पेशाब की नली में पथरी का कारण, लक्षण और इलाज

अविनाश को पता था कि उसे किडनी स्टोन है, फिर भी उसने इलाज करवाने में लापरवाही दिखाई। कुछ हफ्तों के बाद अविनाश को पेशाब करने में परेशानी होने लगी। अविनाश कहते हैं, “अचानक से मेरे पेशाब के रास्ते में जलन शुरू हो गई। जब मैं पेशाब करने गया तो यूरिन के रास्ते (Urinary Tract) में भयंकर दर्द होने लगा। मैं परेशान हो गया। मैंने तुरंत ही गूगल पर सर्च किया और ‘Pristyn Care’ में अपॉइंटमेंट बुक किया। इसके बाद मेरी मुलाकात डॉक्टर पंकज सरीन से हुई। जब डॉक्टर पंकज सरीन को मैंने पूरी बात बताई तो उन्होंने तुरंत ही जांच की सलाह दी।”

जांच के बाद यह पता चला कि पथरी किडनी से फिसल कर यूरिनरी ट्रैक्ट में अटक गई है और इसे निकालने के लिए सर्जरी करवानी पड़ेगी। ऐसा सुनकर अविनाश परेशान हो गए और उन्होंने उसी दौरान डॉक्टर रोहित से कई सवाल-जवाब किए। तब डॉक्टर रोहित ने उन्हें शांत होने को कहा और युरेट्रिक स्टोन से जुड़ी सभी बातें बताई।

डॉक्टर समझाते हैं, “जब पेशाब की नली में पथरी के कण आ जाते हैं तो इसे यूरेटर स्टोन (Ureter Stone) कहा जाता है। ये पत्थर किडनी स्टोन के कण होते हैं जो दोनों ही यूरेटर में जम जाते हैं। यूरेटर एक नली होती है जो किडनी और ब्लैडर (Bladder) को जोड़ती है। इसे मूत्र वाहिनी नली (Urinary Duct) भी कहा जाता है।

अगर यूरेटर स्टोन का आकार बड़ा है तो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। स्टोन बड़ा होने पर मूत्र वाहिनी ब्लॉक हो जाती है। ऐसा होने पर पेशाब नहीं निकलता है या फिर बूंद-बूंद करके निकलता है। यह दर्दनाक होता है तथा इससे इंफेक्शन भी फैल सकता है। युरेटर स्टोन की वजह से पेशाब करने में परेशानी होती है जिससे किडनी के ऊपर दबाव पड़ता है और किडनी के डैमेज होने का खतरा भी बढ़ जाता है।”

युरेट्रिक स्टोन के कारण — Causes of Ureteric Stone in Hindi

  • युरेट्रिक स्टोन तब होता है जब किडनी में मिनरल्स स्टोन (Minerals Stone) होते हैं। छोटे आकार के स्टोन तो मूत्र मार्ग से निकल जाते हैं ,लेकिन बड़े आकार के स्टोन यूरेटर में ही फंस जाते हैं जो यूरेटर स्टोन्स का कारण बनते हैं।
  • किडनी में पथरी होने पर इसे नजरंदाज नहीं करना चाहिए। किडनी की पथरी का इलाज करा लेने के बाद यूरेटर स्टोन नहीं होता है।
  • कम पानी पीने से भी यूरेटर स्टोन हो सकता है। शरीर में पानी की कमी हो जाने पर पेशाब गाढ़ा हो जाता है। पेशाब में मिनरल्स पाए जाते हैं जो गाढ़ा हो जाने पर यूरिन मार्ग में रूकावट बनते हैं। अधिकतर मामलों में मिनरल्स पहले किडनी में जमा होते हैं और फिर इनकी कुछ मात्रा  यूरिन मार्ग में फिसल कर रुकावट पैदा करती है। इससे यूरेट्रिक कोलिक (Ureteric Colic) भी हो सकता हैं। युरेट्रिक कोलिक होने पर पेट में असहनीय दर्द होता है। दर्द की वजह से सूजन भी हो सकता है। 
  • युरेट्रिक स्टोन आनुवंशिक भी हो सकता है। अगर परिवार के किसी सदस्य को यह बीमारी है तो आपको होने की संभावना बढ़ जाती है।

युरेट्रिक स्टोन के लक्षण — Symptoms of Ureteric Stone

  • यूरेटर स्टोन की वजह से पेशाब आसानी से नहीं निकल पाता है। पेशाब करते वक्त अधिक जोर देना पड़ता है जो दर्दनाक होता है। अगर पेशाब की सही मात्रा नहीं निकलता है और यूरिन मार्ग में दर्द होता है तो यह यूरेटर स्टोन की वजह से हो सकता है।
  • उल्टी और जी मिचलाना।
  • प्राइवेट पार्ट्स के आस-पास दर्द होना। यह दर्द इतना भयंकर हो जाता है कि चलने फिरने में भी परेशानी होती है। 
  • पेशाब के साथ लाल रंग के कण निकलना शुरू हो जाते हैं। साथ ही पेशाब के रास्ते  में जलन होती है। 

डॉक्टर को कब दिखाएं — When To See Doctor

अगर नीचे बताए गए लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए-

  • पेशाब करते समय दर्द।
  • पेशाब के साथ खून आना।
  • पेल्विक क्षेत्र में दर्द और तेज बुखार होना।
  • पेशाब के रंग और गंध में बदलाव आना। 
  • बार बार पेशाब करने की इच्छा होना लेकिन पेशाब नहीं निकलना।

ऊपर बताए गए लक्षण नजर आते हैं तो बिना देरी किए डॉक्टर से मिलें। नहीं तो यूरेट्रिक स्टोन का खतरा बढ़ जाएगा।

युरेट्रिक स्टोन की जांच — Diagnosis of Ureteric Stone in Hindi

सबसे पहले डॉक्टर लक्षणों के बारे में पूछते हैं। पेशाब से संबंधित किस तरह की परेशानियां होती हैं और कहां-कहां दर्द रहता है, इन जानकारियों को जानने के बाद डॉक्टर फिजिकल एग्जामिनेशन करते हैं। जांच के दौरान दर्द होने पर जांच करने से पहले डॉक्टर पेनकिलर दे सकते हैं।

अल्ट्रासाउंड टेस्ट — Ultrasound Test

अगर शरीर में युरेट्रिक स्टोन के लक्षण नजर आते हैं तो डॉक्टर अल्ट्रासाउंड टेस्ट कर सकते हैं। पथरी किडनी में है या मूत्र नली (Ureter) में, इसका पता अल्ट्रासाउंड से किया जा सकता है।

ब्लड टेस्ट — Blood Test

डॉक्टर खून की जांच भी कर सकते हैं। खून में यूरिक एसिड (Uric Acid) और कैल्शियम (Calcium) की कितनी मात्रा मौजूद है यह पता लगाना बहुत जरूरी होता है।

सीटी स्कैन – CT Scan

यूरेटर स्टोन मूत्र नली के किस भाग में है, इसकी सटीक जानकारी सीटी स्कैन से ली जा सकती है।

युरेट्रिक स्टोन का इलाज — Treatment of Ureteric Stone In Hindi

जब अविनाश के युरेटर का जांच हुआ तो हालत गंभीर थी और डॉक्टर ने देरी न करते हुए अविनाश को यूरेटेरोस्कोपी (Ureteroscopy) कराने की सलाह दी। अविनाश ने भी peshab ki nali me pathri ka ilaj करवाने के लिए हाँ कर दिया। लेकिन सर्जरी का नाम सुनते ही वह बहुत परेशान हो गया। तब डॉक्टर ने अविनाश को समझाया और कहा कि परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि सर्जरी आसान तरीके से की जाएगी जिससे परेशानी नहीं होगी।

डॉक्टर कहते हैं, “अगर यूरेटर में पथरी फंस गयी है तो इसे निकालने के लिए लेजर सर्जरी एक बेहतर विकल्प है। कई बार पथरी का आकार बहुत छोटा होता है तो यह खुद से ही फिसल कर निकल जाती है। लेकिन बड़े आकार का स्टोन खुद से नहीं निकल पाता है और अगर इसका इलाज न कराया गया तो कई बड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। यूरेट्रिक स्टोन के इलाज के लिए जो सर्जरी की जाती है उसे यूरेटेरोस्कोपी (Ureteroscopy) कहते हैं।”

सर्जरी से पहले Intravenous Pyelogram (एक प्रकार का एक्स-रे) की प्रक्रिया की जाती है। यह टेस्ट यूरेटर स्टोन की सटीक जगह का पता लगाता है। इस प्रक्रिया में Intravenous के जरिए शरीर के अंदर आयोडीन कंट्रास्ट सोलुशन (Iodine Contrast Solution) डाला जाता है। इसे शरीर के अंदर डालने के बाद ब्लैडर (Bladder), यूरेटर (Ureter) और किडनी की तस्वीर एक्स-रे में नजर आने लगती है। इन अंगों की साफ तस्वीर पाने के लिए कई सारे एक्स-रे अलग-अलग समय पर किए जाते हैं जिससे यूरिनरी नर्व्स (Urinary Nerves) की सारी तस्वीर मिल जाती है।

इस प्रक्रिया के बाद किडनी की कार्य क्षमता का भी पता लग जाता है। अगर दोनों किडनी सही से काम नहीं कर पा रही हैं तो इस टेस्ट से इसका भी पता लगाया जा सकता है। इस प्रक्रिया को करने के बाद यूरेटेरोस्कोपी (Ureteroscopy) की जाती है। यूरेटेरोस्कोपी की प्रक्रिया में यूरेट्रोस्कोप (ureteroscope) को मूत्रनली में डाला जाता है और डॉक्टर लेजर किरणों की मदद से पथरी को तोड़ देते हैं। इसे लेजर लिथोट्रिप्सी भी कहते हैं।

पथरी के टूट जाने के बाद मूत्रनली को खुला रखा जाता है। इसके लिए यूरेट्रिक स्टेंट का इस्तेमाल किया जाता है। मूत्रनली खुल जाने के बाद पथरी के टुकड़े पेशाब के साथ बाहर निकल जाते हैं। स्टेंट का इस्तेमाल करने से पथरी का एक भी टुकड़ा मूत्रनली में नहीं रहता है। सारे टुकड़े बाहर निकल आते हैं। निकली हुई पथरी के बारे में अधिक जानने के लिए इसे लैब में भेजा जा सकता है। 

सर्जरी के एक या दो दिन बाद हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी जाती है। लेकिन स्टेंट को मूत्रनली में लगा रहने दिया जाता है। इससे बचे हुए यूरेटर स्टोन बाद में निकल जाते हैं। एक महीने के बाद रोगी को अस्पताल में दोबारा बुलाकर स्टेंट निकाल दिया जाता है। इतना जानने के बाद अविनाश ने देरी न करते हुए सर्जरी करवा ली। अब अविनाश कहते हैं, “मैं डॉक्टर सौरभ का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने इतनी सरलता से मेरा ऑपरेशन किया। मैंने किडनी स्टोन को नजरंदाज करके बहुत बड़ी भूल की थी। लेकिन मैं अभी पूरी तरह से स्वस्थ हूं।”

यूरेट्रिक स्टोन से बचाव — Prevention From Ureteric Stone in Hindi

अंत में डॉक्टर ने अविनाश को युरेट्रिक स्टोन से बचने के लिए निम्निलिखित टिप्स दिए:-

  • अगर युरेट्रिक स्टोन से बचना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने जीवनशैली में सुधार लाएं।
  • खान-पान में विशेष ध्यान दें और कोई भी ऐसे पदार्थ का सेवन न करें जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
  • नमक का सेवन कम करें। इसमें सोडियम मौजूद होता है जिससे पथरी होने के चांसेस बढ़ जाते हैं।
  • ऑक्सलेट (Oxalate) युक्त पदार्थों का सेवन भी कम करना चाहिए। पालक और टमाटर में ऑक्सलेट की मात्रा बहुत अधिक होती है इसलिए इनका सेवन न करें।
  • मीट प्रोटीन और लाल मांस का सेवन पूरी तरह से बंद कर दें।
  • प्यूरिन (Purine) वाली चीजें कम से कम खाएं।
  • पानी का भरपूर सेवन यूरेटर स्टोन के खतरे को कम कर सकता है। दिन में 3 से 4 लीटर पानी पिएं।
  • अन्य तरल पदार्थ जैसे कि नारियल पानी, तरबूज का जूस आदि का सेवन करें।
  • आपके शरीर में तरल पदार्थों की कितनी जरूरत होती है और आप कितना तरल पदार्थ पीते हैं, इसका आंकड़ा आप खुद की पेशाब देखकर लगा सकते हैं। भरपूर पानी का सेवन करने से पेशाब का रंग सफेद होता है। हल्का पीला भी हो सकता है। अगर पेशाब का रंग गहरा पीला नजर आता है तो शरीर में पानी की कमी है। ऐसे में आपको अधिक पानी पीना चाहिए।

Pristyn Care से संपर्क करें

कई बार पेशाब नली की पथरी को पानी पीकर निकाला जा सकता है, लेकिन कई बार इसका आकार बहुत बड़ा होता है और उपचार में देरी करने से किडनी पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है। यदि आप इसका उचित निदान और सही उपचार जानना चाहते हैं तो हमारे डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। निदान के बाद हमारे डॉक्टर इसके उपचार की सही विधि बताएंगे, यदि आपको सर्जरी की आवश्यकता है तो यह भी बताया जाएगा।

Pristyn Care पेशाब नली की पथरी का लेजर उपचार करता है, जिसमें रोगी को कोई दर्द नहीं होता है और दूसरे दिन से रोगी अपने काम पर जा सकता है। उपचार करने वाले डॉक्टर अनुभवी होते हैं और वे Pristyn Care द्वारा दिए गए एडवांस उपकरण से उपचार करते हैं।

आप हमें कॉल कर सकते हैं या अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|