इलाज — LASEK Surgery For Myopia In Hindi

इस सर्जरी के दौरान, नेत्र रोग विशेषज्ञ एपिथेलियम में फ्लैप बनाते हैं। फिर लेजर की मदद से इसके घुमाव को ससतल करके बाहरी परतों को नया आकार प्रदान करते हैं। इस सर्जरी के बाद, मरीज को अगले कुछ दिनों तक एक पट्टी वाला कॉन्टेक्ट लेंस पहनना पड़ता है, ताकि रिकवरी जल्दी हो सके।

  • फोटोरिफ्रेक्टिव केराटेक्टोमी — Photorefractive Keratectomy For Myopia In Hindi

यह प्रक्रिया लेजर असिस्टेड सबएपिथेलियल किरेटोमिल्युसिस के समान ही होती है। इस प्रक्रिया के दौरान, नेत्र रोग विशेषज्ञ एपिथेलियम को हटा देते हैं, जो स्वाभाविक रूप से कॉर्निया के नए आकार के अनुरूप फिर से बढ़ जाता है। इस प्रक्रिया के बाद भी मरीज को अगले कुछ दिनों तक एक पट्टी वाला कॉन्टेक्ट लेंस पहनना पड़ता है।

  • इंट्राऑकुलर लेंस प्रत्यारोपण — Intraocular Lens Implants For Myopia In Hindi

इंट्राऑकुलर लेंस प्रत्यारोपण को मायोपिया का मुख्य इलाज नहीं माना जाता है। हालांकि, यह मध्यम से गंभीर मायोपिया से पीड़ित मरीज के लिए इलाज का एक विकल्प हो सकता है। इस प्रक्रिया के दौरान, नेत्र रोग विशेषज्ञ आँख के लेंस के सामने एक इंट्राऑकुलर लेंस को लगाते/इंप्लांट करते हैं।

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मायोपिया के सभी सर्जिकल इलाज के कुछ न कुछ संभावित खतरे और जटिलताएं होती हैं। लेकिन लेसिक सर्जरी एकमात्र ऐसा इलाज है, जिसके दौरान या बाद में साइड इफेक्ट्स या जटिलताओं का खतरा लगभग शून्य होता है। यही कारण है कि लेसिक सर्जरी को मायोपिया का बेस्ट इलाज माना जाता है।

अपने शहर के बेस्ट क्लिनिक में मायोपिया का प्रभावशाली इलाज पाएं

मेडिकल टेक्नोलॉजी में विकास होने के कारण आज मात्र 1 दिन में मायोपिया का इलाज संभव है। अगर आप मायोपिया से पीड़ित हैं और अपने शहर में या उसके आसपास के बेस्ट क्लिनिक में इसका सबसे प्रभावशाली इलाज पाना चाहते हैं तो प्रिस्टीन केयर से संपर्क करें।

प्रिस्टीन केयर क्लिनिक में एडवांस लेजर इन सीटू किरेटोमिल्युसिस (लेसिक) सर्जरी से मायोपिया का इलाज किया जाता है। इस सर्जरी के दौरान, मरीज को एक छोटा सा कट आता है और ब्लीडिंग तथा दर्द नहीं होता है।

हमारे क्लिनिक में मायोपिया की लेसिक सर्जरी को पूरा होने में मात्र 30 मिनट का समय लगता है। यह एक दिन की सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसके बाद मरीज को हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत भी नहीं पड़ती है। लेसिक सर्जरी खत्म होने के कुछ ही घंटों के बाद, मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया है।

हमारे क्लिनिक में मायोपिया की लेसिक सर्जरी को एक अनुभवी और विश्वसनीय नेत्र रोग विशेषज्ञ के द्वारा पूरा किया जाता है। इन्हें मायोपिया की गहरी समझ और लेसिक सर्जरी में महारत हासिल है। ये सर्जन अब तक मायोपिया की हजारों सफल लेसिक सर्जरी कर चुके हैं।

इतना ही नहीं, दूसरे क्लिनिक या हॉस्पिटल की तुलना में हमारे क्लिनिक में मायोपिया की लेसिक सर्जरी को काफी कम खर्च में पूरा किया जाता है। साथ ही साथ, मरीजों को ढेरों फ्री सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं। इसमें सर्जरी वाले दिन फ्री पिकअप और ड्रॉप, सभी डायग्नोस्टिक टेस्ट पर 30% छूट और सर्जरी के बाद डॉक्टर के साथ फ्री फॉलो-अप्स मीटिंग आदि शामिल हैं।

अगर आप कम से कम खर्च में अपने शहर के बेस्ट क्लिनिक में मात्र एक दिन में मायोपिया का प्रभावशाली इलाज पाना चाहते हैं तो अभी प्रिस्टीन केयर से संपर्क करें।

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|