बवासीर के ऑपरेशन को अंग्रेजी भाषा में हेमरॉयडेक्टमी के नाम से जाना जाता है। डॉक्टर हेमरॉयडेक्टमी का सुझाव तब देते हैं, जब गुदा के अंदर या फिर आस-पास गांठ बन जाती है, और इसके कारण गुदा में दर्द, खुजली और असहजता होती है। बवासीर के कई कारण हो सकते हैं, जैसे आपका असवस्थ जीवनशैली, ज्यादा समय तक एक ही स्थान पर बैठे रहना, ज्यादा तला-भुना भोजन आदि।
बवासीर के ऑपरेशन को अंग्रेजी भाषा में हेमरॉयडेक्टमी के नाम से जाना जाता है। डॉक्टर हेमरॉयडेक्टमी का सुझाव तब देते हैं, जब गुदा
...के अंदर या फिर आस-पास गांठ बन जाती है, और इसके कारण गुदा में दर्द, खुजली और असहजता होती है। बवासीर के कई कारण हो सकते हैं, जैसे आपका असवस्थ जीवनशैली, ज्यादा समय तक एक ही स्थान पर बैठे रहना, ज्यादा तला-भुना भोजन आदि। और पढ़ें
बवासीर पाइल्स या हेमरॉयड्स के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसके बारे में ज्यादातर लोग बात नहीं करना चाहते हैं, लेकिन यह व्यक्ति के जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। यह एक ऐसी समस्या है, जिसमें गुदा के आसपास की नसों में सूजन आ जाती है। इसके कारण आपको मल त्याग, एक जगह बैठने और कई सारी गतिविधियों को करने में समस्या आती है।
कुछ मामलों में बवासीर के इलाज के बाद रक्त हानि हो सकती है।
यह ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है, जिसका समय पर इलाज न मिलने पर गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है। बवासीर के इलाज के अलग अलग तरीके हैं और कौन सी प्रक्रिया सबसे उत्तम है, यह रोगी के स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है।
इस रोग का सबसे उत्तम इलाज ऑपरेशन से ही संभव है। बवासीर के ऑपरेशन में बेहोशी की दवा या सीडेटिव का उपयोग होता है और इस पूरे ऑपरेशन में लगभग 45 मिनट से 1 घंटे का समय लग सकता है।
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बवासीर के ऑपरेशन से पहले निदान (जांच)
बवासीर के ऑपरेशन से पहले निदान (जांच) महत्वपूर्ण होता है। कुछ लक्षण है, जिससे बवासीर के शुरुआती संकेत मिलते हैं। बवासीर का सबसे सामान्य कारण या लक्षण कब्ज है। बवासीर होने के निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं –
गुदा के आसपास दर्द
मल त्याग के दौरान कष्ट
मल में रक्त का दिखना
गुदा में खुजली
गुदा के आस पास गांठ
इन लक्षणों की पहचान के बाद डॉक्टर कुछ टेस्ट करवा सकते हैं जैसे –
शारीरिक परीक्षण
डिजिटल रेक्टल परीक्षण
एनोस्कोपी
प्रोक्टोस्कोपी
कोलोनोस्कोपी
इन परीक्षण के परिणाम के आधार पर ऑपरेशन के विकल्प पर चर्चा होती है।
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बवासीर के ऑपरेशन के प्रकार
बवासीर का समय पर ऑपरेशन आपको लक्षणों से राहत दिलवा सकता है। इस ऑपरेशन के बाद व्यक्ति को ठीक होने में दो से तीन हफ्ते का समय भी लग सकता है। रिकवरी का समय चयनित ऑपरेशन की प्रक्रिया पर निर्भर करता है। बवासीर का ऑपरेशन अलग अलग तरीकों से किया जाता है जैसे –
लेजर ऑपरेशन
ओपन हेमरॉयडेक्टमी
स्टेपलर हेमरॉयडेक्टमी
रबर बैंड लिगेशन
बवासीर के ऑपरेशन के लिए किस प्रक्रिया का प्रयोग होगा, इसका निर्णय डॉक्टर रोगी के स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर लेते हैं। चलिए बवासीर के अलग अलग प्रकार के बारे में समझते हैं कि इस ऑपरेशन में कितना समय लगता है, ऑपरेशन के बाद कितने समय में आप रिकवर हो सकते हैं और इस पूरे प्रक्रिया को कैसे किया जाता है।
लेजर ऑपरेशन
प्रक्रिया
रोगी को इस प्रकार लिटाया जाता है, जिससे ऑपरेशन करने में कोई समस्या न हो। इसके बाद मरीज को जनरल/लोकल एनेस्थीसिया दिया जाएगा। एनेस्थीसिया के देने के बाद निम्नलिखित चरण किए जाते हैं –
गुदा क्षेत्र को एंटीसेप्टिक सलूशन से साफ किया जाता है, जिससे संक्रमण का खतरा नहीं होता है।
गुदा के मस्सों की गंभीरता के अनुसार लेजर किरण की फ्रीक्वेंसी तय की जाती है।
अब लेजर किरणों को बवासीर पर लक्षित किया जाता है।
लेजर की तरंगे बवासीर को जड़ से ख़तम कर देती है।
अंततः बवासीर सूख जाता है।
प्रक्रिया का समय
लेजर ऑपरेशन बवासीर के लिए एक प्रभावी ऑपरेशन है, क्योंकि इस ऑपरेशन में 30 मिनट का समय लगता है और इसमें कोई भी ब्लीडिंग या रक्त हानि नहीं होती है। ऑपरेशन के बाद रिकवर होने में बहुत कम समय लगता है और रिकवरी के समय के दौरान कोई दर्द भी नहीं होता है। संक्रमण होने की संभावना भी बहुत कम होती है, क्योंकि गुदा क्षेत्र में कोई कट या चीरा नहीं लगता है।
प्रक्रिया का खर्च
बवासीर के लेजर ऑपरेशन का खर्च कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे – नैदानिक परीक्षण का खर्च, सर्जन की फीस, अस्पताल और शहर का चुनाव, दवाओं का खर्च इत्यादि। प्रिस्टीन केयर से बवासीर के ऑपरेशन कराने का अनुमानित खर्च लगभग 45,000 रुपये से लेकर 55,000 रुपये तक हो सकता है।
रिकवरी का समय
सामान्यतः बवासीर के लेजर ऑपरेशन के बाद रोगी को रिकवरी में कोई दर्द नहीं होता है, क्योंकि 48 घंटे में रोगी की पार्शियल रिकवरी हो जाती है, जिसमें वह अपने सभी सामान्य काम कर सकता है। यदि इस अंतराल में कोई दर्द होता भी है तो सामान्य पेनकिलर को खाकर इसे कम किया जा सकता है। बवासीर के ऑपरेशन के बाद से जल्द स्वस्थ होने के लिए डॉक्टर के द्वारा दिए गए सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें। ऑपरेशन के बाद फॉलो-अप लेना आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
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ओपन हेमरॉयडेक्टमी
प्रक्रिया
बवासीर की ओपन सर्जरी को ओपन हेमरॉयडेक्टमी कहते हैं। यह बवासीर के ऑपरेशन का एक पुराना तरीका है, जिसमें सर्जरी के तुरंत बाद घाव को बंद करने के बजाय खुला छोड़ दिया जाता है। इस प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं –
रोगी को इस प्रकार लिटाया जाता है, जिससे सर्जन को गुदा क्षेत्र को देखने में आसानी हो।
इसके बाद रोगी को एनेस्थीसिया दिया जाता है, ताकि उसे ऑपरेशन के दौरान कोई दर्द या असहजता का सामना न करना पड़े।
सर्जन गुदा के आसपास एक कट लगाते हैं, जिसके कारण वह बवासीर के मस्सों को साफ साफ देख पाते हैं।
फिर बवासीर के मस्सों को एक एक करके निकाला जाता है।
कभी कभी प्रक्रिया के दौरान रक्त हानि हो सकती है, जिसके लिए गुदा में मौजूद नसों पर टांके भी लगाए जा सकते हैं।
इसके बाद घाव को खुला ही छोड़ दिया जाता है ताकि घाव अपने आप ठीक हो जाए।
प्रक्रिया का समय
ओपन हेमोराहाइडेक्टोमी में लगने वाला समय कई कारकों के आधार पर भिन्न हो सकता है। आमतौर पर, प्रक्रिया को पूरा होने में लगभग 30 मिनट से 1 घंटे का समय लगता है। हालांकि, यह एक अनुमान है, और वास्तविक समय व्यक्तिगत परिस्थितियों के आधार पर कम या अधिक हो सकता है। इस स्थिति में आपको एक अनुभवी सर्जन या गुदा रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।
प्रक्रिया का खर्च
ओपन हेमोराहाइडेक्टोमी का खर्च कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे – डायग्नोस्टिक टेस्ट का खर्च, स्थिति की जटिलता, सर्जन की फीस, अस्पताल और शहर का चुनाव, दवाओं का खर्च, एनेस्थीसिया देने वाले सर्जन की फीस इत्यादि। प्रिस्टीन केयर से बवासीर के ऑपरेशन कराने का अनुमानित खर्च लगभग 35,000 रुपये से लेकर 95,000 रुपये तक हो सकता है। महानगरों में ऑपरेशन का खर्च थोड़ा ज्यादा ही होता है।
रिकवरी का समय
ओपन सर्जरी के बाद रोगी को रिकवर होने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है। सामान्यतः ओपन हेमोराहाइडेक्टोमी के बाद रोगी 2 से 4 सप्ताह के भीतर पूर्ण रूप से रिकवर हो जाता है। हालांकि ऑपरेशन के कुछ दिनों तक रोगी गुदा में दर्द, असहजता और सूजन का सामना करना पड़ सकता है। जल्द से जल्द स्वस्थ होने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह मानें।
स्टेपलर हेमरॉयडेक्टमी
प्रक्रिया
रोगी को ऑपरेटिंग टेबल पर लिटा कर एनेस्थीसिया दिया जाता है।
इसके बाद सर्जन एंटीसेप्टिक से गुदा को साफ करते हैं।
इसके पश्चात सर्जन गुदा में स्टेपलर को डालते हैं और गुदा में मौजूद बवासीर की नसों तक रक्त संचार को बंद कर देते हैं।
इसके कारण बवासीर के ऊतकें सूख जाती हैं और सूजन खत्म हो जाती है।
स्टेपलर को निकाल लिया जाता है और सर्जिकल क्षेत्र की जांच से पुष्टि की जाती है कि ऑपरेशन की कोई जटिलता उत्पन्न न हो।
प्रक्रिया का समय
स्टेपरल हेमोराहाइडेक्टोमी में लगने वाला समय कई कारकों के आधार पर भिन्न हो सकता है। आमतौर पर, प्रक्रिया को पूरा होने में लगभग 30 मिनट से 1 घंटे का समय लगता है। हालांकि, यह एक अनुमानित समय है और इस बात की अधिक संभावना है कि प्रक्रिया में कम समय लगे। इस स्थिति में आपको एक अनुभवी सर्जन या गुदा रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए, क्योंकि वह आपको इस संदर्भ में बेहतर सलाह दे पाएंगे।
प्रक्रिया का खर्च
स्टेपरल हेमोराहाइडेक्टोमी का खर्च कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे – सर्जन की फीस, अस्पताल और शहर का चयन, दवाओं का खर्च, एनेस्थीसिया देने वाले सर्जन की फीस, टेस्ट का खर्च इत्यादि। यदि आप इस प्रक्रिया को प्रिस्टीन से करवाते हैं, तो इस प्रक्रिया में 60,000 रुपये से लेकर 1,15,000 रुपये तक का खर्च आ सकता है। इस खर्च में लगभग सभी कारक आ जाते हैं।
रिकवरी का समय
स्टेपलर सर्जरी के बाद रिकवरी का समय हर व्यक्ति के लिए अलग अलग हो सकता है। ऑपरेशन के बाद पूरी तरह से स्वस्थ होने में 1 से 2 सप्ताह का समय लग सकता है। लेकिन जल्द से जल्द स्वस्थ आप तभी हो पाएंगे, जब आप डॉक्टर की सलाह का पालन करेंगे। यहां आपको एक बात का खास ख्याल रखना होगा कि हर व्यक्ति के रिकवरी का समय अलग अलग हो सकता है, इसलिए प्रभावित क्षेत्र की उचित देखभाल करें।
रबर बैंड लिगेशन
प्रक्रिया
इस प्रक्रिया के लिए आपको अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ता है। चलिए समझते हैं कि यह प्रक्रिया कैसे होती है –
प्रक्रिया से पहले, आपको एनेस्थीसिया दिया जाएगा या आपके मलाशय पर एक एनेस्थेटिक क्रीम को लगाया जाएगा।
इसके बाद, डॉक्टर आपके मलाशय में एक एनोस्कोप डालते हैं। एनोस्कोप एक दूरबीन है, जिसके अंत में एक लाइट लगी होती है। फिर वह एनोस्कोप के माध्यम से लिगेटर नामक एक छोटे उपकरण को डालते हैं।
डॉक्टर रक्त प्रवाह को बाधित करने के लिए बवासीर के अंत पर एक या दो रबर बैंड लगाने के लिए लिगेटर का उपयोग करते हैं।
यदि डॉक्टर को रक्त के थक्के मिलते हैं, तो वे इस प्रक्रिया के दौरान उन्हें हटा देंगे। सामान्य तौर पर, इस प्रक्रिया में कुछ मिनट का ही समय लगता है, लेकिन यदि आपको एकाधिक बवासीर है, तो इसमें अधिक समय लग सकता है।
प्रक्रिया का समय
सामान्य तौर पर बवासीर के मस्से को खत्म करने के लिए इस प्रक्रिया में 30 मिनट से भी कम का समय लगता है। प्रक्रिया का समय तब ज्यादा हो जाता है, जब गुदा में सर्जन को रक्त के थक्के या फिर बवासीर के मस्सों की संख्या एक से अधिक हो।
प्रक्रिया का खर्च
इस प्रक्रिया में सामान्य तौर पर 25000 रुपये से लेकर 75000 रुपये तक का खर्च आ सकता है। यह एक अनुमानित खर्च है और इस खर्च को कई कारक प्रभावित कर सकते हैं, जैसे – बवासीर के गांठ की संख्या, अन्य गुदा समस्या, इत्यादि। यदि आप इस स्थिति के ऑपरेशन के लिए खर्च का अनुमान जानना चाहते हैं, तो तुरंत हमारे विशेषज्ञों से संपर्क करें।
रिकवरी का समय
प्रक्रिया के बाद, बवासीर के मस्से सूख जाते हैं और अपने आप गिर जाते हैं। ऐसा होने में एक से दो सप्ताह का समय लग सकता है। इस बात संभावना अधिक है कि बवासीर के मस्से निकल जाएं और आपको पता भी न चले। आमतौर पर जब बवासीर के मस्से सूख जाते हैं, तो यह मल त्याग के साथ निकल जाते हैं।
डॉक्टर रोगी को कब्ज और सूजन को रोकने में मदद के लिए कुछ दवाएं जैसे मल मुलायम करने की दवा का सुझाव दे सकते हैं। प्रक्रिया के बाद कुछ दिनों तक रोगी को उसके शरीर में खून की कमी का अनुभव हो सकता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से सामान्य है, लेकिन अगर यह स्थिति दो या तीन दिनों के बाद भी बदलती नहीं है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
बवासीर के ऑपरेशन के बाद क्या होता है?
बवासीर के ऑपरेशन को पूरा होने में जो भी समय लगेगा, वो इस बात पर निर्भर करेगा कि बवासीर के गांठ का स्थान कहां है, और इसकी कुल संख्या कितनी है। आमतौर पर इस प्रक्रिया में 15 से 45 मिनट तक का समय लगता है।
ऑपरेशन के बाद रोगी को दूसरे कमरे में भेज दिया जाता है और वहां उनको तब तक रखा जाता है, जब तक वह एनेस्थीसिया के प्रभाव में रहते हैं। डॉक्टर रोगी को विशेष निर्देश देते हैं, और उसके बाद उसे अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है।
यदि रोगी को थकावट महसूस होती है, तो डॉक्टर कुछ और समय के लिए अस्पताल में रहने की सलाह दे सकते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि रोगी अभी भी एनेस्थीसिया के प्रभाव में होता है। जैसे ही जनरल एनेस्थीसिया का प्रभाव कम होता है, डॉक्टर सुनिश्चित करते हैं कि रोगी को किसी भी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट न हो।
बवासीर के ऑपरेशन के बाद कितने दिन तक दर्द होता है?
बवासीर के पारंपरिक ऑपरेशन के बाद रिकवरी में 5 से 15 दिनों तक का वक्त लग सकता है। एनेस्थीसिया के प्रभाव में होने के कारण सर्जरी के दौरान रोगी को कोई भी दर्द नहीं होता है, लेकिन रिकवरी के दौरान रोगी को दर्द का सामना करना पड़ सकता है।
लेजर सर्जरी के मामले में रिकवरी का समय कम हो जाता है। आमतौर पर 1 से 3 दिन में रोगी अपनी सामान्य गतिविधियों को शुरू कर सकता है। लेकिन, सर्जरी से पहले रोगी को यह जानना चाहिए कि ऑपरेशन के बाद रोगी को कितने दिनों तक दर्द सहन करना पड़ सकता है। इस सवाल का जवाब कई चीजों पर निर्भर करता है जैसे –
सर्जरी का प्रकार
बवासीर का उपचार करने के लिए कई तरह की सर्जिकल प्रक्रियाएं हैं। बवासीर के ऑपरेशन के बाद का दर्द सर्जरी के प्रकार पर भी निर्भर करता है। लेजर सर्जरी के बाद कोई दर्द नहीं होता है। यदि बवासीर अधिक गंभीर है, तो थोड़ा दर्द हो सकता है, लेकिन सामान्य पेन किलर से स्थिति में सुधार हो सकता है।
वहीं अन्य सर्जिकल प्रक्रिया जैसे ओपन सर्जरी और स्टेपलर सर्जरी के बाद रोगी 5 से 15 दिन में रिकवर हो सकता है। यदि 15 दिन बाद भी दर्द कम नहीं होता है, तो आपको अपने डॉक्टर/सर्जन से बात करनी चाहिए।
मरीज की उम्र
40 से अधिक उम्र के व्यक्ति और 16 से कम उम्र के बच्चों में दर्द सहन करने की उच्चतम क्षमता कम होती है और इसलिए उन्हें अधिक दर्द होता है। 18 से 40 वर्ष तक के व्यक्ति को ज्यादा दर्द नहीं होता है।
बवासीर के गांठ का आकार
बवासीर के गांठ का आकार जितना बड़ा होगा और वह जितना गंभीर होगा, रिकवरी में उतना ही अधिक समय लगेगा और दर्द भी ही अधिक होगा।
एनेस्थीसिया का उपयोग
बवासीर की सर्जरी करने के लिए लोकल या जनरल एनेस्थीसिया में से किसी एक का उपयोग किया जाता है। यदि सर्जरी के दौरान जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है, तो दर्द 1 से 2 दिन तक रह सकता है। वहीं, उपचार के दौरान एनेस्थीसिया का डोज सही नहीं होने पर भी रोगी को सर्जरी के बाद दर्द का सामना करना पड़ सकता है।
बवासीर के ऑपरेशन की जटिलताएं
बवासीर का ऑपरेशन एक प्रभावी और सुरक्षित प्रक्रिया है। सामान्यतः इस प्रक्रिया के कोई खास जोखिम और जटिलताएं नहीं होती है। लेकिन सभी ऑपरेशन की तरह ही मरीज को बवासीर के ऑपरेशन के बाद कुछ जोखिम और जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे –
चक्कर आना या कमजोरी
अनियमित अंतराल पर रक्त बहना
ऑपरेशन के बाद दर्द, जिसे दवाओं से ठीक किया जा सकता है।
कब्ज
ऑपरेशन के बाद संक्रमण
मल त्याग करने की प्रक्रिया अनियंत्रित हो जाना
दोबारा बवासीर के होने का खतरा
पेशाब करने में तकलीफ
गुदा में संक्रमण
बवासीर के ऑपरेशन से पहले तैयारी कैसे करें?
बवासीर के ऑपरेशन से पहले रोगी को निम्न चीज़ों का ध्यान रखना होगा –
गर्भावस्था की स्थिति के बारे में डॉक्टर को सूचित करें।
अपने द्वारा ली जा रही दवा, सप्लीमेंट, हर्बल दवाएं, विटामिन, ड्रग्स आदि की सूचना डॉक्टर को दें।
ऑपरेशन से एक सप्ताह पहले तक शराब का सेवन और धूम्रपान बंद कर दें।
अन्य किसी भी रोग की जानकारी अपने डॉक्टर को जरूर दें।
डॉक्टर आइबूप्रोफेन, एस्पिरिन, नेप्रोक्सेन, वार्फरिन, क्लोपिडोग्रेल जैसी दवाओं को खाने से रोक सकते हैं, जो ऑपरेशन में उत्पन्न होने वाली जटिलताओं का कारण बन सकते हैं।
ऑपरेशन से 6-8 घंटे पहले तक खाने पीने की सलाह नहीं दी जाती है।
बवासीर के ऑपरेशन के बाद की देखभाल
ऑपरेशन के बाद रिकवरी के लिए सही देखभाल करना बहुत आवश्यक है। इसमें डॉक्टर के द्वारा बताए गए दवाओं का सेवन, पर्याप्त पानी पीना, और डॉक्टर के आदेशों का पालन करना शामिल है। बवासीर के ऑपरेशन के बाद फॉलोअप एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अंत में, स्वस्थ जीवनशैली में कुछ सकारात्मक बदलाव करने की आवश्यकता होगी। आहार में फाइबर और तरल पदार्थ की मात्रा को बढ़ाएं। रोगी को प्रयास करना होगा कि ज्यादा समय तक एक ही स्थान पर न बैठें।
योग और व्यायाम को अपने दैनिक जीवन में जरूर अपनाएं। बवासीर के ऑपरेशन में यह सारे कदम लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं।
बवासीर के ऑपरेशन के लिए सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य सेवा केंद्र
प्रिस्टीन केयर रोगियों के असहजता को कम करने और उनके सर्जरी के अनुभव को सुगम बनाने के लिए निम्न सुविधाएं देता है-
फ्री सलाह और फॉलो-अप
अनुभवी सर्जन का साथ
इंश्योरेंस क्लेम लेने में सहायता
कोई अग्रिम भुगतान की आवश्यकता नहीं
आधुनिक तकनीक उपकरणों से ऑपरेशन
आरामदायक कमरे में ऑपरेशन
सभी इंश्योरेंस स्वीकृति
Pristyn Care टीम द्वारा सभी प्रकार की कागजी कार्यवाही
इंश्योरेंस के लिए कहीं भटकने की कोई जरूरत नहीं
आर्थिक मदद के लिए जांच में 30 प्रतिशत की भारी छूट
यह सभी सुविधाएं मिलकर प्रिस्टीन केयर को बवासीर समेत सभी इलेक्टिव सर्जरी के लिए उत्तम स्वास्थ्य सेवा केंद्र बनाता है।
बवासीर के ऑपरेशन से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
पाइल्स का ऑपरेशन क्यों किया जाता है?
गुदा रोग विशेषज्ञ बवासीर के ऑपरेशन का सुझाव निम्न कारणों से देते हैं –
बवासीर के दर्द से छुटकारा पाने के लिए
गुदा से रक्त बहने से रोकने के लिए
बवासीर का ऑपरेशन किसे नहीं कराना चाहिए?
निम्न स्थितियों में डॉक्टर रोगी को बवासीर के ऑपरेशन की सलाह नहीं देते हैं –
एनेस्थीसिया से एलर्जी
रक्त हानि का विकार
पाचन तंत्र में समस्या
रेक्टल वेरिसेस
मल पर नियंत्रण न रख पाना
बवासीर के ऑपरेशन के लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प क्या है?
वर्तमान में बवासीर के लिए लेजर ऑपरेशन सबसे सुरक्षित और सफल ऑपरेशन है। यह कम से कम जटिलता के साथ सर्वोत्तम परिणाम देता है। इसके साथ साथ रोगी जल्द से जल्द दुरुस्त हो जाता है।
क्या लेजर प्रक्रिया के दौरान दर्द होता है?
नहीं, लेजर प्रक्रिया के दौरान दर्द नहीं होता है, क्योंकि प्रक्रिया के दौरान बेहोशी की दवा का प्रयोग होता है। ज्यादातर मामलों में ऑपरेशन के बाद भी दर्द नहीं होता है।
बवासीर के ऑपरेशन के बाद रिकवरी कितने समय में होती है?
सामान्य तौर पर आधुनिक ऑपरेशन के बाद रोगी 2 से 3 दिनों में ही रिकवर हो जाता है। रिकवरी का समय चयनित प्रक्रिया पर निर्भर करती है। लेजर प्रक्रिया के बाद 2-3 दिन में रिकवरी होती है, वहीं पर ओपन सर्जरी के बाद 2 सप्ताह तक का समय लग सकता है।
I am Indian Soldier presently posted in Leh Ladakh. I am writing to express my sincere appreciation for Dr. Pankaj Sareen, whose excellent performance, wide experience, and strong professional knowledge made our meeting highly valuable.
Dr. Sareen conducted the discussion with great clarity, confidence, and respect. His ability to communicate effectively with Army personnel, understand their concerns, and provide well-informed guidance was truly impressive. He demonstrated not only medical expertise but also a deep sense of discipline, dedication, and professionalism.
The interaction was extremely informative, and his thoughtful explanations showed his extensive experience and commitment to serving others. It was a pleasure to meet a doctor of such outstanding capability and character.
I extend my heartfelt thanks to Dr. Pankaj Sareen for his time, valuable insights, and excellent conduct during the discussion.
Sulate
Dr Pankaj Sareen
Jaihind