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एक प्रेगनेंट महिला को प्रेगनेंसी के दौरान कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव से होकर गुजरना पड़ता है। मेडिकल की भाषा में इन सभी बदलावों को प्रेगनेंसी का लक्षण कहा जाता है। गर्भधारण करने के तुरंत बाद सबसे पहले आपको पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं तथा उसके बाद गर्भावस्था के सबसे शुरूआती लक्षण के तौर पर आपको मॉर्निंग सिकनेस की समस्या होती है। इसके अलावा भी आपके सामने ढेरों समस्याएं आती हैं और इन्ही में से एक है यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानी यूटीआई। प्रेगनेंसी के दौरान कई मामलों में यूटीआई की समस्या देखी गई है।     

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अगर आप प्रेगनेंट हैं और अपने पेशाब में खून देखती हैं या डॉक्टर रूटीन यूरिन टेस्ट में खून की मौजूदगी पाते हैं तो यह यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानी की यूटीआई की तरफ इशारा हो सकता है। यूटीआई ‘यूरिनरी ट्रैक्ट’ में होने वाला इंफेक्शन है जो बैक्टीरिया के कारण होता है। गर्भावस्था के दौरान यूटीआई की समस्या होना आम बात है क्योंकि बढ़ते बच्चे मूत्राशय (यूरिनरी ब्लैडर) और मूत्र पथ (Urinary Tract) पर दबाव डाल सकते हैं, जिससे बैक्टीरिया ट्रैप हो सकते हैं या यूरिनरी लीकेज भी हो सकता है।

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प्रेगनेंसी के दौरान यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने के कारण, लक्षण और इलाज और प्रेगनेंसी के दौरान पेशाब में खून आने के दूसरे कारणों के बारे में विस्तार से जानने के लिए आगे पढ़ें।  

प्रेगनेंसी में यूटीआई के लक्षण — What Are The Symptoms Of UTI During Pregnancy In Hindi — Pregnancy Me UTI Ke Lakshan 

प्रेगनेंसी के दौरान यूटीआई से पीड़ित होने की स्थिति में आप खुद में ढेरों लक्षणों को महसूस करती हैं। जिनके आधार पर आप या आपके डॉक्टर इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं की आपको यूटीआई है। अगर प्रेगनेंसी में यूटीआई के शुरूआती लक्षणों को पहचान कर तुरंत एक्शन लिया जाए तो बहुत आसानी से इस समस्या की रोकथाम की जा सकती है। हम आपको नीचे इसके कुछ खास एवं संभावित लक्षणों के बारे में बता रहे हैं।      

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  • बुखार लगना — Fever
  • धुंधला पेशाब होना — Cloudy Urine
  • पेशाब से गंध आना — Smelly Urine
  • पीठ में दर्द की शिकायत होना — Back Pain
  • पेशाब करने की तीव्र इच्छा होना — Strong Urge To Urinate
  • पेशाब में खून आना — Blood In Urine Also Known As Hematuria
  • पेल्विस के सेंटर में असहजता होना — Discomfort In The Center Of Pelvis
  • पेशाब के दौरान जलन महसूस होना — Burning Sensation While Urinating
  • थोड़ा थोड़ा करके बार बार पेशाब करना — Frequently Urinating Small Amounts Of Urine

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अगर आप प्रेगनेंसी के दौरान ऊपर बताए गए किसी भी लक्षण को खुद में अनुभव करती हैं तो डॉक्टर से मिलकर उस लक्षण की जांच और इलाज करानी चाहिए। प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या होने पर आपको लापरवाही बरतने के बजाय तुरंत एक्शन लेकर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि वे जल्द से जल्द आपकी समस्या की रोकथाम कर सकें। 

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प्रेगनेंसी में यूटीआई के कारण — What Are The Causes Of UTI During Pregnancy In Hindi — Pregnancy Me UTI Ke Kaaran 

प्रेगनेंसी के दौरान यूटीआई होने के कई कारण होते हैं। अगर आपको इन कारणों के बारे में पहले से ही मालूम हो तो आप कुछ सावधानियां बरतने के बाद खुद को इस समस्या से बचा सकती हैं। हम आपको नीचे प्रेगनेंसी में यूटीआई होने के तीन मुख्य कारणों के बारे में बता रहे हैं जिसके बारे में जानना आपके लिए आवश्यक है।

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एसीमटोमिक बैक्टेरियूरिआ — Asymptomatic Bacteriuria During Pregnancy In Hindi

एसीमटोमिक बैक्टेरियूरिआ अक्सर गर्भवती होने से पहले एक महिला के शरीर में मौजूद बैक्टीरिया के कारण होता है। इस प्रकार के यूटीआई के लक्षणों को पहचानना थोड़ा मुश्किल होता है तथा इसके लक्षणों से आपको ज्यादा परेशानी नहीं होती है। लेकिन समय पर इसका जांच और सही इलाज आवश्यक है। लंबे समय तक इसे नजरअंदाज करने या इसका सटीक इलाज नहीं कराने के कारण आगे जाकर यह ब्लैडर इंफेक्शन या किडनी इंफेक्शन का कारण बन सकता है। शोध के मुताबिक एसीमटोमिक बैक्टेरियूरिआ की समस्या लगभग 1.9-9.5 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करती है।

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एक्यूट यूरेथ्राइटिस और सिस्टाइटिस — Acute Urethritis Or Cystitis During Pregnancy In Hindi

यूरेथ्रा में सूजन होने की स्थिति को यूरेथ्राइटिस और ब्लैडर में सूजन होने की स्थिति को सिस्टाइटिस कहा जाता है। इन दोनों समस्याओं का कारण बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो Escherichia coli के कारण होता है। इस प्रकार की स्थिति में भी बिना देरी किए आपको डॉक्टर से मिलकर इसका सही इलाज कराना चाहिए। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान आपके शरीर के किसी भी हिस्से में ज्यादा देर तक इंफेक्शन का होना आपके साथ साथ आपके गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। 

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पायलोनेफ्राइटिस — Pyelonephritis During Pregnancy In Hindi 

पायलोनेफ्राइटिस एक प्रकार का किडनी इंफेक्शन है जो गर्भवती महिला के किडनी में बैक्टीरिया जाने के कारण होता है। यह बैक्टीरिया महिला के किडनी में ब्लडस्ट्रीम या कहीं और से उसकी यूरिनरी ट्रैक्ट जैसे की युरेटर्स से जा सकता है। पायलोनेफ्राइटिस के लक्षणों में पेशाब में खून आने के साथ साथ बुखार होना, पेशाब के दौरान दर्द और जलन होना, पीठ, पेट तथा पेट के साइड में दर्द होना शामिल है। यह इंफेक्शन थोड़ा गंभीर हो सकता है। इसलिए विशेषज्ञ प्रेगनेंसी के दौरान इस इंफेक्शन से पीड़ित होने कि स्थिति में तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर अपनी परेशानी की जांच और इलाज कराने की सलाह देते हैं। 

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प्रेगनेंसी में यूटीआई का इलाज — Treatment Of UTI During Pregnancy In Hindi — Pregnancy Me UTI Ka Ilaj — Pregnancy Me Urine Infection Ka Ilaj Kaise Kiya Jata Hai 

आमतौर पर प्रेगनेंसी में यूटीआई का इलाज करने के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक का सुझाव देते हैं। हालांकि, सभी प्रकार के एंटीबायोटिक्स या दूसरी दवाएं प्रेगनेंसी के दौरान फायदेमंद नहीं होती हैं। इसलिए आपके डॉक्टर जांच की प्रक्रिया को पूरा करने के बाद ही उसी एंटीबायोटिक्स का सेवन करने की सलाह देते हैं जो आपके इलाज के लिए प्रभावशाली होते हैं। गर्भावस्था में यूटीआई का इलाज करने के लिए जिन एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल किया जाता है उसमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं। 

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  • एमोक्सिलिन — Amoxicillin For UTI During Pregnancy in Hindi 
  • सेफरेक्साइन — Cefuroxime For UTI During Pregnancy in Hindi 
  • इरिथ्रोमाइसिन — Erythromycin For UTI During Pregnancy in Hindi 
  • एजिथ्रोमाइसिन — Azithromycin For UTI During Pregnancy in Hindi 

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention – CDC) प्रेगनेंसी में यूटीआई का इलाज करने के लिए नाइट्रोफ्यूरन्टाइन या ट्रीमिथोप्रीन-सल्फेमेथाक्साजोले (Nitrofurantoin or Trimethoprim Sulfamethoxazole) का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह देते हैं। क्योंकि प्रेगनेंसी में इन दवाओं एक इस्तेमाल करने से गर्भ में पल रहे शिशु पर बुरा असर पड़ता है तथा ये शिशुओं में जन्म दोष का कारण भी बन सकते हैं।

प्रेगनेंसी के दौरान पेशाब में खून आने के दूसरे कारण — Other Causes Of Bloody Urine During Pregnancy In Hindi — Pregnancy Ke Dauran Peshab Me Khoon Aane Ke Dusre Kaaran

यूटीआई के अलावा भी पेशाब में खून आने के दूसरे और कई कारण हो सकते हैं। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है की महिला प्रेगनेंट है या नहीं। ऐसे कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:- 

  • ब्लैडर स्टोन — Bladder Stones
  • किडनी स्टोन — Kidney Stones
  • किडनी में किसी प्रकार का चोट — Kidney Injury
  • ब्लैडर या किडनी कैंसर — Cancer of Bladder or Kidney
  • ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस की समस्या होना — Glomerulonephritis (Inflammation of the Filtering System of the Kidneys)  
  • हेमाटुरिया या खून में पेशाब को न पहचान पाना — The Cause of Hematuria or Bloody Urine Cannot Always Be Identified
  • अलपोर्ट सिंड्रोम या सिकल सेल अनेमिया जैसे अंतर्निहित विकार — Inherited Disorders (Like Alport Syndrome or Sickle Cell Anemia)

 निष्कर्ष — Conclusion 

पेशाब में खून आना सामान्य बात नहीं है और अगर यही समस्या प्रेगनेंसी के दौरान हो तो चिंता का विषय है। अगर आप प्रेगनेंट हैं और आपके पेशाब के साथ खून आता है तो आपको तुरंत किसी बेहतर स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर इस बारे में बात करनी चाहिए। प्रिस्टीन केयर के पास बहुत ही अनुभवी और कुशल स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं जो आपकी समस्या का सटीक इलाज कर सकती हैं। प्रिस्टीन केयर आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है।  

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|