कैल्शियम फॉस्फेट स्टोन (Calcium Phosphate stone) एक प्रकार का किडनी स्टोन है, जो बहुत कम लोगों को प्रभावित करता है। यदि समय पर इस रोग का निदान और इलाज हो तो किडनी फेलियर या गुर्दे की कार्यक्षमता में क्षति जैसे गंभीर जटिलताओं से आसानी बचा जा सकता है। गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए हमारे टीम से संपर्क कर अनुभवी मूत्र रोग विशेषज्ञ से अभी परामर्श प्राप्त करें।
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गुर्दे में दो प्रकार की पथरी होती है और कैल्शियम फॉस्फेट स्टोन उनमें से एक प्रकार की पथरी है जो बहुत कम लोगों को प्रभावित करती है। इस प्रकार की पथरी सामान्य तौर पर जल्दी बनती है और इनका आकार भी बहुत ज्यादा होता है। कैल्शियम फॉस्फेट स्टोन के बनने के सटीक कारण का पता अभी भी नहीं चला है, लेकिन सामान्य तौर पर इस रोग का संबंध मूत्र में पीएच (pH) के उच्च स्तर से है।
कैल्शियम फॉस्फेट स्टोन के कारण आपको कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं जैसे – बुखार, तेज दर्द, उल्टी, चक्कर आना, ठंड लगना इत्यादी। यदि आप भी इन लक्षणों का सामना कर रहे हैं, तो आपको तुरंत प्रिस्टीन केयर के मूत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।
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प्रिस्टीन केयर भारत में स्वास्थ्य के संदर्भ में एक उभरता हुआ नाम है, जो अलग अलग रोग के लिए सर्वश्रेष्ठ इलाज एवं निदान प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं। हमारे पास कुछ ऐसे मूत्र रोग विशेषज्ञ हैं, जो किडनी स्टोन का इलाज एवं निदान उच्च सफलता दर के साथ कर सकते हैं। आपके रोग का सर्वश्रेष्ठ इलाज का सुझाव देने से पहले हमारे सर्वश्रेष्ठ मूत्र रोग विशेषज्ञ हर प्रकार के निदान कराते हैं, जिससे इलाज की योजना बेहतर हो जाती है। इसके साथ साथ हमने कुछ बेहतरीन अस्पतालों के साथ साझेदारी की है, जो गुर्दे की पथरी के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हैं। वह सभी अस्पताल हर प्रकार के सुख सुविधाओं से लैस है। नीचे कुछ कारण दिए गए हैं, जो दर्शाते हैं कि गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए आपको प्रिस्टीन केयर को क्यों चुनना चाहिए –
यदि आप गुर्दे की पथरी का सर्वश्रेष्ठ और किफायती इलाज कराना चाहते हैं तो तुरंत प्रिस्टीन केयर से संपर्क करें।
निदान – कैल्शियम फॉस्फेट स्टोन के निदान के लिए डॉक्टर कुछ इमेजिंग परीक्षण का सुझाव दे सकते हैं, जैसे – एक्स-रे और एमआरआई। इस परीक्षण का एकमात्र उद्देश्य पथरी की छवि बनाना है। इस परीक्षण के द्वारा आपके पेट में मौजूद पथरी के आकार और स्थान का पता लगाया जा सकता है। कुछ मामलों में डॉक्टर सीटी स्कैन का भी सुझाव दे सकते हैं।
रक्त परीक्षण – इस परीक्षण के द्वारा रक्त में मौजूद अन्य तत्वों की जानकारी मिल सकती है। सामान्य तौर पर डॉक्टर आपके रक्त में फास्फोरस, कैल्शियम और एसिड जैसे तत्वों के स्तर की जांच करते हैं।
ब्लड यूरिया नाइट्रोजन और क्रिएटिनिन टेस्ट – इस परीक्षण के द्वारा डॉक्टर आपके रक्त में मौजूद नाइट्रोजन के स्तर के बारे में जांच करते हैं। यदि नाइट्रोजन का स्तर ज्यादा पाया जाता है, तो यह दर्शाता है कि आपके रक्त में यूरिया की मात्रा अधिक है।
मूत्र परीक्षण – सामान्य तौर पर इस परीक्षण का मुख्य उद्देश्य क्रिस्टल, बैक्टीरिया और अन्य तत्वों के स्तर की पहचान करना है, जिसके कारण आपके किडनी में पथरी के होने की आशंका के बारे में पता चलता है।
कैल्शियम फॉस्फेट स्टोन के इलाज के लिए डॉक्टर दर्द की दवा देते हैं। उस दवा के साथ उन्हें ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है, जिसके साथ वह पथरी को शरीर से अपने आप निकल जाती है। कुछ गंभीर मामलों में बड़े पथरी को तोड़ने या उन्हें निकालने के लिए अन्य प्रक्रियाओं को करने का सुझाव देते हैं जैसे –
सिट्रेट थेरेपी – इस प्रक्रिया में रोगी को दवा दी जाती है और यह दवा यूरिनरी साइट्रेट के स्तर को बढ़ाकर पथरी के निर्माण को रोकती है। इसके कारण पथरी का निर्माण रुक जाता है और आपको इसका लाभ मिलता है।
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ESWL एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें मशीनों का प्रयोग होता है, लेकिन कोई कट या चीरा नहीं लगाया जाता है। इस प्रक्रिया में लिथोट्रिप्टर नाम की प्रक्रिया का प्रयोग होता है जिसका मुख्य उद्देश्य छोटे आकार की पथरी को तोड़ना है। इस उपकरण से कुछ तरंगे निकलती है जो पथरी को छोटे छोटे टुकड़ों में तोड़ देती है। इसका आकार इतना हो जाता है कि यह अपने आप शरीर से निकल जाए। कुछ मामलों में दूरबीन की सहायता से पथरी को निकालने की आवश्यकता होती है।
जब छोटे और मध्यम आकार के पथरी का इलाज गैर-सर्जिकल प्रक्रिया से करना संभव नहीं होता है, तो डॉक्टर यूरेटेरोस्कोपिक लिथोट्रिप्सी या URSL प्रक्रिया का सुझाव देते हैं। इस प्रक्रिया को पथरी के इलाज के लिए सर्वश्रेष्ठ इलाज की सूची में रखा जाता है। इस प्रक्रिया में चीरे नहीं लगाए जाते हैं और पथरी को आधुनिक तकनीक के माध्यम से निकाल लिया जाता है। इस प्रक्रिया में यूरेटेरोस्कोपी को मूत्र पथ में डाला जाता है, जिसके बाद पथरी को निकालने की प्रक्रिया शुरू होती है। सबसे पहले पथरी के स्थान को चिन्हित किया जाता है और फिर लेजर के माध्यम से पथरी को छोटे छोटे भाग में तोड़ा जाता है। एक बार पथरी को तोड़ दिया जाए, तो वह मूत्र मार्ग के माध्यम से शरीर से बाहर आ जाती है। सामान्य तौर पर यह प्रक्रिया आउट पेशेंट प्रक्रिया के तौर पर की जाती है, जिसमें आपको अस्पताल से उसी दिन छुट्टी मिल जाती है।
RIRS भी उस प्रकार की सर्जरी में आता है, जिसमें कम से कम चीरे के साथ कैल्शियम फास्फोरस स्टोन का इलाज किया जाता है। इस तकनीक में सर्जन एक ऐसे दूरबीन का प्रयोग करते हैं, जिसमें कैमरा लगा होता है। इस दूरबीन के द्वारा सर्जन मूत्रमार्ग तक पहुंच पाते हैं। इसके पश्चात सर्जन लेजर का प्रयोग कर पथरी को तोड़ देते हैं और फिर उन्हें निकाल लिया जाता है। इस प्रक्रिया का सुझाव मूत्र रोग विशेषज्ञ तब देते हैं जब पथरी का आकार बहुत ज्यादा होता है या फिर अन्य प्रक्रिया से पथरी को निकाल पाना संभव नहीं होता है। इस प्रक्रिया की सफलता दर बहुत ज्यादा अधिक है, जिसके कारण कम से कम जटिलताएं भी उत्पन्न होती है।
PCNL वह सर्जरी है जिसमें पथरी की संख्या बहुत ज्यादा होती है और ऊपर बताए गए किसी भी तरीके से इलाज करना संभव नहीं होता है। इस प्रक्रिया में शरीर के फ्लैंक क्षेत्र में एक छोटा चीरा लगाते हैं और उसमें एक नेफ्रोस्कोप नाम के उपकरण को डालते हैं। इस उपकरण को एक्स-रे तकनीक का सहयोग मिलता है, जो सर्जन को पथरी के सटीक स्थान का पता लगाने में मदद करता है। जैसी ही पथरी के स्थान का पता चलता है, वैसे ही सर्जन एक पतली सुई को गुर्दे के उस भाग में डाल देते हैं जहां पर शरीर का सारा मूत्र एकत्रित होता है और आवश्यकता के अनुसार शरीर से मूत्र को निकाल लिया जाता है। इसके पश्चात सर्जन पथरी को निकालने की प्रक्रिया को प्रारंभ करते हैं। इस प्रक्रिया में माइक्रोफोरसेप्स का प्रयोग होता है। जब पथरी का आकार बहुत ज्यादा होता है, तो लेजर से उसे टुकड़ों में तोड़ा जाता है जिसके बाद उसे निकाल लिया जाता है। सर्जन पुष्टि करते हैं कि गुर्दे की पथरी पूर्ण रूप से निकल गई है कि नहीं, जिसके बाद सर्जन उन चीरों को बंद कर देते हैं। मामले की गंभीरता के आधार पर कैथर्टर और डीजे स्टेंट डालने का सुझाव भी दिया जा सकता है।
किसी भी इलाज से पहले आपको पूर्ण रूप से तैयार रहने की सलाह दी जाती है। यदि आप अपने इलाज के लिए मानसिक रूप से तैयार रहते हैं तो आप संभावित जटिलताओं से बच सकते हैं या फिर उनका सामना करने के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं। प्रक्रिया के दौरान शांति बनाए रखने में भी यह एक अहम किरदार निभाता है। नीचे बताए गए तरीकों के माध्यम से आप खुद को इलाज से पहले तैयार रख सकते हैं –
गुर्दे में पथरी के इलाज के बाद आपको पूर्ण रूप से स्वस्थ होने में कुछ दिन से लेकर कुछ सप्ताह तक का समय लग सकता है। इस बात का निर्णय पथरी के आकार, रोगी के स्वास्थ्य स्थिति और प्रक्रिया के आधार पर लिया जाता है। यहां कुछ ऐसे दिशा निर्देश दिए गए हैं, जिससे आप जल्द से जल्द रिकवर हो सकते हैं और जटिलताओं को भी दूर कर पाने में सक्षम हो पाते हैं।
समय पर गुर्दे की पथरी के इलाज के कई फायदे हैं। कैल्शियम फॉस्फेट स्टोन के इलाज के निम्नलिखित फायदे दिए गए हैं –
यदि इस प्रकार के पथरी के कारण आपको ऐसी जटिलताएं उत्पन्न हो रही हैं जिसे तत्काल चिकित्सा आवश्यकता माना जाता है, तो इस रोग का इलाज इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा कवर किया जाता है। अलग अलग बीमा कंपनी या पॉलिसी इस रोग के लिए अलग अलग कवरेज प्रदान करती है। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए आपको अपने बीमा कंपनी से संपर्क करने की आवश्यकता है। हमारे पास प्रिस्टीन केयर में एक समर्पित बीमा टीम है, जो इलाज में आपकी सहायता कर सकते हैं।
इस बात में कोई संशय नहीं है कि किडनी स्टोन के लिए अलग अलग प्रक्रिया के अलग अलग खर्च होते हैं। इसके साथ साथ इस इलाज का खर्च कई कारकों के द्वारा प्रभावित होता है जैसे – अस्पताल का चुनाव, इलाज के लिए शहर का चुनाव, प्रक्रिया का चुनाव इत्यादि। नीचे गुर्दे की पथरी के इलाज के सभी प्रकार की सूची उनकी कीमत के साथ दी गई है –
सामान्य तौर पर कैल्शियम फॉस्फेट स्टोन शरीर में पैराथायराइड के अतिरिक्त उत्पादन के कारण होता है। शरीर और मूत्र पथ पर एसिड की अधिक मात्रा के कारण कैल्शियम फॉस्फेट का निर्माण होता है।
कैल्शियम फॉस्फेट स्टोन एक ऐसी प्रकार का किडनी स्टोन है, जो बहुत कम लोगों को प्रभावित करता है, लेकिन इसका निर्माण बहुत तेजी से होता है। इस प्रकार के किडनी स्टोन आपके शरीर के ऊतकों को अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं। कुछ गंभीर मामलों में कैल्शियम फॉस्फेट स्टोन के कारण गुर्दे की कार्यक्षमता को नुकसान हो सकता है या फिर किडनी फेल्योर की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
अपनी हड्डियों को मजबूत करने के लिए आप प्राकृतिक तरीकों को अपना सकते हैं। अपने आहार में शुगर और नमक की मात्रा पर विचार करें। इसके साथ साथ ज्यादा से ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करें।
इस सवाल का जवाब गुर्दे की पथरी के इलाज के प्रकार पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में आपके स्वास्थ्य का आकलन कर डॉक्टर आपको उसी दिन अस्पताल से छुट्टी दे सकते हैं। लेकिन कुछ मामलों में गंभीर जटिलताएं दिखने पर अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता हो सकती है।
सामान्य तौर पर गुर्दे की पथरी हानिकारक नहीं होती है और यह शरीर से अपने आप निकल जाती है। लेकिन कभी कभी जब इनका आकार बढ़ जाता है और इस स्थिति में बहुत सारी जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। कुछ सामान्य जटिलताएं हैं जो गुर्दे की पथरी के कारण उत्पन्न हो सकती है जैसे –
Harsh Verma Rana
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Exceptional PCNL treatment at Pristyn Care, Indore. highly experienced surgeon and the support staff was friendly.
Sikander Kumar
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Om Prakash
Good doctor and Pristyn team
Diya Singh Rawat
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Harsh Verma Rana
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For some time, i had the kidney stones and it was very painfull, but urologists at Pristyn Care Eminent were attentive and caring. They offered me a bespoke treatment plan, and the assistance I received throughout the process was recommendable.
Piyush Pathak
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I had 3-4 stones occuring again and again but finally went for operation with PristynCare. They found the root cause and treated me well with Stent insersion. Feeling great now and I hope wont occur again.