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1-day Hospitalization
डीप वेन थ्रोम्बोसिस एक ऐसी परिस्थिति है, जिसमें आंतरिक शिराओं (Veins) में ब्लड क्लॉट हो जाता है। यह बीमारी ज्यादातर पैर और जांघ वाले क्षेत्र में होती है, क्योंकि शरीर के निचले हिस्से में रक्त दाब अधिक होता है। लेकिन कई दफा यह शरीर के कई अन्य हिस्सों में भी हो सकती है।डीप वेन थ्रोम्बोसिस एक गंभीर स्थिति है और अगर इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो यह गंभीर जटिलताओं को जन्म दे सकता है।
निदान
फिजिकल टेस्ट के लिए डॉक्टर प्रभावित हिस्से को देखेंगे और आपसे आपके लक्षणों को पूछेंगे।
इसका निदान करने के लिए डॉपलर अल्ट्रासाउंड किया जाता है। इस अल्ट्रासाउंड में नसों में रक्त प्रवाह को देखने के लिए हाई फ्रीक्वेंसी साउंड वेव्स भेजी जाती हैं। इसके जरिए खून के दौरान का पता चल जाता है।
सर्जरी
डॉक्टर डीप वेन थ्रोम्बोसिस की स्थिति का आकलन करते हैं और स्थिति के अनुसार उपचार करने की सलाह देते हैं। कई बार डीप वेन थ्रोम्बोसिस का निदान शुरुआती चरण में ही हो जाता है, ऐसे में इससे छुटकारा पाने के लिए लेजर ट्रीटमेंट एक बहुत ही अच्छा विकल्प है। लेजर बीम की मदद से बिना कोई कट या दाग के रोगी को डीप वेन थ्रोम्बोसिस से राहत मिल जाती है।
डीप वेन थ्रोम्बोसिस के हल्के मामले खुद से दूर हो जाते हैं, लेकिन यदि आप इसके लक्षण महसूस कर रहे हैं या इसे बढ़ता हुआ देख रहे हैं तो मेडिकल सहायता लेने में देरी नहीं करनी चाहिए।
पैरों को ऊपर उठाने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार हो सकता है और डीप वेन थ्रोम्बोसिस के दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है। आप सोते समय अपने बिस्तर पर पैर को ऊंचा रखने के लिए तकिया आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं।
पैरों में असहजता और दर्द महसूस होना, प्रभावित हिस्से में जलन महसूस होना और प्रभावित त्वचा का लाल/फीका दिखाई पड़ना डीप वेन थ्रोम्बोसिस के सटीक लक्षण हैं।