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बवासीर यानि पाइल्स जिसे चिकित्सा की भाषा में हेमोर्रोइड्स और आयुर्वेद में अर्श कहा जाता हैं| यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें मल त्याग करते समय कठिनाई और असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता हैं| इस बीमारी में गुदे के अंदर व बाहर तथा मलाशय के नीचे के हिस्से में सूजन आ जाती है और इसके कारण मरीज को उठते-बैठते समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं| कई बार बवासीर से ग्रसित व्यक्ति झिझक के मारे डॉक्टर्स से बात करने में भी कतराते हैं। इसके कारण न केवल परेशानी बढ़ती इसके अलावा संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। गुदा रोग विशेषज्ञ के अनुसार- किसी भी उम्र के लोगों को यह बीमारी हो सकती है इसलिए इस बीमारी को बिल्कुल भी अनदेखा नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे रोगी का स्वास्थ्य खराब हो सकता हैं| इसलिए बवासीर की बीमारी के शुरुआती चरण में सही उपचार लेना बहुत जरूरी होता हैं|
बवासीर यानि पाइल्स जिसे चिकित्सा की भाषा में हेमोर्रोइड्स और आयुर्वेद में अर्श कहा जाता हैं| यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें मल त्याग करते समय कठिनाई और असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता हैं| इस बीमारी में गुदे के अंदर व बाहर तथा मलाशय के नीचे के हिस्से में सूजन आ जाती है और इसके कारण मरीज को उठते-बैठते समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं|
हेमरॉयडेक्टमी – हेमरॉयडेक्टमी सर्जरी को करने का उद्देश्य बवासीर को ठीक करना है। इस प्रक्रिया को अस्पताल में किया जाता है, जहां मरीज को स्पाइनल ब्लॉक या सामान्य एनेस्थीसिया दिया जाता है।
हेमोर्रोइड्स स्टैपलिंग – हेमोर्रोइड्स स्टैपलिंग से तात्पर्य ऐसी प्रक्रिया से है, जिसे आंतरिक बवासीर(Internal Piles) के संक्रमण बढ़ जाने की स्थिति में किया जाता है। लेकिन इसे बाह्ररी बावसीर को ठीक करने के लिए नहीं किया जा सकता है।
बवासीर की लेजर सर्जरी – बवासीर की लेजर सर्जरी एक दर्द रहित प्रक्रिया है। इसमें किसी तरह के कट और टांके नहीं लगाए जाते है। बवासीर को दूर करने के लिए पारंपरिक सर्जरी में कट लगाया जाता है, जिससे बहुत दर्द होता है। ऑपरेशन या सर्जरी शब्द सुनते ही सर्जिकल टूल्स दिखाई देने लगते हैं लेकिन लेजर सर्जरी में ऐसा कुछ नहीं होता। इसमें बवासीर के मस्सों को काटा नहीं जाता, बल्कि shrink कर दिया जाता हैं। इस कारण दर्द कम होता है।
किसी भी प्रकार की सर्जरी से पहले इंसान का मानसिक और शारीरिक रूप से फिट और तैयार होना जरूरी है। सर्जरी के बारे में और उसके बाद होने वाली समस्याओं के बारे में पहले से जानकारी रखने से इंसान खुद को उसके हिसाब से तैयार कर सकता है। बवासीर की बीमारी में सर्जरी से पहले अगर आप लापरवाही बरतते हैं तो इसका खामियाजा भी आपको भुगतना पड़ सकता है। इसलिए सर्जरी से पहले इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
ओपन सर्जरी – बवासीर के ओपन ऑपरेशन के बाद जख्म बड़ा होने के कारण रिकवर होने में अधिक समय लगता है। 7-8 दिन बाद रोगी जरूरत के हिसाब से चल-फिर कर सकता है। लेकिन ओपन सर्जरी के बाद पूरी तरह से ठीक होने में 4 से 6 सप्ताह का समय लगता है। वहीं अगर दर्द की बात की जाए तो यह 5 से 15 दिनों तक रह सकता है।
बवासीर के लेजर ऑपरेशन में मस्सों पर पड़ने वाली लाइट से कोई कट नहीं होता है। रोगी 2 दिन बाद से अपनी ऑफिस ज्वाइन कर सकता है, वहीं रिकवरी के दौरान उसे कोई दर्द नहीं होता है।
इस स्तर (ग्रेड 2) पर, मल त्याग के दौरान बवासीर मलाशय के बाहर फैल सकता है, लेकिन अपने आप कम हो जाता है।
बवासीर गुदा के बाहर फैल सकता है लेकिन इसे मैन्युअल रूप से वापस अंदर धकेला जा सकता है।
यह बवासीर की सबसे उन्नत अवस्था है। इस स्तर पर, बवासीर स्थायी रूप से गुदा से बाहर निकल सकता है और इसे मैन्युअल रूप से पीछे नहीं धकेला जा सकता है। आगे की जटिलताओं से बचने के लिए तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है।
अगर आप हाल ही में पाइल्स का ऑपरेशन कराने जा रहे हैं तो बहुत अधिक मसालेदार या तली भुनी चीजों का सेवन करने से परहेज करें। इसके अलावा फास्टफूड आदि का सेवन बिल्कुल बंद कर दें।
बवासीर के ओपन ऑपरेशन के बाद जख्म बड़ा होने के कारण रिकवर होने में अधिक समय लगता है। 7-8 दिन बाद रोगी जरूरत के हिसाब से चल-फिर कर सकता है। लेकिन ओपन सर्जरी के बाद पूरी तरह से ठीक होने में 4 से 6 सप्ताह का समय लगता है। वहीं अगर दर्द की बात की जाए तो यह 5 से 15 दिनों तक रह सकता है।
बवासीर के ओपन ऑपरेशन के बाद जख्म बड़ा होने के कारण रिकवर होने में अधिक समय लगता है। 7-8 दिन बाद रोगी जरूरत के हिसाब से चल-फिर कर सकता है। लेकिन ओपन सर्जरी के बाद पूरी तरह से ठीक होने में 4 से 6 सप्ताह का समय लगता है। वहीं अगर दर्द की बात की जाए तो यह 5 से 15 दिनों तक रह सकता है।
किसी भी प्रकार की सर्जरी से पहले इंसान का मानसिक और शारीरिक रूप से फिट और तैयार होना जरूरी है। सर्जरी के बारे में और उसके बाद होने वाली समस्याओं के बारे में पहले से जानकारी रखने से इंसान खुद को उसके हिसाब से तैयार कर सकता है। बवासीर की बीमारी में सर्जरी से पहले अगर आप लापरवाही बरतते हैं तो इसका खामियाजा भी आपको भुगतना पड़ सकता है। इसलिए सर्जरी से पहले इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
किसी भी प्रकार की सर्जरी से पहले इंसान का मानसिक और शारीरिक रूप से फिट और तैयार होना जरूरी है। सर्जरी के बारे में और उसके बाद होने वाली समस्याओं के बारे में पहले से जानकारी रखने से इंसान खुद को उसके हिसाब से तैयार कर सकता है। बवासीर की बीमारी में सर्जरी से पहले अगर आप लापरवाही बरतते हैं तो इसका खामियाजा भी आपको भुगतना पड़ सकता है। इसलिए सर्जरी से पहले इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
प्रिस्टन केयर पर हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ, कैब की फ्री सुविधा, फ्री फॉलो अप्स, इलाज में आर्थिक छूट भी मिलती है| प्रिस्टन केयर (Pristyn Care) के डॉक्टर्स बताते हैं कि दर्द रहित एवं एडवांस लेजर सर्जरी अब आसानी से हो रही है|
ओपन सर्जरी – बवासीर के ओपन ऑपरेशन के बाद जख्म बड़ा होने के कारण रिकवर होने में अधिक समय लगता है। 7-8 दिन बाद रोगी जरूरत के हिसाब से चल-फिर कर सकता है। लेकिन ओपन सर्जरी के बाद पूरी तरह से ठीक होने में 4 से 6 सप्ताह का समय लगता है। वहीं अगर दर्द की बात की जाए तो यह 5 से 15 दिनों तक रह सकता है।
लेजर सर्जरी – बवासीर के लेजर ऑपरेशन में मस्सों पर पड़ने वाली लाइट से कोई कट नहीं होता है। रोगी 2 दिन बाद से अपनी ऑफिस ज्वाइन कर सकता है, वहीं रिकवरी के दौरान उसे कोई दर्द नहीं होता है।
किसी भी प्रकार की सर्जरी से पहले इंसान का मानसिक और शारीरिक रूप से फिट और तैयार होना जरूरी है। सर्जरी के बारे में और उसके बाद होने वाली समस्याओं के बारे में पहले से जानकारी रखने से इंसान खुद को उसके हिसाब से तैयार कर सकता है। बवासीर की बीमारी में सर्जरी से पहले अगर आप लापरवाही बरतते हैं तो इसका खामियाजा भी आपको भुगतना पड़ सकता है। इसलिए सर्जरी से पहले इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
किसी भी प्रकार की सर्जरी से पहले इंसान का मानसिक और शारीरिक रूप से फिट और तैयार होना जरूरी है। सर्जरी के बारे में और उसके बाद होने वाली समस्याओं के बारे में पहले से जानकारी रखने से इंसान खुद को उसके हिसाब से तैयार कर सकता है। बवासीर की बीमारी में सर्जरी से पहले अगर आप लापरवाही बरतते हैं तो इसका खामियाजा भी आपको भुगतना पड़ सकता है। इसलिए सर्जरी से पहले इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
गुदा रोग विशेषज्ञ के अनुसार लेजर सर्जरी बवासीर का उपचार करने का सबसे अच्छा विकल्प है| क्योंकि आधुनिक और सुरक्षित उपचार तकनीक होने के कारण बवासीर के ऑपरेशन में अब अधिक समय नहीं लगता है और रोगी को कोई जटिलता नहीं होती है| लेजर सर्जरी थोड़ी महँगी पड़ती है, लेकिन अब इसका विकल्प भी उपलब्ध है| क्योंकि आप ऑपरेशन के खर्चे का पेमेंट ईएमआई के जरिये यानी किश्तों पर भी कर सकते हैं| ये सुविधा प्रिस्टन केयर दे रहा है| पूरे देश में 400 से अधिक डॉक्टर्स वाले प्रिस्टन केयर के विशेषज्ञ बताते हैं कि बवासीर का लेजर ऑपरेशन ने काफी कुछ आसान बना दिया है|
गुदा रोग विशेषज्ञ के अनुसार लेजर सर्जरी बवासीर का उपचार करने का सबसे अच्छा विकल्प है| क्योंकि आधुनिक और सुरक्षित उपचार तकनीक होने के कारण बवासीर के ऑपरेशन में अब अधिक समय नहीं लगता है और रोगी को कोई जटिलता नहीं होती है| लेजर सर्जरी थोड़ी महँगी पड़ती है, लेकिन अब इसका विकल्प भी उपलब्ध है| क्योंकि आप ऑपरेशन के खर्चे का पेमेंट ईएमआई के जरिये यानी किश्तों पर भी कर सकते हैं| ये सुविधा प्रिस्टन केयर दे रहा है| पूरे देश में 400 से अधिक डॉक्टर्स वाले प्रिस्टन केयर के विशेषज्ञ बताते हैं कि बवासीर का लेजर ऑपरेशन ने काफी कुछ आसान बना दिया है|
प्रिस्टन केयर पर हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ, कैब की फ्री सुविधा, फ्री फॉलो अप्स, इलाज में आर्थिक छूट भी मिलती है| प्रिस्टन केयर (Pristyn Care) के डॉक्टर्स बताते हैं कि दर्द रहित एवं एडवांस लेजर सर्जरी अब आसानी से हो रही है| हालांकि कुछ गंभीर मामलों में उपचार के लिए सिर्फ ओपन सर्जरी ही एक विकल्प बचता है| ऐसी स्थिति में आपको अपने डॉक्टर की सुननी चाहिए| ज़रूरी नहीं कि हर मामले में लेजर सर्जरी ही एकमात्र विकल्प हो| कई मामलों में ओपन सर्जरी ही करानी पड़ती है|
किसी भी प्रकार की सर्जरी से पहले इंसान का मानसिक और शारीरिक रूप से फिट और तैयार होना जरूरी है। सर्जरी के बारे में और उसके बाद होने वाली समस्याओं के बारे में पहले से जानकारी रखने से इंसान खुद को उसके हिसाब से तैयार कर सकता है। बवासीर की बीमारी में सर्जरी से पहले अगर आप लापरवाही बरतते हैं तो इसका खामियाजा भी आपको भुगतना पड़ सकता है। इसलिए सर्जरी से पहले इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
बवासीर की समस्या में कई तरह की सर्जरी की जाती है। इसलिए सबसे जरूरी बात यह है कि अपनी समस्या की स्थिति के हिसाब से ही सर्जरी का चयन करें।
बवासीर की समस्या को खत्म करने के लिए सर्जरी कराने से पहले अपने चिकित्सक को आपकी शारीरिक स्थिति के बारे में सही से जानकारी दें। अगर आप बवासीर के अलावा किसी अन्य समस्या से गुजर रहे हैं तो उसकी भी ठीक जानकारी डॉक्टर को दें।
बवासीर की सर्जरी से पहले किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहें। तंबाकू, शराब या दूसरे सभी नशे सेहत के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। सर्जरी से पहले नशा करने से आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम हो सकती है जिसका असर सर्जरी पर भी पड़ सकता है।
हेमरॉयडेक्टमी – हेमरॉयडेक्टमी सर्जरी को करने का उद्देश्य बवासीर को ठीक करना है। इस प्रक्रिया को अस्पताल में किया जाता है, जहां मरीज को स्पाइनल ब्लॉक या सामान्य एनेस्थीसिया दिया जाता है।
हेमोर्रोइड्स स्टैपलिंग – हेमोर्रोइड्स स्टैपलिंग से तात्पर्य ऐसी प्रक्रिया से है, जिसे आंतरिक बवासीर(Internal Piles) के संक्रमण बढ़ जाने की स्थिति में किया जाता है। लेकिन इसे बाह्ररी बावसीर को ठीक करने के लिए नहीं किया जा सकता है।
बवासीर की लेजर सर्जरी – बवासीर की लेजर सर्जरी एक दर्द रहित प्रक्रिया है। इसमें किसी तरह के कट और टांके नहीं लगाए जाते है। बवासीर को दूर करने के लिए पारंपरिक सर्जरी में कट लगाया जाता है, जिससे बहुत दर्द होता है। ऑपरेशन या सर्जरी शब्द सुनते ही सर्जिकल टूल्स दिखाई देने लगते हैं लेकिन लेजर सर्जरी में ऐसा कुछ नहीं होता। इसमें बवासीर के मस्सों को काटा नहीं जाता, बल्कि shrink कर दिया जाता हैं। इस कारण दर्द कम होता है।
किसी भी प्रकार की सर्जरी से पहले इंसान का मानसिक और शारीरिक रूप से फिट और तैयार होना जरूरी है। सर्जरी के बारे में और उसके बाद होने वाली समस्याओं के बारे में पहले से जानकारी रखने से इंसान खुद को उसके हिसाब से तैयार कर सकता है। बवासीर की बीमारी में सर्जरी से पहले अगर आप लापरवाही बरतते हैं तो इसका खामियाजा भी आपको भुगतना पड़ सकता है। इसलिए सर्जरी से पहले इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
बवासीर की समस्या में कई तरह की सर्जरी की जाती है। इसलिए सबसे जरूरी बात यह है कि अपनी समस्या की स्थिति के हिसाब से ही सर्जरी का चयन करें।
बवासीर की समस्या को खत्म करने के लिए सर्जरी कराने से पहले अपने चिकित्सक को आपकी शारीरिक स्थिति के बारे में सही से जानकारी दें। अगर आप बवासीर के अलावा किसी अन्य समस्या से गुजर रहे हैं तो उसकी भी ठीक जानकारी डॉक्टर को दें।
बवासीर की सर्जरी से पहले किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहें। तंबाकू, शराब या दूसरे सभी नशे सेहत के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। सर्जरी से पहले नशा करने से आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम हो सकती है जिसका असर सर्जरी पर भी पड़ सकता है।
अगर आप हाल ही में पाइल्स का ऑपरेशन कराने जा रहे हैं तो बहुत अधिक मसालेदार या तली भुनी चीजों का सेवन करने से परहेज करें। इसके अलावा फास्टफूड आदि का सेवन बिल्कुल बंद कर दें।
ओपन सर्जरी – बवासीर के ओपन ऑपरेशन के बाद जख्म बड़ा होने के कारण रिकवर होने में अधिक समय लगता है। 7-8 दिन बाद रोगी जरूरत के हिसाब से चल-फिर कर सकता है। लेकिन ओपन सर्जरी के बाद पूरी तरह से ठीक होने में 4 से 6 सप्ताह का समय लगता है। वहीं अगर दर्द की बात की जाए तो यह 5 से 15 दिनों तक रह सकता है।
लेजर सर्जरी – बवासीर के लेजर ऑपरेशन में मस्सों पर पड़ने वाली लाइट से कोई कट नहीं होता है। रोगी 2 दिन बाद से अपनी ऑफिस ज्वाइन कर सकता है, वहीं रिकवरी के दौरान उसे कोई दर्द नहीं होता है।
गुदा रोग विशेषज्ञ के अनुसार लेजर सर्जरी बवासीर का उपचार करने का सबसे अच्छा विकल्प है| क्योंकि आधुनिक और सुरक्षित उपचार तकनीक होने के कारण बवासीर के ऑपरेशन में अब अधिक समय नहीं लगता है और रोगी को कोई जटिलता नहीं होती है| लेजर सर्जरी थोड़ी महँगी पड़ती है, लेकिन अब इसका विकल्प भी उपलब्ध है| क्योंकि आप ऑपरेशन के खर्चे का पेमेंट ईएमआई के जरिये यानी किश्तों पर भी कर सकते हैं| ये सुविधा प्रिस्टन केयर दे रहा है| पूरे देश में 400 से अधिक डॉक्टर्स वाले प्रिस्टन केयर के विशेषज्ञ बताते हैं कि बवासीर का लेजर ऑपरेशन ने काफी कुछ आसान बना दिया है|
प्रिस्टन केयर पर हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ, कैब की फ्री सुविधा, फ्री फॉलो अप्स, इलाज में आर्थिक छूट भी मिलती है| प्रिस्टन केयर (Pristyn Care) के डॉक्टर्स बताते हैं कि दर्द रहित एवं एडवांस लेजर सर्जरी अब आसानी से हो रही है| हालांकि कुछ गंभीर मामलों में उपचार के लिए सिर्फ ओपन सर्जरी ही एक विकल्प बचता है| ऐसी स्थिति में आपको अपने डॉक्टर की सुननी चाहिए| ज़रूरी नहीं कि हर मामले में लेजर सर्जरी ही एकमात्र विकल्प हो| कई मामलों में ओपन सर्जरी ही करानी पड़ती है|
हमारी क्लीनिक में मरीज की सेहत और सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए हमारी सभी क्लिनिक और हॉस्पिटल को नियमित रूप से सैनेटाइज किया जाता है।
सर्जरी से पहले होने वाली सभी चिकित्सीय जाँच में रोगी को मेडिकल सहायता दी जाती है। हमारी क्लीनिक में बीमारियों का उपचार के लिए लेजर एवं लेप्रोस्कोपिक प्रक्रियाओं का उपयोग होता है, जो USFDA द्वारा प्रमाणित हैं।
सर्जरी से पहले होने वाली सभी चिकित्सीय जाँच में रोगी को मेडिकल सहायता दी जाती है। हमारी क्लीनिक में बीमारियों का उपचार के लिए लेजर एवं लेप्रोस्कोपिक प्रक्रियाओं का उपयोग होता है, जो USFDA द्वारा प्रमाणित हैं।
सर्जरी से पहले होने वाली सभी चिकित्सीय जाँच में रोगी को मेडिकल सहायता दी जाती है। हमारी क्लीनिक में बीमारियों का उपचार के लिए लेजर एवं लेप्रोस्कोपिक प्रक्रियाओं का उपयोग होता है, जो USFDA द्वारा प्रमाणित हैं।
हम हर मरीज को एक केयर बड्डी उपलब्ध कराते हैं जो एडमिशन से लेकर डिस्चार्ज की प्रक्रिया तक हॉस्पिटल से जुड़े सभी पेपरवर्क को पूरा करता है। साथ ही, मरीज की जरूरतों का खास ध्यान रखता है।
सर्जरी के बाद फॉलो-अप मीटिंग की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही, मरीज को डाइट चार्ट और आफ्टरकेयर टिप्स दी जाती है ताकि उनकी रिकवरी जल्दी हो।
हमारी क्लीनिक में मरीज की सेहत और सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए हमारी सभी क्लिनिक और हॉस्पिटल को नियमित रूप से सैनेटाइज किया जाता है।