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हार्मोनल असंतुलन के कारण आज हम ढेरों बीमारियों से घिरे हुए हैं। गाइनेकोमैस्टिया भी उन्ही में से एक है। यह बीमारी 13-20 वर्ष के लड़कों में सबसे अधिक देखने को मिलती है। गइनेकोमैस्टिया से पीड़ित होने की स्थिति में पुरुष के स्तनों का आकार बढ़ जाता है जिसके कारण वह महिलाओं के स्तनों की तरह दिखाई देने लगते हैं। गाइनेकोमैस्टिया आज एक सामान्य बीमारी का रूप ले चुका है। इस बीमारी के इलाज के कई तरीके मौजूद हैं। प्रिस्टीन केयर के इस ब्लॉग में आज हम आपको गाइनेकोमैस्टिया के होम्योपैथिक इलाज के बारे में बताने वाले हैं। 

गाइनेकोमैस्टिया का होम्योपैथिक इलाज 

अगर आप गाइनेकोमैस्टिया से पीड़ित हैं तो अब आपको घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि अब इस बीमारी का इलाज होम्योपैथिक दवाओं की मदद से बहुत ही आसानी से किया जा सकता है। बहुत सी ऐसी होम्योपैथिक दवाएं है जो गाइनेकोमैस्टिया के लक्षणों को कम करने के साथ साथ इस समस्या को भी ठीक करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। 

कोनियम मैक 200 – Conium 200    

कोनियम मैक गाइनेकोमैस्टिया का इलाज करने वाली सबसे खास और प्रभावशाली होम्योपैथिक दवाओं में से एक माना जाता है। लेकिन यह उन वयस्कों के लिए सबसे अधिक असरदार होता है जिनकी उम्र तो ज्यादा है लेकिन शादी नहीं हुई है। इस दवा की मदद से गाइनेकोमैस्टिया के लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इतना ही नहीं, इस दवा की मदद से आपकी बीमारी को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है। अपनी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए आपको इस दवा की चार बून्द को हफ्ते में एक बार इस्तेमाल करना है। आमतौर पर डॉक्टर मात्र छह महीने तक ही इस दवा का इस्तेमाल करने का सुझाव देते हैं। 

फाइटोलेका 200 – Phytolacca 200   

गाइनेकोमैस्टिया से पीड़ित होने की स्थिति में आपके स्तनों का आकार बढ़ जाता है। आकार बढ़ने के साथ साथ उसमें सूजन और इंफेक्शन भी हो जाता है जिसके कारण उसे छूने पर आपको दर्द भी हो सकता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप फाइटोलेका 200 का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस दवा का सेवन भी आपको कोनियम मैक 200 की तरह ही चार बून्द सप्ताह में एक दिन करना है। इस दवा का इस्तेमाल बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए। अगर आप गाइनेकोमैस्टिया से पीड़ित हैं तो डॉक्टर से परामर्श करने के बाद इस दवा का सेवन कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे की अपने मन मुताबिक इस दवा का सेवन आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है।             

बैक्सन बी 36 – Bakson B 36    

तत्काल रूप से गाइनेकोमैस्टिया का इलाज करने के लिए इस दवा का इस्तेमाल किया जाता है। अपनी बीमारी से जल्दी निजाद पाने के लिए आप बैक्सन बी 36 का सेवन कर सकते हैं। अपनी समस्या से आराम मिलते ही इसके सेवन को बंद कर देना चाहिए। लेकिन खास ध्यान रखें की यह दवा गाइनेकोमैस्टिया का अस्थायी इलाज है। इसका असर खत्म होने के बाद आपकी समस्या फिर से शुरू हो सकती है। इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं जो आप इस दवा का इस्तेमाल करने के बाद खुद में अनुभव कर सकते हैं। ज्यादा परेशानी होने की स्थिति में डॉक्टर से मिलकर इस बारे में बात करनी चाहिए।  

कैल्केरिया फॉस 6x – Calcarea Phos 6x 

कैल्केरिया फॉस 6x भी गाइनेकोमैस्टिया का इलाज करने की एक प्रभावशाली होम्योपैथी दवा है। यह आपके बढ़े हुए स्तनों को बहुत ही आसानी से काफी कम समय में कम और खत्म कर सकता है। अगर गाइनेकोमैस्टिया के कारण आपका आत्मविश्वास काफी कम हो गया है, आप अपने दोस्तों के बीच मजाक का पात्र बन गए हैं, आपको अपने दोस्तों के सामने शर्ट उतारने में शर्म आती है, आप अपने दोस्तों के साथ स्विमिंग करने में शर्माते हैं या आप टी शर्त पहनने में अन्कंफर्टेबल महसूस करते हैं तो यह दवा आपकी सभी परेशानियों को दूर कर सकती है।

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यह दवा सबसे ज्यादा उन लोगों के लिए फायदेमंद होती है जिनका स्पाइनल कॉर्ड गाइनेकोमैस्टिया के कारण थोड़ा मुड़ जाता है एवं मरीज सामने की तरह हल्का झुक जाता हैं। अगर आप भी गाइनेकोमैस्टिया से पीड़ित हैं और इन लक्षणों को खुद में अनुभव करते हैं तो कैल्केरिया फॉस 6x का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस दवा की चार गोली को दिन में तीन बार सेवन करने से गाइनेकोमैस्टिया की समस्या ठीक हो सकती है। अगर आपको किसी चीज को लेकर एलर्जी है या आप पहले से ही किसी दूसरी दवा का सेवन करते हैं तो कैल्केरिया फॉस का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से एक बार अवश्य बात करें। 

काली म्यूर 6x और योहिम्बीनम क्यू – Kali Mur 6x & Yohimbinum Q    

अगर आप गाइनेकोमैस्टिया से पीड़ित हैं लेकिन आपको कोई भी इसके बड़े लक्षण नहीं हैं तो फिर काली म्यूर 6x और योहिम्बीनम क्यू आपके लिए इलाज का सबसे बेहतरीन उपाय हो सकते हैं। ये दोनों ही गाइनेकोमैस्टिया की समस्या को बहुत ही आसानी से खत्म कर सकते हैं। अपनी बीमारी का इलाज करने के लिए आप काली म्यूर 6x की चार गोलियों को दिन में तीन बार और योहिम्बीनम क्यू की दस बून्द को आधे कप पानी में डालकर दिन में तीन बार सेवन करना है। आमतौर पर डॉक्टर तीन महीने तक इन दोनों दवाओं का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। 

अगर आप गाइनेकोमैस्टिया के साथ साथ इसके गंभीर लक्षणों से भी परेशान हैं तो फिर आपको इन दवाओं की जगह दूसरी दवाओं का इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि ये दवाएं खासकर गाइनेकोमैस्टिया का उपचार करने के लिए हैं। इन दवाओं के सेवन या खुराक को लेकर किसी तरह का कोई कन्फ्यूजन हो तो आप डॉक्टर से मिलकर इस बारे में बात करनी चाहिए। 

होम्योपैथी दवाओं से फायदा नहीं होने पर क्या करें? 

कई बार होम्योपैथी की दवाओं का इस्तेमाल करने के बाद भी गाइनेकोमैस्टिया की समस्या पूर्ण रूप से खत्म नहीं होती है। ऐसे में डॉक्टर सर्जरी का सुझाव देते हैं। गाइनेकोमैस्टिया की ढेरों सर्जिकल प्रक्रियाएं हैं लेकिन लिपोसक्शन इन सब में सबसे बेहतर माध्यम माना जाता है। लिपोसक्शन मॉडर्न और अडवांस्ड इलाज का तरीका है।      

लिपोसक्शन सर्जिकल प्रक्रिया को शुरू करने से पहले डॉक्टर आपकी समस्या का निदान करते हैं जिसके दौरान वे आपके परिवार की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछ सकते हैं। उसके बाद वे आपकी शारीरिक जांच करते हैं जिसके दौरान वे स्तनों की जांच करने के साथ साथ जेनिटल्स की जांच भी करते हैं ताकि दूसरी बीमारियों के बारे में पता लगाया जा सके। इन सबके अलावा, आपके डॉक्टर एमआरआई स्कैन, सिटी स्कैन, एक्स-रे और ब्लड टेस्ट आदि करने का सुझाव भी दे सकते हैं।        

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जांच करने के बाद डॉक्टर लिपोसक्शन की प्रक्रिया को शुरू करते हैं। इस सर्जिकल प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर एरिओला के आस पास एक छोटा का कट लगाते हैं और फिर कैनुला का इस्तेमाल करते हुए जमा एक्स्ट्रा फैट को शरीर से बाहर निकाल देते हैं। जब लिपोसक्शन की प्रक्रिया खत्म हो जाती है तब डॉक्टर कट को बंद कर देते हैं।

गाइनेकोमैस्टिया का बेस्ट इलाज करने के अलावा, गाइनेकोमैस्टिया की लिपोसक्शन सर्जरी के दिन प्रिस्टीन केयर अपने मरीज को कैब फैसिलिटी देते हैं जो सर्जरी के दिन उन्हें घर से हॉस्पिटल और सर्जरी के बाद हॉस्पिटल से घर वापस छोड़ती है। मरीज के हॉस्पिटल पहुंचने से पहले उनके लिए प्रिस्टीन टीम की तरफ से एक केयर बड्डी मौजूद रहता है जो इलाज से जुड़े सभी पेपरवर्क को पूरा करता है। साथ ही इलाज के बाद जब तक मरीज हॉस्पिटल में रूकते हैं, केयर बड्डी उनकी देखरेख और सभी जरूरी चीजों का ख्याल रखता है।

दूसरे प्राइवेट हॉस्पिटल की तुलना में प्रिस्टीन केयर के यहां बवासीर का लिपोसक्शन सर्जरी द्वारा इलाज बहुत कम खर्चे में किया जाता है। साथ ही साथ यहां जीरो ईएमआई की सुविधा भी उपलब्ध है। प्रिस्टीन केयर सभी डायग्नोस्टिक टेस्ट पर 30% तक की छूट, गोपनीय परामर्श, डीलक्स रूम की सुविधा और सर्जरी के बाद फ्री फॉलो-अप्स की सुविधा भी देते हैं। साथ ही आप 100% इंश्योरेंस भी क्लेम कर सकते हैं। 

अगर आप गाइनेकोमैस्टिया से पीड़ित हैं और सभी तरह की दवाओं को आजमा चुके हैं, लेकिन फिर भी आपको फायदा नहीं हुआ है तो फिर आपको लिपोसक्शन सर्जरी का चुनाव करना चाहिए। यह आपकी बीमारी का सबसे सटीक और परमानेंट इलाज है। 

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|