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एसीएल का पूरा नाम एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (Anterior Cruciate Ligament – ACL) है। एसीएल चोट किसी भी इंसान को हो सकता है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह खिलाड़ियों में देखने को मिलता है। क्योंकि क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, सॉकर, हॉकी या दूसरे भाग दौड़ वाले खेल के दौरान अक्सर खिलाड़ियों को घुटने में चोट आती रहती है।

इन सबके अलावा, कई बार चलते, दौड़ते, कूदते,अचानक से गिरने या पैरों के मुड़ने के कारण भी घुटनों में चोट आ जाती है। घुटने के इसी चोट को मेडिकल की भाषा में एसीएल इंजरी (acl in hindi) यानि एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट चोट या एसीएल चोट कहा जाता है।

घुटने में चार लिगामेंट होते हैं जिसमें एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल), पोस्टीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (पीसीएल), मेडियल कोलैटरल लिगामेंट (एमसीएल) और लेटरल कोलैटरल लिगामेंट (एलसीएल) शामिल हैं। एक कोलैटरल लिगामेंट घुटने के अंदर और दूसरा घुटने के बाहर होता है।

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क्रूसिएट लिगामेंट घुटने के अंदर होते हैं जिसमें एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट घुटने के आगे और पोस्टीरियर क्रूसिएट लिगामेंट घुटने के नीचे की तरफ होता है। इन सभी लिगामेंट का काम घुटने की गति को नियंत्रित और संतुलित रखना है। लिगामेंट मुलायम टिशू होते हैं जिनकी वजह से हड्डियाँ एक दूसरे से जुड़ी होती हैं।

इन सभी लिगामेंट्स के अलावा, घुटने के जोड़ों के अंदर कुशन जैसी संरचनाएं भी होती हैं जिन्हे आंतरिक मिनिस्कस और बाहरी मेनिस्कस के नाम से जाना जाता है। साथ ही, घुटने के जोड़ों के चारों तरफ चार हड्डियाँ होती हैं जिसमें जांघ की हड्डी (फीमर), पैर की मुख्य हड्डी (टिबिया), पैर की बाहरी हड्डी (फिबुला) और घुटने की टोपी (पेटेला) शामिल हैं। मिनिस्कस में चोट लगने पर मिनिस्कस टियर की समस्या पैदा होती है।

एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल) चोट के क्या कारण हैं?

एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट चोट के कई कारण हैं, लेकिन इसके मुख्य कारणों में निम्नलिखित शामिल हैं:-

  • घुटने में चोट लगना
  • खेल के दौरान घुटने से टकराना
  • छलांग लगाने के बाद नीचे गिरना
  • तेज चलते-चलते अचानक से धीमा हो जाना
  • चलते या दौड़ते हुए अचानक से रुक जाना या दिशा बदल देना

आप ऊपर बताए गए कारणों को ध्यान में रखकर किसी भी प्रकार का खेल खेलते, चलते, दौड़ते, कूदते या छलांग लगाते समय कुछ सावधानियां बरतकर खुद को एसीएल चोट (acl injury in hindi) से बचा सकते हैं।

एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल) के क्या लक्षण हैं?

एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट चोट होने पर मरीज अपने घुटनों में कुछ खास प्रकार के लक्षणों को अनुभव कर सकते हैं। एसीएल चोट के लक्षण निम्नलिखित हैं:-

  • घुटने में सूजन होना
  • घुटने में तेज दर्द होना
  • पैरों पर भार देने में परेशानी होना
  • पैरों की गति की सीमा का कम होना
  • चलते-फिरते समय घुटने में दर्द होना
  • घुटने में सनसनाहट जैसा महसूस होना
  • घुटने को मोड़ने में दर्द और परेशानी होना

अगर आप ऊपर बताए गए लिगामेंट टूटने के लक्षण को खुद में अनुभव करते हैं तो आपको सबसे पहले चलना, दौड़ना, कूदना या पैरों पर भार देना रोक देना चाहिए और फिर जल्द से जल्द एक अनुभवी और विश्वसनीय ऑर्थोपेडिक सर्जन से अपने घुटने का उचित जांच और इलाज कराना चाहिए।

एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल) चोट का इलाज कैसे होता है?

एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट चोट का इलाज करने के लिए डॉक्टर पहले कुछ खास क्रीम या दवा के इस्तेमाल का सुझाव देते हैं। अगर एसीएल में हल्की-फुल्की चोट आई है तो क्रीम और दवा की मदद से इसे ठीक किया जा सकता है। कुछ मामलों में डॉक्टर प्लास्टर करने का सुझाव भी देते हैं।

लेकिन जब दवाओं या क्रीम से कोई फायदा नहीं होता है, प्लास्टर एक सही विकल्प के रूप में सामने नहीं आता है, एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट में गंभीर चोट आती है या लिगामेंट टूट जाता है तब डॉक्टर acl लिगामेंट का इलाज के लिए सर्जरी का सुझाव देते हैं।

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सर्जरी को एसीएल चोट का सबसे प्रभावशाली इलाज माना जाता है। ​एसीएल चोट का इलाज करने के लिए जिस सर्जिकल प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है उसे एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी के नाम से जाना जाता है

एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल) चोट का बेस्ट इलाज क्या है?

एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी को एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट चोट का बेस्ट इलाज माना जाता है। यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसे एक अनुभवी और विश्वसनीय ऑर्थोपेडिक सर्जन के द्वारा पूरा किया जाता है। इस सर्जरी को शुरू करने से पहले सर्जन मरीज के घुटने में एनेस्थिसिया देते हैं जिससे सर्जरी के दौरान मरीज को जरा भी दर्द या दूसरी किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है।

मरीज को एनेस्थीसिया देने के बाद, सर्जन घुटने में एक छोटा का कट लगाते हैं और फटे या टूटे हुए लिगामेंट को घुटने से बाहर निकालकर उस जगह को अच्छी तरह साफ करते हैं। फिर वहां पर एक नया लिगामेंट लगा देते हैं। नए लिगमेंट को लगाने के बाद कट को बंद कर दिया जाता है।

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इस सर्जरी को पूरा होने में लगभग आधे घंटे का समय लगता है। एसीएल रिकंस्ट्रक्शन एक दिन की सर्जिकल प्रक्रिया है, इसलिए सर्जरी खत्म होने के बाद मरीज को हॉस्पिटलाइजेशन की आवश्यकता भी नहीं पड़ती है। एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी खत्म होने के कुछ ही घंटों के बाद मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है।

इस मॉडर्न और एडवांस सर्जरी के बाद मरीज की रिकवरी बहुत तेजी से होती है। अगर आपको एसीएल चोट है तो एक अनुभवी और विश्वसनीय ऑर्थोपेडिक सर्जन से परामर्श करने के बाद एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी का चुनाव करना चाहिए।

प्रिस्टीन केयर में एसीएल चोट का बेस्ट इलाज कराएं

अगर आप नॉन सर्जिकल इलाज के माध्यमों का इस्तेमाल करके थक चुके हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं है तो आप को एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी का चयन करना चाहिए। आप अपने शहर के टॉप रेटेड में क्लिनिक या हॉस्पिटल में कॉस्ट इफेक्टिव एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी कराने के लिए प्रिस्टीन केयर से संपर्क कर सकते हैं।

हमारे क्लिनिक में इस सर्जरी को एक अनुभवी और विश्वनसीय हड्डी रोग विशेषज्ञ के द्वारा परफेक्शन के साथ पूरा किया जाता है। हमारे सर्जन को हड्डियों, जोड़ों और लिगामेंट्स की गहरी समझ और इनकी सर्जरी में सालों का अनुभव प्राप्त है। ये सर्जन अब तक अनेकों सफल एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी कर चुके हैं।

कॉस्ट इफेक्टिव एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी करने के साथ-साथ हम मरीजों को ढेरों सुविधाएं प्रदान करते हैं। इसमें सर्जरी वाले दिन फ्री कैब फैसिलिटी (सर्जरी से पहले मरीज को घर से क्लिनिक लाना और सर्जरी के बाद क्लिनिक्स वापस घर छोड़ना), सभी जांचों पर 30% तक की छूट और सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक डॉक्टर के साथ फ्री फॉलो-अप्स की सुविधा आदि शामिल हैं।

इन सबके अलावा भी हमारे क्लिनिक में एसीएल चोट की सर्जरी कराने के निम्लिखित फायदे हैं:-

01. दर्द नहीं होता है

इस सर्जरी को एनेस्थिसिया के प्रभाव में पूरा किया जाता है। इसलिए सर्जरी के दौरान मरीज को जरा भी दर्द या दूसरी किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। इतना ही नहीं, इस सर्जरी के दौरान ब्लीडिंग का खतरा भी कम से कम होता है। अगर आप दर्द या ब्लीडिंग का सामना किए बिना एसीएल चोट का बेस्ट इलाज कराना चाहते हैं तो हम आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं।

02. एक दिन प्रक्रिया है

हमारे क्लिनिक में एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी एक दिन की प्रक्रिया है जिसे पूरा होने में लगभग 30 मिनट का समय लगता है। सर्जरी खत्म होने के बाद मरीज को हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत नहीं पड़ती है। डॉक्टर आवश्यक दवाएं निर्धारित करने के बाद मरीज को उसी दिन क्लिनिक से डिस्चार्ज कर देते हैं। इससे आपका समय और पैसा दोनों बचता है।

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03. सभी बीमा कवर किए जाते हैं

हमारे क्लिनिक में सभी बीमा कवर किए जाते हैं। अगर आपके पास बीमा है तो उसकी मदद से आप अपने पॉकेट से होने वाले खर्च को काफी हद तक कम कर सकते हैं। क्योंकि आपकी सर्जरी के खर्च का कुछ प्रतिशत बीमा से कवर हो जाता है। इतना ही नहीं, आप 100% इंश्योरेंस भी क्लेम कर सकते हैं।

04. जटिलताओं का खतरा लगभग शून्य होता है

हमारे क्लिनिक में मॉडर्न और एडवांस रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी से एसीएल चोट का इलाज किया जाता है। इसलिए इस सर्जरी के दौरान और बाद में साइड इफेक्ट्स या जटिलताओं का खतरा लगभग न के बराबर होता है। इतना ही नहीं, सर्जरी के बाद जल्दी रिकवरी के लिए हमारे डॉक्टर मरीज को आफ्टर केयर, डाइट और लाइफस्टाइल से संबंधित फ्री टिप्स भी देते हैं।

05. अनुभवी और विश्वसनीय ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं

हमारे ऑर्थोपेडिक सर्जन को एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी में सालों का अनुभव प्राप्त है। ये सर्जन अबतक अनेकों सफल सर्जरी कर चुके हैं। ये सर्जन अपने अनुभव और मॉडर्न मेडिकल टेक्नोलॉजी की मदद से आपकी परेशानी को बहुत आसानी से दूर कर सकते हैं। हमसे जुड़े सभी सर्जन अनुभवी और विश्वसनीय हैं।

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इतना ही नहीं, हमारे क्लिनिक में कोई एडवांस पेमेंट नहीं होता है। मरीज के लिए डीलक्स रूम की सुविधा उपलब्ध होती है। मरीजों को बीमा अधिकारियों के पीछे भागने की जरूरत नहीं है। क्योंकि प्रिस्टीन टीम अस्पताल से जुड़े सभी पेपरवर्क पूरा करती है। हमारे क्लिनिक में एडमिशन प्रक्रिया से लेकर सर्जरी और डिस्चार्ज तक, मरीज को किसी भी चीज के बारे में ज्यादा सोचने या कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ती है। क्योंकि हमारे टीम शुरू से लेकर अंत तक उनके साथ रहती है और उनका पूरा सपोर्ट करती है।

एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी के बाद आपको चलते, दौड़ते, खेलते या कूदते समय किसी तरह की कोई दिक्कत या परेशानी नहीं होती है। यह एक संक्षिप्त, सुरक्षित, बहुत ही आसान और सफल सर्जिकल प्रक्रिया है। इस सर्जरी के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमसे अभी संपर्क कर सकते हैं।

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|