fissure ke liye Patanjali dawa

गुदा मार्ग के आस-पास के क्षेत्र में कोई कट या दरार फिशर कहलाता है। वैसे तो यह दर्द नहीं देता है लेकिन, मल त्याग के दौरान या उठते-बैठते समय इसकी पीड़ा असहनीय होती है। वी तो फिशर के बहुत सारे इलाज हैं लेकिन, इसे आयुर्वेद की मदद से भी ठीक किया जा सकता है। आयुर्वेद के क्षेत्र में बाबा रामदेव का नाम भूल जाना गलत है। 

पतंजलि योगपीठ को चलाने वाले बाबा रामदेव ने फिशर के लिए पतंजलि दवा भी तैयार की है। ये दवाइयाँ अप्रत्यक्ष रूप से कुछ ही दिनों में फिशर को ख़त्म कर सकते हैं बशर्ते, फिशर की स्थिति सामान्य हो।

फिशर के लिए पतंजलि में उपचार और दवा – Treatment and Tablet of Fissure in Patanjali in Hindi

पतंजलि की दवाइयां बहुत ही प्रभावी होती है लेकिन, रोगों को ठीक करने के लिए इन्हें अधिक समय लगता है। आप नीचे दी गई दवाइयों को किसी भी पतंजलि स्टोर से आसानी से खरीद सकते हैं और फिशर का इलाज कर सकते हैं। 

1. कायाकल्प वटी (kayakalp vati)

यह आयुर्वेदिक दवा पुराने रोगों को जड़ से खत्म कर सकती है। यह त्वचा से जुड़े बहुत से रोगों को ठीक कर सकती है। इसकी मदद से बवासीर, एनल फिशर, और यीस्ट इन्फेक्शन दूर हो जाता है। इसमें डिटॉक्सिफिकेशन, एंटी-एक्ने, एंटी-फंगल, सूजनरोधी और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। 

कुछ मामलों में इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। जैसे-

  • पित्त नली में रुकावट होने पर
  • स्तनपान कराने वाली महिला को
  • गर्भावस्था के दौरान
  • यदि अंग प्रत्यारोपण होने वाला है
  • सर्जरी से दो हफ्ते पहले

पढ़ें- फिशर के लिए योगासन

2. अर्शकल्प वटी (arshkalp vati)

बवासीर को जड़ से ख़तम करने वाली अर्शकल्प वटी टेबलेट का इस्तेमाल फिशर से छुटकारा पाने के लिए भी किया जाता है। इसके इस्तेमाल से ब्लड सर्कुलेशन दुरुस्त रहता है और कब्ज की शिकायत से राहत मिलती है। अगर आप इसका नियमित इस्तेमाल करते हैं तो आपको फिशर से जरूर राहत मिलेगा। 

इसका सेवन करने से आपको तुरंत लाभ नहीं मिलेगा बल्कि, कुछ समय लगेगा। लेकिन, ध्यान रहे जब आप इसका कोर्स ले रहे हों तब इसके सेवन में कोई गैप न करें। अन्यथा, यह कोई फायदा नहीं प्रदान करेगी।

3. इशबगोल की भूसी (isabgol husk)

पतंजलि की इशबगोल भूसी मल को कोमल करती है और कब्ज से राहत प्रदान करती है। इसके नियमित सेवन से बवासीर और फिशर जैसी गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। इसमें फाइबर उच्च मात्रा में पाया जाता है। अगर कोई व्यक्ति पाइल्स और फिशर से पीड़ित है तो इस दवा के सेवन से उस दौरान होने वाले दर्द से राहत पा सकता है। 

पांच से दस ग्राम पाउडर पानी या दूध के साथ खाएं। सूखा पाउडर न खाएं। इसके साथ यह दवा उन लोगों के लिए वर्जित है जिन्हें पेट दर्द होता है, आँतों में रुकावट है या फिर किसी दवा के सेवन के कारण कब्ज होता है।

पढ़ें- फिशर के घरेलू इलाज

4. एलोवेरा जेल (aloe vera gel)

फिशर से प्रभावित क्षेत्र में एलोवेरा जेल लगाकर आप होने वाले जलन और दर्द को कम कर सकते हैं। इसके अलावा इसका इस्तेमाल चेहरे से जुड़ी कई समस्याओं जैसे- झाइयाँ, फुंसियाँ आदि को ठीक करने में भी किया जाता है। यह आपको किसी भी पतंजलि स्टोर में आसानी से प्राप्त हो जाएगा।

5. त्रिफला चूर्ण (triphala churna)

इस दवा का इस्तेमाल लम्बे समय से पेट से जुड़ी कई समस्याओं के लिए उपयोग होता आ रहा है। विशेष तौर पर इसे कब्ज से राहत पाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पतंजलि का त्रिफला चूर्ण बवासीर और फिशर से राहत दिलाने के लिए उपयोग होता है।

डोज मिस होने या ओवरडोज होने पर क्या करें?

अगर फिशर के लिए किसी भी पतंजलि दवा का इस्तेमाल करते है तो उसका डोज मिस न करें। डोज मिस करने से ये दवाइयाँ फायदा नहीं करती हैं। आइये डोज और ओवरडोज पेर कुछ बात्वं जानते हैं-

  • अगर आज अपना डोज भूल गए हैं तो एक साथ दो टेबलेट न खाएं। बल्कि, दूसरे दिन से अपने डोज को शुरू करें।
  • कोई भी दवा कि ओवरडोज न करें। हालांकि, आयुर्वेदिक बूटियों के इस्तेमाल के चलते इनके ज्यादा साइड-इफ़ेक्ट देखने को नहीं मिलेंगे। लेकिन, अगर हर रोज आप ओवरडोज लेते हैं तो इससे बड़ी समस्या हो सकती है।  अगर आपने ओवर डोज ले लिया है और आपके स्वास्थ्य में कोई परिवर्तन है तो तुरंत ही डॉक्टर से सलाह लें।

पढ़ें- फिस्टुला और फिशर में क्या अंतर है?

एक सच- “हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, रामदेव के पतंजलि उत्पाद, कुछ प्रोडक्ट्स के क्वालिटी स्टैंडर्ड्स को पूरा करने में फ़ैल हो गए थे। जब तक स्टैंडर्ड्स को सुधारा नहीं गया था तब तक उन उत्पादों की बिक्री को एक निश्चित समय के लिए बंद कर दिया गया था।”

एनल फिशर का इलाज करने के लिए लेजर सर्जरी एक अच्छा आप्शन है

अगर पतंजलि उत्पादों की मदद से आपका फिशर नहीं ठीक हो रहा है तो लेजर सर्जरी एक अच्छा आप्शन हो सकती है। आइये दोनों में कुछ अंतर जानते हैं।

फिशर के लिए पतंजलि दवाफिशर के लिए लेजर ट्रीटमेंट
इलाज की प्रक्रिया लंबी होती है, कई बार इलाज हो ही नहीं पाता हैएक घंटे में फिशर ठीक हो जाता है
हर प्रकार के फिशर को ठीक नहीं कर पातालेजर से हर तरह के फिशर ठीक हो जाते हैं
ओवरडोज या डोज मिस हो सकता हैपूरी प्रक्रिया एक्सपर्ट करते हैं जिससे कोई परेशानी नहीं होती
दोबारा होने की संभावना ज्यादा होती हैदोबारा होने की संभावना बिल्कुल नहीं होती है
सक्सेस रेट कम होता हैसक्सेस रेट ज्यादा होता है
पूरी प्रक्रिया में टाइम लगता है2 दिन में काम पर जा सकते हैं और 2 सप्ताह में पूरी रिकवरी हो जाती है

अगर आप फिशर को पतंजलि दवा कि मदद से ठीक कर पाने में विफल रहे हैं तो Pristyn Care की मदद से लेजर सर्जरी करवा सकते हैं। हम अपने पेशेंट को कई तरह की सुविधाएं देते हैं। जैसे-

  • सभी प्रकार के इंश्योरेंस का 100% लाभ
  • गुप्त परामर्श
  • डायग्नोसिस टेस्ट में 30% तक की छूट
  • आरामदायक कमरे में इलाज
  • एडवांस टेक्नोलॉजी से इलाज
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