Period Me Black Blood Aana in Hindi

पीरियड्स क्या है (What is periods in Hindi) 

पीरियड्स महिलाओं के जीवन का एक बहुत ही अभिन्न हिस्सा (Integral Part) है। कुछ महिलाओं में यह तीन से चार दिन तक रहता है तो कुछ महिलाओं में यह पांच से छह दिन। यह एक ऐसा समय (Situation) होता है जिससे ना चाहते हुए भी हर एक महिला को गुजरना पड़ता है। इस स्थिति से गुजरने पर पूरे शरीर में दर्द (Pain) और कब्ज (Constipation) होता है। 

पीरियड्स आने से कुछ दिन पहले से ही महिलाओं की भावनाओं में  चेंजेज (Emotional Changes) आने शुरू हो जाते हैं। कुछ महिलाएं चिड़चिड़ापन (Irritation) महसूस करती हैं, कुछ निराशा (Despair) महसूस करती हैं, कुछ को बात बात पर गुस्सा (Anger) या रोना आता है तो कुछ अवसाद (Depression) में चली जाती हैं। कुछ महिलाओं को पता होता है कि उनके साथ क्या हो रहा है लेकिन ज्यादातर को इस बात के बारे में पता नहीं होता है कि उनके साथ क्या हो रहा है। 

पीरियड्स का प्रभाव (Effect) हर महिला पर अलग अलग तरह से होता है और इसकी परेशानी (Problems) भी अलग अलग हो सकती है। लेकिन यह सभी महिलाओं में कॉमन (Common) बात है। 

आमतौर पर जायदातर लोगों को यही लगता है कि पीरियड्स के खून का रंग लाल (Red) होता है लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है। अगर आप गौर करेंगे तो आपको यह समझ में आएगा कि पीरियड्स के खून का रंग लाल के अलावा भूरा (Brown), गुलाबी (Pink), नारंगी (Orange), केसरी (Saffron), ग्रे या काले (Gray or Black) रंग का भी होता है। 

पीरियड्स में आने वाले खून के रंग (Colors of Period Blood in Hindi)

स्त्री रोग विशेषज्ञों (Gynaecologist) का यह मानना है कि पीरियड्स के दौरान आने वाले खून का रंग आपके शरीर में मौजूद बीमारियों (Diseases) का संकेत (Indication) देते हैं। इसलिए इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि आपके पीरियड्स के दौरान कौन से रंग का खून आ रहा है।

तो आइए जानते हैं पीरियड्स के दौरान आने वाले खून के रंग और उनसे जुडी दूसरी बातों के बारे में जो आपके लिए फ़ायदेमंद साबित हो सकती हैं। 

काले रंग का खून आना (Black Blood During Period in Hindi)

पीरियड्स के दौरान काले रंग का खून आना एक सीरियस प्रॉब्लम (Serious Problem) की तरफ इशारा करता है जिसमें फाइब्रॉइड (Fibroid) और एंडोमेट्रिओसिस (Endometriosis) जैसी बीमारियां शामिल हैं। पीरियड्स के समय ऐसा होने की वजह से आपको बहुत दर्द और तकलीफ हो सकती है। 

पीरियड्स के दौरान जिन्हे काले रंग का खून आता है उन्हें ब्लड क्लॉटिंग (Blood Clotting) की परेशानी होती है और साथ ही उनका प्रेगनेंट (Pregnant) होना भी बहुत मुश्किल हो जाता है।   

एंडोमेट्रिओसिस काम करने वाली महिलाओं से जुडी एक समस्या है। इस स्थिति में यूटेरस (Uterus) के अंदर रहने वाली एंडोमेट्रियल कोशिकाएं (Endometrial Cells) यूटेरस के बाहर बनने लगती हैं जिसकी वजह से बहुत तेज दर्द (Excruciating Pain) होना शुरू हो जाता है। और इसका सबसे पहला लक्षण (Chief Symptom) पीरियड्स और सेक्स (Sex) के दौरान तेज दर्द होना है।  

लाल रंग का खून आना  (Red Blood During Period in Hindi)

पीरियड्स के दौरान खून के रंग का लाल होना अच्छी बात है। यह किसी भी खतरे (Danger) का कोई संकेत (Indication) नहीं है। बल्कि पीरियड्स के खून का लाल होना इस बात की ओर इशारा करता है कि आप पूरी तरह से स्वास्थ (Healthy) और सेहतमंद हैं और कभी भी गर्भ धारण (Conceive) कर सकती हैं। 

लाल रंग का खून नए खून (New Blood) का प्रतिक (Symbol) होता है। कभी कभी हेवी ब्लीडिंग (Heavy Bleeding) के बाद यह हल्के लाल रंग (Light Red Color) का भी हो जाता है। यह पीरियड्स के दूसरे दिन दिखाई देता है। विशेषज्ञ (Experts) का यह मानना है कि यह रंग आमतौर पर उन्हें देखने को मिलता है जिनकी पीरियड्स साइकल (Periods Cycle) लंबी होती है।  

गुलाबी रंग का खून आना  (Pink Blood During Period in Hindi)

पीरियड्स के दौरान खून के रंग का गुलाबी होना का यह मतलब है कि आप पौष्टिक आहार (Nutritious Food) नहीं ले रहे हैं या फिर आपका एस्ट्रोजन लेवल (Estrogen Level) कम हो गया है। इस स्थिति में आपको ज्यादा आयरन (Iron) वाले फूड्स (Foods) खाने चाहिए और साथ ही साथ अपनी लाइफस्टाइल (Lifestyle) को बदलकर बेहतर भी बनानी चाहिए। इससे हेल्थ (Health) पर पॉजिटिव असर (Positive Effect) पड़ता है। 

ब्राउन रंग का खून आना (Brown Blood During Period in Hindi)

ब्राउन कलर पुराने खून का प्रतीक (Symbol of Old Blood) है। यह खून लंबे समय तक यूटेरस (Uterus) में जमा (Stored) के बाद पीरियड्स के जरिए शरीर से बाहर आ जाता है। आमतौर पर इस तरह का खून सुबह के समय देखने को मिलता है।   

अगर इस खून के साथ आपको दर्द या ब्लड क्लॉटिंग (Blood Clotting) होता है तो यह इस बात की तरफ इशारा करता है कि शायद आपको इंफेक्शन (Infection) हो गयी है। अगर इस खून के साथ बदबू (Odor) भी आ रही हो तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए क्योंकि इस स्थति में आपकी हालत गंभीर (Serious) हो सकती है। 

नारंगी रंग का खून आना (Orange Blood During Period in Hindi) 

पीरियड्स के दौरान कई बार महिलाओं को नारंगी या केसरी रंग का खून आता है। आमतौर पर ऐसा तब होता है जब खून यूटेरस (Uterus) के ऊपरी हिस्से में मौजूद लिक्विड (Liquid) के साथ मिलकर बाहर निकलता है। 

पीरियड्स के दौरान इस रंग के खून का आना स्वस्थ के लिए गलत माना (Bad for Health) जाता है। साथ ही साथ अगर इस खून से बदबू (Odor) आ रही हो तो आपको जल्दी डॉक्टर से मिलना चाहिए क्योंकि आपको इंफेक्शन (Infection) होने का खतरा हो सकता है। डॉक्टर जांच करने के बाद (Post Examination) इस बात को क्लियर (Clear) कर देंगे कि आप को क्या समस्या (Problem) है। 

खून का थक्का बनना (Blood Clotting During Period in Hindi) 

ऊपर लिखी हुई बातों के अलावा दूसरी भी काफी चीजे हैं जो एक महिला के शरीर में पीरियड्स के दौरान होती हैं और उनमे से एक खून का थक्का बनना है। हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance) की वजह से पीरियड के दौरान आ रहे खून का रंग हल्का लाल हो सकता है जो ओवरियन सिस्ट (Ovarian Cyst) की तरफ इशारा करता है। 

यूटेरस के अंदर जमी परत निकल जाने की वजह से खून में नॉर्मल साइज (Normal Size) के थक्के (Blood Clotting) बन जाते हैं। लेकिन अगर इनका साइज बड़ा हुआ तो यह खतरनाक साबित हो सकते हैं। 

इसकी वजह से पीरियड्स के फ्लो में अचानक से बदलाव (A sudden change in the flow of periods), गर्भपात (Abortion), इंफेक्शन (Infection) या कोई दूसरी बीमारी हो सकती है। साथ ही साथ अगर थक्कों के साथ थकान (Tiredness) और कमजोरी (Weakness) हो तो आपको एनीमिया (Anemia) भी हो सकता है। जिसकी वजह से आपका शरीर ऑक्सीजन (Oxygen) से भरी जरुरत मुताबिक़ लाल खून की कोशिकाओं (Red Blood Cells) को बना नहीं पता है।

ऐसी स्थिति में डॉक्टर से मिलना और समय पर इलाज कराना हमेशा बेहतर होता है।       

पीरियड्स से संबंधित परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क करें (Contact a doctor if you have periods related problems)

पीरियड्स का समय पर आना अच्छा संकेत है लेकिन कई बार कुछ कारणों कि वजह से इसमें अनियमितता आ जाती है। अगर आपके पीरियड्स निर्धारित समय पर नहीं आ रहे हैं, अगर इसके दौरान सामान्य से अधिक या कम ब्लीडिंग हो रही है, अगर ब्लीडिंग के दौरान खून के रंग में बदलाव दिखाई देता है, अगर ब्लीडिंग के साथ बदबू आती है या योनि में खुजली होती है तथा ऐसी दूसरी किसी भी तरह कि कोई समस्या या परेशानी होती है तो आपको तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर उन्हें अपनी प्रॉब्लम के बारे में बताना चाहिए। 

स्त्री रोग विशेषज्ञ आपकी जांच करने के बाद कुछ दवा, क्रीम, जेल या इलाज के दूसरे माध्यम का सुझाव देती हैं। जिससे आपकी समस्या खत्म हो जाती है। प्रिस्टीन केयर के पास बहुत ही अनुभवी और कुशल स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं जिन्हे पीरियड्स, फर्टिलिटी और प्रेगनेंसी में सालों का अनुभव प्राप्त है। ये आपकी समस्याओं का सटीक इलाज बताएंगी।

और पढ़ें:

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|