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प्रेगनेंसी में डायरिया एक और दुर्भाग्यपूर्ण समस्या है जो एक महिला अनुभव कर सकती है। 24 घंटे के भीतर तीन से अधिक बार ढीले और पानी जैसे मल त्याग होने कि स्थिति को मेडिकल की भाषा में डायरिया कहा जाता है। अगर एक गर्भवती महिला एक दिन में तीन या तीन से अधिक बार पतला, ढीला और पानी जैसा मल त्याग करती है तो उसके लिए सबसे आवश्यक है कि वह पर्याप्त मात्रा में पानी पीना पिए तथा खुद को हाइड्रेट रखने की कोशिश करें। क्योंकि डायरिया होने पर शरीर से अधिक मात्रा में पानी निकलता है। इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो। गर्भावस्था के दौरान शरीर में विभिन्न शारीरिक और हार्मोनल परिवर्तन के कारण, अधिकांश महिलाएं अपनी गर्भावस्था में डायरिया की शिकायत करती हैं।  

प्रेगनेंसी में डायरिया क्यों होता है?

जब एक महिला को पहली बार पता चलता है कि वह प्रेगनेंसी है तो वह अपने आहार में अचानक बदलाव कर सकती हैं, ताकि वह इस बात को सुनिश्चित कर सके कि उसके बच्चे को आवश्यक पोषक तत्व मिल रहे हैं। आहार में अचानक परिवर्तन कभी-कभी पेट को परेशान कर सकता है और डायरिया का कारण बन सकता है। 

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कुछ मामलों में गर्भावस्था के हार्मोन पाचन प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं, जिसके कारण डायरिया की समस्या पैदा हो सकती है। हर गर्भवती महिला इस तरह के हार्मोनल परिवर्तनों से गुजरती है, लेकिन कुछ महिलाएं डायरिया को गर्भावस्था की शुरुआत में ही अनुभव करती हैं। कई बार बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण भी एक गर्भवती महिला डायरिया का अनुभव कर सकती है।     

प्रेगनेंसी में डायरिया सामान्य क्यों है?

प्रेगनेंसी में डायरिया की शिकायत होना आम बात नहीं है, लेकिन काफी महिलाएं अपनी गर्भावस्था में इस परेशानी का सामना करती हैं। जरूरी नहीं है कि गर्भावस्था में डायरिया का कारण गर्भावस्था ही हो। कई बार दूसरे भी कई कारणों से एक गर्भवती महिला को डायरिया हो सकता है। गर्भावस्था में डायरिया होने के दूसरे कारण निम्नलिखित हैं।

  • वायरस (Virus)
  • बैक्टीरिया (Bacteria)
  • पेट दर्द (Stomach Flu)
  • दवाओं का सेवन (Medications)      
  • विषाक्त भोजन (Food poisoning)
  • आंत्र परजीवी (Intestinal parasites)

इन सबके अलावा, इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome), क्रोहन्स डिजीज और अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसे बीमारियां भी डायरिया को गर्भावस्था में सामान्य समस्या बनाने का काम कर सकती हैं।

गर्भावस्था में डायरिया से संबंधित दूसरे भी कारण हैं, जिनमें निम्नलिखित चीजें शामिल हैं:-

आहार में परिवर्तन

कई महिलाएं अपनी गर्भावस्था के बारे में पता लगने पर अपने आहार में अचानक से बदलाव लाती हैं। भोजन में अचानक बदलाव लाने से पेट खराब हो सकता है और संभावित रूप से डायरिया हो सकता है।

नए खाद्य पदार्थों के प्रति संवेदनशीलता 

गर्भावस्था के शुरुआती हफ्तों में भी खाद्य पदार्थ के प्रति संवेदनशीलता सामान्य होती है। जिन खाद्य पदार्थों ने कभी एक महिला को परेशान नहीं किया, वे उनकी गर्भावस्था में गैस, सूजन या डायरिया का कारण हो सकते हैं। उन खाद्य पदार्थों पर ध्यान दें जिनके प्रति आप संवेदनशील हैं और डॉक्टर से परामर्श करके इस बात की पुष्टि करें कि आपको उन खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए या नहीं।

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प्रसवपूर्व विटामिन

प्रसवपूर्व विटामिन का सेवन करना गर्भवती महिला के साथ-साथ उसके बच्चे के बढ़ते स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। लेकिन यह भी सच है कि विटामिन महिला के पेट को परेशान कर सकता है और अंतत डायरिया का कारण भी बन सकता है। 

हार्मोन में बदलाव 

हार्मोन में बदलाव गर्भवती महिला के पाचन तंत्र को धीमा कर सकते हैं, इसलिए गर्भावस्था में कब्ज एक आम जोखिम है। कई बार हार्मोन में आने वाले बदलाव आपके पाचन तंत्र को तेज भी कर सकते हैं, जो डायरिया का कारण बन सकता है। 

प्रेगनेंसी में डायरिया के लक्षण 

डायरिया तब होता है जब किसी को बार-बार मल त्याग होता है और सामान्यता की तुलना में निरंतरता में कमी होती है। प्रेगनेंसी में डायरिया के निम्नलिखित लक्षण हैं।  

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  • सूजन होना (Bloating)
  • पेट में दर्द होना (Stomach pain)
  • पेट में ऐंठन होना (Stomach cramp)
  • बार-बार थोड़े समय पर मल त्याग करने कि जरूरत महसूस होना 
  • एक दिन में तीन से अधिक बार ढीला, पतला या पानी जैसा मल त्याग होना

प्रेगनेंसी में आंत्र विकार

जब डायरिया पुराना हो जाता है तथा गंभीर रूप ले लेता है, तब यह इस बात कि ओर इशारा कर सकता है कि इसके पीछे का कारण कुछ और है गर्भावस्था नहीं। प्रेगनेंसी में पुरानी डायरिया निम्नलिखित आंत विकार का संकेत हो सकती हैं।

  • सीलिएक रोग
  • इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम
  • आंतों के बैक्टीरिया कि छोटी अतिवृद्धि
  • इंफ्लेमेटरी बोवेल डिजीज जैसे कि क्रोहन्स डिजीज या अल्सरेटिव कोलाइटिस 

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ऊपर बताई गई समस्याएं दूसरे लक्षणों का कारण बन सकती हैं। जैसे कि:-

  • पेट में गैस होना (Gas)
  • वजन कम होना (Weight loss)
  • एनीमिया की शिकायत होना (Anemia)
  • मितली और उल्टी होना (Nausea and vomiting)
  • थकान और कमजोरी होना (Fatigue and weakness)
  • त्वचा और जोड़ों में समस्याएं होना (Skin and joint problem)     
  • पेट में दर्द और सूजन होना (Abdominal pain and bloating)

अगर आपको गर्भावस्था में डायरिया के साथ-साथ दूसरे भी लक्षण दिखाई दें तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलकर इस बारे में बात करें। 

प्रेगनेंसी में डायरिया के दूसरे कारण 

प्रेगनेंसी में डायरिया के और भी दूसरे ढेरों कारण हो सकते हैं। जैसे कि:-

  • एलर्जी (Allergy) 
  • तनाव या चिंता (Stress or anxiety) 
  • खाद्य असहिष्णुता (Food intolerance)
  • किसी प्रकार कि दवा का सेवन (Certain medications)
  • खान-पान में अचानक से बदलाव (Sudden change in diet)

प्रेगनेंसी में डायरिया के घरेलू उपाय 

एक गर्भवती महिला अपने शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर डायरिया की रोकथाम कर सकती है। प्रेगनेंसी में डायरिया होने पर विशेषज्ञ इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर निम्नलिखित तरल पदार्थों को पीने का भी सुझाव देते हैं।

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  • शोरबे (Broths)
  • फलों का रस (Fruit juice)
  • कैफीन मुक्त सोडा ( Caffeine-free soda)
  • हेल्दी स्पोर्ट्स ड्रिंक्स (Healthy sports drink)

प्रिस्टीन केयर के स्त्री रोग विशेषज्ञ प्रेगनेंसी महिलाओं को डायरिया के कारण खोए हुए इलेक्ट्रोलाइट्स को फिर से पाने के लिए हल्के और मुलायम (Bland diet) खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह देते हैं। ब्लैंड डाइट में निम्नलिखित चीजें शामिल हैं:-

  • चावल (Rice)
  • टोस्ट (Toast)
  • केला (Banana)
  • सादा आलू (Plain potatoes)
  • सेब की चटनी (Apple sauce)
  • सैलेटाइन क्रैकर्स (Saltine crackers)

साथ ही, शुगर और फैट से भरपूर खाद्य पदार्थ की चीजें जैसे कि डेयरी उत्पाद और कैफीन ड्रिंक्स के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि ये आपकी डायरिया को और खराब कर सकते हैं।    

डॉक्टर से कब मिलें?

प्रेगनेंसी के दौरान डायरिया गंभीर निर्जलीकरण (Dehydration) और कुपोषण (Malnutrition) का कारण बन सकता है। यह महिला के साथ-साथ उसके गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिए भी हानिकारक हो सकता है। 

अगर आप नीचे दिए हुए किसी भी लक्षण को खुद में अनुभव करती हैं तो आपको तत्काल चिकित्सा सुविधा लेनी चाहिए। 

  • मुंह सूखना 
  • प्यास लगना 
  • बार-बार उल्टी होना
  • बार-बार पेशाब आना
  • पेशाब का रंग काला पड़ना
  • स्टूल के साथ पस या खून आना 
  • मलाशय या पेट में गंभीर दर्द होना
  • अगर डायरिया दो दिन पुराना हो जाए तो  
  • सिर हल्का महसूस करना या चक्कर आना 
  • शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन होना
  • 39 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक का बुखार होना
  • 24 घंटे के अंदर 6 या अधिक बार ढीला मल त्याग होना 

प्रिस्टीन केयर के पास बहुत ही अनुभवी और कुशल स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं जो प्रेगनेंसी से संबंधित हर तरह कि परेशानी को कम समय में बहुत ही आसानी से ठीक कर सकते हैं। अगर आपको प्रेगनेंसी के दौरान किसी प्रकार कि कोई दिक्कत या परेशानी है तो हमारे बेहतरीन स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर आप अपनी समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।       

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|