महिलाओं व पुरुषो में खतना
महिलाओं का खतना — Circumcision of Women in Hindi
-
- खतना सिर्फ पुरुषों में ही नहीं, बल्कि महिलाओं में भी किया जाता है।
- महिलाओं में यह प्रक्रिया योनि की बाहरी त्वचा को काटने के रूप में की जाती है।
- महिलाओं में खतना का कोई चिकित्सीय लाभ नहीं होता, बल्कि इससे कई समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
खतना के बाद:
- खून बहने की संभावना रहती है, जिससे शरीर में खून की कमी हो सकती है।
- ओवरी में गांठ,
- यूरिन संक्रमण, और
- पेशाब से जुड़ी परेशानियाँ हो सकती हैं।
- कई बार पेशाब करते समय तेज दर्द भी महसूस होता है।
- प्रायः लड़कियों का खतना 15 साल की उम्र से पहले ही कर दिया जाता है।
- आज समाज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, लेकिन कुछ रूढ़िवादी लोग अभी भी महिलाओं के खतना को सही मानते हैं।
- हमें समाज की इस सोच को बदलना चाहिए और महिलाओं के खतना के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
पुरुषों का खतना — Circumcision of Men in Hindi
पुरुष के खतना के दौरान लिंग के बाहर की स्किन को काटकर निकाल दिया जाता है। बच्चों का खतना करने में ज्यादा से ज्यादा 10 मिनट का समय लगता है। ग्रामीण इलाकों में बच्चों का खतना करते वक्त किसी प्रकार के एनेस्थीसिया (Anesthesia) (बेहोश करने वाली दवा) का उपयोग नहीं किया जाता है। सभी प्रकार के रस्म के साथ पुरुषों का खतना करने में लगभग 1 घंटे का समय लगता है।
हालांकि, तकनीकीकरण के कारण खतना करने की मॉडर्न विधि (लेजर और स्टेपलर) आ चुकी है और इनके जरिए खतना 10 से 20 मिनट में ही हो जाता है। वहीं बच्चा या पुरुष अगले दिन से ही अपने काम पर जा सकता है, क्योंकि कोई रक्तस्त्राव नहीं होता है। 20 सप्ताह के भीतर रोगी का लिंग सेक्स के लिए तैयार हो जाता है, हालांकि सेक्स करने के पहले एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
खतना करवाने के बाद बच्चे का विशेष ख्याल रखना होता है। स्वास्थ्य विभाग इस बात से सहमत हैं कि छोटे बच्चों का खतना उनके लिए अच्छा है। इसके अलावा फाइमोसिस (phimosis) की समस्या होने पर या लिंग में संक्रमण की स्थिति में भी खतना कर दिया जाता है। फाइमोसिस में लिंग की ऊपरी त्वचा कठोर हो जाती है।