Sperm donation in Hindi

स्पर्म डोनेशन (Sperm donation) का मतलब है वीर्य का दान करना। कोई पुरुष जिसके वीर्य की गुणवत्ता उत्तम हो, वह अपने वीर्य को दान करता है जिसकी मदद से कोई अन्य महिला गर्भधारण कर पाती है।

अगर महिला गर्भधारण नहींं कर पा रही है तो उसे बांझ मान लिया जाता है, लेकिन हो सकता है कि उसके पति के वीर्य में ही कोई कमी हो। महिला के गर्भवती होने के लिए जरूरी है कि पुरूष का वीर्य महिला के अंडाशय में जाकर अंडाणु (eggs) को फ़र्टिलाइज  कर सके। अगर पति का वीर्य महिला को गर्भवती नहीं कर पा रहा है तो बाहरी स्पर्म की जरूरत पड़ती है।

इसे थर्ड पार्टी रिप्रोडक्शन (third party reproduction in hindi) भी कहा जाता है। मतलब ऐसी प्रजनन प्रक्रिया जिसमे दंपति को माँ-बाप बनने के लिए किसी अन्य पुरुष की मदद लेनी पड़े।

हमारे देश मे स्पर्म डोनेशन पर लोगों के दो अलग तरह के विचार हैं। कुछ रूढ़िवादी लोग इसे सही नहीं मानते हैं। मगर स्पर्म डोनेट करना बहुत अच्छा कदम हो सकता है। स्पर्म डोनेट कर आप कई दंपत्ति की परेशानी दूर कर सकते हैं। इससे किसी की पीढ़ी को खत्म होने से बचाया जा सकता है। इस लेख में हम स्पर्म डोनेशन से संबंधित कई प्रश्नों पर चर्चा करेंगे।

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स्पर्म का दान करने से पहले इन पहलुओं पर ध्यान दें

डोनर के लिए स्पर्म का दान करना न केवल शारीरिक प्रक्रिया है बल्कि, मानसिक रूप से भी स्वस्थ होना पड़ता है। डोनर को स्पर्म दान करने के पहले कुछ बिन्दुओ पर सोच विचार कर लेना चाहिए। जैसे-

  • क्या आप अपने परिवार को बताएंगे कि आपने स्पर्म दान किया है?
  • आपके स्पर्म की गुणवत्ता अच्छी है और आपने डोनेट कर दिया तो आप किसी बच्चे के जैविक पिता (biological father) बनने वाले हैं। आपको पता भी नहीं चलेगा कि आप किस बच्चे के जैविक पिता हैं। ऐसे में आप अपना स्पर्म दान करना चाहेंगे?
  • क्या हो अगर आपका जैविक पुत्र बाद में आपसे मिलना चाहे? तब आप उसके साथ किस पर पेश आएंगे? उस समय भी आप इस बात को अपने परिवार से छिपाना चाहेंगे?

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इन सब बातों को अच्छे से सोचें। कहीं ये ना हो कि आपका फैसला बाद में आपको दुख दे या आपके परिवार में कलह का कारण बने। इन सब बातों पर विचार करने के बाद अगर आप स्पर्म डोनेट करने का फैसला कायम रखते हैं तो यह बहुत अच्छी बात है। चलिए अब पता करते हैं कि किस तरह से शुक्राणु दान कर सकते हैं?

स्पर्म डोनेशन कैसे करें या स्पर्म डोनर कैसे बनें – How to donate sperm and become donor in Hindi?

स्पर्म डोनेशन के लिए आपको शहर के किसी स्पर्म बैंक में जाना होगा। वहाँ सबसे पहले आपके पूरे शरीर की जांच की जाएगी। कोई भी स्पर्म बैंक ऐसे व्यक्ति का स्पर्म नहीं ले सकता है जिसे कोई बीमारी हो। क्योंकि, बीमारी आपके जीन से उस बच्चे में जा सकती है जिसके आप जैविक पिता बनने वाले हैं। इस दौरान आपको कई प्रकार के टेस्ट से गुजरना पड़ता है जो इस प्रकार हैं-

  • आयु- भारत मे डोनर की आयु 21वर्ष से लेकर 35 वर्ष की होनी चाहिए।
  • फिजिकल टेस्ट- आपके रक्त और पेशाब की जांच की जाएगी। फिजिकल टेस्ट HIV और अन्य यौन संचारित रोगों को पता करने के लिए किए जाते हैं। अगर आप रेगुलर स्पर्म डोनर बनना चाहते हैं तो आपको हर 6 महीने बाद अपना फिजिकल टेस्ट कराना होगा। 
  • जेनेटिक टेस्ट- आपके रक्त के माध्यम से आपकी जेनेटिक बीमारियों का पता लगाया जाएगा।
  • फैमिली का मेडिकल इतिहास- आपको अपने परिवार के कम से कम दो पिछली पीढ़ी का मेडिकल इतिहास प्रदान करना होता है।
  • आपका सेक्सुअल इतिहास- आपकी शादी हो चुकी है या नहीं। आपने कितनी बार सेक्स किया है। इस तरह के सवाल पूछे जाते हैं। 
  • स्पर्म टेस्ट- आपको एक डिब्बी दी जाएगी। डिब्बी के साथ आपको एक खाली कमरे में भेजा जाएगा जहां हस्तमैथुन (masturbation) करके डिब्बी में स्खलन (Ejaculation) करना होता है। 

इसके बाद आपके वीय की जांच की जाती है। अगर वीर्य की क्वालिटी अच्छी है तो आपके स्पर्म को चुन लिया जाता है। आपको एक फॉर्म भरना होता है। पहले आपके स्पर्म को 6 महीने तक के लिए फ्रीज़ करके रखा जाता है और फिर दोबारा से आपकी फिजिकल जांच और स्पर्म की जांच जाती है। आपके स्पर्म की क्वालिटी अच्छी है तो आपको डोनर के रूप में चुन लिया जाता है। स्पर्म डोनेशन के लिए आपको पैसे दिए जाते हैं।

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कोई दंपत्ति या महिला थर्ड पार्टी रिप्रोडक्शन चाहती है तो वह स्पर्म बैंक से संपर्क करती है। इन बैंकों को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मान्यता मिली होती है।

डोनर के स्पर्म को एक पतली नली के जरिए महिला के प्रजनन अंग तक पहुचाया जाता है। थर्ड पार्टी रिप्रोडक्शन एक और तरीके से की जा सकती है। इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In vitro fertilization-IVF) एक तरीका है जिसमें लैब में ही एम्ब्रायो (embro) बनाया जाता है और फिर महिला के गर्भाशय में डाला जाता है, इसे टेस्ट ट्यूब बेबी भी कहते हैं। 

भारत मे स्पर्म डोनेशन के क्या नियम हैं? – What are the Rules of Sperm Donation in India in Hindi?

भारत में 2016 में सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी बिल (Assisted Reproductive Technology Bill) पारित हुआ था जिसमे थर्ड पार्टी रिप्रोडक्शन को लेकर कई तरह के नियम बनाए गए थे। यह नियम आईसीएमआर (Indian Council of Medical Research) द्वारा निर्देशित किए गए हैं। 

  • केवल 21 से 35 वर्ष तक के पुरुष स्पर्म डोनेट कर सकते हैं। 
  • डोनर की शारीरिक स्थिति ठीक होनी चाहिए। स्पर्म डोनेट करने से पहले व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक टेस्ट लिया जाएगा।
  • धूम्रपान करने वाला, या अन्य प्रकार के नशा करने वाला व्यक्ति स्पर्म डोनेट नहीं कर सकता है। 
  • डोनर के ब्लड और पेशाब की जांच की जांच करना आवश्यक है।

स्पर्म डोनेशन से जुड़ी अन्य जरूरी जानकारियां

  • आप केवल स्पर्म बैंक में जाकर स्पर्म डोनेट कर सकते हैं। घर से लाया गया स्पर्म नहीं स्वीकारा जाएगा। 
  • स्पर्म डोनेशन के दिन से 2 दिन पहले आपको सेक्स करने की अनुमति नहीं है।
  • स्पर्म बैंक द्वारा स्पर्म डोनर और स्पर्म प्राप्त करने वाले (reciepent) की जानकारी को गुप्त रखा जाता है। 
  • डोनर के स्पर्म का केवल एक बार ही इस्तेमाल होता है और महिला के गर्भवती होने के बाद उस स्पर्म के सैंपल को नष्ट कर दिया जाता है। 
  • स्पर्म डोनेट करना चाहते हैं तो आपसे आपकी जीवनशैली के बारे में भी पूछा जाएगा। आपको क्या खाना पसंद है?, आप पढ़ना पसंद करते हैं या नहीं?, आपको खेल-कूद में रुचि है या नहीं?। ऐसे ही कई प्रश्न पूछे जाते हैं। 

स्पर्म डोनेशन के क्या नुकसान हैं? – What are the Side-effects of Sperm donation

  • आपको जिंदगी में कई बार स्पर्म डोनेट करना पड़ सकता है। डोनेशन करते-करते अगर आपके स्पर्म की गुणवत्ता खराब हो गई तो आपको पिता बनने में दिक्कत हो सकती है। इसलिए उचित समय तक ही स्पर्म दान करें। 
  • अगर आपका परिवार नहीं चाहता कि आप स्पर्म डोनेट करें तो उन्हें मनाना मुश्किल भरा हो सकता है। आपके परिवार में दरार भी आ सकती है। 
  • आज के ज्यादातर युवा और समझदार लोग इस तरह के अच्छे कार्यों को बढ़ावा देते हैं। लेकिन फिर भी हमारा समाज शुक्राणु दान को सही नहीं मानता है। ऐसे में अगर समाज तक बात पहुँचती है तो आपकी आलोचना हो सकती है

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निष्कर्ष – Conclusion

स्पर्म डोनेट करना बहुत ही नेक काम है। इसकी मदद से किसी घर की पीढ़ी को आगे बढ़ाया जा सकता है। लेकिन, स्पर्म का दान करने से पहले या डोनर बनने से पहले ऊपर बताए गए सभी जानकारियों पर अच्छी तरह से विचार कर लें और फिर निर्णय लें।

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|