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3 दिनों में बवासीर का इलाज - प्रक्रिया, फायदे, नुकसान और परहेज

आज के दौर में बवासीर एक आम समस्या बन गई है। अनियमित खानपान और अव्यवस्थित जीवनशैली के कारण पुरुषों के साथ महिलाओं में बवासीर की समस्या के मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि बवासीर ऐसी बीमारी नहीं है जिसका इलाज न किया जा सके, लेकिन बवासीर के बढ़ते मामले चिंता का विषय बने हुए हैं। हालांकि आधुनिक दौर में बवासीर को 3 दिन में ठीक किया जा सकता है। दवाओं, जरूरी सावधानियों व परहेज की मदद से बवासीर का 3 दिन में इलाज संभव है।

आज के दौर में बवासीर एक आम समस्या बन गई है। अनियमित खानपान और अव्यवस्थित जीवनशैली के कारण पुरुषों के साथ महिलाओं में ... और पढ़ें

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बवासीर क्या है? - Meaning of Piles in Hindi

बवासीर आमतौर पर पुरुषों में होने वाली एक आम बीमारी है। हालांकि बवासीर के कुछ मामले महिलाओं में भी देखने को मिलते हैं। बवासीर को चिकित्सकीय भाषा में पाइल्स व हेमरॉयड भी कहते हैं। इससे पीड़ित लोगों को बेहद तकलीफ का सामना करना पड़ता है। बवासीर के शुरुआती मामलों यानी की पहले और दूसरे चरण के बवासीर रोग के लिए इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन यदि इसका समय पर इलाज नहीं किया जाता है और यह तीसरी व चौथी स्टेज में पहुंच जाता है तो यह गुदा कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।

बवासीर के कारण गुदा के अंदरूनी और बाहरी हिस्से सहित मलाशय (रेक्टम) के निचले हिस्से की शिराओं में सूजन पैदा हो जाती है। इसकी वजह से ऐनस के अंदर या बाहर कहीं एक जगह पर मस्से बन जाते हैं। इन मस्सों को ही मेडिकल की भाषा में हेमरॉइड्स यानी की बवासीर कहा जाता है। बवासीर के कारण मरीज को शौच करने और बैठने में असहनीय दर्द होता है।

आमतौर पर बवासीर का इलाज इसकी स्टेज पर निर्भर करता है। यदि पाइल्स एक गंभीर स्थिति में पहुंच गया तो इसे लेजर सर्जरी की मदद से ठीक किया जाता है जबकि बवासीर के शुरुआती लक्षणों को 3 दिन में जड़ से खत्म किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए मरीज को डॉक्टर के दिशा निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता होती है।

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बवासीर सर्जरी के प्रकार बनाम फायदे और नुकसान

सर्जरी का प्रकार प्रक्रिया फायदे नुकसान
लेजर सर्जरी लेजर बीम द्वारा मस्सों को हटाना कम दर्द, जल्दी रिकवरी, ब्लीडिंग कम महंगी हो सकती है
ओपन हेमरॉयडेक्टमी मस्सों को काटकर हटाना स्थायी समाधान दर्द अधिक, रिकवरी लंबी
रबर बैंड लिगेशन मस्सों के आधार पर रबर बैंड बांधना बिना कट के इलाज, सस्ता सिर्फ अंदरूनी बवासीर में कारगर
स्क्लेरोथेरेपी केमिकल इंजेक्शन द्वारा मस्सों को सुखाना सरल प्रक्रिया, कम दर्द हर स्टेज के लिए नहीं
स्टेपलर हेमरॉयडेक्टमी स्टेपलिंग उपकरण से मस्सों को जोड़ना कम दर्द, जल्दी रिकवरी थोड़ी महंगी प्रक्रिया

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बवासीर को 3 दिन में ठीक करने के लिए जांच

बवासीर के अधिकांश मामलों में मरीज को इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। यदि मरीज कुछ सावधानियों का ध्यान रखता है तो यह अपने आप ही ठीक हो जाता है। हालांकि ऐसा सिर्फ बवासीर की शुरुआती स्टेज में ही होता है। दरअसल बवासीर के शुरुआती चरण में रोगी को बवासीर के कारण होने वाला दर्द महसूस नहीं होता और न ही ब्लीडिंग होती है। लेकिन यदि बवासीर गंभीर स्थिति में पहुंच चुका है, तो उसे इलाज के जरिए ही ठीक किया जा सकता है। पाइल्स के सफल इलाज के लिए लेजर सर्जरी ही बेहतर विकल्प है। 

3 दिनों में बवासीर को जड़ से ठीक करने के लिए प्रोक्टोलॉजिस्ट शारीरिक जांच करता है। बवासीर के लिए किए जाने वाले फिजिकल टेस्ट बेहद कम समय में पूरे हो जाता है और इस दौरान मरीज को किसी भी प्रकार के दर्द का सामना नहीं करना पड़ता है। सिर्फ 3 दिनों में बवासीर को जड़ से ठीक करने के लिए डॉक्टर निम्न जांच कर सकता है – 

  • डिजिटल रेक्टल परीक्षण: गुदा और निचले मलाशय में सूजन वाली नसों को महसूस करने के लिए प्रोक्टोलॉजिस्ट मलाशय में एक दस्ताने वाली, चिकनाई वाली उंगली डालता है। इससे गुदा क्षेत्र में बवासीर की मौजूदगी को महसूस करने की कोशिश करता है। यदि रोगी के गुदा क्षेत्र में कोई मस्सा है तो डॉक्टर उसे पहचान कर इलाज शुरू करता है।
  • एनोस्कोपी: एनोस्कोपी एक मेडिकल उपकरण के माध्यम से की जाने वाली जांच प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में डॉक्टर एक एनोस्कोप को मरीज के गुदा के अंदर प्रवेश करता है। एनोस्कोप में रोशनी वाली एक ट्यूब होती है, जो बवासीर का पता लगाने में मदद करती है।
  • सिग्मोइडोस्कोपी: इस प्रक्रिया के जरिए बवासीर का पता लगाने के लिए प्रोक्टोलॉजिस्ट कोलन और मलाशय के निचले हिस्से का मेडिकल उपकरण सिग्मोइडोस्कोप की मदद से निरीक्षण करता है। इस उपकरण के अंत में लाइट के साथ एक कैमरा फिट होता है, जो बवासीर की स्थिति का पता लगाने में मदद करता है।

बवासीर को 3 दिन में जड़ से ठीक करने का इलाज

बवासीर का इलाज इसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। बवासीर का इलाज (पाइल्स का इलाज) करने से पहले डॉक्टर रोगी की अच्छी तरह से जांच करते और यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि आखिर किस प्रकार के बवासीर की समस्या से रोगी पीड़ित है और बवासीर की स्टेज क्या है। एक बार बवासीर की स्टेज पता लगने पर इलाज शुरू किया जाता है। 

3 दिन में बवासीर का इलाज करने वाली स्थिति बवासीर की प्रारंभिक स्थिति मानी जाती है। इसे स्व देखभाल, जरूरी दवाओं का सेवन, घरेलू उपचार, आहार में बदलाव और डॉक्टर द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन कर ठीक किया जा सकता है। नीचे बवासीर के इलाज से संबंधित कुछ सर्जिकल प्रक्रियाओं की जानकारी दी जा रही है – 

  • ओपन हेमरॉयडेक्टमी: यह बवासीर ऑपरेशन करने की सबसे पुरानी प्रक्रिया है। इसमें रोगी को जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है और बवासीर के मस्सों को काटकर अलग किया जाता है। 
  • लेजर सर्जरी: इस प्रक्रिया में बवासीर के मस्सों को नष्ट करने के लिए लेजर किरण का उपयोग किया जाता है। प्रक्रिया की शुरुआत में रोगी को एनेस्थीसिया दिया जाता है। इसके बाद डॉक्टर एक निश्चित फ्रीक्वेंसी की लेजर बीम को बवासीर के मस्सों पर छोड़ते हैं। लेजर बीम के संपर्क में आने के आधे घंटा के भीतर ही बवासीर नष्ट हो जाता है। हालांकि इस प्रक्रिया के बाद मरीज को पूरी तरह से ठीक होने में कुछ दिन का समय लग सकता है।
  • रबर बैंड लिगेशन: इस प्रक्रिया में बवासीर के बेस में एक रबर बैंड बांध दिया जाता है, जिससे मस्सों तक रक्त परिसंचरण नहीं हो पाता इसके कारण वह बवासीर के मस्से सूख जाते हैं और गुदा से अलग होकर नीचे गिर जाते हैं। यह आंतरिक (अंदरूनी) बवासीर के रोगियों के लिए बेहद उपयोगी प्रक्रिया है।
  • कोएगुलेशन थेरेपी: इन्फ्रारेड फोटोकोगुलेशन, जिसे कोगुलेशन थेरेपी भी कहा जाता है एक चिकित्सा प्रक्रिया है, जिसका उपयोग छोटे और मध्यम आकार के बवासीर के इलाज के लिए किया जाता है। यह उपचार केवल आंतरिक बवासीर के लिए इस्तेमाल किया जाता है। प्रक्रिया के दौरान सर्जन इन्फ्रारेड लाइट की एक तेज किरण का इस्तेमाल बवासीर के मस्से पर करता है। इससे मस्से सूख जाते हैं और अपनी जगह से हट जाते हैं।
  • स्क्लेरोथेरेपी: इस प्रक्रिया में डॉक्टर इंजेक्शन की मदद से एक केमिकल को आंतरिक बवासीर के मस्सों पर इंजेक्ट करते हैं। इंजेक्शन लगाने के बाद मस्से पूरी तरह से सूख जाते हैं और गिर जाते हैं। यह पाइल्स ट्रीटमेंट की सबसे आसान प्रक्रिया है।
  • स्टेपलर हेमरॉयडेक्टमी: इसमें एक स्टेप्लिंग उपकरण का उपयोग करके बवासीर के मस्से को स्टेपल कर दिया जाता है, यह बवासीर के ओपन सर्जरी की तुलना में कम दर्दनाक और सुरक्षित होता है। स्टेपल करने के बाद मस्सों तक खून की सप्लाई बंद हो जाने के कारण इसका आकार धीरे-धीरे कम हो जाता है और पाइल्स से राहत मिल जाती है।

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अर्ली पाइल्स ट्रीटमेंट के फायदे

बवासीर का जल्द इलाज कराने से मरीज को निम्न फायदे हो सकते हैं:

  • बवासीर एक दर्दनाक रोग है, इसका समय पर इलाज कराने से मरीज को ज्यादा दिन दर्द सहन नहीं करना पड़ता है।
  • बवासीर का जल्द इलाज कराने से मरीज को गुदा में होने वाली खुजली व जलन से राहत मिलती है। 
  • बवासीर का जल्दी इलाज कराने से मरीज को होने वाली गंभीर जटिलताओं से बचाया जा सकता है।
  • बवासीर का इलाज (पाइल्स का इलाज) जितनी जल्दी कराएंगे उतना मरीज को कम दर्द महसूस होगा साथ ही इलाज में खर्च भी कम आएगा।
  • बवासीर का अर्ली ट्रीटमेंट कराने से सर्जिकल उपचार की संभावना लगभग खत्म हो जाती है। 
  • बवासीर का यदि शुरुआती स्टेज में ही जल्दी इलाज करा दिया जाए तो इसके दोबारा होने की संभावना बेहद कम हो जाती है।

पाइल्स को 3 दिन में ठीक करने का घरेलू उपचार

  • सिट्ज़ बाथ: इसके लिए मरीज को एक पूल में गर्म पानी से भरे उथले पात्र में बैठना होता है। इसे ही सिट्ज़ बाथ के रूप में जाना जाता है। यह पेल्विक फ्लोर की परेशानी और खुजली को कम करने में मदद करता है। अधिकांश चिकित्सक इसे पाइल्स के इलाज के लिए एक बहुत प्रभावी गैर-सर्जिकल प्रक्रिया मानते है। हालांकि रोगी बवासीर में अतिरिक्त राहत प्राप्त करने के लिए सिट्ज़ बाथ में सोडियम बाइकार्बोनेट या एप्सम नमक मिला सकते हैं।
  • आइस पैक: 10 से 15 मिनट के लिए बवासीर वाले क्षेत्र पर आइस पैक से सिकाई करने से बवासीर के लक्षणों में आराम मिलता है। यह एडिमा को कम करने में भी मदद करता है। गंभीर और कष्टदायक बवासीर की स्थिति में, यह प्रक्रिया लक्षणों से राहत दिलाने में बहुत प्रभावी है। बर्फ को सीधे त्वचा पर न लगाएं इससे त्वचा को नुकसान हो सकता है। बर्फ या आइस पैक को कपड़े में लपेटकर चोट वाली जगह पर लगाएं। आइस पैक की जगह कोल्ड कंप्रेस का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। कोल्ड ट्रीटमेंट बिना सर्जरी के बवासीर के सबसे अच्छे उपचारों में से एक है।
  • सेब का सिरका: एप्पल साइडर सिरका अपने जीवाणुरोधी गुणों के कारण तुरंत दर्द से राहत दे सकता है और गुदा के आसपास खुजली को कम कर सकता है। इसे बवासीर पर लगाने से पहले सेब के सिरके को पतला करने की सलाह दी जाती है। इसे सिट्ज़ बाथ में भी शामिल कर सकते हैं। सिट्ज़ बाथ में एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर बिना ऑपरेशन के बवासीर से छुटकारा पाया जा सकता है।
  • काले जीरे का बीज: काला जीरा बवासीर के दर्द से राहत देने में मदद कर सकता है। सूजन व बवासीर के लक्षणों को कम कर सकता है। 
  • दालचीनी: यह एक प्राकृतिक जीवाणुरोधी एजेंट है। यह बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद करती है।

3 दिन में बवासीर के इलाज के लिए आहार प्रणाली

  • उच्च फाइबर युक्त आहार: अधिक फल, सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन करें। यह मल को नरम करता है इससे मल त्यागते समय अधिक जोर लगाने की आवश्यकता नहीं होती है। 
  • पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन: मल को नरम रखने में मदद के लिए हर दिन में छह से आठ गिलास पानी पिएं।
  • फलों का सेवन: फलों का सेवन बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। केला, सेब, अंगूर और संतरा को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इन फलों में पाए जाने वाले विटामिन, मिनरल्स और फाइबर बवासीर को कम करने में फायदेमंद होते हैं।
  • हरी पत्तेदार सब्जियां: हरी और पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से बवासीर में राहत मिलती है। इन सब्जियों में कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स मौजूद होते हैं जो बवासीर के लक्षणों को कम करते हैं। ऐसे में पालक, गाजर, खीरा, पत्ता गोभी और ब्रोकली का सेवन करना बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।
  • छाछ का सेवन: छाछ पीने से शरीर में ठंडक महसूस होती है जिसके कारण उत्तेजित नसें शांत हो जाती है। छाछ शरीर से सूजन और गुदा मार्ग में हुए इन्फेक्शन को दूर करने में मदद करता है। यह बवासीर के लक्षणों को भी प्रभावशाली रूप से कम कर सकता है।
  • हर्बल चाय: आमतौर पर डॉक्टर बवासीर के मरीजों के हर्बल चाय का सेवन करने की सलाह देते हैं। इसका सेवन करने से सूजन और मल त्याग के दौरान आने वाले खून को कम करने में मदद मिलती है।

3 दिन में बवासीर के इलाज के लिए जरूरी जीवनशैली

  • हाइड्रेटेड रहें: बवासीर के मरीज को अधिक मात्रा में पानी पीने की सलाह दी जाती है। हाइड्रेट रहने से मल को नरम करने और मल त्याग में आसानी होती है, जिससे रक्तस्रावी नसों पर पड़ने वाला दबाव और तनाव कम होता है। 
  • व्यायाम: नियमित व्यायाम करने से रक्त प्रवाह में सुधार होता है। इससे कब्ज और बवासीर में भी राहत मिलती है।
  • स्टूल न रोकें: बवासीर के मरीज को स्टूल पास करते रहना चाहिए। जैसे ही आपको मल त्यागने की इच्छा हो, शौचालय का इस्तेमाल करना चाहिए। शौचालय का उपयोग करने से कब्ज को रोका जा सकता है इससे नसों पर दबाव कम हो जाता है।
  • ढीले कपड़े पहनें: ढीले कपड़े पहनकर बवासीर के लक्षणों को कम किया जा सकता है। इससे गुदा क्षेत्र पर पड़ने वाला दबाव कम भी कम होता है। ढीले कपड़े पहनने से बवासीर के मरीजों को ठीक होने में मदद मिल सकती है। तंग कपड़े पहनने से प्रभावित क्षेत्र में जलन हो सकती है।

बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय के FAQs

क्या घर पर 3 दिन में बवासीर का इलाज किया जा सकता है?

हां, यदि बवासीर की शुरुआती स्टेज है, तो कुछ सावधानियों की मदद से व आहार और जीवन में परिवर्तन करके घर में ही तीन दिनों में ठीक किया जा सकता है। हालांकि बवासीर से जुड़े किसी भी प्रकार का घरेलू इलाज लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

क्या बवासीर इलाज के बाद दोबारा हो सकता है?

हां, यदि बवासीर के इलाज के बाद मरीज किसी भी प्रकार की सावधानी नहीं रखता है, खाने पीने और अपनी जीवनशैली में कोई बदलाव नहीं करता है, तो बवासीर दोबारा भी हो सकता है। ऐसे में यह सलाह दी जाती है कि इसके इलाज के बाद डॉक्टर के द्वारा सुझाई गई बातों का विशेष ध्यान रखें।

क्या बवासीर के कारण मौत हो सकती है?

नहीं, बवासीर जानलेवा बीमारी नहीं है। इसके कारण मरीज को दर्द और असहजता फील हो सकती है लेकिन बवासीर के कारण मौत का एक भी मामले देखने को नहीं मिला है। इसका इलाज संभव है।

क्या बवासीर अपने आप ठीक हो सकता है?

छोटे बवासीर घरेलू उपचार और दवाओं की मदद से अपने आप ठीक हो सकते है। हालांकि, बड़े और बाहरी बवासीर के लिए इलाज की आवश्यकता होती है, वह अपने आप ठीक नहीं होते हैं।

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Dr. Anu Antony Varghese
26 Years Experience Overall
Last Updated : October 18, 2025

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